अश्विनी कुमार पांडा घूसकांड:भारत में भ्रष्टाचार कोई नया विषय नहीं है। आम जनता से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारियों तक, रिश्वतखोरी की घटनाएँ आए दिन सामने आती रहती हैं। हाल ही में एक और मामला प्रकाश में आया है जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र को शर्मसार कर दिया। तहसीलदार अश्विनी कुमार पांडा को विजिलेंस टीम ने मात्र 15,000 रुपये की घूस लेते रंगे हाथों दबोच लिया। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि किस तरह कुछ अधिकारी अपनी ईमानदारी को छोटे-छोटे पैसों में बेच देते हैं।
विजिलेंस 15,000 की घूस पर रंगे हाथों गिरे अधिकारी
विजिलेंस की टीम ने तहसीलदार अश्विनी कुमार पांडा को जाल बिछाकर पकड़ा। शिकायतकर्ता ने बताया था कि पांडा साहब काम कराने के बदले 15,000 रुपये रिश्वत मांग रहे थे। इसके बाद विजिलेंस ने कार्रवाई की और जैसे ही पैसे हाथ में आए, अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया। इतनी छोटी रकम में पकड़े जाने की खबर ने सोशल मीडिया पर लोगों को चौंका दिया। कई यूज़र्स ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “टॉपर रहकर भी इतना गिर जाना शर्म की बात है।”
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भ्रष्टाचार की जड़ें और जनता का आक्रोश
इस घटना के बाद जनता के मन में आक्रोश और गुस्सा देखा गया। लोगों ने सवाल उठाया कि जब शिक्षित और टॉपर अधिकारी ही इस तरह घूसखोरी में लिप्त पाए जाते हैं, तो आम आदमी किससे न्याय की उम्मीद करे? भ्रष्टाचार न केवल सरकारी कामकाज की गति को धीमा करता है, बल्कि जनता का विश्वास भी खत्म करता है। यही कारण है कि विजिलेंस जैसी एजेंसियों का काम बेहद अहम माना जाता है।
कड़ी सज़ा और सख्त कार्रवाई की मांग
सोशल मीडिया पर लगातार यह मांग उठ रही है कि सिर्फ गिरफ्तारी से काम नहीं चलेगा, बल्कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कई लोग यह भी कह रहे हैं कि जब तक सख्त सज़ा नहीं मिलेगी, तब तक भ्रष्टाचार की जड़ें खत्म नहीं होंगी। कानून विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में त्वरित अदालत (Fast Track Court) के माध्यम से सुनवाई कर दोषियों को उदाहरण स्वरूप सज़ा देनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी ऐसी गलती करने की हिम्मत न करे।
पटना से एक ऐसी खबर आई जिसने पूरे बिहार को चौंका दिया। यहाँ के सर्किल ऑफिसर (CO साहब) ने एक नया आंदोलन छेड़ दिया है। आंदोलन की मांगें किसी आम कर्मचारी से जुड़ी नहीं हैं, बल्कि सीधे-सीधे रिश्वत लेने को वैध अधिकार घोषित करने की बात कही गई है। उनका कहना है कि उन्हें घूस लेने की पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए और अगर कभी पकड़े भी जाएँ तो कार्रवाई निगरानी विभाग पर होनी चाहिए।
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इस बयान ने लोगों को हैरान कर दिया। आम जनता पहले से ही सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी से परेशान है, ऐसे में जब कोई अधिकारी इसे आंदोलन की मांग बना दे तो यह पूरे सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
लोग सोशल मीडिया पर इसे लेकर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग इसे व्यंग्यात्मक आंदोलन बता रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं कि यह भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करने का एक तरीका है।
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बिहार में भ्रष्टाचार: एक जमीनी हकीकत
बिहार लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहा है। सरकारी दफ्तरों में छोटे से काम के लिए भी रिश्वत देना आम बात बन चुकी है। चाहे जमीन का दाखिल-खारिज हो, जाति प्रमाण पत्र बनवाना हो या फिर किसी सरकारी योजना का लाभ लेना हो, हर जगह आम जनता को पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
निगरानी विभाग (Vigilance Department) समय-समय पर छापेमारी करता है और कई अधिकारियों को रंगे हाथ घूस लेते हुए पकड़ता भी है। इसके बावजूद हालात ज्यादा नहीं बदलते।
CO साहब की इस कथित मांग ने इसी सच्चाई को और उजागर किया है। यह बयान इस बात का संकेत है कि अब भ्रष्टाचार को छुपाया नहीं जा रहा बल्कि इसे “अधिकार” बनाकर पेश किया जा रहा है।
लोगों के बीच इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग कहते हैं कि अगर भ्रष्टाचार पर सख्ती नहीं हुई तो आने वाले समय में यह सामाजिक स्वीकार्यता पा लेगा, जिससे पूरा प्रशासनिक ढांचा कमजोर हो जाएगा।
जनता का विरोध और जागरूकता की नई लहर
CO साहब के आंदोलन की खबर सामने आते ही जनता में आक्रोश फैल गया। लोग कह रहे हैं कि अगर सरकारी अफसर ही रिश्वत को वैध बनाने की मांग करने लगेंगे तो आम नागरिक का भविष्य क्या होगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग इस आंदोलन का मज़ाक भी उड़ा रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि अब “घूस लेना कोई अपराध नहीं बल्कि सेवा शुल्क” समझा जाएगा। वहीं कुछ नागरिकों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ नई जागरूकता फैलाने का अवसर बताया।
छात्र संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा इस मुद्दे को लेकर सड़क पर भी उतर सकते हैं। लोगों का मानना है कि अब समय आ गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कानून और पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाए।
यदि इस तरह की मांगों को मज़ाक में भी स्वीकार किया गया तो यह आने वाली पीढ़ियों को गलत संदेश देगा। इसलिए जनता ने तय किया है कि इसे केवल व्यंग्य मानकर छोड़ना नहीं चाहिए बल्कि इसे अवसर मानकर भ्रष्टाचार के खिलाफ जनआंदोलन छेड़ना चाहिए।
