राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई: 110 कर्मियों की बर्खास्तगी, हड़तालियों पर चला गाज

राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई, बिहार में 110 कर्मियों की बर्खास्तगी - हड़ताल पर सख्त कदम

राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई:बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। लंबे समय से चल रही हड़ताल और कामकाज में बाधा डालने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभाग ने सख्त कदम उठाया है। राजस्व विभागविभागीय आदेश के मुताबिक, कुल 110 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, जिनमें विशेष सर्वेक्षण अमीन, कानूनगो, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और लिपिक शामिल हैं। इस फैसले के बाद पूरे बिहार प्रशासनिक हलके में हलचल मच गई है और यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या सरकार आने वाले दिनों में और भी सख्त कदम उठा सकती है।

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राजस्व विभाग हड़तालियों पर कार्रवाई क्यों हुई?

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पिछले कुछ महीनों से विशेष सर्वेक्षण कार्यों में तेजी लाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन कई जिलों में कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार और हड़ताल का रास्ता अपनाया। विभाग का कहना है कि:

  • हड़ताल की वजह से भूमि सर्वेक्षण कार्य बाधित हो रहे थे।
  • कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स और राजस्व संबंधित योजनाएं अधर में लटक गईं।
  • आम जनता को भूमि रिकॉर्ड और दाखिल-खारिज जैसी सेवाओं में परेशानी हो रही थी।

इसी कारण, सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए हड़तालियों के खिलाफ यह कार्रवाई की।

किन कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त?

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बर्खास्त किए गए कुल 110 कर्मचारियों में अलग-अलग श्रेणी के पदाधिकारी शामिल हैं।

  • 14 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी
  • 16 विशेष सर्वेक्षण कानूनगो
  • 60 विशेष सर्वेक्षण अमीन
  • 20 विशेष सर्वेक्षण लिपिक

इस तरह सभी स्तर पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने यह संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी

राजस्व विभाग विभाग का आधिकारिक बयान

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ किया है कि –“राज्य सरकार विकास कार्यों में बाधा डालने वालों के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रही है। हड़ताल और अनुशासनहीनता को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”विभाग ने साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि यदि आगे भी कोई कर्मचारी कामकाज में बाधा डालने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ भी निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जा सकती है।

आम जनता पर असर

इस हड़ताल और कार्रवाई का सीधा असर आम जनता पर पड़ा है। भूमि सुधार और राजस्व विभाग से जुड़ी सेवाएं आम नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

  • कई लोग जमीन की मापी और दाखिल-खारिज के लिए इंतजार कर रहे थे।
  • हड़ताल की वजह से ऑनलाइन म्यूटेशन और जमीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अटक गई थी।
  • ग्रामीण इलाकों में भूमि विवाद और ज्यादा गहरे हो गए।

अब सरकार की इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कामकाज में तेजी आएगी और जनता को राहत मिलेगी।

विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक और प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि –

  • यह कदम सरकार की कड़े अनुशासन की नीति को दर्शाता है।
  • इससे आने वाले समय में कर्मचारी संगठनों पर भी दबाव बनेगा कि वे कामकाज ठप करने की बजाय संवाद का रास्ता अपनाएं।
  • हालांकि, कुछ लोग इसे कर्मचारियों के अधिकारों पर चोट भी बता रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार को पहले वार्ता से समाधान निकालना चाहिए था।

क्या और होगी कार्रवाई?

सूत्रों की मानें तो यह पहला चरण है। आने वाले दिनों में अगर स्थिति सामान्य नहीं होती है, तो सरकार और भी कर्मचारियों को टारगेट कर सकती है। इसके अलावा, विभाग वैकल्पिक व्यवस्था भी कर रहा है ताकि सर्वेक्षण कार्य और भूमि सुधार योजनाएं समय पर पूरी की जा सकें।राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की इस कार्रवाई ने पूरे राज्य में संदेश दे दिया है कि हड़ताल और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 110 कर्मचारियों की बर्खास्तगी एक बड़ा कदम है, जो आने वाले समय में अन्य सरकारी विभागों के लिए भी मिसाल बन सकता है।यह देखना दिलचस्प होगा कि कर्मचारी संगठनों की अगली रणनीति क्या होगी और क्या सरकार आगे भी इसी तरह की सख्ती बरतती रहेगी।