BPSC 71st Admit Card 2025:बड़ी खबर 71वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा 2025 एडमिट कार्ड 6 सितंबर से, परीक्षा केंद्र की जानकारी 11 सितंबर से

BPSC 71st Admit Card 2025

BPSC 71st Admit Card 2025:बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 71वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा (BPSC 71st Prelims 2025) को लेकर एक अहम अपडेट जारी किया है। आयोग ने उम्मीदवारों के लिए एडमिट कार्ड और परीक्षा केंद्र की जानकारी से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा की है।

इस खबर में हम आपको एडमिट कार्ड डाउनलोड, परीक्षा केंद्र विवरण, परीक्षा पैटर्न और छात्रों के लिए जरूरी गाइडलाइंस की पूरी जानकारी देंगे।

BPSC 71st PT Exam 2025: एडमिट कार्ड 6 सितंबर को जारी, परीक्षा 13 सितंबर को — पूरी जानकारी यहां देखें click here

BPSC 71st Admit Card 2025 एडमिट कार्ड जारी होने की तारीख

BPSC ने आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया है कि 71वीं प्रारंभिक परीक्षा का एडमिट कार्ड 6 सितंबर 2025 से डाउनलोड किया जा सकेगा।

  • एडमिट कार्ड में उम्मीदवार का नाम, रोल नंबर, फोटो और हस्ताक्षर के साथ-साथ आवंटित जिले का नाम भी होगा।
  • उम्मीदवारों को अपने BPSC पोर्टल पर लॉगिन करके एडमिट कार्ड डाउनलोड करना होगा।
  • आयोग ने साफ किया है कि एडमिट कार्ड की हार्डकॉपी पोस्ट के माध्यम से नहीं भेजी जाएगी, इसलिए इसे ऑनलाइन ही प्राप्त करना अनिवार्य है।

👉 BPSC आधिकारिक वेबसाइट

परीक्षा केंद्र से जुड़ी जानकारी(BPSC Exam Centre Details)

एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के बाद छात्रों को केवल आवंटित जिले की जानकारी मिलेगी।
लेकिन, विस्तृत परीक्षा केंद्र का पता 11 सितंबर 2025 से आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।

  • उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे एडमिट कार्ड और परीक्षा केंद्र की जानकारी पहले से डाउनलोड कर लें।
  • परीक्षा केंद्र पर प्रवेश के समय उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड और वैध फोटो आईडी प्रूफ ले जाना अनिवार्य होगा।
  • परीक्षा केंद्र की लोकेशन पहले से देखने की कोशिश करें ताकि परीक्षा वाले दिन किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

परीक्षा पैटर्न और महत्वपूर्ण विवरण

BPSC 71वीं प्रारंभिक परीक्षा 2025 एक ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा होगी।

  • कुल प्रश्न: 150
  • विषय: सामान्य अध्ययन (General Studies)
  • समय अवधि: 2 घंटे
  • नेगेटिव मार्किंग: नहीं

परीक्षा में बिहार का सामान्य ज्ञान, भारतीय इतिहास, राजनीति, अर्थव्यवस्था, भूगोल और करंट अफेयर्स से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।

पिछले वर्षों की परीक्षा ट्रेंड के अनुसार, करंट अफेयर्स और बिहार-विशेष से संबंधित सवालों की संख्या अधिक हो सकती है।

BPSC 71st Admit Card 2025 उम्मीदवारों के लिए जरूरी निर्देश

  • एडमिट कार्ड का प्रिंटआउट साफ और स्पष्ट होना चाहिए।
  • पासपोर्ट साइज फोटो एडमिट कार्ड पर लगी फोटो से मिलनी चाहिए।
  • परीक्षा केंद्र पर मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, कैलकुलेटर, किताबें या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  • उम्मीदवारों को परीक्षा शुरू होने से कम से कम 1 घंटा पहले केंद्र पर उपस्थित होना होगा।
  • गलत जानकारी या दस्तावेज़ न लाने पर उम्मीदवार को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।

