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Parimarjan Plus: बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्यवासियों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू की है। अब नागरिक जमाबंदी (Land Records) में हुई त्रुटियों या छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन सुधार सकेंगे। इसके लिए विभाग ने परिमार्जन प्लस (Parimarjan Plus) नामक पोर्टल लॉन्च किया है। इस डिजिटल पहल से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को राहत मिलेगी।
Read more: Parimarjan Plus:बिहार में अब ऑनलाइन सुधारें जमाबंदी की गलती, परिमार्जन प्लस पोर्टल से आसान होगा आवेदनBihar Bhumi Portal: ऑनलाइन भूमि दस्तावेज़ ऐसे देखें 2025 में click here
परिमार्जन प्लस पोर्टल क्या है और क्यों है ज़रूरी?
परिमार्जन प्लस पोर्टल, बिहारभूमि (Bihar Bhumi) पोर्टल का ही एक विशेष सेक्शन है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनकी जमीन संबंधी रिकॉर्ड यानी जमाबंदी, खाता, खेसरा आदि में यदि कोई त्रुटि हो तो उसे ऑनलाइन सही करने का विकल्प देना है।
पहले के समय में लोग छोटी-छोटी गलतियों को ठीक कराने के लिए महीनों तक दफ्तरों के चक्कर काटते थे। मसलन –
- नाम की स्पेलिंग गलत होना,
- खाता संख्या या खेसरा संख्या में गड़बड़ी,
- उत्तराधिकारी का नाम दर्ज न होना,
- जमीन का गलत विवरण दर्ज हो जाना,
ऐसी परेशानियाँ आम नागरिकों के लिए बड़ी समस्या बन जाती थीं। इस पोर्टल की मदद से अब लोग घर बैठे आवेदन कर सकते हैं और पारदर्शी प्रक्रिया से अपने दस्तावेज़ सही करा सकते हैं।
परिमार्जन प्लस से ऑनलाइन आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया
जमाबंदी में सुधार करने की ऑनलाइन प्रक्रिया बेहद सरल रखी गई है। बिहार के नागरिक कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करके आवेदन कर सकते हैं:
चरण-दर-चरण प्रक्रिया:
- सबसे पहले बिहारभूमि की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- वहाँ परिमार्जन प्लस (Parimarjan Plus) के लिंक पर क्लिक करें।
- अब अपना जिला, अंचल और खाता संख्या चुनें।
- जिसके खाते में त्रुटि सुधार कराना है उसकी जानकारी भरें।
- आवेदन पत्र में त्रुटि का कारण और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद एक Acknowledgement Receipt जनरेट होगी।
- इस रसीद से आप ऑनलाइन ही आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
इस तरह पूरा प्रोसेस पेपरलेस और पारदर्शी हो गया है।
अन्य माध्यम: RTPS काउंटर और ऑफलाइन आवेदन
हालाँकि सरकार ने डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराई है, फिर भी सभी नागरिकों को ऑनलाइन माध्यम का ज्ञान या सुविधा उपलब्ध नहीं होती। ऐसे लोगों के लिए विभाग ने विकल्प दिए हैं:
- RTPS काउंटर से आवेदन:
नागरिक अपने नज़दीकी RTPS काउंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यहाँ विभागीय कर्मचारी फॉर्म भरने में मदद करेंगे और डिजिटल रूप से आपका आवेदन दर्ज करेंगे। - ऑफलाइन कार्यालय से आवेदन:
यदि कोई व्यक्ति न तो पोर्टल और न ही RTPS काउंटर का इस्तेमाल कर सकता है तो वे सीधे राजस्व कार्यालय या अंचल कार्यालय जाकर भी त्रुटि सुधार का आवेदन जमा कर सकते हैं।
इस तरह सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि डिजिटल डिवाइड यानी इंटरनेट न होने से किसी भी नागरिक का हक़ प्रभावित न हो।
बिहार सरकार की मंशा और नागरिकों को होने वाले फायदे
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का कहना है कि इस सुविधा का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, सुशासन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है।
नागरिकों को मिलने वाले फायदे:
- समय की बचत: दफ्तरों के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं।
- पारदर्शिता: ऑनलाइन ट्रैकिंग से आवेदन की स्थिति हमेशा पता रहेगी।
- भ्रष्टाचार पर रोक: दलालों और बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी।
- आसान प्रक्रिया: हर नागरिक घर बैठे आवेदन कर सकता है।
- मल्टीपल विकल्प: ऑनलाइन, RTPS काउंटर और ऑफलाइन – तीनों सुविधाएँ उपलब्ध।
बिहार सरकार लगातार का विज़नभूमि सुधार और डिजिटलीकरण पर काम कर रही है। पहले जमाबंदी देखने, खाता-किस्सा जाँचने और भूमि का नक्शा डाउनलोड करने जैसी सुविधाएँ ऑनलाइन दी गई थीं। अब जमाबंदी त्रुटि सुधार जैसी बड़ी सुविधा जोड़ने से ग्रामीण जनता को और अधिक सुविधा मिली है।बिहार सरकार का परिमार्जन प्लस पोर्टल राज्य के नागरिकों के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। इससे किसानों और भूमिधारकों को अपने अधिकारिक दस्तावेज़ में त्रुटि सुधारने के लिए महीनों इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।अब नागरिक चाहे ऑनलाइन माध्यम अपनाएँ, RTPS काउंटर जाएँ या सीधे कार्यालय—हर जगह उन्हें पारदर्शी और तेज़ सेवा मिलेगी।





























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