बिहार में पहली बार शुरू हुई ‘फसल हेल्पलाइन’: किसान अब सीधा एक्सपर्ट से पूछ सकेंगे सवाल

फसल हेल्पलाइन बिहार 2025

बिहार सरकार ने 2025 में एक बड़ी पहल करते हुए राज्य में पहली बार “फसल हेल्पलाइन” शुरू की है। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य राज्य के किसानों को खेती से जुड़े सवालों का वैज्ञानिक और विशेषज्ञ समाधान देना है, जिससे उनकी फसल की पैदावार और गुणवत्ता बेहतर हो सके।

यह सेवा पूरी तरह से निशुल्क है और किसानों को कृषि विभाग के अनुभवी वैज्ञानिकों से फोन पर सीधे सलाह लेने की सुविधा मिलेगी।

हेल्पलाइन की शुरुआत कब और किसने की?

‘फसल हेल्पलाइन’ की शुरुआत 17 जुलाई 2025 को कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा पटना स्थित कृषि भवन से की गई। इस सेवा को कृषि विभाग और राज्य कृषि विश्वविद्यालय, पूसा की साझेदारी में लाया गया है।

हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-1551

सेवा का समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे (सोमवार से शनिवार)

इस नंबर पर किसान कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं, और विशेषज्ञ उन्हें तुरंत समाधान देंगे।

किस प्रकार की समस्याएं हल होंगी?

इस हेल्पलाइन के जरिए किसान निम्नलिखित विषयों पर सलाह ले सकते हैं:

  • फसल रोग व कीट नियंत्रण
  • उर्वरक और दवा का सही इस्तेमाल
  • सिंचाई तकनीक
  • बीज चयन व फसल चक्र
  • प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा उपाय
  • मृदा परीक्षण और सुधार
  • जैविक खेती से जुड़ी जानकारी

कैसे मिलेगा फायदा?

1.सीधी विशेषज्ञ सलाह: अब किसानों को एजेंट या मध्यस्थ के पास जाने की जरूरत नहीं है।

2.समय की बचत: तुरंत फोन पर समस्या का समाधान मिलेगा।

3.फसल उत्पादन में सुधार: वैज्ञानिक सलाह से फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ेगी।

4.कम लागत, अधिक मुनाफा: कम दवा और उर्वरक में बेहतर रिजल्ट मिलेगा।

सरकार की योजना और विस्तार

बिहार सरकार का लक्ष्य है कि अगले 6 महीनों में हर जिले में कम से कम 10,000 किसान इस सेवा का लाभ लें। इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, और कृषि सहायकों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे किसानों को कॉल करने के लिए प्रेरित कर सकें।आने वाले समय में इसका मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जिससे चैट व वीडियो कॉल से भी किसान संपर्क कर सकेंगे।

किसानों के अनुभव क्या कह रहे हैं?

मोतिहारी के किसान रंजीत कुमार कहते हैं,“पहले हम दुकानदार या दूसरे किसानों से पूछते थे, पर अब विशेषज्ञ खुद फोन पर बताते हैं कि कौन सी दवा डालनी है। ये बहुत फायदेमंद है।”

दरभंगा की महिला किसान सुनीता देवी कहती हैं,
“पहली बार सरकार ने हमसे सीधा संवाद किया है, अब हमें अपनी समस्या बताने में डर नहीं लगता।”

यह सेवा क्यों है जरूरी?

बिहार में लगभग 70% आबादी खेती पर निर्भर है। मगर आज भी जानकारी के अभाव में किसान फसल रोग, उर्वरक के गलत इस्तेमाल और खराब बीज के कारण नुकसान उठाते हैं। ऐसे में ये हेल्पलाइन किसानों के लिए डिजिटल क्रांति की तरह है।

फसल हेल्पलाइन और अन्य सेवाओं से तुलना

सुविधाफसल हेल्पलाइनकिसान कॉल सेंटर (KCC)निजी एग्री-ऐप्स
विशेषज्ञ से सीधा संपर्क
क्षेत्रीय भाषा में सहायता
मुफ्त सेवा
राज्य सरकार की निगरानी

भविष्य की योजनाएं

  • हेल्पलाइन का समय बढ़ाने की योजना
  • WhatsApp सपोर्ट सेवा शुरू करना
  • प्रत्येक जिले में फील्ड विजिट टीम बनाना
  • टोल-फ्री वीडियो कॉलिंग सुविधा शुरू करना

निष्कर्ष

बिहार सरकार की ‘फसल हेल्पलाइन’ योजना किसानों के लिए बड़ा बदलाव लेकर आई है। यह पहल उन्हें न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनाएगी। आने वाले समय में यदि इसका सही तरीके से प्रचार और विस्तार हुआ, तो यह योजना पूरे भारत के लिए मॉडल बन सकती है।

FAQs

Q.1: क्या यह सेवा सभी किसानों के लिए है?

हाँ, बिहार राज्य का कोई भी किसान इस सेवा का लाभ ले सकता है।

Q.2: क्या इस सेवा का कोई चार्ज है?

नहीं, यह सेवा पूरी तरह निशुल्क है।

Q.3: क्या WhatsApp पर भी सहायता मिल सकती है?

फिलहाल नहीं, लेकिन राज्य सरकार भविष्य में यह सुविधा जोड़ सकती है।

Q.4: क्या महिला किसान भी कॉल कर सकती हैं?

हाँ, महिला किसानों के लिए भी यह सेवा पूरी तरह से उपलब्ध है।