BPSC 71वीं प्रारंभिक परीक्षा बिहार के लाखों अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ा अवसर है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि एडमिट कार्ड 6 सितंबर से उपलब्ध होगा और परीक्षा केंद्र का विवरण 11 सितंबर से डाउनलोड किया जा सकेगा। ऐसे में उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते सभी दस्तावेज़ तैयार रखें और परीक्षा की बेहतर तैयारी करें।BPSC परीक्षा से संबंधित अन्य जानकारी और अपडेट्स के लिए आप BPSC Official Website विज़िट करते रहें।

गया जिले को 899 करोड़ की सौगात: 10 योजनाओं का शिलान्यास, विकास की नई राह पर बढ़ा बिहार

मुख्यमंत्री द्वारा गया में 899 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन

गया ज़िले में प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने 899 करोड़ 46 लाख रुपये लागत की 10 महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास किया। इन योजनाओं का उद्देश्य शहर को आधुनिक ढांचे से जोड़ना, बेहतर यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराना और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान करना है।

आधारभूत संरचना और सड़क नेटवर्क का विस्तार

गया जिले को विकास की दिशा में मजबूत करने के लिए कई सड़क और फ्लाईओवर परियोजनाओं की नींव रखी गई है।

  • नगर क्षेत्र के मुफस्सिल मोड़ पर फ्लाईओवर का निर्माण होगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम होगी।
  • इमामगंज प्रखंड के कोठी से सलेया होकर झारखंड को जोड़ने वाला मार्ग अब और सुलभ होगा।
  • गया-पेरैया-गुरसर से औरंगाबाद-रफीगंज तक जोड़ने वाली सड़क का काम तेज़ी से होगा।
  • बेला पनारी रोड से अत्रि-शिवरामपुर होकर धनाना-शक्ति बिगहा तक सड़क चौड़ीकरण से ग्रामीण इलाकों का विकास भी सुनिश्चित होगा।
  • बस्तपुर बियर योजना अंतर्गत मोरताल मुख्य पथ का चौड़ीकरण व विस्तार यातायात को और आसान बनाएगा।

इन योजनाओं से गया जिले के लोगों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी और ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों तक आवागमन सुगम होगा।

शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास की पहल

विकास केवल सड़कों और भवनों से नहीं होता, बल्कि शिक्षा और सामाजिक ढांचे को भी मज़बूत करना ज़रूरी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ।

  • गया-मानपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित बग्घीबिगहा मुहल्ले में आरओबी (Road Over Bridge) का निर्माण यात्रियों के लिए बड़ी राहत होगी।
  • नवोदय विद्यालय और आवासीय विद्यालय का निर्माण हुआ जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपने ही जिले में मिल सकेगी।
  • इमामगंज में डिग्री कॉलेज की स्थापना युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की समस्या से राहत दिलाएगी।
  • केंद्रीय नवादा पार्क और सिलोली पार्क का विकास कार्य आम नागरिकों को मनोरंजन और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा।

इन सभी योजनाओं से जिले में शैक्षणिक और सामाजिक ढांचे को नई मजबूती मिलेगी और युवाओं को अपने ही क्षेत्र में उन्नति के अवसर मिलेंगे।

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स्थानीय अर्थव्यवस्था और सौंदर्यीकरण को बढ़ावा

सरकार ने इस प्रगति यात्रा के तहत केवल विकास कार्य ही नहीं बल्कि शहर के सौंदर्यीकरण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया है।

  • बारा बांध का जीर्णोद्धार न केवल सिंचाई की सुविधाओं को बेहतर करेगा बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी अहम साबित होगा।
  • पार्कों और चौड़ीकरण परियोजनाओं से शहर का सौंदर्यीकरण होगा।
  • नए पुल और सड़कें बनने से व्यापारियों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, जिससे स्थानीय व्यवसाय को भी मजबूती मिलेगी।

इन योजनाओं के क्रियान्वयन से गया जिले का चेहरा पूरी तरह बदल जाएगा और यह क्षेत्र रोजगार, शिक्षा और पर्यटन का नया केंद्र बनकर उभरेगा।गया जिले को मिली 899 करोड़ रुपये की 10 बड़ी परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में भी नए अवसर लेकर आएंगी। प्रगति यात्रा के तहत हुए ये काम आने वाले समय में बिहार के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।

पितृ पक्ष 2025: तिथियाँ, श्राद्ध विधि, महत्व और सर्वपितृ अमावस्या की संपूर्ण जानकारी