पटना में CO साहब के आंदोलन की खबर भले ही व्यंग्यात्मक और अजीब लगे, लेकिन इसने एक गंभीर मुद्दे को फिर से सामने ला दिया है। बिहार ही नहीं, पूरे देश में भ्रष्टाचार समाज की सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे समय में जनता की जागरूकता और कड़ा कानून ही इस समस्या का स्थायी समाधान साबित हो सकता है।
Bihar Board Intermediate Exam 2027:बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2027 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने की सूचना दी है। यह रजिस्ट्रेशन उन्हीं छात्रों के लिए अनिवार्य है जो वर्ष 2025 में 11वीं कक्षा में नामांकित हैं और आगे 2027 में इंटरमीडिएट परीक्षा में बैठने वाले हैं। बोर्ड का कहना है कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और छात्रों को इसके लिए अपने स्कूल या कॉलेज से संपर्क बनाए रखना होगा। बोर्ड का यह कदम परीक्षा की पारदर्शिता और व्यवस्थापन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस प्रक्रिया से न केवल छात्रों को सुविधा होगी बल्कि स्कूलों और बोर्ड को भी डेटा प्रबंधन में आसानी होगी।
इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2027 में शामिल होने के लिए केवल वे छात्र पात्र होंगे जिन्होंने सत्र 2025-27 में 11वीं कक्षा में नामांकन लिया है। बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी छात्र को परीक्षा में शामिल होने के लिएऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है, बिना इसके परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। यही कारण है कि स्कूलों को भी निर्देश दिया गया है कि वे सभी छात्रों का नामांकन विवरण समय पर बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करवाएँ। छात्रों के लिए यह पंजीकरण इसलिए भी अहम है
इससे उनका नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम और अन्य शैक्षणिक विवरण स्थायी रूप से बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है। यही विवरण बाद में एडमिट कार्ड, मार्कशीट और सर्टिफिकेट पर छपते हैं। यदि कोई छात्र समय रहते रजिस्ट्रेशन नहीं करता तो भविष्य में एडमिट कार्ड जारी होने में दिक़्क़त हो सकती है और परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है। यही वजह है कि इस प्रक्रिया को गंभीरता से लेना ज़रूरी है।
Bihar Board Intermediate Exam 2027,रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और ज़रूरी दस्तावेज़
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि छात्रों को व्यक्तिगत रूप से रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के बजाय अपने विद्यालय या कॉलेज के माध्यम से यह कार्य करना होगा। प्रत्येक संस्था के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी छात्रों से आवश्यक दस्तावेज़ समय पर एकत्र करें और उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करें। छात्रों को पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी, जन्मतिथि प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट और स्कूल का पहचान पत्र जमा करना होगा। इसके साथ ही, आवेदन शुल्क का भुगतान भी विद्यालय के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा।
जिन छात्रों की जानकारी गलत दर्ज हो जाती है, उनके लिए सुधार का अवसर बाद में दिया जाएगा लेकिन इसके लिए अलग से शुल्क देना होगा। इसलिए सलाह दी जाती है कि छात्र अपने सभी दस्तावेज़ ध्यान से जमा करें और नाम, जन्मतिथि आदि की जाँच कर लें।
इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने का उद्देश्य यह है कि कागज़ी कार्यवाही कम हो और छात्रों को लंबी कतारों से बचाया जा सके। अब केवल कुछ क्लिक में छात्र का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से बोर्ड के डेटाबेस में संग्रहीत रहेगा। डिजिटल इंडिया की पहल को ध्यान में रखते हुए बिहार बोर्ड का यह प्रयास राज्य के लाखों छात्रों के लिए एक बड़ी सुविधा है।
आवेदन की प्रक्रियाएँ और आवश्यक दस्तावेज
प्रत्येक छात्र को आवेदन भरते समय निम्नलिखित प्रक्रियाओं और दस्तावेजों का ध्यान रखना चाहिए:
समय सीमा: आवेदन की अंतिम तिथि, समय सीमा और अन्य संबंधित निर्देश BSEB द्वारा जल्द ही जारी किए जाएंगे।
ऑनलाइन पोर्टल: आवेदन BSEB की आधिकारिक वेबसाइट पर बने पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से होगा।
आवेदन शुल्क: शुल्क की राशि एवं भुगतान विधि की जानकारी समय रहते सार्वजनिक की जाएगी; इलेक्ट्रॉनिक भुगतान (ऑनलाइन बैंकिंग / क्रेडिट-डेबिट कार्ड / UPI आदि) मान्य हो सकती है।
दस्तावेज़: छात्रों को निम्नलिखित दस्तावेज़ों की स्कैन या फोटो प्रतियाँ तैयार रखनी होंगी:
विद्यालय का छात्र परिचय पत्र
पिछले परीक्षा प्रमाण पत्र या परीक्षा परिणाम (यदि लागू हो)
Bihar Weekly Weather Forecast 12–18 September 2025: बिहार में सितंबर का महीना मानसून के आख़िरी दौर के साथ आता है। इस समय बारिश, उमस और बदलते मौसम का असर लोगों की दिनचर्या और खेती-किसानी पर गहरा पड़ता है। इस हफ़्ते (12 सितम्बर से 18 सितम्बर 2025) तक राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक़ अगले सात दिनों तक बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में बूंदाबांदी या तेज़ बारिश का असर दिखेगा। अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान 24 से 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
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दैनिक पूर्वानुमान: 12 से 18 सितम्बर तक बिहार का मौसम कैसा रहेगा?
