खान सर को लड़कियों ने बांधी राखी: हर साल की तरह इस साल भी टूटा रिकॉर्ड

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रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी खास बना देता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके लंबे जीवन, खुशहाली और सफलता की कामना करती हैं। इस बार पटना के मशहूर एजुकेटर खान सर ने भी यह त्यौहार बेहद खास अंदाज में मनाया। उनके संस्थान में आई सैकड़ों छात्राओं ने उन्हें राखी बांधकर अपने “भाई” होने का सम्मान दिया। हर साल की तरह इस साल भी यह आयोजन चर्चा में रहा और राखी बांधने का रिकॉर्ड टूट गया।

खान सर कौन हैं?

खान सर का असली नाम अक्सर चर्चा का विषय रहा है, लेकिन वे पूरे देश में अपने अनोखे पढ़ाने के तरीके और सरल भाषा में कठिन विषयों को समझाने के लिए मशहूर हैं। पटना से पढ़ाई कराने वाले खान सर का यूट्यूब चैनल और ऑफलाइन कोचिंग लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत है। वे केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि समाजिक मुद्दों पर भी अपने विचार रखते हैं, जिससे युवाओं में उनकी लोकप्रियता बेहद अधिक है।

रक्षा बंधन का खास आयोजन

हर साल की तरह इस साल भी रक्षा बंधन के मौके पर खान सर के संस्थान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुबह से ही छात्राओं का आना शुरू हो गया और दिनभर राखी बांधने का सिलसिला चलता रहा। इस आयोजन की खास बात यह रही कि यह केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसमें भाई-बहन के रिश्ते की भावनाएं साफ झलक रही थीं। छात्राओं ने राखी बांधने के साथ खान सर को मिठाई भी खिलाई और उनकी लंबी उम्र की दुआ की।

रिकॉर्ड तोड़ भीड़

खान सर के संस्थान में हर साल रक्षा बंधन के दिन सैकड़ों बहनें राखी बांधने आती हैं, लेकिन इस बार संख्या ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। अनुमान है कि इस बार हजार से भी ज्यादा राखियां खान सर की कलाई पर सजाई गईं।
कई छात्राओं ने बताया कि वे सुबह से ही लाइन में लगी थीं ताकि उन्हें अपने “भाई” खान सर को राखी बांधने का मौका मिल सके।

छात्राओं की भावनाएं

इस आयोजन में शामिल छात्राओं ने बताया कि खान सर न केवल उनके शिक्षक हैं बल्कि एक मार्गदर्शक और भाई की तरह हमेशा खड़े रहते हैं। वे कठिन समय में छात्रों का हौसला बढ़ाते हैं और उन्हें सफलता के लिए प्रेरित करते हैं।
एक छात्रा ने कहा हमारे लिए खान सर सिर्फ टीचर नहीं, बल्कि बड़े भाई जैसे हैं। पढ़ाई में मदद करना, मोटिवेट करना और हमेशा सहयोग करना – यही असली भाई का फर्ज है।”

सोशल मीडिया पर चर्चा

जैसे ही इस आयोजन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर आईं, वे वायरल हो गईं। ट्विटर (X), फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लोगों ने इस अनोखे जश्न की जमकर तारीफ की।
कई लोगों ने इसे गुरु और शिष्य के रिश्ते की मिसाल बताया, वहीं कुछ ने इसे भाई-बहन के रिश्ते का नया रूप कहा। #KhanSir और #RakshaBandhan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।खान सर का यह आयोजन सिर्फ एक त्योहार मनाने भर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक मजबूत संदेश देता है। उन्होंने दिखाया कि भाई-बहन का रिश्ता सिर्फ खून के रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्यार, सम्मान और विश्वास से भी बन सकता है। इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को सिखाते हैं कि आपसी संबंधों में अपनापन और सम्मान कितना जरूरी है।रक्षा बंधन का यह आयोजन साबित करता है कि भावनाएं और रिश्ते किसी सीमा में बंधे नहीं होते। खान सर और उनकी छात्राओं के बीच का यह बंधन एक मिसाल है कि गुरु और शिष्य का रिश्ता भी भाई-बहन की तरह पवित्र और मजबूत हो सकता है।
हर साल की तरह इस साल भी खान सर की कलाई पर सजी सैकड़ों राखियां इस बात की गवाह हैं कि प्यार और सम्मान से बना रिश्ता किसी भी रिकॉर्ड से बड़ा होता है।