पितृ पक्ष 2025 तिथियाँ और श्राद्ध विधि – दीपक और पिंडदान दृश्य”

पितृ पक्ष 2025:हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट करने का विशेष अवसर माना जाता है। वर्ष 2025 में पितृ पक्ष 7 सितंबर (पूर्णिमा श्राद्ध) से शुरू होकर 21 सितंबर (सर्वपितृ अमावस्या) तक चलेगा। यह अवधि कुल 15 दिन की होगी, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है।

पितृ पक्ष 2025 तिथियाँ और श्राद्ध विधि – दीपक और पिंडदान दृश्य”

पितृ पक्ष 2025 का श्राद्ध कैलेंडर

तिथिदिनश्राद्ध प्रकार
7 सितम्बररविवारपूर्णिमा श्राद्ध
8 सितम्बरसोमवारप्रतिपदा श्राद्ध
9 सितम्बरमंगलवारद्वितीया श्राद्ध
10 सितम्बरबुधवारतृतीया और चतुर्थी श्राद्ध
11 सितम्बरगुरुवारपंचमी श्राद्ध (महा भरनी)
12 सितम्बरशुक्रवारषष्ठी श्राद्ध
13 सितम्बरशनिवारसप्तमी श्राद्ध
14 सितम्बररविवारअष्टमी श्राद्ध
15 सितम्बरसोमवारनवमी श्राद्ध
16 सितम्बरमंगलवारदशमी श्राद्ध
17 सितम्बरबुधवारएकादशी श्राद्ध
18 सितम्बरगुरुवारद्वादशी श्राद्ध
19 सितम्बरशुक्रवारत्रयोदशी श्राद्ध
20 सितम्बरशनिवारचतुर्दशी श्राद्ध
21 सितम्बररविवारसर्वपितृ अमावस्या (महालया अमावस्या)
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पितृ पक्ष का धार्मिक महत्व

  • पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और तृप्ति मिलती है।
  • यह माना जाता है कि श्राद्ध कर्म से पितृ दोष का निवारण होता है।
  • परिवार में सुख-समृद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
  • पितृ पक्ष हमारे संस्कारों और परंपराओं की गहराई से जुड़ा हुआ है।

श्राद्ध विधि (Step by Step Process)

1.तर्पण

  • तर्पण का अर्थ है – जल और तिल अर्पण करना
  • दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कुश घास, तिल और जल से तर्पण किया जाता है।

2.पिंडदान

  • उबले चावल, जौ और तिल से बने पिंड बनाकर अर्पित किए जाते हैं।
  • यह क्रिया आमतौर पर किसी पवित्र नदी तट या घर के आँगन में की जाती है।

3.ब्राह्मण भोजन और दान

  • श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना और वस्त्र-दक्षिणा देना श्रेष्ठ माना जाता है।
  • अनाज, भोजन और धन का दान करना भी पुण्यकारी है।

श्राद्ध के दौरान क्या करें और क्या न करें (Dos & Don’ts)

क्या करें

  • सात्विक आहार ग्रहण करें।
  • संयमित जीवन जीएँ।
  • दान-पुण्य करें और ज़रूरतमंदों की मदद करें।

क्या न करें

  • नए कार्य या शुभ काम की शुरुआत न करें।
  • माँसाहार और शराब का सेवन न करें।
  • क्रोध, अपशब्द और हिंसा से बचें।
पितृ पक्ष 2025 तिथियाँ और श्राद्ध विधि

सर्वपितृ अमावस्या 2025 (Mahalaya Amavasya)

  • 21 सितंबर 2025, रविवार को सर्वपितृ अमावस्या होगी।
  • इसे महालय अमावस्या भी कहते हैं।
  • इस दिन जो लोग अपने पूर्वजों की तिथि नहीं जानते, वे सभी पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर सकते हैं।
  • यह दिन सबसे अधिक महत्व रखता है और हर घर में तर्पण-पिंडदान का आयोजन किया जाता है।

पितृ पक्ष 2025 (7 से 21 सितंबर) का यह पवित्र काल हमें अपने पूर्वजों को याद करने, उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने और उनके आशीर्वाद से जीवन को सुखी बनाने का अवसर देता है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे: NDA को बढ़त, तेजस्वी यादव सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री उम्मीदवार CLICK HERE

