
बिहार का मौसम इन दिनों दो विपरीत चरमों से गुज़र रहा है। दक्षिण‑पश्चिम के रोहतास, औरंगाबाद, अरवल और भोजपुर में लू चल रही है, जबकि उत्तर‑मध्य के 34 ज़िलों में तेज़ आंधी, बिजली गिरने और हल्की‑मध्यम बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार यह स्थिति कम‑से‑कम अगले 48 घंटों तक बनी रह सकती है।
भीषण गर्मी और लू का कहर (Heat‑Wave Zone)
42 डिग्री से. पार तापमान: गुरुवार को रोहतास में 42.2 °C रिकॉर्ड हुआ, जबकि औरंगाबाद, अरवल व भोजपुर में पारा 42 °C के आसपास बना रहा।
येलो अलर्ट: IMD ने इन चारों ज़िलों के लिए हीट‑वेव येलो अलर्ट जारी करते हुए दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर से न निकलने की सलाह दी है।
पटना की उमस: राजधानी में अधिकतम 40.4 °C तापमान के साथ ‘फील‑लाइक’ 45 °C तक गया, कारण — हवा की गति कम और आद्र्रता अधिक।
क्यों बढ़ रही है गर्मी?
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एस. के. पटेल बताते हैं कि निचले वायुमंडल में अत्यधिक नमी और धीमी हवाएँ “प्रेशर‑कुकर” बनाती हैं, जिससे शरीर पर गर्मी ज़्यादा असर करती है।
हीट‑वेव में बचाव के उपाय
बुज़ुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान।
छतरी, टोपी और सूती कपड़े पहनें।
ORS/नींबू‑पानी जैसी इलेक्ट्रॉलाइट‑ड्रिंक्स लें।
दोपहर में छठ पूजा घाट, खेत या निर्माण‑स्थल जैसे खुले क्षेत्रों से दूरी रखें।
उत्तर‑मध्य बिहार में आंधी‑बारिश व वज्रपात (Thunder‑Storm Zone)
पटना, गया, नालंदा, नवादा, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, अरवल, जहानाबाद, मुज़फ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, बांका, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज व सिवान।हवा की रफ़्तार 30‑40 किमी/घंटा के झोंके, कुछ ज़िलों में 50‑60 किमी/घंटा तक।बिजली गिरने की घटनाएँ: सीमांचल और मिथिलांचल में संभावित।बारिश का स्वरूप हल्की से मध्यम, पर गरज‑चमक के साथ।
प्रशासन और आपदा‑प्रबंधन की तैयारी
| इकाई | तैनाती/कदम |
|---|---|
| आपदा प्रबंधन विभाग | सभी जिलों को सर्कुलर भेजा; कंट्रोल‑रूम 24×7 सक्रिय |
| NDRF/SDRF | पटना, मुज़फ्फरपुर, भागलपुर में बाढ़‑संभावित इलाकों में टीम |
| स्वास्थ्य विभाग | हीट‑स्ट्रोक वार्ड, 108 एंबुलेंस अलर्ट मोड |
| कृषि विभाग | किसानों को SMS अलर्ट—बीज व उपकरण सुरक्षित रखें |
किसानों के लिए विशेष सलाह
बरसात‑पूर्व खेतों की मेढ़ मज़बूत करें; अतिरिक्त पानी निकलने की नाली तैयार रखें।
बिजली गिरने के समय सिंचाई पंप बंद रखें।
खुले में रखा धान‑बीज या खाद तिरपाल से ढँकें।
हेल्पलाइन नंबर: 112 (आपातकालीन सेवा), 0612‑2217305 (राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष)




Leave a Comment