12 सितम्बर (शुक्रवार)
सुबह हल्की बारिश और बादल छाए रहने की संभावना है। दोपहर के बाद मौसम साफ हो सकता है और बादल-धूप मिश्रित वातावरण रहेगा। अधिकतम तापमान 33°C और न्यूनतम तापमान 26°C के आसपास रहेगा।
दिनभर बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होगी। किसानों के लिए यह दिन धान की रोपाई और खेतों की देखभाल के लिए अनुकूल माना जा रहा है।
14 सितम्बर (रविवार)
सुबह हल्की बारिश और शाम को फिर से बूंदाबांदी की संभावना है। इस दिन अधिकतम तापमान 31°C और न्यूनतम 26°C रहेगा।
15 सितम्बर (सोमवार)
दोपहर के समय हल्की बारिश हो सकती है। बाकी समय बादल छाए रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 31°C और न्यूनतम 26°C।
16 सितम्बर (मंगलवार)
कई हिस्सों में तेज़ बारिश हो सकती है। इससे सड़क यातायात और ग्रामीण इलाकों में जलभराव की समस्या देखने को मिल सकती है।
17 सितम्बर (बुधवार)
तेज़ बारिश के आसार बने हुए हैं। मौसम विभाग ने कुछ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
18 सितम्बर (गुरुवार)
दिनभर बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की बारिश होगी। तापमान 30°C के आसपास रहेगा।
किसानों और आम जनता पर असर
बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और सितंबर महीने में धान की फसल का सीधा असर मौसम से जुड़ा होता है। इस हफ़्ते की बारिश किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि धान और मक्का की फसल को पर्याप्त नमी मिलेगी।
धान की खेती: हल्की बारिश खेतों में पानी बनाए रखेगी, जिससे धान की बढ़त होगी।
सब्ज़ियों की खेती: लगातार बारिश से कीट-पतंगों का प्रकोप बढ़ सकता है, इसलिए किसानों को सतर्क रहने की सलाह है।
ग्रामीण इलाक़े: बारिश से तालाब और नदियाँ भरेंगी, जिससे पेयजल संकट कम होगा।
आम जनता के लिए यह हफ़्ता थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि लगातार बारिश से सड़कें गीली रहेंगी, ट्रैफिक जाम और जलभराव की समस्या बढ़ेगी।
बारिश और उमस के बीच स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है।
यात्रा के दौरान सावधानी: छाता या रेनकोट साथ रखें और पानी भरी सड़कों से बचें।
स्वास्थ्य सुरक्षा: उमस और नमी से डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों का ख़तरा बढ़ सकता है। मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और साफ पानी पिएँ।
किसानों के लिए सलाह: फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव समय-समय पर करें और खेतों में जल निकासी की व्यवस्था रखें।
शहरी इलाक़ों में: बिजली कटौती और नेटवर्क की समस्या बनी रह सकती है, इसलिए पहले से बैकअप रखें।
अगले सात दिनों में बिहार का मौसमबदलता रहेगा—कभी हल्की बारिश तो कभी तेज़ बूंदाबांदी। किसानों के लिए यह बारिश राहत भरी होगी, लेकिन शहरी इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएँ भी सामने आएँगी। मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट पर नज़र बनाए रखना ज़रूरी है ताकि किसी आपात स्थिति में पहले से तैयारी की जा सके।
IND vs UAE: एशिया कप T20 2025 में भारतीय टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए यूएई को एकतरफा मुकाबले में हरा दिया। यह जीत खास इसलिए रही क्योंकि गेंदों के लिहाज से यह भारत की एशिया कप T20 इतिहास की सबसे बड़ी जीत साबित हुई। भारतीय गेंदबाजों ने अपने कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन कर विपक्षी टीम को बेहद कम स्कोर पर रोक दिया, जिसके बाद बल्लेबाजों ने जिम्मेदारी से खेल दिखाते हुए आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया। यह मुकाबला भारतीय क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
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बल्लेबाजों का जिम्मेदाराना और तेज खेल
कम स्कोर का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजों ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। कप्तान और सलामी बल्लेबाज ने मिलकर तेज रन बनाए और लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल करने की रणनीति अपनाई। टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों ने चौके-छक्कों की झड़ी लगाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
भारतीय बल्लेबाजों ने यह दिखा दिया कि टीम सिर्फ गेंदबाजी पर ही निर्भर नहीं है, बल्कि बल्लेबाजी में भी किसी भी लक्ष्य को आसानी से हासिल करने की क्षमता रखती है। यही कारण रहा कि मुकाबला एकतरफा साबित हुआ और भारत ने गेंदों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत अपने नाम कर ली।
इस दौरान भारतीय बल्लेबाजों ने किसी तरह की लापरवाही नहीं दिखाई। रनरेट को बनाए रखते हुए ताबड़तोड़ शॉट खेले और विपक्षी गेंदबाजों को थकाकर मैदान से बाहर कर दिया। यह जीत न सिर्फ टीम इंडिया के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाली रही, बल्कि इसने टूर्नामेंट में आने वाली टीमों को एक स्पष्ट संदेश भी दे दिया कि भारत को हराना आसान नहीं होगा।
IND vs UAE एशिया कप में भारत की दावेदारी हुई और मजबूत
भारत की यह जीत टूर्नामेंट में उसकी दावेदारी को और मजबूत करती है। गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों का संतुलित प्रदर्शन यह दर्शाता है कि टीम इंडिया का संयोजन बेहद मजबूत है। खासकर गेंदों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड विरोधी टीमों के लिए एक तरह का दबाव होगा।
