बिहार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस 2025:अब घर बैठे ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करें 2025

बिहार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस 2025

बिहार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस 2025:बिहार परिवहन विभाग ने डिजिटल इंडिया मिशन के तहत नागरिकों को बड़ी सुविधा दी है। अब लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाने के लिए परिवहन दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
सरकार ने एक ऑनलाइन आवेदन प्रणाली (Online Driving License Application System) शुरू की है, जिसके जरिए आवेदक घर बैठे ही आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

यदि आप बिहार में रहते हैं और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें –

1.आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ

बिहार परिवहन विभाग या Sarathi Parivahan Portal पर लॉगिन करें।

2.नया आवेदन चुनें

“Apply Online” सेक्शन में जाकर “Driving License” विकल्प पर क्लिक करें।

3.फॉर्म भरें

अपना नाम, पता, जन्मतिथि और आधार जैसी जानकारी भरें।

4.दस्तावेज़ अपलोड करें

आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और मेडिकल सर्टिफिकेट (यदि आवश्यक हो) अपलोड करें।

5.फीस का ऑनलाइन भुगतान करें

डेबिट/क्रेडिट कार्ड या UPI से निर्धारित शुल्क का भुगतान करें।

6.लर्निंग लाइसेंस टेस्ट दें

यदि आप नया लाइसेंस बना रहे हैं, तो ऑनलाइन लर्निंग टेस्ट देना होगा।

7.ड्राइविंग टेस्ट की तारीख चुनें

ऑनलाइन स्लॉट बुक करें और निर्धारित तारीख पर आरटीओ ऑफिस जाकर टेस्ट दें।

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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज़

ऑनलाइन आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र (Residence Proof)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • जन्म तिथि का प्रमाण (Birth Certificate/10th Marksheet)
  • मेडिकल सर्टिफिकेट (50 वर्ष से ऊपर के आवेदकों के लिए)

बिहार में डिजिटल ट्रांसपोर्ट सेवाएँ

बिहार परिवहन विभाग पहले ही कई सेवाओं को ऑनलाइन कर चुका है, जैसे –

  • वाहन पंजीकरण (Vehicle Registration)
  • टैक्स भुगतान (Road Tax Payment)
  • परमिट आवेदन (Permit Application)
  • फिटनेस सर्टिफिकेट

अब ड्राइविंग लाइसेंस की ऑनलाइन सेवा शुरू होने से लाखों लोगों को फायदा होगा।डिजिटल बिहार और स्मार्ट बिहार की दिशा में यह कदम बेहद सराहनीय है।
अब बिहार के लोग आसानी से घर बैठे ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।अगर आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, तो आज ही बिहार परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।

राजस्व महाअभियान 2025: जमाबंदी सुधार और नामांतरण के लिए जरूरी दस्तावेज़, जानें पूरी प्रक्रिया

राजस्व महाअभियान 2025:

राजस्व महाअभियान 2025:बिहार सरकार लगातार भूमि सुधार और डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन की दिशा में बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में राज्य भर में राजस्व महाअभियान 2025 चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि हर रैयत (भूमि मालिक) को उसकी जमीन से जुड़े दस्तावेज़ सही और अद्यतन रूप में उपलब्ध हों।
अक्सर देखा गया है कि पुराने जमाने में तैयार किए गए राजस्व अभिलेखों में कई प्रकार की त्रुटियां पाई जाती हैं – जैसे नाम की ग़लती, खाता संख्या में गलती, रकबा (क्षेत्रफल) में गड़बड़ी, या एक ही खेसरा पर डुप्लीकेट जमाबंदी। इन गलतियों के कारण रैयतों को जमीन से जुड़े कामों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा अंचल के अंचलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से बताया है कि इस अभियान के तहत यदि कोई रैयत अपनी जमाबंदी सुधारना चाहता है या नामांतरण (म्यूटेशन) कराना चाहता है, तो उसके पास कौन-कौन से दस्तावेज़ होना अनिवार्य है। आइए इस पर विस्तार से जानते हैं।

जमाबंदी सुधार के लिए आवश्यक दस्तावेज़

जमाबंदी सुधार का मतलब है कि अगर भूमि अभिलेख में आपके नाम, पिता का नाम, खाता संख्या, रकबा या अन्य किसी प्रकार की त्रुटि है तो उसे सही करना। यह प्रक्रिया अब पहले की तुलना में काफी आसान बना दी गई है।

पहचान पत्र अनिवार्य

अंचलाधिकारी के अनुसार सबसे पहले रैयत को अपने पहचान पत्र प्रस्तुत करने होंगे। इसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी या पैन कार्ड स्वीकार्य दस्तावेज़ माने जाएंगे। पहचान पत्र से यह सुनिश्चित किया जाता है कि आवेदक वास्तविक भूमि धारक है।

मौजूदा जमाबंदी पर्चा और रसीद

जमाबंदी सुधार के लिए आवेदक को उस भूमि का जमाबंदी पर्चा और ताज़ा राजस्व रसीद प्रस्तुत करनी होगी। इससे यह साबित होता है कि भूमि पर वर्तमान में उसका स्वामित्व है और उसी खाते/खेसरे में सुधार की आवश्यकता है।

रजिस्ट्री या मालिकाना दस्तावेज़

यदि नाम या खाता संख्या की त्रुटि है तो संबंधित रजिस्ट्री, बंटवारा पत्र, या अन्य मालिकाना कागजात की कॉपी जमा करनी होगी। इन दस्तावेज़ों के आधार पर रिकॉर्ड में सुधार किया जाएगा।

डिजिटल प्रक्रिया की सुविधा

राज्य सरकार ने इसके लिए परिमार्जन पोर्टल (parimarjan.bihar.gov.in) की शुरुआत की है। अब बिना दफ्तर का चक्कर लगाए, घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करके भी सुधार संभव है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग इस पोर्टल का लाभ उठा रहे हैं।

नामांतरण (म्यूटेशन) के लिए किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी?

नामांतरण का मतलब है कि जब जमीन का मालिक बदलता है तो राजस्व रिकॉर्ड में उस परिवर्तन को दर्ज करना। यह दो प्रकार का हो सकता है – उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण।

उत्तराधिकार नामांतरण

यदि किसी भूमि मालिक की मृत्यु हो जाती है तो उसके वारिसों के नाम पर जमीन दर्ज की जाती है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज़ हैं:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र – भूमि धारक के निधन का आधिकारिक प्रमाण।
  • वंशावली प्रमाण पत्र – यह प्रमाणित करता है कि कौन-कौन व्यक्ति उत्तराधिकारी हैं।
  • सभी उत्तराधिकारियों की सहमति – कई मामलों में उत्तराधिकारियों के बीच विवाद होता है। यदि सबकी सहमति है तो प्रक्रिया सरल हो जाती है।
  • पहचान पत्र – सभी उत्तराधिकारियों का आधार या वोटर आईडी।

बंटवारा नामांतरण

अगर परिवार में आपसी सहमति से या न्यायालय के आदेश से जमीन का बंटवारा हुआ है तो रिकॉर्ड में उसका नामांतरण कराया जा सकता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज़ हैं:

  • बंटवारा समझौता पत्र – परिवार के बीच लिखित सहमति।
  • न्यायालय का आदेश – विवादित मामलों में कोर्ट का आदेश।
  • सभी पक्षकारों की पहचान पत्र – आधार/वोटर आईडी।
  • जमाबंदी पर्चा और ताज़ा रसीद – स्वामित्व प्रमाण।

इन दस्तावेज़ों को जमा करने के बाद अंचल कार्यालय जांच करता है और फिर रिकॉर्ड अपडेट किया जाता है।

आवेदन प्रक्रिया और किसानों के लिए सुविधाएं

राजस्व महाअभियान 2025 में आवेदन करने के लिए दो तरीके दिए गए हैं – ऑनलाइन पोर्टल और ऑफलाइन कैंप

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

1.<a href=”https://parimarjan.bihar.gov.in” target=”_blank”>परिमार्जन पोर्टल</a> पर जाएं।

2.अपनी श्रेणी चुनें – जमाबंदी सुधार या नामांतरण।

3.आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।

4.सबमिट करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या मिलेगी, जिससे स्टेटस ट्रैक किया जा सकता है।

ऑफलाइन आवेदन (कैंप के जरिए)

गांव-गांव में राजस्व महाअभियान कैंप लगाए जा रहे हैं।

  • रैयत कैंप से फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
  • आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न कर अंचल कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
  • जांच पूरी होने के बाद सुधार या नामांतरण दर्ज कर दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने रैयतों की सुविधा के लिए टोल-फ्री नंबर 18003456215 शुरू किया है। इस पर 24×7 कॉल करके मार्गदर्शन लिया जा सकता है।

राजस्व महाअभियान 2025 बिहार सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है। लंबे समय से चली आ रही जमाबंदी त्रुटियों, नामांतरण की देरी और भूमि विवादों को खत्म करने में यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा।

बंदरा अंचलाधिकारी ने साफ कहा है कि यदि रैयत अपने सभी दस्तावेज़ सही तरीके से प्रस्तुत करें तो प्रक्रिया में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। सरकार ने डिजिटल सुविधा और हेल्पलाइन के जरिए पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कोशिश की है।

इससे न केवल रैयतों को न्याय मिलेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सटीक डिजिटल भूमि अभिलेख सुरक्षित होंगे। किसानों और आम जनता को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए ताकि राज्य में भूमि सुधार की दिशा में यह पहल पूरी तरह सफल हो सके।

IOCL Recruitment 2025: इंडियन ऑयल करेगा ग्रेजुएट इंजीनियर्स की भर्ती, मिलेगी 50 हजार से 1.60 लाख तक सैलरी

