बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे ने राज्य की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। हाल ही में जारी किए गए अलग-अलग ओपिनियन पोल्स से यह साफ हो रहा है कि इस बार मुकाबला काफ़ी दिलचस्प होने वाला है। एक ओर NDA को बढ़त मिलती दिख रही है, वहीं मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरा तेजस्वी यादव बनकर सामने आए हैं। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार NDA को महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों में मज़बूत समर्थन मिल रहा है, जबकि युवाओं और बेरोज़गारी से जूझ रहे वर्ग में महागठबंधन की पकड़ दिखाई दे रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं और सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। वहीं, विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वे (Opinion Polls) और ग्राउंड रिपोर्ट्स से यह साफ हो रहा है
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कि इस बार मुकाबला काफ़ी दिलचस्प और त्रिकोणीय हो सकता है। एक ओर NDA (भारतीय जनता पार्टी + जनता दल यूनाइटेड + सहयोगी दल), दूसरी ओर महागठबंधन (राजद + कांग्रेस + वाम दल), और तीसरी ओर प्रशांत किशोर तथा चिराग पासवान जैसे नए विकल्प भी मैदान में मौजूद हैं।
सर्वे रिपोर्ट्स बताती हैं कि बिहार की जनता में NDA का वोट शेयर स्थिर दिखाई दे रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव की लोकप्रियता सबसे ज़्यादा है। आइए, ताज़ा सर्वे नतीजों और राजनीतिक समीकरणों पर विस्तार से नज़र डालते हैं।
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बिहार चुनाव 2025 के सर्वे नतीजे
हाल ही में जारी किए गए कई सर्वे और ओपिनियन पोल्स से कुछ प्रमुख तथ्य सामने आए हैं:
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वोट शेयर और सीट अनुमान
- NDA – लगभग 45–49% वोट शेयर, अनुमानित 125–136 सीटें
- महागठबंधन (INDIA Bloc) – लगभग 35–39% वोट शेयर, अनुमानित 75–100 सीटें
- अन्य (LJP, प्रशांत किशोर, छोटे दल) – 8–10% वोट शेयर, 5–12 सीटों पर असर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे इससे साफ है कि NDA को बढ़त मिल रही है, लेकिन महागठबंधन भी पूरी तरह बाहर नहीं हुआ है। अगर छोटे दलों के वोटों का सही बंटवारा हुआ तो तस्वीर बदल सकती है।
मुख्यमंत्री पद की पसंद
- तेजस्वी यादव (राजद) – 36–43%
- नीतीश कुमार (जेडीयू) – 30–35%
- प्रशांत किशोर (जनसुराज) – 8–12%
- चिराग पासवान (LJP रामविलास) – 5–7%
- अन्य – 3–5%
यानी कि जनता की पहली पसंद तेजस्वी यादव बने हुए हैं, लेकिन NDA का संगठनात्मक ढांचा और बीजेपी की मज़बूत पकड़ चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे बिहार की राजनीति में बदलते समीकरण
बिहार की राजनीति जातीय समीकरणों पर आधारित रही है। इस बार भी यादव, कुर्मी, दलित, मुस्लिम और सवर्ण वोटरों की भूमिका अहम होगी।महिलाओं का वोट बैंकसर्वे बताते हैं कि महिलाओं में NDA को 50% से अधिक समर्थन मिल रहा है।औरनीतीश कुमार की योजनाएँ जैसे मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, महिला रोजगार सहायता योजना महिलाओं को आकर्षित कर रही हैं।इसमें युवाओं का रुझान बेरोज़गारी सबसे बड़ा मुद्दा है। युवाओं में तेजस्वी यादव की लोकप्रियता ज़्यादा है क्योंकि वे नौकरी और रोज़गार की बात ज़्यादा करते हैं। बात करे ग्रामीण बनाम शहरी वोटर की ग्रामीण इलाकों में RJD का प्रभाव अभी भी मज़बूत है।और शहरी और मध्यमवर्गीय मतदाता NDA की ओर झुकाव रखते हैं।
चुनावी मुद्दे क्या होंगे?
1.बेरोज़गारी और रोजगार
बिहार के युवाओं का सबसे बड़ा सवाल है – नौकरी कब मिलेगी? सरकारी नियुक्तियों में देरी और निजी क्षेत्र की कमी से यह चुनावी एजेंडा का केंद्र बना हुआ है।
2.महंगाई और भ्रष्टाचार
महंगाई के कारण जनता परेशान है। पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर और खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से परिवारों पर बोझ बढ़ा है।
3.विकास और बुनियादी ढांचा
सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य अब भी बड़ी चुनौतियाँ हैं। NDA दावा कर रहा है कि उसने सड़क और बिजली में सुधार किया है, जबकि विपक्ष इसे अपर्याप्त बता रहा है।
4.सामाजिक न्याय और जातीय समीकरण
RJD और कांग्रेस “सामाजिक न्याय” और पिछड़ों के हक की राजनीति पर ज़ोर दे रहे हैं। वहीं, BJP सवर्ण और OBC वोट बैंक को साधने में जुटी है।
सर्वे में दिखे राजनीतिक दलों की रणनीति
NDA (BJP + JDU)
- महिलाओं को आर्थिक सहयोग देने और कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस।
- नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भी कैश किया जाएगा।
महागठबंधन (RJD + Congress)
- रोजगार और युवाओं के भविष्य पर ज़ोर।
- तेजस्वी यादव को “बेरोज़गारी से मुक्ति दिलाने वाला चेहरा” बताया जा रहा है।
अन्य दल (LJP, प्रशांत किशोर)
- नई राजनीति और “युवा नेतृत्व” की बात।
- छोटे दल वोटकटवा की भूमिका निभा सकते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का समीकरण काफ़ी जटिल है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे NDA को बढ़त दिखाई दे रही है, लेकिन तेजस्वी यादव का करिश्मा और युवाओं का समर्थन महागठबंधन को मज़बूत बना सकता है। महिला वोट NDA की सबसे बड़ी ताक़त हैं, जबकि बेरोज़गारी का मुद्दा विपक्ष के लिए वरदान साबित हो सकता है।
अंततः, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे चुनावी नतीजे इस बात पर निर्भर करेंगे कि मतदाता “विकास और स्थिरता” चुनते हैं या “रोज़गार और बदलाव” को प्राथमिकता देते हैं।