इस जीत से भारतीय टीम का नेट रन रेट भी काफी बेहतर हुआ है, जो टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिहाज से बेहद अहम है। इसके अलावा खिलाड़ियों का मनोबल भी ऊँचाई पर है, क्योंकि टीम ने हर विभाग में शानदार प्रदर्शन किया है।
भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के लिए यह जीत गर्व का विषय है। यह मुकाबला टीम इंडिया की उस छवि को और पुख्ता करता है, जिसमें वह न सिर्फ मजबूत बल्लेबाजी बल्कि घातक गेंदबाजी के दम पर भी मैच जीतने का दम रखती है।भारत और यूएई के बीच यह मुकाबला भले ही स्कोरकार्ड के लिहाज से छोटा रहा हो, लेकिन इसके नतीजे ने बड़ा संदेश दिया है। भारतीय गेंदबाजों की धार और बल्लेबाजों का आत्मविश्वास इस बात का सबूत है कि टीम इंडिया एशिया कप T20 2025 में खिताब की प्रबल दावेदार है।
IND vs UAE गेंदों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत दर्ज करके टीम इंडिया ने रिकॉर्ड बुक में नया अध्याय जोड़ दिया है।यह जीत दर्शाती है कि भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल अपने शिखर पर है और हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। आने वाले मुकाबलों में सभी की निगाहें टीम इंडिया पर टिकी रहेंगी।
Kshetriya Gramin Bank Recruitment 2025:बैंकिंग सेक्टर में करियर बनाने का सपना देखने वाले लाखों युवाओं के लिए खुशखबरी है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks – RRB) की ओर से साल 2025 में 13217 पदों पर बंपर भर्ती का ऐलान किया गया है। यह अब तक की सबसे बड़ी ग्रामीण बैंकिंग भर्ती मानी जा रही है, जिसमें देशभर के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।
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इस भर्ती प्रक्रिया का आयोजनIBPS(Institute of Banking Personnel Selection) द्वारा किया जाएगा। IBPS हर साल RRB के लिए परीक्षा आयोजित करता है, जिसके जरिए ऑफिस असिस्टेंट (Clerk) और ऑफिसर स्केल-I, स्केल-II तथा स्केल-III पदों पर नियुक्ति होती है। इस बार पदों की संख्या अधिक होने के कारण उम्मीदवारों के चयन की संभावना भी पहले की तुलना में अधिक होगी।
Kshetriya Gramin Bank Recruitment 2025 ग्रामीण बैंकिंग सिस्टम भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, छोटे व्यापारियों और आम जनता तक बैंकिंग सुविधाएं पहुँचाने का काम इन बैंकों द्वारा किया जाता है। इसलिए इसमें नौकरी पाना न सिर्फ स्थाई करियर की गारंटी है बल्कि समाज के विकास में भी योगदान देने का अवसर है।
BPSC TRE-4 Exam 2025: बिहार TRE-4 भर्ती शानदार मौका! 28 हजार पदों पर परीक्षा 16-19 दिसंबर, आवेदन 8 सितंबर से शुरू click here
भर्ती से जुड़ी पूरी जानकारी – पद, योग्यता, आयु सीमा और आवेदन प्रक्रिया
इस भर्ती में कई प्रकार के पद शामिल किए गए हैं, जिनमें से उम्मीदवार अपनी योग्यता और अनुभव के अनुसार आवेदन कर सकते हैं। यहाँ हम इस भर्ती से जुड़ी हर जरूरी जानकारी विस्तार से बता रहे हैं। कुल पदों की संख्या: 13217 पदों के नाम और विवरण:
ऑफिस असिस्टेंट (Clerk)
ऑफिसर स्केल-I
ऑफिसर स्केल-II (General Banking Officer, IT Officer, Chartered Accountant, Marketing Officer, Law Officer, Agriculture Officer आदि)
ऑफिसर स्केल-III
शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification):
ऑफिस असिस्टेंट और ऑफिसर स्केल-I के लिए उम्मीदवार का स्नातक (Graduate) होना जरूरी है।
ऑफिसर स्केल-II और III के लिए स्नातक के साथ संबंधित क्षेत्र में अनुभव या विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
उम्मीदवार को कंप्यूटर का बेसिक नॉलेज होना अनिवार्य है।
स्थानीय भाषा का ज्ञान (Regional Language Proficiency) आवश्यक है।
आयु सीमा (Age Limit):
ऑफिस असिस्टेंट: 18 से 28 वर्ष
ऑफिसर स्केल-I: 18 से 30 वर्ष
ऑफिसर स्केल-II: 21 से 32 वर्ष
ऑफिसर स्केल-III: 21 से 40 वर्ष
(आरक्षित वर्ग को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट मिलेगी।)
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply Kshetriya Gramin Bank Recruitment 2025)
उम्मीदवारों को IBPS की आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
आवेदन शुल्क:
सामान्य/OBC वर्ग: ₹850
SC/ST/PwD वर्ग: ₹175
आवेदन के लिए उम्मीदवार को अपना फोटो, हस्ताक्षर, शैक्षणिक प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
चयन प्रक्रिया (Selection Process):
ऑफिस असिस्टेंट और ऑफिसर स्केल-I के लिए चयन प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) और मुख्य परीक्षा (Mains) के आधार पर होगा।
ऑफिसर स्केल-II और स्केल-III पदों के लिए उम्मीदवारों को सीधे मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में शामिल होना होगा।
अंतिम मेरिट लिस्ट मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों के आधार पर तैयार होगी।
परीक्षा पैटर्न (Exam Pattern):
प्रीलिम्स परीक्षा (Prelims Exam): 45 मिनट की ऑनलाइन परीक्षा, जिसमें रीजनिंग और संख्यात्मक योग्यता (Quantitative Aptitude) शामिल होंगे।
मुख्य परीक्षा (Mains Exam): 2 घंटे की परीक्षा, जिसमें Reasoning, Quantitative Aptitude, General Awareness, English/Hindi Language और Computer Knowledge शामिल होंगे।
इंटरव्यू: केवल ऑफिसर स्केल पदों के लिए।
क्यों खास है यह भर्ती और उम्मीदवारों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
13217 पदों पर होने वाली यह भर्ती युवाओं के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आई है। बैंकिंग सेक्टर में स्थाई नौकरी की चाह रखने वालों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। ग्रामीण बैंकिंग जॉब का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें सैलरी आकर्षक होती है और प्रमोशन के अवसर भी जल्दी मिलते हैं।