IOCL Recruitment 2025

IOCL Recruitment 2025:इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने एक बार फिर युवाओं को सुनहरा अवसर दिया है। हाल ही में जारी IOCL Recruitment 2025 Notification के तहत ग्रेजुएट इंजीनियर पदों पर भर्ती की जाएगी। इस भर्ती में चयनित उम्मीदवारों को शुरुआती वेतन ₹50,000 से ₹1,60,000 प्रतिमाह तक मिलेगा।
जो उम्मीदवार इंजीनियरिंग केमिकल, इलेक्ट्रिकल या इंस्ट्रूमेंटेशन शाखा से स्नातक हैं, वे इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।

IOCL Recruitment 2025 – महत्वपूर्ण जानकारी

संगठन का नामइंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL)
विज्ञापन संख्याIOCL/CO-HR/Rectt/2025/01
पद का नामGraduate Engineer
रिक्तियों की संख्याजल्द घोषित होगी
आवेदन प्रारंभ तिथि1 सितंबर 2025
आवेदन की अंतिम तिथि21 सितंबर 2025
वेतनमान₹50,000 – ₹1,60,000 प्रतिमाह
आधिकारिक वेबसाइटiocl.com

IOCL Engineer Recruitment 2025: पात्रता मानदंड

1.शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification):

  • उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से केमिकल, इलेक्ट्रिकल या इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन (B.E./B.Tech.) होना चाहिए।

2.आयु सीमा (Age Limit):

  • न्यूनतम आयु: 21 वर्ष
  • अधिकतम आयु: 28 वर्ष (आरक्षित श्रेणी को नियमानुसार छूट मिलेगी)।

चयन प्रक्रिया (Selection Process)

IOCL इंजीनियर भर्ती 2025 में उम्मीदवारों का चयन तीन चरणों पर आधारित होगा:

  1. GATE Score 2025 (शॉर्टलिस्टिंग के लिए)
  2. ग्रुप डिस्कशन (GD) / ग्रुप टास्क (GT)
  3. पर्सनल इंटरव्यू (PI)

IOCL Recruitment 2025 आवेदन प्रक्रिया (How to Apply Online for IOCL Engineer Recruitment 2025)

उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट iocl.com पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार होगी:

  1. IOCL की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
  2. “Careers” सेक्शन में भर्ती का लिंक खोलें।
  3. “Graduate Engineer Recruitment 2025” पर क्लिक करें।
  4. रजिस्ट्रेशन करें और लॉगिन करें।
  5. आवश्यक डिटेल्स भरें और डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें।
  6. आवेदन शुल्क (यदि लागू हो) का भुगतान करें।
  7. सबमिट करने के बाद एप्लीकेशन फॉर्म का प्रिंटआउट निकाल लें।

वेतनमान (Salary Package)

चयनित उम्मीदवारों को शुरुआती वेतन ₹50,000 प्रतिमाह मिलेगा और अनुभव व प्रमोशन के आधार पर यह वेतन ₹1,60,000 प्रतिमाह तक जा सकता है। इसके अलावा उम्मीदवारों को HRA, मेडिकल, इंश्योरेंस और अन्य सुविधाएँ भी मिलेंगी।

महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates)

नोटिफिकेशन जारी: 26 अगस्त 2025

आवेदन शुरू: 1 सितंबर 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 21 सितंबर 2025

एडमिट कार्ड और परीक्षा की तिथि: जल्द घोषित होगी

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FAQ

Q.1 IOCL Engineer Recruitment 2025 के लिए आवेदन कब से शुरू होंगे?

आवेदन प्रक्रिया 1 सितंबर 2025 से शुरू होगी।

Q.2 आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?

संभावित अंतिम तिथि 21 सितंबर 2025 है।

Q.3 कितनी वैकेंसी निकली हैं?

वैकेंसी डिटेल जल्द जारी की जाएगी।

Q.4 वेतनमान कितना मिलेगा?

₹50,000 से ₹1,60,000 प्रतिमाह।

Q.5 आवेदन कैसे करें?

उम्मीदवार iocl.com पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

  • Indian Army TES-55 भर्ती 2025: 12वीं पास युवाओं के लिए सुनहरा मौका, बिना परीक्षा मिल सकती है सेना में अफसर की नौकरी!

    Indian Army TES-55 भर्ती 2025:भारतीय सेना ने Technical Entry Scheme (TES-55) के तहत नई भर्ती अधिसूचना जारी की है। यह उन युवाओं के लिए एक विशेष अवसर है जो 12वीं में Physics, Chemistry और Mathematics विषयों के साथ पढ़ाई कर चुके हैं और JEE Mains 2025 में शामिल हुए हैं।TES स्कीम के माध्यम से युवाओं को बिना किसी लिखित परीक्षा के सीधे SSB Interview के आधार पर चयन का मौका मिलता है। चयनित अभ्यर्थियों को भारतीय सेना में Permanent Commissioned Officer के रूप में सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है।

    यह योजना भारतीय युवाओं में तकनीकी दक्षता और देशसेवा की भावना को बढ़ावा देने के लिए चलाई जाती है। TES स्कीम उन उम्मीदवारों के लिए खास होती है जो इंजीनियरिंग और डिफेंस करियर दोनों को एक साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं।

    कौन कर सकता है आवेदन – पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)

    1. शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification):

    • उम्मीदवार ने 10+2 (इंटरमीडिएट) परीक्षा में Physics, Chemistry और Mathematics विषयों में कम से कम 60% कुल अंक प्राप्त किए हों।
    • उम्मीदवार ने JEE Mains 2025 परीक्षा में भाग लिया हो।

    2. आयु सीमा (Age Limit):

    • उम्मीदवार की आयु 16½ वर्ष से 19½ वर्ष के बीच होनी चाहिए।
    • जन्मतिथि 2 जुलाई 2006 से 1 जुलाई 2009 के बीच (दोनों तिथियां सहित) होनी चाहिए।

    3. वैवाहिक स्थिति (Marital Status):

    • केवल अविवाहित पुरुष उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।

    4. राष्ट्रीयता (Nationality):

    • उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए।

    चयन प्रक्रिया (Selection Process)

    TES-55 भर्ती के लिए किसी लिखित परीक्षा की आवश्यकता नहीं होती। चयन प्रक्रिया पूरी तरह योग्यता और SSB इंटरव्यू पर आधारित होती है।

    चयन के मुख्य चरण इस प्रकार हैं:

    1. शॉर्टलिस्टिंग:
      आवेदन प्राप्त होने के बाद, भारतीय सेना उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता और JEE Mains स्कोर के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग करती है।
    2. SSB Interview:
      शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों को Service Selection Board (SSB) इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, जो लगभग 5 दिनों तक चलता है।
      इसमें मनोवैज्ञानिक परीक्षण, ग्रुप टास्क और पर्सनल इंटरव्यू शामिल होते हैं।
    3. Medical Examination:
      SSB में सफल उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उम्मीदवार सेना की सेवा के लिए फिट है।
    4. Final Merit List:
      अंत में, SSB और मेडिकल टेस्ट के अंकों के आधार पर फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।

    प्रशिक्षण और सेवा लाभ (Training & Benefits)

    प्रशिक्षण (Training):
    चयनित उम्मीदवारों को सबसे पहले Indian Military Academy (IMA), देहरादून में चार वर्ष की ट्रेनिंग दी जाती है।
    इस प्रशिक्षण के पहले दो वर्ष Pre-Commission Training और अगले दो वर्ष Engineering Training के रूप में होते हैं।

    प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद उम्मीदवार को Permanent Commission (Lieutenant Rank) के रूप में नियुक्त किया जाता है।

    लाभ (Benefits):

    • आकर्षक वेतन और भत्ते
    • मेडिकल और कैंटीन सुविधाएँ
    • डिफेंस में मान-सम्मान और स्थायी नौकरी
    • तकनीकी और नेतृत्व कौशल का विकास

    आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)

    1. उम्मीदवार को भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर जाना होगा।
    2. Officers Entry Apply/Login” सेक्शन पर क्लिक करें।
    3. TES-55 Entry (10+2 Technical Entry Scheme)” का चयन करें।
    4. आवेदन फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी भरें और डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
    5. सबमिट करने से पहले सभी विवरणों की जांच करें और फाइनल सबमिशन करें।

    आवेदन की अंतिम तिथि:
    13 नवंबर 2025

    TES-55 अधिसूचना PDF: Official Notification – Direct Link

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    महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates)

    प्रक्रियातिथि
    आवेदन शुरू15 अक्टूबर 2025
    आवेदन की अंतिम तिथि13 नवंबर 2025
    SSB इंटरव्यूदिसंबर 2025 – मार्च 2026
    प्रशिक्षण शुरूजुलाई 2026

    भारतीय सेना TES-55 भर्ती 2025 उन युवाओं के लिए एक शानदार अवसर है जो बचपन से वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का सपना देखते हैं। इस योजना में न केवल इंजीनियरिंग शिक्षा का मौका मिलता है, बल्कि आर्मी ऑफिसर बनने का भी सीधा रास्ता खुलता है।
    अगर आप 12वीं में PCM विषयों से पास हैं और JEE Mains 2025 में शामिल हुए हैं, तो देर न करें — आज ही आवेदन करें और अपने सपनों को उड़ान दें।

  • नवंबर की ठंड शुरू! जानिए इस बार कितना गिरेगा तापमान, कहाँ-कहाँ पड़ेगी सबसे ज्यादा सर्दी?