श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य न केवल धार्मिक कर्म हैं, बल्कि यह हमारे जीवन को सकारात्मकता और शांति से भरते हैं।यदि किसी को अपने पूर्वजों की तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या (21 सितंबर 2025) को श्राद्ध करके सभी पितरों का आशीर्वाद लिया जा सकता है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे: NDA को बढ़त, तेजस्वी यादव सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री उम्मीदवार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे रिपोर्ट - NDA को बढ़त और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के लोकप्रिय उम्मीदवार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे ने राज्य की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। हाल ही में जारी किए गए अलग-अलग ओपिनियन पोल्स से यह साफ हो रहा है कि इस बार मुकाबला काफ़ी दिलचस्प होने वाला है। एक ओर NDA को बढ़त मिलती दिख रही है, वहीं मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरा तेजस्वी यादव बनकर सामने आए हैं। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार NDA को महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों में मज़बूत समर्थन मिल रहा है, जबकि युवाओं और बेरोज़गारी से जूझ रहे वर्ग में महागठबंधन की पकड़ दिखाई दे रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे रिपोर्ट - NDA को बढ़त और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के लोकप्रिय उम्मीदवार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं और सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। वहीं, विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वे (Opinion Polls) और ग्राउंड रिपोर्ट्स से यह साफ हो रहा है

कि इस बार मुकाबला काफ़ी दिलचस्प और त्रिकोणीय हो सकता है। एक ओर NDA (भारतीय जनता पार्टी + जनता दल यूनाइटेड + सहयोगी दल), दूसरी ओर महागठबंधन (राजद + कांग्रेस + वाम दल), और तीसरी ओर प्रशांत किशोर तथा चिराग पासवान जैसे नए विकल्प भी मैदान में मौजूद हैं।

सर्वे रिपोर्ट्स बताती हैं कि बिहार की जनता में NDA का वोट शेयर स्थिर दिखाई दे रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव की लोकप्रियता सबसे ज़्यादा है। आइए, ताज़ा सर्वे नतीजों और राजनीतिक समीकरणों पर विस्तार से नज़र डालते हैं।

बिहार चुनाव 2025 के सर्वे नतीजे

हाल ही में जारी किए गए कई सर्वे और ओपिनियन पोल्स से कुछ प्रमुख तथ्य सामने आए हैं:

वोट शेयर और सीट अनुमान

  • NDA – लगभग 45–49% वोट शेयर, अनुमानित 125–136 सीटें
  • महागठबंधन (INDIA Bloc) – लगभग 35–39% वोट शेयर, अनुमानित 75–100 सीटें
  • अन्य (LJP, प्रशांत किशोर, छोटे दल) – 8–10% वोट शेयर, 5–12 सीटों पर असर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे इससे साफ है कि NDA को बढ़त मिल रही है, लेकिन महागठबंधन भी पूरी तरह बाहर नहीं हुआ है। अगर छोटे दलों के वोटों का सही बंटवारा हुआ तो तस्वीर बदल सकती है।

मुख्यमंत्री पद की पसंद

  • तेजस्वी यादव (राजद) – 36–43%
  • नीतीश कुमार (जेडीयू) – 30–35%
  • प्रशांत किशोर (जनसुराज) – 8–12%
  • चिराग पासवान (LJP रामविलास) – 5–7%
  • अन्य – 3–5%

यानी कि जनता की पहली पसंद तेजस्वी यादव बने हुए हैं, लेकिन NDA का संगठनात्मक ढांचा और बीजेपी की मज़बूत पकड़ चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे बिहार की राजनीति में बदलते समीकरण

बिहार की राजनीति जातीय समीकरणों पर आधारित रही है। इस बार भी यादव, कुर्मी, दलित, मुस्लिम और सवर्ण वोटरों की भूमिका अहम होगी।महिलाओं का वोट बैंकसर्वे बताते हैं कि महिलाओं में NDA को 50% से अधिक समर्थन मिल रहा है।औरनीतीश कुमार की योजनाएँ जैसे मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, महिला रोजगार सहायता योजना महिलाओं को आकर्षित कर रही हैं।इसमें युवाओं का रुझान बेरोज़गारी सबसे बड़ा मुद्दा है। युवाओं में तेजस्वी यादव की लोकप्रियता ज़्यादा है क्योंकि वे नौकरी और रोज़गार की बात ज़्यादा करते हैं। बात करे ग्रामीण बनाम शहरी वोटर की ग्रामीण इलाकों में RJD का प्रभाव अभी भी मज़बूत है।और शहरी और मध्यमवर्गीय मतदाता NDA की ओर झुकाव रखते हैं।

चुनावी मुद्दे क्या होंगे?