सैलरी और सुविधाएँ (Salary & Benefits):
ऑफिस असिस्टेंट (Clerk): लगभग ₹30,000 प्रति माह
ऑफिसर स्केल-I: लगभग ₹45,000 – ₹50,000 प्रति माह
ऑफिसर स्केल-II: ₹55,000 – ₹65,000 प्रति माह
ऑफिसर स्केल-III: ₹70,000 – ₹80,000 प्रति माह
इसके अलावा, कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस (HRA), डियरनेस अलाउंस (DA), मेडिकल सुविधा और अन्य कई भत्ते भी दिए जाते हैं।
आवेदन से पहले ध्यान देने योग्य बातें:
1.उम्मीदवारों को आधिकारिक नोटिफिकेशन ध्यान से पढ़ना चाहिए।
2.आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria) पर खरे उतरते हैं।
3.समय पर आवेदन करें और अंतिम तिथि का इंतजार न करें।
4.परीक्षा की तैयारी के लिए पिछले साल के प्रश्नपत्रों और मॉक टेस्ट का अभ्यास करें।
भारत में बैंकिंग सेवाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाने के लिए ग्रामीण बैंकों की अहम भूमिका है। इस भर्ती के जरिए लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।Kshetriya Gramin Bank Recruitment 2025 देशभर के उम्मीदवारों के लिए बैंकिंग सेक्टर में करियर बनाने का एक बेहतरीन अवसर है। कुल 13217 पदों पर निकली यह भर्ती युवाओं को रोजगार और स्थाई करियर दोनों का भरोसा देती है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर जाकर समय पर आवेदन करें और अपने सपनों को साकार करें।
BPSC TRE-4 Exam 2025:बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए लगातार शिक्षक भर्ती अभियान चलाया है। इसी कड़ी में चौथे चरण की भर्ती यानी TRE-4 (Teacher Recruitment Examination 2025) का आयोजन दिसंबर में किया जाएगा। इस भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 28,000 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी। बिहार शिक्षा विभाग ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर दी है। परीक्षा का आयोजन 16 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक किया जाएगा, जबकि आवेदन प्रक्रिया 8 सितंबर 2025 से शुरू होगी। शिक्षा मंत्री सुशील कुमार ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इस बार पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई तकनीकी उपाय अपनाए जा रहे हैं।
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आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और उम्मीदवारों को Bihar Public Service Commission (BPSC) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी अभ्यर्थियों को ऑनलाइन पंजीकरण करना अनिवार्य होगा और बिना पंजीकरण किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। BPSC TRE-4 Exam 2025 में परीक्षा में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को पूर्व निर्धारित शैक्षिक योग्यता और पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे। इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यर्थियों को पहले STET (State Teacher Eligibility Test) पास करना आवश्यक होगा।
STET की परीक्षा 4 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक आयोजित की जाएगी और इसका रिज़ल्ट 1 नवंबर 2025 तक जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद योग्य उम्मीदवार TRE-4 भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि केवल योग्य और पात्र अभ्यर्थी ही शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में भाग ले सकें। परीक्षा परिणाम का प्रकाशन शिक्षा विभाग ने 20 जनवरी से 24 जनवरी 2026 के बीच करने का लक्ष्य रखा है। इससे चयन प्रक्रिया को तेज़ गति से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
BPSC TRE-4 Exam 2025 अंतर जिला स्थानांतरण और शिक्षकों के लिए नई पहल
बिहार सरकार इस बार केवल भर्ती ही नहीं बल्कि शिक्षकों की कार्य व्यवस्था को भी सुगम बनाने पर ध्यान दे रही है। इसी उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने अंतर जिला स्थानांतरण (Inter District Transfer) की सुविधा भी शुरू की है। इसके तहत शिक्षक एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित होने के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस प्रक्रिया की शुरुआत 5 सितंबर 2025 से होगी और आवेदन की अंतिम तिथि 18 सितंबर 2025 तय की गई है।
यह स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह मेरिट और पारदर्शिता पर आधारित होगी। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को सुविधा देना और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना है। कई बार देखा गया है कि दूर-दराज़ इलाकों में नियुक्त शिक्षकों को व्यक्तिगत या पारिवारिक कारणों से कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामलों में स्थानांतरण की सुविधा से उन्हें राहत मिलेगी। हालांकि, यह सुविधा केवल नियमित और वैध रूप से नियुक्त शिक्षकों को ही उपलब्ध होगी। संविदा या अस्थायी आधार पर काम कर रहे शिक्षकों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इस कदम से शिक्षक अधिक सहज और अनुकूल माहौल में काम कर सकेंगे, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी। साथ ही, शिक्षा व्यवस्था में संतुलन बनेगा और उन जिलों में भी पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हो पाएंगे जहां पहले कमी रहती थी। यह पहल शिक्षा सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