    भारत में नवंबर का महीना मौसम परिवर्तन का प्रतीक होता है। अक्टूबर के अंत तक मानसून की विदाई हो जाती है और धीरे-धीरे उत्तरी दिशा से ठंडी हवाएं देश के मैदानी इलाकों में प्रवेश करने लगती हैं। यही कारण है कि नवंबर के पहले सप्ताह से ही उत्तर भारत में सुबह और शाम ठंड का असर महसूस होने लगता है।
    औसतन इस महीने में दिन का अधिकतम तापमान 28°C से 32°C तक और न्यूनतम तापमान 14°C से 20°C के बीच दर्ज किया जाता है।
    हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे पहाड़ी राज्यों में नवंबर तक बर्फबारी की शुरुआत हो जाती है, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में गुलाबी ठंड महसूस की जाती है।

    उत्तर भारत में बढ़ी ठंड, दिल्ली-एनसीआर में गिरा तापमान

    नवंबर के मध्य तक दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तापमान में 4 से 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की जाती है। सुबह और देर रात को कोहरा छाने लगता है।
    इस बार भी मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, नवंबर 2025 में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12°C से 14°C के बीच और अधिकतम तापमान 26°C के आसपास रहने की संभावना है।
    दिल्ली और नोएडा के कई हिस्सों में सुबह के समय हल्की धुंध और ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो चुकी हैं, जो आने वाले दिनों में सर्दी के बढ़ने का संकेत हैं।

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    पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी की आहट

    हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों — जैसे कि लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू-मनाली में नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से हल्की बर्फबारी शुरू हो जाती है।
    उधर, जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर तापमान शून्य के नीचे पहुंचने लगता है।
    मौसम विभाग के अनुसार, इस साल पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) की सक्रियता सामान्य से थोड़ी अधिक रहने की उम्मीद है, जिसके चलते उत्तर भारत में ठंडी हवाएं पहले की तुलना में तेज़ी से असर दिखा सकती हैं।
    यही कारण है कि नवंबर के तीसरे सप्ताह तक शिमला और मनाली में न्यूनतम तापमान 3°C से 5°C तक गिरने की संभावना है।

    मध्य और दक्षिण भारत में कैसी रहेगी ठंड?

    दक्षिण भारत में नवंबर में ठंड का असर सीमित रहता है। चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि जैसे शहरों में तापमान 20°C से 30°C के बीच रहता है।
    हालांकि, मध्य भारत यानी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में रात का तापमान धीरे-धीरे 15°C से नीचे जाने लगता है।
    नागपुर, इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में नवंबर के आखिरी सप्ताह तक हल्की ठंड महसूस होने लगती है।
    उधर, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सुबह की ठंडी हवाएं और कोहरा लोगों को गर्म कपड़े पहनने पर मजबूर कर देता है।

    पूर्वी भारत और बिहार में ठंड का असर

    पूर्वी भारत के राज्य — बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में नवंबर की शुरुआत में तापमान थोड़ा-थोड़ा गिरना शुरू होता है।बिहार के गया, पटना और भागलपुर में दिन का तापमान 28°C और रात का तापमान 16°C तक पहुंच जाता है।
    मौसम विभाग के अनुसार, इस साल नवंबर के दूसरे सप्ताह से बिहार में उत्तरी हवाएं चलने लगेंगी, जिससे तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट आएगी।
    सुबह-शाम हल्की ठंड और कोहरे का असर धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।

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    नवंबर में स्वास्थ्य का ध्यान रखें

    मौसम में अचानक बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम, गला दर्द और फ्लू जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।
    इसलिए इस समय गर्म पानी पिएं, रात में ठंडी हवा से बचें और बच्चों या बुजुर्गों को ठंड से बचाव के लिए स्वेटर या हल्का ऊनी कपड़ा पहनाएं।इसके अलावा, धूप में कुछ समय बिताना और नियमित व्यायाम करना भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखता है।

    मौसम विभाग का अनुमान क्या कहता है?

    भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, नवंबर 2025 में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से थोड़ा कम तापमान दर्ज किया जा सकता है।
    उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान औसतन 2°C से 3°C तक नीचे जा सकता है, जबकि दक्षिण भारत में हल्की ठंड बनी रहेगी।सर्द हवाएं नवंबर के अंतिम सप्ताह से पूरे देश में फैलने लगेंगी, और दिसंबर की शुरुआत तक सर्दियों का मुख्य दौर शुरू हो जाएगा।

  • Top 5 Mustard Varieties 2025:“2025 में ये 5 सरसों की किस्में किसानों की किस्मत बदल देंगी – जानें कौन सी है नंबर 1!”

    Top 5 Mustard Varieties 2025:भारत में रबी सीजन की प्रमुख नकदी फसलों में सरसों (Mustard) का नाम सबसे ऊपर आता है। यह न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने वाली फसल है बल्कि देश में खाद्य तेल उत्पादन की रीढ़ भी है। हर साल भारत में लाखों हेक्टेयर में सरसों की बुवाई की जाती है, और किसान ऐसी किस्में चुनना चाहते हैं जो ज्यादा उपज, अधिक तेल प्रतिशत और रोग प्रतिरोधी क्षमता रखती हों।

    साल 2025 में कृषि वैज्ञानिकों और ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) द्वारा विकसित कुछ नई और उन्नत सरसों की किस्में चर्चा में हैं, जो खासकर उत्तर भारत और बिहार के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे भारत की Top 5 Mustard Varieties 2025, उनकी विशेषताएं, तेल प्रतिशत, उपज क्षमता और किन राज्यों में ये सबसे ज्यादा उपयुक्त हैं।

    Pusa Bold – भरोसेमंद और उच्च उपज देने वाली किस्म

    पुसा बोल्ड (Pusa Bold) पिछले कई वर्षों से किसानों की पहली पसंद रही है और 2025 में भी इसका दबदबा बना हुआ है। यह किस्म विशेष रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

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    इस किस्म की मुख्य विशेषताएं हैं:

    • औसत उपज 20–25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक।
    • तेल की मात्रा लगभग 38–40%।
    • रोगों के प्रति सहनशील और मध्यम अवधि (135–140 दिन) में तैयार।
    • कम तापमान में भी अच्छी पैदावार।

    पुसा बोल्ड की लोकप्रियता इस बात से झलकती है कि इसे राष्ट्रीय बीज निगम, राज्य कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा सबसे ज्यादा अनुशंसित किस्मों में गिना जाता है।

    किसान भाइयों के लिए यह किस्म उन क्षेत्रों में आदर्श है जहाँ रबी सीजन के दौरान ठंड अधिक पड़ती है और मिट्टी मध्यम दोमट होती है।

    Top 5 Mustard Varieties 2025,Pusa Mustard 25 (PM 25) – देर से बुवाई वाले खेतों के लिए बेहतरीन

    जब खेत में धान की कटाई देर से होती है, तो किसान को रबी फसल की बुवाई में देरी करनी पड़ती है। ऐसे में “Pusa Mustard 25” एक उत्कृष्ट विकल्प है। यह किस्म देर से बोने पर भी बेहतर उपज और तेल प्रतिशत बनाए रखती है।

    मुख्य विशेषताएं:

    • तेल प्रतिशत: 41–42%
    • उपज क्षमता: 20–22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • देर से बुवाई के बाद भी समय पर पकने वाली किस्म (120–130 दिन)।
    • रोगों जैसे व्हाइट रस्ट (White Rust) और अल्टर्नारिया ब्लाइट के प्रति सहनशील।

    यह किस्म विशेष रूप से बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए उपयुक्त है। जो किसान देर से धान की फसल काटते हैं, वे इस किस्म से सरसों की खेती करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

    RH-749 – आधुनिक हाइब्रिड सरसों की पहचान

    भारत में 2025 में सबसे चर्चित हाइब्रिड किस्मों में से एक है RH-749। इसे हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Hisar) ने विकसित किया है और यह आज व्यावसायिक खेती में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।इस किस्म की खासियतें:

    • तेल प्रतिशत: 42–43%, जो अन्य किस्मों से अधिक है।
    • औसत उपज: 25–30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • फसल अवधि: 130–135 दिन।
    • रोग प्रतिरोधक और सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।

    RH-749 उन किसानों के लिए सबसे बेहतर है जिनके पास सिंचाई की सुविधा और उर्वर मिट्टी है। इसकी बुवाई अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में करने पर उत्कृष्ट परिणाम मिलते हैं।यह किस्म खास तौर पर राजस्थान, हरियाणा, बिहार, पंजाब और मध्य प्रदेश में तेजी से फैल रही है और किसानों के लिए अधिक मुनाफे का जरिया बन रही है।

    NRCHB-101 – रोग प्रतिरोधक और स्थिर उत्पादन वाली किस्म

    NRCHB-101 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित एक ऐसी किस्म है जो रोगों के प्रति काफी प्रतिरोधक मानी जाती है। यह खासकर उन इलाकों के लिए सुझाई जाती है जहाँ श्वेत जंग, अल्टर्नारिया ब्लाइट और पत्तियों के धब्बे जैसी समस्याएं आम हैं।

    मुख्य विशेषताएं:

    • तेल प्रतिशत: 41–42%
    • औसत उपज: 22–24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • रोग प्रतिरोधक और तेज ठंड सहन करने योग्य।
    • खेत में नमी और तापमान परिवर्तन को सहन करने की क्षमता।

    NRCHB-101 को खास तौर पर पूर्वी भारत के राज्यों — बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के किसानों के लिए अनुशंसित किया गया है। यह किस्म कम लागत में अच्छी उपज देने के लिए जानी जाती है।

    राजेंद्र सरसों-1 – बिहार की गर्व की किस्म

    बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा विकसित राजेंद्र सरसों-1 राज्य के किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह किस्म बिहार की जलवायु और मिट्टी के अनुसार पूरी तरह अनुकूल है।

    विशेषताएं:

    • औसत उपज: 18–22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • तेल प्रतिशत: 39–41%
    • पौधे की ऊँचाई मध्यम, फलियाँ बड़ी और बीज मोटे।
    • रोग प्रतिरोधक और देर से बोने पर भी स्थिर उपज।

    बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान यदि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार खेती करना चाहते हैं तो यह किस्म सर्वोत्तम विकल्प है।

