जमाबंदी की प्रति या आवेदन फॉर्म नहीं मिल रहा? समाधान जानें

“जमाबंदी की प्रति और बिहार लैंड रिकॉर्ड्स पोर्टल स्क्रीन”

जमाबंदी:बिहार में ज़मीन से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक है। यह रजिस्टर बताता है कि किसी खाता संख्या या खेसरा नंबर पर किस व्यक्ति का अधिकार दर्ज है। जब लोग नामांतरण, बंटवारा, ऋण या सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करते हैं, तो अक्सर उनसे जमाबंदी की प्रति मांगी जाती है।लेकिन कई बार लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें पोर्टल से जमाबंदी की प्रति या आवेदन फॉर्म डाउनलोड करने में परेशानी होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं –

  • तकनीकी गड़बड़ी (Technical Error) – बिहार भूमि पोर्टल या Bihar Bhoomi Plus पोर्टल कभी-कभी सर्वर डाउन हो जाता है।
  • गलत जानकारी (Wrong Details) – खाता संख्या, खेसरा नंबर या अंचल का नाम गलत डालने पर परिणाम नहीं दिखते।
  • अधूरी डिजिटाइजेशन (Incomplete Records) – अभी भी कुछ पुराने रिकॉर्ड डिजिटल डेटाबेस में अपलोड नहीं हुए हैं।
  • नामांतरण लंबित (Mutation Pending) – अगर आपने हाल ही में नामांतरण का आवेदन किया है और वह पूरा नहीं हुआ है तो आपका नाम अपडेट नहीं दिखेगा।
  • ब्राउज़र/इंटरनेट समस्या – कभी-कभी धीमा इंटरनेट या असंगत ब्राउज़र की वजह से भी पेज लोड नहीं होता।
  • इसलिए सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि समस्या किस कारण से हो रही है।

समाधान: क्या करें जब जमाबंदी प्रति या आवेदन फॉर्म न मिले?

अगर आपको अपनी प्रति या फॉर्म ऑनलाइन नहीं मिल रहा है तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। इसके लिए कई समाधान उपलब्ध हैं।

पोर्टल पर जानकारी दोबारा भरें

  • Bihar Bhoomi Plus Portal पर जाएँ।
  • सही खाता संख्या, खेसरा नंबर और अंचल चुनें।
  • अगर परिणाम नहीं मिलता तो अलग ब्राउज़र (Chrome, Edge) या मोबाइल/कंप्यूटर से ट्राई करें।

कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से सहायता लें

  • नज़दीकी CSC केंद्र पर जाकर आप जमाबंदी की प्रति निकलवा सकते हैं।
  • आपको सिर्फ जमीन की रसीद, खाता/खेसरा नंबर और आधार कार्ड देना होगा।
  • वहाँ का ऑपरेटर ऑनलाइन सिस्टम से आपके लिए प्रति प्रिंट कर देगा।

अंचल कार्यालय में आवेदन करें

अगर CSC से भी प्रति उपलब्ध नहीं होती है, तो आपको अपने अंचल कार्यालय (Circle Office) जाना होगा।

  • वहाँ एक साधारण आवेदन फॉर्म भरकर बताना होगा कि ऑनलाइन प्रति नहीं मिल रही है।
  • आवेदन के साथ पहचान पत्र और जमीन का ब्योरा जमा करें।
  • जांच के बाद अंचल अधिकारी आपको मैनुअल प्रति उपलब्ध कराएंगे।

नामांतरण केस की स्थिति देखें

  • अगर आपका नामांतरण अभी लंबित है तो प्रति तभी मिलेगी जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
  • आप नामांतरण की स्थिति भी आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन देख सकते हैं।
  • जब तक केस मंज़ूर नहीं होगा, आपके नाम पर जमाबंदी नहीं दिखेगी।
  • इस तरह, यदि ऑनलाइन कॉपी नहीं मिल रही है तो CSC + Circle Office दोनों माध्यमों से समाधान मिल सकता है।

आवश्यक दस्तावेज़ और भविष्य में परेशानी से बचने के उपाय

जब भी आप जमाबंदी की प्रति या आवेदन फॉर्म निकालने जाते हैं, तो कुछ दस्तावेज़ आपके पास होना ज़रूरी है:

  • खाता संख्या, खेसरा नंबर और अंचल का नाम
  • जमीन की हाल की रसीद
  • आवेदक का आधार कार्ड/पहचान पत्र
  • नामांतरण केस का रसीद नंबर (अगर लागू हो)
  • वारिसान प्रमाण पत्र (कुछ मामलों में)

भविष्य में परेशानी से बचने के तरीके

  • आवेदन करते समय हमेशा सही जानकारी दर्ज करें।
  • आवेदन/रसीद नंबर को सुरक्षित रखें ताकि बाद में खोजने में परेशानी न हो।
  • ऑनलाइन सिस्टम पर अपडेट आने तक धैर्य रखें।
  • तुरंत ज़रूरत हो तो अंचल कार्यालय जाकर मैनुअल प्रति लें।
  • अगर कोई त्रुटि मिले तो सुधार के लिए अंचल स्तर पर लिखित आवेदन करें।