बिहार में शिक्षा सुधार और भविष्य की योजनाएँ
बिहार सरकार शिक्षा क्षेत्र में लगातार सुधार की दिशा में काम कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में TRE-1, TRE-2 और TRE-3 के माध्यम से लाखों शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। इन सभी प्रयासों का मुख्य उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। अब TRE-4 के माध्यम से 28,000 पद और भरे जाएंगे, जिससे शिक्षकों की कमी काफी हद तक पूरी हो जाएगी।
BPSC TRE-4 Exam 2025 सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए कई तकनीकी उपाय अपनाए हैं। आवेदन से लेकर परीक्षा और रिज़ल्ट तक की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी। परीक्षा में OMR शीट का इस्तेमाल किया जाएगा और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी।
इसके अलावा, सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि परीक्षा परिणाम अधिकतम 30 दिनों के भीतर घोषित किए जाएँ। इसका लाभ यह होगा कि योग्य अभ्यर्थियों को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा और विद्यालयों में जल्द से जल्द नए शिक्षक तैनात हो सकेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य न केवल रिक्त पदों को भरना है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि बिहार की आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
भविष्य की योजनाओं में सरकार शिक्षा के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने पर भी काम कर रही है। कई जिलों में नए स्कूल भवन बनाए जा रहे हैं, स्मार्ट क्लासरूम की व्यवस्था की जा रही है और डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, शिक्षकों को आधुनिक प्रशिक्षण देने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि वे नई शिक्षा नीति और बदलते समय की जरूरतों के अनुसार छात्रों को बेहतर शिक्षा दे सकें।
Chandra Grahan 2025:7–8 सितंबर 2025 की रात भारत सहित पूरी दुनिया में एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिली, जब आसमान में पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse) ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह खगोलीय घटना भारत, एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों से साफ-साफ दिखाई दी। खगोल वैज्ञानिकों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह ग्रहण न सिर्फ़ देखने में अद्भुत था बल्कि वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया। भारत में यह ग्रहण रविवार की रात को शुरू हुआ और सोमवार तड़के तक चला। सूतक काल की शुरुआत दोपहर 12:57 बजे से हुई थी और यह अगले दिन 01:26 AM तक चला। इस दौरान पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार कई धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों पर रोक लगी रही।
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अगर बात करें समय-सीमा की तो पेन्यूब्रल चरण रात 08:58 बजे शुरू हुआ। इसके बाद रात 09:57 बजे आंशिक ग्रहण शुरू हुआ और 11:01 बजे से पूर्ण चंद्रग्रहण का दृश्य दिखाई देने लगा। ग्रहण का चरम समय 11:42 बजे था, जब चंद्रमा लालिमा लिए हुए पूरे आसमान में चमक रहा था। यह स्थिति 12:22 बजे तक बनी रही और इसके बाद ग्रहण धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ा। पूरी प्रक्रिया 01:26 AM पर जाकर खत्म हुई। इस दौरान करीब 82 मिनट तक ब्लड मून का नज़ारा लोगों ने देखा। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो चंद्रमा लाल क्यों दिखता है, इसका कारण पृथ्वी का वायुमंडल है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। पृथ्वी का वातावरण नीली रोशनी को रोक लेता है और लाल रोशनी को पार होने देता है, जिससे चंद्रमा पर लालिमा दिखाई देती है। यही वजह है कि इस घटना को ब्लड मून कहा जाता है।
यह चंद्रग्रहण न केवल खगोल विज्ञान के दृष्टिकोण से रोमांचक रहा बल्कि इसके धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व ने इसे और भी खास बना दिया। देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने इस दृश्य को देखने के लिए मंदिरों, घरों की छतों और पार्कों में एकत्र होकर इसे देखा। बच्चों और खगोल विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए यह रात बेहद यादगार रही क्योंकि उन्होंने टेलिस्कोप और कैमरे की मदद से इसे नज़दीक से देखा और अध्ययन किया।
Chandra Grahan 2025,धार्मिक मान्यताएँ, सूतक काल और परंपराएँ
भारत में ग्रहण को केवल वैज्ञानिक घटना नहीं बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जाता है। चंद्रग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है, इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, गृहप्रवेश या नया व्यवसाय शुरू नहीं किया जाता। ग्रहण काल और सूतक के दौरान भोजन करना, नए कपड़े पहनना, तेल लगाना, नींद लेना या यात्रा करना वर्जित माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है ताकि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर उन पर और गर्भस्थ शिशु पर न पड़े।