    बिहार में सरसों की खेती के लिए सुझाव

    • बुवाई का समय: अक्टूबर के पहले पखवाड़े में बुवाई सबसे उपयुक्त रहती है।
    • मिट्टी: हल्की-मध्यम दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सरसों के लिए श्रेष्ठ।
    • बीज मात्रा: 4–5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पर्याप्त है।
    • खाद: 80–100 किग्रा नाइट्रोजन, 40 किग्रा फॉस्फोरस और 20 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर देना चाहिए।
    • रोग नियंत्रण: व्हाइट रस्ट व अल्टर्नारिया ब्लाइट से बचाव के लिए फफूंदनाशी (Mancozeb या Metalaxyl) का छिड़काव।
    • कटाई: जब 80% फलियाँ पीली हो जाएँ, तो फसल काट लें ताकि दाने झड़ें नहीं।

    निष्कर्ष

    साल 2025 सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए नई उम्मीदें और अवसर लेकर आया है। वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इन नई किस्मों ने खेती को न केवल लाभदायक बल्कि कम जोखिम वाला भी बना दिया है।यदि किसान अपने क्षेत्र की मिट्टी, जलवायु और बुवाई समय के अनुसार सही किस्म का चयन करते हैं — तो वे प्रति हेक्टेयर 25–30 क्विंटल तक की उपज और उच्च तेल प्रतिशत हासिल कर सकते हैं।

    सरकार और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे रबी फसल मिशन” और “ऑयलसीड्स डेवलपमेंट प्रोग्राम” से किसानों को बीज, प्रशिक्षण और सब्सिडी की सुविधा भी दी जा रही है।इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि सरसों की सही किस्म का चुनाव, किसान की आमदनी को कई गुना बढ़ा सकता है।”

  • आधार कार्ड में नया मोबाइल नंबर कैसे लिंक करें? जानिए पूरी प्रक्रिया, जरूरी बातें और फायदे

    By: Akshwani News 24 Digital Desk | Updated: November 6, 2025

    आधार कार्ड आज के समय में हर भारतीय नागरिक के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की डिजिटल पहचान का प्रतीक है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी किया गया यह कार्ड 12 अंकों की यूनिक संख्या प्रदान करता है, जो हर नागरिक के लिए अलग होती है। इस एक नंबर से व्यक्ति की पहचान, पता, बैंकिंग, टैक्स और सरकारी सेवाओं से जुड़ी तमाम प्रक्रियाएं एक साथ जुड़ जाती हैं।
    आधार कार्ड की वजह से सरकार ने कई योजनाओं को पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुँचाया है। अब सब्सिडी, पेंशन, किसान योजना या राशन वितरण — हर जगह आधार की जरूरत पड़ती है। लेकिन इन सभी सेवाओं को सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपका मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से लिंक हो।

    कई बार ऐसा होता है कि लोगों का पुराना मोबाइल नंबर बंद हो जाता है या सिम खो जाती है। ऐसे में OTP वेरिफिकेशन से जुड़ी सेवाएं बाधित हो जाती हैं। अगर आपका नंबर आधार से लिंक नहीं है, तो आपको बैंक खाते, सरकारी पोर्टल्स या UIDAI की ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
    लेकिन चिंता की कोई बात नहीं! अब UIDAI की मदद से आप आसानी से अपने नए मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कर सकते हैं। आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया विस्तार से

    आधार कार्ड की जरूरत और मोबाइल नंबर लिंक होने का महत्व

    आधार कार्ड सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि यह भारत सरकार की सबसे बड़ी पहचान प्रणाली है। इसमें आपके नाम, पता, जन्मतिथि और बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन की जानकारी होती है। इसकी मदद से सरकार सुनिश्चित करती है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे।

    मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने का मुख्य कारण यह है कि UIDAI और अन्य सरकारी संस्थाएं अब OTP आधारित प्रमाणीकरण (Authentication) का इस्तेमाल करती हैं।
    जब आप किसी बैंक सेवा, सरकारी योजना, या टैक्स पोर्टल का उपयोग करते हैं, तो आपकी पहचान मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP से कन्फर्म होती है। अगर आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है, तो आप इन सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

    यहां तक कि अगर आप अपना आधार डाउनलोड करना चाहते हैं, ई-आधार निकालना चाहते हैं, या किसी सरकारी सब्सिडी की स्थिति देखना चाहते हैं — तो OTP आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ही आएगा। इसलिए यह जरूरी है कि आपका मोबाइल नंबर हमेशा सक्रिय और आधार से लिंक्ड रहे।

    लोगों की सबसे आम समस्या यह होती है कि उनका पुराना नंबर बंद हो गया है या बदल गया है। ऐसे में UIDAI ने एक आसान प्रक्रिया दी है जिससे कोई भी व्यक्ति नया मोबाइल नंबर अपने आधार कार्ड से जोड़ सकता है।

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    आधार कार्ड से नया मोबाइल नंबर लिंक करने की प्रक्रिया (Step-by-Step Guide)

    UIDAI ने मोबाइल नंबर अपडेट की प्रक्रिया को पूरी तरह सरल और सुरक्षित बनाया है। इसमें किसी ऑनलाइन प्रक्रिया की अनुमति नहीं है, क्योंकि मोबाइल नंबर अपडेट बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ ही होता है।
    आइए जानते हैं कि आपको क्या करना होगा:

    पहला चरण: नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाएं

    सबसे पहले आपको अपने नजदीकी Aadhaar Seva Kendra या नामांकन केंद्र (Enrollment Centre) पर जाना होगा।
    आप UIDAI की वेबसाइट (https://uidai.gov.in) पर जाकर अपने निकटतम सेवा केंद्र की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

    दूसरा चरण: आधार अपडेट फॉर्म भरें

    सेवा केंद्र पहुंचने के बाद वहां पर आपको एक Aadhaar Update Form दिया जाएगा। इस फॉर्म में अपना नाम, आधार नंबर और नया मोबाइल नंबर सही-सही भरें। ध्यान रखें कि कोई भी गलत जानकारी न भरें, वरना आपका अनुरोध रिजेक्ट हो सकता है।

    तीसरा चरण: “Mobile Number Update” विकल्प चुनें

    फॉर्म में आपको यह स्पष्ट करना होगा कि आप केवल मोबाइल नंबर अपडेट कराना चाहते हैं। अगर आप चाहें तो उसी फॉर्म से पता, ईमेल या अन्य विवरण भी अपडेट कर सकते हैं, लेकिन हर सेवा की अलग-अलग फीस हो सकती है।

    चौथा चरण: बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन

    मोबाइल नंबर अपडेट करते समय आपकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक स्कैनिंग (फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन) की जाती है। यह प्रक्रिया सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत जरूरी है ताकि कोई और व्यक्ति आपकी पहचान से छेड़छाड़ न कर सके।

    पांचवा चरण: फीस का भुगतान करें

    UIDAI के नियमों के अनुसार मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए ₹50 (लगभग) का शुल्क लिया जाता है।
    यह शुल्क केंद्र पर नकद जमा करना होता है। यह फीस हर बार समान रहती है, चाहे आप सिर्फ मोबाइल नंबर अपडेट कर रहे हों या अन्य डिटेल्स।

    छठा चरण: रसीद और URN नंबर प्राप्त करें

    प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एक रसीद दी जाएगी जिसमें Update Request Number (URN) लिखा होगा।
    इस URN की मदद से आप UIDAI की वेबसाइट पर जाकर अपने अपडेट की स्थिति (Status) ट्रैक कर सकते हैं। आमतौर पर 5 से 10 दिनों में आपका नया मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से लिंक हो जाता है।

    आधार अपडेट की स्थिति कैसे जांचें और कब दिखेगा नया नंबर?

    मोबाइल नंबर अपडेट करने के बाद बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि उन्हें कैसे पता चलेगा कि नया नंबर लिंक हो गया है या नहीं।
    UIDAI ने इसके लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा दी है।

    आप https://myaadhaar.uidai.gov.in वेबसाइट पर जाकर “Check Aadhaar Update Status” सेक्शन में जाएं।
    यहां आपको URN नंबर डालना होगा जो आपकी रसीद पर लिखा होगा।
    अगर आपका अपडेट सफल हो गया है, तो वेबसाइट पर “Update Completed Successfully” का संदेश दिखाई देगा।

    इसके बाद आप अपने नए मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त करके यह भी कन्फर्म कर सकते हैं कि अपडेट पूरा हो गया है।
    यदि किसी कारणवश आपका अनुरोध अस्वीकृत हो जाता है, तो आप दोबारा सेवा केंद्र जाकर नया अनुरोध जमा कर सकते हैं।

    महत्वपूर्ण जानकारी:
    UIDAI की तरफ से कोई भी एजेंसी या वेबसाइट घर बैठे मोबाइल नंबर अपडेट की सुविधा नहीं देती। अगर कोई वेबसाइट या व्यक्ति ऐसा दावा करता है, तो यह धोखाधड़ी हो सकती है।
    मोबाइल नंबर अपडेट केवल आधार सेवा केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ ही संभव है।

    आधार से मोबाइल नंबर लिंक होने के फायदे और सावधानियां

    फायदे:

    1. सरकारी योजनाओं का लाभ:
      आधार लिंक मोबाइल नंबर के जरिए आप पीएम किसान योजना, LPG सब्सिडी, पेंशन योजना जैसी सेवाओं का लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकते हैं।
    2. सुरक्षा और वेरिफिकेशन:
      हर OTP आधारित प्रमाणीकरण (जैसे बैंक ट्रांजैक्शन, eKYC, और PAN लिंकिंग) के लिए यह जरूरी है।
    3. ऑनलाइन सुविधाओं की पहुंच:
      UIDAI की e-Aadhaar डाउनलोड, पता बदलने या ईमेल अपडेट जैसी सभी सेवाएं OTP से सत्यापित होती हैं।
    4. डिजिटल पहचान की विश्वसनीयता:
      जब मोबाइल नंबर सही होता है, तो यह आपके डिजिटल सिग्नेचर की तरह काम करता है, जिससे कोई भी अनधिकृत व्यक्ति आपकी पहचान का दुरुपयोग नहीं कर सकता।