1.बेरोज़गारी और रोजगार

बिहार के युवाओं का सबसे बड़ा सवाल है – नौकरी कब मिलेगी? सरकारी नियुक्तियों में देरी और निजी क्षेत्र की कमी से यह चुनावी एजेंडा का केंद्र बना हुआ है।

2.महंगाई और भ्रष्टाचार

महंगाई के कारण जनता परेशान है। पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर और खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से परिवारों पर बोझ बढ़ा है।

3.विकास और बुनियादी ढांचा

सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य अब भी बड़ी चुनौतियाँ हैं। NDA दावा कर रहा है कि उसने सड़क और बिजली में सुधार किया है, जबकि विपक्ष इसे अपर्याप्त बता रहा है।

4.सामाजिक न्याय और जातीय समीकरण

RJD और कांग्रेस “सामाजिक न्याय” और पिछड़ों के हक की राजनीति पर ज़ोर दे रहे हैं। वहीं, BJP सवर्ण और OBC वोट बैंक को साधने में जुटी है।

सर्वे में दिखे राजनीतिक दलों की रणनीति

NDA (BJP + JDU)

  • महिलाओं को आर्थिक सहयोग देने और कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस।
  • नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भी कैश किया जाएगा।

महागठबंधन (RJD + Congress)

  • रोजगार और युवाओं के भविष्य पर ज़ोर।
  • तेजस्वी यादव को “बेरोज़गारी से मुक्ति दिलाने वाला चेहरा” बताया जा रहा है।

अन्य दल (LJP, प्रशांत किशोर)

  • नई राजनीति और “युवा नेतृत्व” की बात।
  • छोटे दल वोटकटवा की भूमिका निभा सकते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का समीकरण काफ़ी जटिल है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे NDA को बढ़त दिखाई दे रही है, लेकिन तेजस्वी यादव का करिश्मा और युवाओं का समर्थन महागठबंधन को मज़बूत बना सकता है। महिला वोट NDA की सबसे बड़ी ताक़त हैं, जबकि बेरोज़गारी का मुद्दा विपक्ष के लिए वरदान साबित हो सकता है।

अंततः, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सर्वे चुनावी नतीजे इस बात पर निर्भर करेंगे कि मतदाता “विकास और स्थिरता” चुनते हैं या रोज़गार और बदलाव” को प्राथमिकता देते हैं।

बिहार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस 2025:अब घर बैठे ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करें 2025

बिहार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस 2025

बिहार ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस 2025:बिहार परिवहन विभाग ने डिजिटल इंडिया मिशन के तहत नागरिकों को बड़ी सुविधा दी है। अब लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाने के लिए परिवहन दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
सरकार ने एक ऑनलाइन आवेदन प्रणाली (Online Driving License Application System) शुरू की है, जिसके जरिए आवेदक घर बैठे ही आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

यदि आप बिहार में रहते हैं और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें –

1.आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ

बिहार परिवहन विभाग या Sarathi Parivahan Portal पर लॉगिन करें।

2.नया आवेदन चुनें

“Apply Online” सेक्शन में जाकर “Driving License” विकल्प पर क्लिक करें।

3.फॉर्म भरें

अपना नाम, पता, जन्मतिथि और आधार जैसी जानकारी भरें।

4.दस्तावेज़ अपलोड करें

आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और मेडिकल सर्टिफिकेट (यदि आवश्यक हो) अपलोड करें।

5.फीस का ऑनलाइन भुगतान करें

डेबिट/क्रेडिट कार्ड या UPI से निर्धारित शुल्क का भुगतान करें।

6.लर्निंग लाइसेंस टेस्ट दें

यदि आप नया लाइसेंस बना रहे हैं, तो ऑनलाइन लर्निंग टेस्ट देना होगा।

7.ड्राइविंग टेस्ट की तारीख चुनें

ऑनलाइन स्लॉट बुक करें और निर्धारित तारीख पर आरटीओ ऑफिस जाकर टेस्ट दें।

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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज़