Chandra Grahan 2025,हिंदू धर्म के अनुसार सूतक काल और ग्रहण के समय मंत्र जाप, ध्यान और भगवान का नाम लेना शुभ माना जाता है। लोग तुलसी पत्र या कुशा को भोजन और पानी में डालकर रखते हैं ताकि ग्रहण का प्रभाव उस पर न पड़े। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करना, घर की सफाई करना और पूजा-पाठ करना अनिवार्य माना जाता है। ग्रहण के बाद दान-पुण्य का महत्व भी बढ़ जाता है। कई धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि इस समय गरीब और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस बार का चंद्रग्रहण खास इसलिए भी था क्योंकि यह पितृपक्ष के साथ पड़ा। पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और दान का आयोजन किया जाता है। ऐसे में ग्रहण का संयोग धार्मिक महत्व को और भी बढ़ा देता है। कई मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया गया। देशभर के कई शहरों में लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए और ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान व पूजा कर दान-पुण्य किए।
ज्योतिषीय प्रभाव, राशियों पर असर और कैसे देखें चंद्रग्रहण
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग माना जाता है। इस बार के ग्रहण का असर विशेष रूप से मेष, वृषभ, कन्या और धनु राशि के जातकों पर शुभ माना गया है। इन राशियों के लोगों के जीवन में नए अवसर, करियर में उन्नति और आर्थिक लाभ के योग बताए जा रहे हैं। वहीं, मिथुन, कर्क और मीन राशि वालों के लिए यह समय सावधानी बरतने का था। इन लोगों को स्वास्थ्य, रिश्तों और निवेश से जुड़े मामलों में सोच-समझकर कदम उठाने की सलाह दी गई। तुला और वृश्चिक राशि वालों को मानसिक तनाव और निर्णय लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, ज्योतिषाचार्य यह भी मानते हैं कि ग्रहण आत्ममंथन और आत्मचिंतन का समय है। इस दौरान पुराने कार्यों को पूरा करना और नकारात्मक विचारों को त्यागना शुभ माना जाता है।
ग्रहण देखने की बात करें तो वैज्ञानिकों और खगोल प्रेमियों का कहना है कि चंद्रग्रहण नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है। सूर्यग्रहण की तरह यहां किसी विशेष चश्मे या उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। कैमरे और टेलिस्कोप की मदद से लोग इस खूबसूरत दृश्य को और करीब से देख सकते हैं। तस्वीरें लेने के शौकीनों के लिए यह रात बेहद खास रही। विशेषज्ञों के अनुसार ब्लड मून की फोटोग्राफी के लिए ट्राइपॉड का इस्तेमाल करना चाहिए और कैमरे को मैन्युअल मोड पर सेट कर ISO व शटर स्पीड को एडजस्ट करना चाहिए।
देश के कई शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और पुणे में पब्लिक व्यूइंग सेशन भी आयोजित किए गए जहां आम लोग खगोल विज्ञान संस्थानों के टेलिस्कोप से चंद्रग्रहण को देख पाए। पुणे में ज्योतिरविद्या परिषद और कई अन्य संस्थानों ने विशेष कार्यक्रम आयोजित किए। छोटे बच्चों और युवाओं में इस ग्रहण को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला।
इस बार का चंद्रग्रहण ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसे “9-9-9” कॉस्मिक अलाइनमेंट का हिस्सा माना जा रहा है। यह समय कई लोगों के लिए जीवन में बड़े बदलाव और नए अवसर लेकर आ सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह संयोग वित्तीय बाजार और राजनीतिक परिस्थितियों पर भी असर डाल सकता है।
7–8 सितंबर 2025 का चंद्रग्रहण अपने आप में एक अनूठा संगम रहा—जहां विज्ञान और आस्था दोनों एक साथ नज़र आए। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह घटना पृथ्वी की छाया में चंद्रमा के आने का एक बेहतरीन उदाहरण है, जबकि धार्मिक दृष्टि से यह आत्मशुद्धि और दान-पुण्य का अवसर है। ज्योतिषीय रूप से यह ग्रहण कई राशियों के लिए शुभ तो कुछ के लिए सतर्क रहने का संकेत देता है। इस बार के ग्रहण की खासियत यह भी रही कि यह पितृपक्ष में पड़ा, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ गया।
देशभर के लोगों ने इस खगोलीय घटना को न सिर्फ़ देखा बल्कि इसे परंपराओं और विश्वासों से भी जोड़कर आत्मसात किया। चाहे खगोल विज्ञान की दृष्टि से देखें या धार्मिक आस्था की नज़र से, यह चंद्रग्रहण आने वाले कई वर्षों तक याद रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: बिहार सरकार लगातार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसी क्रम में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” का शुभारंभ किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा महिलाओं को न केवल प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, बल्कि उनके लिए एक समर्पित ऑनलाइन आवेदन पोर्टल भी शुरू किया गया है।
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इस योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “बिहार की महिलाएं समाज और परिवार की रीढ़ हैं, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025: स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन कैसे करें click here
आवेदन प्रक्रिया और ऑनलाइन पोर्टल
इस योजना के तहत नगर क्षेत्र की महिलाएं आसानी से आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए सरकार ने एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है, जिससे महिलाओं को आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।
इच्छुक महिलाएं पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं।
आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवेदन स्वीकार किया जाएगा।
आवेदन की स्थिति और आगे की जानकारी भी पोर्टल पर ही उपलब्ध होगी।
महिलाएं पोर्टल पर जाकर अपनी बुनियादी जानकारी भर सकती हैं।
पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
इस ऑनलाइन व्यवस्था से महिलाओं को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
250 वाहनों से जागरूकता अभियान