    निष्कर्ष

    आधार कार्ड भारत में नागरिकों की पहचान और सरकारी सेवाओं की नींव है। यदि आपका मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा नहीं है या पुराना नंबर बंद हो गया है, तो तुरंत अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाकर इसे अपडेट कराएं।यह प्रक्रिया न केवल आसान है बल्कि आपके लिए भविष्य में कई सरकारी, बैंकिंग और टैक्स सेवाओं का रास्ता खोल देती है।

    UIDAI ने नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा दोनों को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था बनाई है।
    इसलिए देर न करें — आज ही नया मोबाइल नंबर अपने आधार कार्ड से लिंक कराएं और डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं।

  • 5 से 10 नवंबर तक पूरे भारत का मौसम बदलेगा! जानिए कहाँ पड़ेगी ठंड और कहाँ बरसेगी बारिश

    Weather Update:नवंबर का महीना शुरू होते ही देशभर में मौसम का मिज़ाज तेजी से बदलने लगता है। एक तरफ उत्तरी भारत में सुबह-शाम की ठंड बढ़ रही है, तो दूसरी ओर दक्षिण भारत में बारिश का सिलसिला अब भी जारी है। इस बार 5 से 10 नवंबर के बीच मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस हफ्ते भारत के अलग-अलग इलाकों में कैसा रहेगा मौसम — और किन राज्यों में ठंड का असर सबसे ज़्यादा महसूस होगा।

    उत्तर भारत में ठंड की दस्तक — कोहरा और धुंध बढ़ेगी

    दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में इस समय हल्की सर्दी का दौर शुरू हो चुका है। 5 नवंबर से तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आएगी। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 7 से 10 नवंबर के बीच रात का न्यूनतम तापमान 12 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि दिन का अधिकतम तापमान 26 से 29 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा।

    सुबह-सुबह कोहरे और धुंध की परतें अब नजर आने लगी हैं। विशेषकर दिल्ली-एनसीआर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हवा की गुणवत्ता (AQI) भी खराब स्तर पर पहुँच सकती है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों में हल्की ठंडी हवाएं चलने की संभावना है।

    अगर आप सुबह ऑफिस या स्कूल जाते हैं, तो हल्की जैकेट या स्वेटर पहनना बेहतर रहेगा। ड्राइविंग करते समय कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हो सकती है, इसलिए सावधानी जरूरी है।

    मध्य भारत में दिन गर्म, रातें ठंडी — साफ आसमान रहेगा

    मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में इस सप्ताह मौसम शुष्क रहेगा। 5 से 10 नवंबर तक कहीं भी बारिश की संभावना नहीं है। आसमान साफ रहेगा और दिन में हल्की गर्माहट महसूस होगी।दिन का तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि रात में यह घटकर 16 से 18 डिग्री तक पहुँच सकता है। यानी सुबह और शाम के समय हल्की ठंड, जबकि दोपहर में गर्मी का अहसास होगा।नागपुर, भोपाल, इंदौर और रायपुर जैसे शहरों में दिन का मौसम सुहाना रहेगा। हल्की ठंडी हवा चलने से हवा में ताजगी बनी रहेगी।

    दक्षिण भारत में बारिश का दौर — चेन्नई और केरल में भारी बारिश की संभावना

    5 से 10 नवंबर के बीच तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के तटीय इलाकों में बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर और तिरुवनंतपुरम में मॉनसून की आखिरी बारिश देखने को मिलेगी।

    चेन्नई और आसपास के जिलों में 6 से 8 नवंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। वहीं केरल के कुछ हिस्सों में बिजली चमकने और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।दक्षिण भारत के लोग इस समय गर्मी से थोड़ी राहत महसूस करेंगे। बारिश के चलते तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आ सकती है।

    पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में ठंड बढ़ने लगी — बर्फबारी की आहट

    हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में 8 से 10 नवंबर के बीच ऊंचाई वाले इलाकों में पहली हल्की बर्फबारी की संभावना है। खासकर लद्दाख, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और बद्रीनाथ-केदारनाथ क्षेत्रों में तापमान शून्य के करीब पहुँच सकता है।

    यह भी पढ़े:-1 से 4 नवंबर तक देश के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट — मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

    पूर्वोत्तर राज्यों — असम, मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में हल्की बारिश के साथ ठंडी हवाएं चलेंगी। दिन का तापमान 24 से 27 डिग्री और रात का तापमान 15 डिग्री के आसपास रहेगा।यानी 10 नवंबर तक देश के पहाड़ी और पूर्वोत्तर हिस्सों में ठंड की दस्तक पक्की हो जाएगी।

    मौसम का सारांश (5 से 10 नवंबर 2025)

    क्षेत्रमौसम स्थितितापमान (°C)बारिश की संभावना
    उत्तर भारतठंड और धुंध बढ़ेगी12–29नहीं
    मध्य भारतशुष्क और साफ मौसम16–32नहीं
    दक्षिण भारतमध्यम से भारी बारिश22–30हाँ
    पूर्वोत्तर भारतहल्की ठंड और हल्की बारिश15–27हाँ
    पहाड़ी राज्यठंड और बर्फबारी की शुरुआत0–20हाँ

    कुल मिलाकर देखा जाए तो 5 से 10 नवंबर तक पूरे भारत का मौसम परिवर्तन के दौर में रहेगा।

    • उत्तर भारत और पहाड़ी इलाकों में ठंड तेजी से बढ़ेगी।
    • मध्य भारत में मौसम सुहाना और साफ रहेगा।
    • दक्षिण भारत में बारिश का असर जारी रहेगा।
    • पूर्वोत्तर भारत में हल्की ठंड और बर्फबारी की तैयारी शुरू हो चुकी है।

    अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मौसम का ध्यान जरूर रखें — खासकर उत्तर भारत और दक्षिण भारत के यात्रियों के लिए। ठंडी हवाएं और अचानक तापमान में गिरावट आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए जरूरी सावधानियाँ बरतें।

राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई: 110 कर्मियों की बर्खास्तगी, हड़तालियों पर चला गाज

राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई, बिहार में 110 कर्मियों की बर्खास्तगी - हड़ताल पर सख्त कदम

राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई:बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। लंबे समय से चल रही हड़ताल और कामकाज में बाधा डालने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभाग ने सख्त कदम उठाया है। राजस्व विभागविभागीय आदेश के मुताबिक, कुल 110 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, जिनमें विशेष सर्वेक्षण अमीन, कानूनगो, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और लिपिक शामिल हैं। इस फैसले के बाद पूरे बिहार प्रशासनिक हलके में हलचल मच गई है और यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या सरकार आने वाले दिनों में और भी सख्त कदम उठा सकती है।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025: स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन कैसे करें click here

राजस्व विभाग हड़तालियों पर कार्रवाई क्यों हुई?

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पिछले कुछ महीनों से विशेष सर्वेक्षण कार्यों में तेजी लाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन कई जिलों में कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार और हड़ताल का रास्ता अपनाया। विभाग का कहना है कि:

  • हड़ताल की वजह से भूमि सर्वेक्षण कार्य बाधित हो रहे थे।
  • कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स और राजस्व संबंधित योजनाएं अधर में लटक गईं।
  • आम जनता को भूमि रिकॉर्ड और दाखिल-खारिज जैसी सेवाओं में परेशानी हो रही थी।

इसी कारण, सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए हड़तालियों के खिलाफ यह कार्रवाई की।

किन कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त?

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बर्खास्त किए गए कुल 110 कर्मचारियों में अलग-अलग श्रेणी के पदाधिकारी शामिल हैं।

  • 14 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी
  • 16 विशेष सर्वेक्षण कानूनगो
  • 60 विशेष सर्वेक्षण अमीन
  • 20 विशेष सर्वेक्षण लिपिक

इस तरह सभी स्तर पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने यह संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी

राजस्व विभाग विभाग का आधिकारिक बयान

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ किया है कि –“राज्य सरकार विकास कार्यों में बाधा डालने वालों के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रही है। हड़ताल और अनुशासनहीनता को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”विभाग ने साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि यदि आगे भी कोई कर्मचारी कामकाज में बाधा डालने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ भी निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जा सकती है।

आम जनता पर असर

इस हड़ताल और कार्रवाई का सीधा असर आम जनता पर पड़ा है। भूमि सुधार और राजस्व विभाग से जुड़ी सेवाएं आम नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

  • कई लोग जमीन की मापी और दाखिल-खारिज के लिए इंतजार कर रहे थे।
  • हड़ताल की वजह से ऑनलाइन म्यूटेशन और जमीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अटक गई थी।
  • ग्रामीण इलाकों में भूमि विवाद और ज्यादा गहरे हो गए।

अब सरकार की इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कामकाज में तेजी आएगी और जनता को राहत मिलेगी।

विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक और प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि –

  • यह कदम सरकार की कड़े अनुशासन की नीति को दर्शाता है।
  • इससे आने वाले समय में कर्मचारी संगठनों पर भी दबाव बनेगा कि वे कामकाज ठप करने की बजाय संवाद का रास्ता अपनाएं।
  • हालांकि, कुछ लोग इसे कर्मचारियों के अधिकारों पर चोट भी बता रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार को पहले वार्ता से समाधान निकालना चाहिए था।

क्या और होगी कार्रवाई?

