Bihar Bhumi New Rule 2025: जमीन मालिकों के लिए राजस्व विभाग का नया आदेश

बिहार के मुख्यमंत्री, राज्य का नक्शा और ज़मीन से जुड़े दस्तावेज़ एक साथ दिखाते हुए चित्र
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बिहार के मुख्यमंत्री, राज्य का नक्शा और ज़मीन से जुड़े दस्तावेज़ एक साथ दिखाते हुए चित्र

HIGHLIGHTS

  1. भूमि अधिग्रहण आश्रितों के लिए मुआवजा नियम बदला |
  2. 50 लाख से अधिक पर न्यायालय जाना होगा |
  3. अंचलाधिकारी प्रमाण पत्र से कम राशि संभव |

राज्य ब्यूरो, पटना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि भूमि अधिग्रहण के बाद भू‑स्वामी की मृत्यु होने पर बड़ी रक़में भी बिना पर्याप्त जाँच के संस्करण‑प्रमाण‑पत्र (CO सर्टिफ़िकेट) के आधार पर जारी हो रही थीं। इससे उत्तराधिकारियों के बीच विवाद और धोखाधड़ी के मामले बढ़े। नए आदेश से 50 लाख ₹ से ऊपर की मुआवज़ा राशि के लिए अदालत की पुष्टि अनिवार्य कर दी गई है, ताकि स्वामित्व पर कोई संदेह न रहे और सभी हितधारकों के अधिकार सुरक्षित रहें।

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50 लाख ₹ तक के मामलों की प्रक्रिया

पत्र में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक के भुगतान के लिए भी आश्रितों को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देना होगा। अंचलाधिकारी दावे की जांच करेंगे। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही इस राशि का भुगतान किया जा सकता है।इस तरह के भुगतान के मामले में मुआवजे की राशि लेने वाले आश्रित को क्षतिपूर्ति बंध पत्र जमा करना होगा। इसमें वे लिखेंगे कि अगर कोई अन्य व्यक्ति या समूह हकदार साबित होगा तो मुआवजे की पूरी या आंशिक राशि वापस कर देंगे।जाँच से संतुष्ट होने पर भुगतान की स्वीकृति, सामान्यतः 30 कार्य‑दिवस के भीतर।

ज़रूरी दस्तावेज़ों की सूची

क्रमदस्तावेज़क्यों ज़रूरी है?
1मृत्यु प्रमाण‑पत्रभू‑स्वामी के देहांत की अधिकारिक पुष्टि
2उत्तराधिकार प्रमाण‑पत्रअदालत / CO को उत्तराधिकारी पहचानने के लिए
3क्षतिपूर्ति बंध‑पत्रभविष्य में विवाद की स्थिति में राशि वापसी का वचन
4आधार / पैन / वोटर‑आईडीपहचान एवं पते का सत्यापन
5भूमि अधिग्रहण पुरस्कार की प्रतिमुआवज़े की मूल राशि व स्वीकृति दर्शाने के लिए

नए आदेश से होने वाले लाभ

पारदर्शिता: बड़ी रकम पर न्यायालय की निगरानी से फर्ज़ी दावों पर अंकुश।

तेज़ प्रक्रिया: 50 लाख ₹ से कम वाले मामलों में CO स्तर पर निपटारा, अदालत का चक्कर नहीं।

उत्तराधिकारियों का संरक्षण: सभी वैध वारिसों को सुनवाई का अवसर।

सरकारी रिकॉर्ड सुधार: भूमि खातों में अद्यतन नामांतरण आसान।

शेखपुरा से शुरू हुआ यह आदेश जल्द ही पूरे बिहार में लागू होने की संभावना रखता है। अगर आपकी भूमि अधिग्रहित हुई है और भू‑स्वामी का निधन हो चुका है, तो ऊपर दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार तुरंत कार्रवाई करें। सही दस्तावेज़ और प्रक्रिया अपनाकर आप अनावश्यक मुक़दमेबाज़ी, अतिरिक्त खर्च और देरी से बच सकते हैं।

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