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सरकार ने 250 विशेष वाहनों के माध्यम से जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। ये वाहन राज्य के विभिन्न जिलों और नगर क्षेत्रों में जाकर महिलाओं को इस योजना की जानकारी देंगे।
वाहनों पर ऑडियो-वीडियो माध्यम से योजना का प्रचार किया जाएगा।
जागरूकता रथ महिलाओं को आवेदन प्रक्रिया समझाने के साथ-साथ उनके सवालों के जवाब भी देंगे।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी महिला योजना से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कदम बिहार की लाखों महिलाओं तक योजना की जानकारी पहुँचाने में मील का पत्थर साबित होगा।
योजना से होने वाले लाभ
महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सहायता मिलेगी।
आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
राज्य में महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
परिवार और समाज दोनों में महिलाओं की भूमिका और मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 बिहार की महिलाओं के लिये उम्मीद की नई किरण है। आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन और सरल बनाने के साथ-साथ सरकार ने जागरूकता अभियान पर भी जोर दिया है। 250 वाहनों के माध्यम से इस योजना की जानकारी सीधे महिलाओं तक पहुँच रही है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति और सशक्त होगी।
Land Registry New Document Rules 2025:भूमि या संपत्ति का रजिस्ट्रेशन भारत में हमेशा से एक गंभीर और जरूरी प्रक्रिया रही है। चाहे घर खरीदना हो, प्लॉट लेना हो या किसी कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करना हो – रजिस्ट्री (Land Registry) के बिना उस पर कानूनी स्वामित्व साबित करना मुश्किल होता है।
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केंद्रीय और राज्य सरकारें समय-समय पर रजिस्ट्री से जुड़े कानून और नियमों में बदलाव करती रहती हैं ताकि प्रक्रिया पारदर्शी, डिजिटल और आसान हो सके। इसी क्रम में हाल ही में Land Registry New Document Rules 2025 लागू किए गए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को आधुनिक बनाना, फर्जीवाड़े पर रोक लगाना और लोगों को तेज़ व सुविधाजनक सेवा देना है।
Land Registry New Document Rules 2025 में क्या बदलाव हुए?
नई गाइडलाइंस के अनुसार रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई अहम परिवर्तन किए गए हैं। इनमें से प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
पहले जहां सभी कागजात केवल मैनुअल तरीके से जमा करने पड़ते थे, अब ऑनलाइन डॉक्यूमेंट अपलोड सिस्टम शुरू किया गया है। लोग अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली बिल और प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे।
Bihar Bhumi New Rule 2025: जमीन मालिकों के लिए राजस्व विभाग का नया आदेश click here
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य
फर्जी रजिस्ट्री और बेनामी संपत्ति लेन-देन को रोकने के लिए अब खरीदार और विक्रेता दोनों का आधार-बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है।
रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी में पारदर्शिता
नए नियमों के तहत अब रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी की जानकारी ऑनलाइन कैलकुलेटर से ली जा सकती है। इससे किसी भी तरह की धांधली और बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
नए नियमों के फायदे
Land Registry New Document Rules 2025 से आम लोगों को कई फायदे होंगे:
समय की बचत: अब लंबे समय तक तहसील या रजिस्ट्री कार्यालय के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं होगी।
फर्जीवाड़े पर रोक: आधार आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल लगभग असंभव हो जाएगा।
पारदर्शिता: फीस और स्टांप ड्यूटी की जानकारी स्पष्ट होगी।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा: पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से सरकार की डिजिटल इंडिया पहल मजबूत होगी।
कानूनी सुरक्षा: Digital Registry Certificate को कोर्ट में भी मान्य माना जाएगा।
Land Registry प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
नए नियमों के बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया इस तरह से होगी:
ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें।
सभी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें (आधार, पैन, प्रॉपर्टी पेपर्स)।
फीस और स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन कैलकुलेटर से चेक करें और पेमेंट करें।
खरीदार और विक्रेता का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करें।
रजिस्ट्री सबमिट करें और Digital Certificate डाउनलोड करें।
आम लोगों की चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि ये नए नियम सुविधाजनक हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों या डिजिटल प्लेटफॉर्म से अनभिज्ञ लोगों के लिए शुरुआत में मुश्किल हो सकती है। इसके लिए सरकार ने सुविधा केंद्र (Help Desk) और CSC (Common Service Centres) पर ऑनलाइन सेवा उपलब्ध कराई है।Land Registry New Document Rules 2025 आम जनता के लिए एक बड़ा सुधार साबित हो सकते हैं। इससे न केवल प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में भरोसा भी बढ़ेगा। डिजिटल रजिस्ट्री से आने वाले समय में प्रॉपर्टी विवाद कम होंगे और आम लोगों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी।अगर आप संपत्ति खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं तो नए नियमों को समझना बेहद जरूरी है।