सूत्रों की मानें तो यह पहला चरण है। आने वाले दिनों में अगर स्थिति सामान्य नहीं होती है, तो सरकार और भी कर्मचारियों को टारगेट कर सकती है। इसके अलावा, विभाग वैकल्पिक व्यवस्था भी कर रहा है ताकि सर्वेक्षण कार्य और भूमि सुधार योजनाएं समय पर पूरी की जा सकें।राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की इस कार्रवाई ने पूरे राज्य में संदेश दे दिया है कि हड़ताल और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 110 कर्मचारियों की बर्खास्तगी एक बड़ा कदम है, जो आने वाले समय में अन्य सरकारी विभागों के लिए भी मिसाल बन सकता है।यह देखना दिलचस्प होगा कि कर्मचारी संगठनों की अगली रणनीति क्या होगी और क्या सरकार आगे भी इसी तरह की सख्ती बरतती रहेगी।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025: स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

Kannya Utthan yojna 2025

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025:बिहार सरकार लगातार बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए नई योजनाएँ चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (Mukhyamantri Kanya Utthan Yojana 2025)। यह योजना खासकर स्नातक (Graduate) पास छात्राओं के लिए है, जिसमें सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि (Incentive) प्रदान करती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कन्या उत्थान योजना के तहत स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, क्या है पात्रता (Eligibility), आवश्यक दस्तावेज़ (Documents), लाभ (Benefits) और आवेदन की प्रक्रिया (Application Process)।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025 क्या है?

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत राज्य की बेटियों को शिक्षा पूरी करने के बाद आर्थिक सहायता दी जाती है।

Bihar Gradution scholarship 2025: मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना 2025 से छात्राओं को ₹50,000 की स्कॉलरशिप, ऑनलाइन आवेदन शुरू click here

  • स्नातक (Graduate) पास होने पर ₹50,000 की राशि प्रदान की जाती है।
  • यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते (DBT – Direct Benefit Transfer) में भेजी जाती है।
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करना और शिक्षा में समानता लाना है।

योजना के लाभ (Benefits)

1.आर्थिक सहायता: स्नातक पास करने पर छात्राओं को ₹50,000 की सहायता।

2.शिक्षा में प्रोत्साहन: बेटियाँ उच्च शिक्षा की ओर आकर्षित होंगी।

3.महिला सशक्तिकरण: समाज में बेटियों की स्थिति को मजबूत करना।

4.डायरेक्ट बेनिफिट: राशि सीधे छात्रा के बैंक खाते में जाएगी।

पात्रता (Eligibility Criteria)

आवेदक केवल बिहार राज्य की स्थायी निवासी होनी चाहिए।

लाभार्थी स्नातक (Graduate) पास छात्रा हो।

मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त हो।

आवेदिका का बैंक खाता आधार और मोबाइल से लिंक होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)

1.आधार कार्ड

2.स्नातक की मार्कशीट व प्रमाणपत्र

3.निवासी प्रमाण पत्र (Residence Certificate)

4.पासपोर्ट साइज फोटो

5.बैंक पासबुक (Account Number, IFSC Code)

5.मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025: स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें –

Step 1: आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ

  • सबसे पहले आप बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट medhasoft.bih.nic.in पर जाएँ।

Step 2: योजना का चयन करें

  • यहाँ आपको “मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (Graduate Incentive)” का विकल्प मिलेगा।
  • उस पर क्लिक करें।

Step 3: रजिस्ट्रेशन करें

  • अब आपको New Registration पर क्लिक करना होगा।
  • अपना नाम, विश्वविद्यालय, कॉलेज का नाम, रोल नंबर, मोबाइल नंबर और आधार नंबर भरें।

Step 4: डॉक्यूमेंट अपलोड करें

  • सभी आवश्यक दस्तावेज़ (Marksheet, Aadhaar, Bank Passbook) स्कैन करके अपलोड करें।

Step 5: फाइनल सबमिट करें

  • सभी जानकारी सही भरने के बाद Final Submit करें।
  • आवेदन सबमिट करने के बाद आपको एक Acknowledgement Slip मिलेगा।

आवेदन की स्थिति (Application Status) कैसे देखें?

  • वेबसाइट पर जाकर “Application Status” पर क्लिक करें।
  • आवेदन संख्या (Application ID) या रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर आप अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates)

  • आवेदन शुरू होने की तिथि – 24/08/2025
  • आवेदन की अंतिम तिथि – जल्द घोषित होगी

(जैसे ही बिहार सरकार ऑफिशियल डेट जारी करेगी, हम यहां अपडेट करेंगे।)

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025 बिहार की बेटियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना से न केवल बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी, बल्कि समाज में बेटियों की स्थिति भी मजबूत होगी। अगर आपने भी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है, तो जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन करें और इस योजना का लाभ उठाएँ।

FAQ (Frequently Asked Questions)

Q1. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025 में कितनी राशि मिलती है?

स्नातक पास छात्राओं को ₹50,000 की राशि दी जाती है।

Q2. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लिए आवेदन कहाँ से करें?

आवेदन बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट medhasoft.bih.nic.in पर ऑनलाइन किया जाता है।

Q3. क्या यह योजना केवल स्नातक छात्राओं के लिए है?

हाँ, यह योजना केवल स्नातक (Graduate) पास छात्राओं के लिए है।

Q4. पैसे किसके खाते में आते हैं?

राशि सीधे छात्रा के व्यक्तिगत बैंक खाते में DBT के माध्यम से आती है।

Q5. आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?

आवेदन की अंतिम तिथि सरकार द्वारा जल्द जारी की जाएगी।

Bihar Gradution scholarship 2025: मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना 2025 से छात्राओं को ₹50,000 की स्कॉलरशिप, ऑनलाइन आवेदन शुरू

Bihar Gradution scholarship 2025

Bihar Gradution scholarship 2025:बिहार सरकार ने राज्य की बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत स्नातक (Graduation) उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को ₹50,000 की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है।
इसका लाभ लेने के लिए अब छात्राओं को ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।राज्य सरकार ने घोषणा की है कि सोमवार से छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन पोर्टल खुल जाएगा।

  • छात्राओं को पोर्टल पर जाकर अपनी डिटेल भरनी होगी।
  • यूनिवर्सिटी/कॉलेज का रिजल्ट पहले से ही अपलोड किया जा चुका है।
  • आवेदन के बाद पात्र छात्राओं के खाते में सीधे ₹50,000 की राशि भेजी जाएगी।

इस बार आवेदन प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया गया है, ताकि किसी भी छात्रा को दिक्कत न हो।

Bihar Gradution Scholarship 2025,5.65 लाख छात्राओं के रिजल्ट पोर्टल पर अपलोड

बिहार के पारंपरिक विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों से मिली जानकारी के आधार पर सरकार ने लगभग 5.65 लाख छात्राओं के रिजल्ट पोर्टल पर अपलोड कर दिए हैं।
इनमें शामिल हैं –

  • पटना यूनिवर्सिटी
  • पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी
  • ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी
  • बीएन मंडल यूनिवर्सिटी
  • वीकेएसयू आरा
  • एएनएमयू दरभंगा
  • Magadh University

इससे अब सभी छात्राएं आसानी से अपने आवेदन कर पाएंगी और स्कॉलरशिप का लाभ उठा सकेंगी।

Bihar Gradution Scholarship 2025 योजना से अब तक कितनी छात्राओं को लाभ मिला?

राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक –

  • वर्ष 2018 से अब तक लाखों बालिकाओं को इसका लाभ मिल चुका है।
  • सिर्फ 2021-2024 के बीच ही लगभग 1,92,000 छात्राओं को ₹50,000 की राशि दी गई।
  • 2024-2025 में 1,88,341 से ज्यादा छात्राओं को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।

यह योजना राज्य की बेटियों के लिए शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम साबित हो रही है।

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मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना 2025 के मुख्य फायदे

1.आर्थिक सहयोग – स्नातक पूरी करने वाली प्रत्येक बालिका को ₹50,000 की सहायता।

2.उच्च शिक्षा में बढ़ावा – बेटियों को आगे पढ़ाई जारी रखने का अवसर।

3.बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना – शिक्षा पूरी कर रोजगार और करियर के नए अवसर।

4.पारदर्शी प्रक्रिया – आवेदन और राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर।

5.समाज में सकारात्मक बदलाव – बाल विवाह और पढ़ाई छोड़ने की प्रवृत्ति में कमी।

आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

ऑनलाइन आवेदन करते समय छात्राओं को निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे –

  • आधार कार्ड
  • स्नातक उत्तीर्ण प्रमाण पत्र (मार्कशीट)
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • निवास प्रमाण पत्र
  • मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी

Bihar Gradution Scholarship 2025आवेदन प्रक्रिया – स्टेप बाय स्टेप

  1. सबसे पहले बिहार सरकार की आधिकारिक स्कॉलरशिप पोर्टल पर जाएं।
  2. “मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना 2025” विकल्प चुनें।
  3. अपनी यूनिवर्सिटी और रोल नंबर दर्ज करें।
  4. मांगी गई डिटेल भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
  5. आवेदन सबमिट करने के बाद प्रिंट आउट सुरक्षित रखें।

एक नजर में योजना

  • योजना का नाम: मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना
  • शुरूआत: वर्ष 2018
  • लाभार्थी: स्नातक उत्तीर्ण छात्राएं
  • लाभ: ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि
  • आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन
  • उद्देश्य: बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना

सरकार की पहल से बेटियों का भविष्य होगा रोशन

बिहार सरकार का यह कदम बेटियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस योजना से न केवल छात्राओं को पढ़ाई जारी रखने का अवसर मिल रहा है बल्कि वे समाज और परिवार में भी आत्मनिर्भर बन रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी योजनाओं से शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और बेटियों का भविष्य और भी उज्ज्वल बनेगा।

SSC Exam 2025: 59,500 अभ्यर्थियों के लिए जारी हुई सिटी डिटेल्स, जानें कब आएगा एडमिट कार्ड और परीक्षा से जुड़े नियम

SSC Exam 2025

नई दिल्ली: स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) ने अपनी आगामी SSC Exam 2025 से जुड़ा एक बड़ा अपडेट जारी कर दिया है। आयोग ने बताया कि इस बार परीक्षा में करीब 59,500 उम्मीदवार शामिल होंगे। सभी उम्मीदवारों के लिए एग्जाम सिटी डिटेल्स (Exam City Details) जारी कर दी गई हैं। इसका मतलब है कि अब उम्मीदवार यह जान सकते हैं कि उनकी परीक्षा किस शहर में आयोजित होगी।हालांकि, परीक्षा के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज यानी एडमिट कार्ड (Admit Card) अभी जारी नहीं हुए हैं। आयोग ने साफ किया है कि एडमिट कार्ड परीक्षा की तिथि से चार दिन पहले डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे।

SSC Exam 2025 क्या है?