अगर आपको अपनी जमाबंदी की प्रति या आवेदन फॉर्म ऑनलाइन पोर्टल से नहीं मिल पा रहा है तो यह कोई बड़ी समस्या नहीं है।

  • सबसे पहले पोर्टल पर सही जानकारी दोबारा भरें और अलग ब्राउज़र/डिवाइस से ट्राई करें।
  • ज़रूरत पड़ने पर नज़दीकी CSC केंद्र जाएँ और वहां से प्रति निकालें।
  • अगर वहाँ से भी समस्या बनी रहे तो सीधे अंचल कार्यालय जाकर आवेदन करें।

अधिक जानकारी और दस्तावेज़ निकालने की सुविधा के लिए बिहार सरकार का आधिकारिक पोर्टल देखें:
https://biharbhumiplus.bihar.gov.in/mah/ इस तरह आप आसानी से अपनी जमाबंदी प्रति या आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं और भूमि से जुड़ी किसी भी सरकारी कार्यवाही में देरी से बच सकते हैं।

Bihar Bhumi Registry Rules 2025: जानें नए भूमि रजिस्ट्री नियम, ऑनलाइन प्रक्रिया और ज़रूरी दस्तावेज

Bihar Bhumi New Registry Rules 2025 - भूमि रजिस्ट्री नियम 2025 के तहत व्यक्ति दस्तावेजों की जांच कर रहा है

बिहार में भूमि रजिस्ट्री (Land Registration) नियमों में 2025 में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। बिहार राज्य सरकार द्वारा भूमि रजिस्ट्री में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कुछ नए नियम लागू किए जा रहे हैं। अगर आप बिहार में भूमि रजिस्ट्री करवाने का सोच रहे हैं तो यह लेख आपको पूरी जानकारी देगा कि क्या बदलने वाला है, कब से ये नियम लागू होंगे, किसे फायदा होगा और आपको किन बातों का ध्यान रखना

बिहार भूमि रजिस्ट्री नियम 2025 में प्रमुख बदलाव

अब रजिस्ट्री करवाने वालों को अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड देना जरूरी होगा। यह कदम रजिस्ट्री में जालसाजी और बेनामी लेनदेन रोकने के लिए उठाया गया है।नई रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होने वाली है। आप बिहार भूमि पोर्टल (Bihar Bhumi Portal) के जरिए आवेदन करेंगे, और सभी कागजात ऑनलाइन ही जमा कराए जाएंगे। यह प्रक्रिया रजिस्ट्री में दलालों और रिश्वतखोरी को कम करेगी।और रजिस्ट्री से पहले भूमि का सत्यापन अब जरूरी होगा। इसके लिए राजस्व कर्मचारी या अमीन द्वारा ऑन-साइट जांच की जाएगी। इससे नकली रजिस्ट्री और भूमि विवादों में काफी कमी आने की उम्मीद है।सरकार रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी में भी बदलाव कर सकती है। यह बदलाव भूमि के स्थान और मूल्यांकन दर (MVR) के आधार पर होगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग शुल्क हो सकते हैं।

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बिहार भूमि रजिस्ट्री नियम 2025 का उद्देश्य क्या है?

सरकार का मकसद है:

रजिस्ट्री प्रक्रिया में दलालों और भ्रष्टाचार को खत्म करना

भूमि लेनदेन में पारदर्शिता लाना

फर्जी रजिस्ट्री और जालसाजी रोकना

भूमि विवाद कम करना

सरकारी राजस्व में वृद्धि

ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया में क्या-क्या लगेगा?

आधार कार्ड

पैन कार्ड

भूमि का मूल कागज (खाता, खतियान, रसीद)

विक्रेता और खरीदार का फोटो एवं हस्ताक्षर

भूमि का नक्शा

ऑनलाइन आवेदन शुल्क

पुराने नियम और नए नियम में क्या फर्क है?

पहलूपुराने नियमनए नियम (2025)
आवेदनऑफलाइनऑनलाइन
आधार/पैन जरूरी?जरूरी नहींजरूरी
भूमि सत्यापनबाद में या कभी-कभीरजिस्ट्री से पहले जरूरी
दलालों का हस्तक्षेपअधिककम या बिल्कुल नहीं
रजिस्ट्री शुल्कपुराने दरों के आधारस्थान और मूल्यांकन दर से

बिहार भूमि रजिस्ट्री नियम 2025 राज्य में एक क्रांतिकारी कदम है, जो भूमि लेनदेन में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाएगा। अगर आप बिहार में रजिस्ट्री करवाने की सोच रहे हैं तो 2025 से लागू होने वाले इन नियमों की पूरी जानकारी रखें। सभी कागजात ऑनलाइन उपलब्ध कराएं और दलालों से बचें। यह कदम बिहार में भूमि लेनदेन को पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित बनाएगा!

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