SSC (Staff Selection Commission) भारत सरकार का एक प्रमुख भर्ती आयोग है, जो विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों में ग्रुप ‘B’ और ग्रुप ‘C’ के पदों पर नियुक्तियां करता है। हर साल लाखों छात्र-छात्राएं SSC की परीक्षाओं में शामिल होते हैं।SSC Exam 2025 भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जिसके लिए देशभर से लगभग 59,500 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। यह परीक्षा ऑनलाइन मोड (Computer Based Test – CBT) में आयोजित की जाएगी।

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कब और कैसे देखें सिटी डिटेल्स?

SSC ने उम्मीदवारों के लिए एग्जाम सिटी डिटेल्स जारी कर दी हैं। यह जानने के लिए उम्मीदवारों को नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करना होगा –

  1. सबसे पहले SSC की आधिकारिक वेबसाइट ssc.nic.in पर जाएं।
  2. वहां होम पेज पर दिए गए Admit Card / Application Status लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपने रजिस्ट्रेशन नंबर/रोल नंबर और पासवर्ड/जन्मतिथि डालकर लॉगिन करें।
  4. लॉगिन करने के बाद आपके सामने एग्जाम सिटी और एग्जाम डेट की जानकारी आ जाएगी।

ध्यान दें कि यह केवल परीक्षा केंद्र (City Details) की जानकारी है। इसमें परीक्षा स्थल का पूरा पता और प्रवेश पत्र शामिल नहीं होता।

एडमिट कार्ड कब जारी होगा?

SSC ने स्पष्ट कर दिया है कि एडमिट कार्ड परीक्षा से 4 दिन पहले जारी होगा।

  • उम्मीदवार इसे केवल अपनी रीजनल SSC वेबसाइट से डाउनलोड कर पाएंगे।
  • एडमिट कार्ड में निम्नलिखित जानकारियां दी जाएंगी –
    • परीक्षा केंद्र का पूरा पता
    • परीक्षा की तिथि और शिफ्ट
    • रिपोर्टिंग टाइम
    • परीक्षा से जुड़े निर्देश

बिना एडमिट कार्ड के किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं मिलेगा।

SSC Exam 2025 में शामिल होंगे 59,500 उम्मीदवार

इस बार देशभर से करीब 59,500 उम्मीदवार SSC परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। यह परीक्षा उम्मीदवारों के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इसके जरिए उन्हें सरकारी नौकरी पाने का मौका मिलता है।

  • प्रश्नपत्र ऑब्जेक्टिव टाइप (MCQs) होंगे।
  • पेपर को हल करने के लिए अभ्यर्थियों को निर्धारित समय मिलेगा।
  • इसमें जनरल नॉलेज, रीजनिंग, इंग्लिश और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड जैसे सेक्शन शामिल होंगे।
  • निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान रहेगा, यानी गलत उत्तर पर अंक काटे जाएंगे।

परीक्षा के दौरान पालन करने वाले नियम और अभ्यर्थियों के लिए खास टिप्स

SSC ने अभ्यर्थियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइंस भी जारी की हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है:

  1. उम्मीदवार को परीक्षा केंद्र पर समय से पहले पहुंचना होगा।
  2. एडमिट कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और एक वैध पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी) साथ लाना जरूरी होगा।
  3. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, ब्लूटूथ डिवाइस और कैलकुलेटर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
  4. परीक्षा हॉल में शांति बनाए रखना होगा और किसी भी प्रकार की नकल या अनुशासनहीनता पर कार्रवाई होगी।

SSC Exam 2025 में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए कुछ उपयोगी सुझाव –

  • एडमिट कार्ड डाउनलोड करते ही उसकी एक से ज्यादा कॉपी प्रिंट कर लें।
  • परीक्षा केंद्र तक पहुंचने का मार्ग पहले से चेक कर लें ताकि परीक्षा वाले दिन देरी न हो।
  • परीक्षा से एक दिन पहले अच्छी नींद लें और शांत मन से परीक्षा दें।
  • परीक्षा हॉल में केवल जरूरी सामान ही लेकर जाएं।

SSC Exam 2025 का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर यह है कि सिटी डिटेल्स जारी हो चुकी हैं। अब सभी उम्मीदवार अपने शहर और एग्जाम डेट की जानकारी देख सकते हैं। वहीं, एडमिट कार्ड परीक्षा की तारीख से 4 दिन पहले डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध होंगे।उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर SSC की आधिकारिक वेबसाइट चेक करते रहें और परीक्षा से जुड़े सभी नियमों का पालन करें।

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो 2025: गंगा पर सवारी का नया सफर, किराया, रूट और लॉन्च की पूरी डिटेल

Patna Metro Launch 2025: 15 अगस्त को नहीं, अब 23 अगस्त से दौड़ेगी मेट्रो | रूट, किराया, समय

बिहार की राजधानी पटना और पास के हाजीपुर के बीच रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। मौजूदा समय में पुल और सड़क मार्गों पर बढ़ते ट्रैफिक जाम ने आम लोगों को काफी परेशान कर रखा है। इसी समस्या का समाधान देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है – पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट। यह योजना केरल के कोच्चि वॉटर मेट्रो की तर्ज पर विकसित की जा रही है और आने वाले वर्षों में यह गंगा नदी पर तेज, सस्ता और पर्यावरण-हितैषी परिवहन का जरिया बनेगी।

वॉटर मेट्रो की खासियतें और रूट डिटेल

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो को गंगा नदी पर चलाने की योजना है। इसमें इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड तकनीक से चलने वाले आधुनिक बोट्स का इस्तेमाल होगा।

  • रूट नेटवर्क:
    • पहलेजा घाट ↔ दीघा घाट – लगभग 10.62 किमी
    • दीघा घाट ↔ NIT घाट – लगभग 6.63 किमी
    • NIT घाट ↔ हरिहरनाथ घाट – लगभग 8.32 किमी
    • NIT घाट ↔ कंगन घाट – लगभग 7 किमी
    • कंगन घाट ↔ बिदुपुर घाट – लगभग 10.7 किमी
      कुल मिलाकर लगभग 50 किमी का वॉटर मेट्रो नेटवर्क बनेगा, जो पटना को वैशाली और छपरा जैसे इलाकों से जोड़ेगा।
  • यात्रियों की क्षमता: एक नाव में लगभग 100 यात्री (50 बैठने वाले और 50 खड़े होकर) यात्रा कर पाएंगे।
  • किराया: शुरुआती प्रस्ताव के मुताबिक किराया केवल ₹20 से ₹40 के बीच होगा, जो दिल्ली या अन्य मेट्रो से काफी सस्ता होगा।
  • सुविधाएँ: डिजिटल टिकटिंग, एयर-कंडीशन केबिन, CCTV कैमरे और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।

परियोजना की प्रगति और लॉन्च टाइमलाइन

बिहार सरकार और केंद्रीय पोर्ट्स, शिपिंग एवं वॉटरवेज मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को मिलकर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।

  • सर्वेक्षण और DPR:
    Kochi Metro Rail Ltd (KMRL) की टीम ने पटना, हाजीपुर, सोनपुर और दीघा के घाटों का सर्वे पूरा किया है। इसमें नदी की गहराई, धारा और मौसम के प्रभाव का हाइड्रोग्राफिक अध्ययन शामिल है।
  • DPR (Detailed Project Report):
    उम्मीद है कि दिसंबर 2025 तक DPR तैयार हो जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य की शुरुआत होगी।
  • लॉन्च टाइमलाइन:
    अगर सबकुछ योजनानुसार रहा तो यह प्रोजेक्ट साल 2026 तक आम जनता के लिए शुरू हो सकता है।
  • फंडिंग:
    इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त निवेश से तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसमें PPP (Public Private Partnership) मॉडल का भी इस्तेमाल होगा।

वॉटर मेट्रो का महत्व और बिहार पर असर

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो केवल एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि बिहार के शहरी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।

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  1. ट्रैफिक जाम से राहत:
    गांधी सेतु और अन्य पुलों पर रोजाना भारी जाम लगता है। वॉटर मेट्रो शुरू होने के बाद यात्रा का समय कम होगा और सड़क पर दबाव घटेगा।
  2. पर्यावरण-हितैषी परिवहन:
    इलेक्ट्रिक बोट्स प्रदूषण नहीं फैलाएंगी। इससे गंगा की स्वच्छता और वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक असर होगा।
  3. पर्यटन को बढ़ावा:
    गंगा नदी पर आधुनिक वॉटर मेट्रो चलने से पटना का पर्यटन आकर्षण और बढ़ेगा। स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को यह नया अनुभव मिलेगा।
  4. आर्थिक विकास:
    इस परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। घाटों और टर्मिनलों के विकास से आस-पास के इलाकों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा।
  5. किफायती यात्रा:
    केवल ₹20 से ₹40 के किराए में लोग आरामदायक और तेज सफर कर पाएंगे, जिससे यह गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए भी सुलभ होगा।

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो बिहार के लिए एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट साबित हो सकता है। यह न केवल गंगा नदी पर आधुनिक परिवहन का नया विकल्प देगा बल्कि ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और समय की बर्बादी जैसी समस्याओं का भी समाधान बनेगा। सरकार की योजना है कि 2026 तक यह सेवा आम जनता के लिए शुरू कर दी जाए। अगर यह योजना समय पर पूरी हो जाती है, तो यह बिहार की शहरी छवि बदलने वाला प्रोजेक्ट होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।

खेसारी लाल यादव का चौंकाने वाला बयान: सेमीकंडक्टर बाहर, बिहार को मिली सिर्फ ट्रेन!

"खेसारी लाल यादव का बड़ा बयान – सेमीकंडक्टर बाहर, ट्रेन बिहार के लिए"

भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव सिर्फ फिल्मों और गानों तक सीमित नहीं हैं। वे समय-समय पर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखते हैं। हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट कर बिहार की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। खेसारी ने रोजगार, पलायन और बिहार की उपेक्षा पर सीधा सवाल उठाया। उनका कहना है कि बिहार से लाखों लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख करने को मजबूर हैं, जबकि यहां बड़े उद्योग और रोजगार के अवसर नहीं लाए जा रहे।

खेसारी लाल यादव ने क्या कहा?

खेसारी लाल यादव ने अपने ट्वीट में लिखा:फिर बोलेगा लोग की खेसरिया बहुत बोल रहा हैं। ढोल पीटने से पहले ये सोच लेते की बिहार से कितने लोगों को दूसरे राज्यों में काम करने जाना पड़ता हैं। पूछियेगा अपने रिश्तेदार से की कन्फर्म टिकट भी मिला या नहीं इतना के बाद? सेमीकंडक्टर प्लांट दूसरे राज्य में लागता, जबकि अमृत भारत ट्रेन बिहार के लिए। ठीक हैं।”उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और बिहार की विकास यात्रा पर फिर से बहस छिड़ गई।

पलायन और रोजगार की समस्या

बिहार में रोजगार की कमी कोई नई बात नहीं है। हर साल लाखों युवक और कामगार दिल्ली, मुंबई, पंजाब, गुजरात और साउथ भारत के राज्यों में काम की तलाश में जाते हैं। खेसारी ने इसी समस्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब बिहार से इतनी बड़ी संख्या में लोग बाहर जाते हैं, तो नेताओं को इसका समाधान खोजना चाहिए।रेलवे टिकट की कठिनाई का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग कन्फर्म टिकट तक नहीं पा पाते, जो इस पलायन की भयावह स्थिति को दर्शाता है।

सेमीकंडक्टर प्लांट और बिहार की उपेक्षा

खेसारी के ट्वीट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह रहा कि उन्होंने सेमीकंडक्टर प्लांट पर सवाल उठाया। भारत सरकार ने हाल ही में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को लेकर बड़े निवेश की घोषणा की है और गुजरात सहित कुछ राज्यों में इसकी यूनिट स्थापित की जा रही है।

लेकिन खेसारी का कहना है कि आखिर क्यों बिहार को ऐसे अवसरों से वंचित रखा जाता है?

  • अगर सेमीकंडक्टर प्लांट बिहार में लगाया जाता तो लाखों युवाओं को रोजगार मिल सकता था।
  • इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती और पलायन की समस्या भी कुछ हद तक सुलझती।
  • साथ ही, बिहार के इंजीनियरिंग और तकनीकी छात्रों को अपने ही राज्य में बेहतर मौके मिल पाते।

उनके मुताबिक, बिहार को सिर्फ ट्रेन जैसी परियोजनाएँ देकर खुश कर दिया जाता है, जबकि उद्योगों और बड़े निवेश की असली ज़रूरत पर ध्यान नहीं दिया जाता।

अमृत भारत ट्रेन और राजनीतिक व्यंग्य

खेसारी ने ट्वीट में लिखा कि “सेमीकंडक्टर प्लांट बाहर, अमृत भारत ट्रेन बिहार के लिए”। इस कथन में उनका सीधा इशारा राजनीति पर था।

  • बिहार को बार-बार रेलवे, ट्रेन और बुनियादी ढाँचे की योजनाओं से जोड़ा जाता है।
  • लेकिन जिस स्तर के निवेश और उद्योग राज्य को चाहिए, वे दूसरे राज्यों में जाते हैं।
  • इसका सीधा असर बिहार की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य पर पड़ता है।

खेसारी ने यह व्यंग्य करते हुए बताया कि बिहार को “सिर्फ ट्रेन” नहीं चाहिए, बल्कि रोजगार, उद्योग और विकास चाहिए।खेसारी लाल यादव का यह ट्वीट सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि बिहार की जमीनी हकीकत की गवाही है।

  • रोजगार की कमी
  • लगातार पलायन
  • उद्योग और निवेश का अभाव

ये समस्याएँ आज भी बिहार के सामने सबसे बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। खेसारी ने अपनी बात कहकर उन लाखों बिहारी युवाओं की आवाज़ को सामने रखा है, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अपने घर से दूर जाते हैं।

Khesari Lal Yadav’s statement questions why Bihar is deprived of opportunities. According to him, Bihar is content with projects like trains but neglects the real need for industries and significant investments. In a tweet, Khesari referenced “Semi-conductor plant out, Amrit Bharat Train for Bihar” as a political satire, highlighting Bihar’s need for more than just trains, emphasizing the necessity for employment, industries, and development. This tweet by Khesari Lal Yadav goes beyond being a mere statement, serving as a testimony to the ground reality of Bihar’s challenges. These issues continue to pose significant hurdles in Bihar’s progress, resonating with the voices of millions of Bihari youths seeking a brighter future.

तेज प्रताप यादव का मनेर में बड़ा बयान: भाई वीरेंद्र पर साधा निशाना, कहा- “बैलवा बेलगाम घूम रहा है, इसे नाथना होगा”

"तेज प्रताप यादव मनेर और बैलवा उपचुनाव 2025 में प्रचार करते हुए"

बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल बढ़ गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने मनेर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र पर तीखा हमला बोला और कार्यकर्ताओं से अपील की कि इस बार चुनाव में उन्हें हराकर दिखाएं।तेज प्रताप यादव के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में चर्चा तेज हो गई है। आइए जानते हैं पूरा मामला

मनेर में तेज प्रताप यादव का बयान: “बैलवा बेलगाम घूम रहा है”

मनेर में आयोजित एक राजनीतिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे तेज प्रताप यादव ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को जोशीला संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज मनेर में एक “बैलवा बेलगाम” घूम रहा है, जिसे नाथने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र की ओर था।

तेज प्रताप ने कहा कि मनेर की जनता को अब जागरूक होना पड़ेगा और ऐसे नेताओं को सबक सिखाना होगा जो जनता के बीच रहकर जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करते। उन्होंने कहा कि जनता का प्यार और आशीर्वाद असली ताकत है और जनता चाहे तो किसी भी “बेलगाम बैल” को चुनाव में हराकर सबक सिखा सकती है| उनके इस बयान को लेकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोगों ने तालियों और नारों के साथ स्वागत किया।

भाई वीरेंद्र और तेज प्रताप यादव के बीच का राजनीतिक मतभेद

भाई वीरेंद्र, जो कि मनेर विधानसभा से राजद विधायक हैं, कई बार अपनी बेबाकी और बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर पार्टी के अंदर की नीतियों और नेताओं पर सवाल उठाए हैं। यही कारण है कि उनका और तेज प्रताप यादव का राजनीतिक टकराव किसी से छिपा नहीं है।तेज प्रताप यादव और भाई वीरेंद्र के बीच पिछले कई सालों से संबंध ठीक नहीं रहे। भाई वीरेंद्र को लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता है, लेकिन उनका खुलकर बयानबाजी करना और पार्टी लाइन से हटकर बोलना कई बार विवाद का कारण बना है।तेज प्रताप का मनेर में दिया गया यह बयान इसी मतभेद की ओर इशारा करता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए यह बयान उनके “राजनीतिक भविष्य” से जुड़ा हुआ है।

बिहार चुनाव 2025: मनेर सीट पर अब सियासी घमासान तय

तेज प्रताप यादव के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि मनेर विधानसभा सीट 2025 के चुनाव में खास चर्चा में रहने वाली है। अगर तेज प्रताप खुले तौर पर भाई वीरेंद्र के खिलाफ मैदान में उतरते हैं या किसी दूसरे उम्मीदवार को समर्थन देते हैं, तो राजद के अंदरूनी संघर्ष का असर सीधा चुनावी नतीजों पर पड़ेगा।मनेर विधानसभा सीट पर अभी तक राजद का दबदबा रहा है, लेकिन तेज प्रताप यादव के इस बयान के बाद जनता और कार्यकर्ताओं में नई हलचल है। कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि क्या इस बार भाई वीरेंद्र को पार्टी टिकट मिलेगा या फिर तेज प्रताप यादव की नाराजगी के चलते किसी नए चेहरे को उतारा जाएगा।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर राजद ने समय रहते मतभेद को दूर नहीं किया, तो इसका नुकसान 2025 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है। मनेर सीट पर एनडीए भी लगातार सक्रिय है और बीजेपी-जेडीयू इस क्षेत्र में अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी हुई है।

तेज प्रताप यादव का यह बयान केवल एक व्यक्तिगत हमला नहीं बल्कि आने वाले चुनाव की दिशा और दशा तय करने वाला संकेत है। “बैलवा बेलगाम घूम रहा है” जैसी उपमा देकर उन्होंने साफ कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर “बागी सुरों” को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।

मनेर विधानसभा सीट अब बिहार चुनाव 2025 का एक “हॉटस्पॉट” बनने जा रही है। जहां एक तरफ भाई वीरेंद्र अपनी साख बचाने की लड़ाई लड़ेंगे, वहीं दूसरी तरफ तेज प्रताप यादव अपने समर्थकों के साथ राजनीतिक भविष्य का नया रास्ता बनाने की कोशिश करेंगे।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राजद इन मतभेदों को सुलझा पाएगी या फिर यह अंदरूनी लड़ाई विपक्ष के लिए “फायदे का सौदा” साबित होगी।