ऑनलाइन आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र (Residence Proof)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • जन्म तिथि का प्रमाण (Birth Certificate/10th Marksheet)
  • मेडिकल सर्टिफिकेट (50 वर्ष से ऊपर के आवेदकों के लिए)

बिहार में डिजिटल ट्रांसपोर्ट सेवाएँ

बिहार परिवहन विभाग पहले ही कई सेवाओं को ऑनलाइन कर चुका है, जैसे –

  • वाहन पंजीकरण (Vehicle Registration)
  • टैक्स भुगतान (Road Tax Payment)
  • परमिट आवेदन (Permit Application)
  • फिटनेस सर्टिफिकेट

अब ड्राइविंग लाइसेंस की ऑनलाइन सेवा शुरू होने से लाखों लोगों को फायदा होगा।डिजिटल बिहार और स्मार्ट बिहार की दिशा में यह कदम बेहद सराहनीय है।
अब बिहार के लोग आसानी से घर बैठे ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।अगर आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, तो आज ही बिहार परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।

राजस्व महाअभियान 2025: जमाबंदी सुधार और नामांतरण के लिए जरूरी दस्तावेज़, जानें पूरी प्रक्रिया

राजस्व महाअभियान 2025:

राजस्व महाअभियान 2025:बिहार सरकार लगातार भूमि सुधार और डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन की दिशा में बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में राज्य भर में राजस्व महाअभियान 2025 चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि हर रैयत (भूमि मालिक) को उसकी जमीन से जुड़े दस्तावेज़ सही और अद्यतन रूप में उपलब्ध हों।
अक्सर देखा गया है कि पुराने जमाने में तैयार किए गए राजस्व अभिलेखों में कई प्रकार की त्रुटियां पाई जाती हैं – जैसे नाम की ग़लती, खाता संख्या में गलती, रकबा (क्षेत्रफल) में गड़बड़ी, या एक ही खेसरा पर डुप्लीकेट जमाबंदी। इन गलतियों के कारण रैयतों को जमीन से जुड़े कामों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा अंचल के अंचलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से बताया है कि इस अभियान के तहत यदि कोई रैयत अपनी जमाबंदी सुधारना चाहता है या नामांतरण (म्यूटेशन) कराना चाहता है, तो उसके पास कौन-कौन से दस्तावेज़ होना अनिवार्य है। आइए इस पर विस्तार से जानते हैं।

जमाबंदी सुधार के लिए आवश्यक दस्तावेज़

जमाबंदी सुधार का मतलब है कि अगर भूमि अभिलेख में आपके नाम, पिता का नाम, खाता संख्या, रकबा या अन्य किसी प्रकार की त्रुटि है तो उसे सही करना। यह प्रक्रिया अब पहले की तुलना में काफी आसान बना दी गई है।

पहचान पत्र अनिवार्य

अंचलाधिकारी के अनुसार सबसे पहले रैयत को अपने पहचान पत्र प्रस्तुत करने होंगे। इसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी या पैन कार्ड स्वीकार्य दस्तावेज़ माने जाएंगे। पहचान पत्र से यह सुनिश्चित किया जाता है कि आवेदक वास्तविक भूमि धारक है।

मौजूदा जमाबंदी पर्चा और रसीद

जमाबंदी सुधार के लिए आवेदक को उस भूमि का जमाबंदी पर्चा और ताज़ा राजस्व रसीद प्रस्तुत करनी होगी। इससे यह साबित होता है कि भूमि पर वर्तमान में उसका स्वामित्व है और उसी खाते/खेसरे में सुधार की आवश्यकता है।

रजिस्ट्री या मालिकाना दस्तावेज़

यदि नाम या खाता संख्या की त्रुटि है तो संबंधित रजिस्ट्री, बंटवारा पत्र, या अन्य मालिकाना कागजात की कॉपी जमा करनी होगी। इन दस्तावेज़ों के आधार पर रिकॉर्ड में सुधार किया जाएगा।

डिजिटल प्रक्रिया की सुविधा

राज्य सरकार ने इसके लिए परिमार्जन पोर्टल (parimarjan.bihar.gov.in) की शुरुआत की है। अब बिना दफ्तर का चक्कर लगाए, घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करके भी सुधार संभव है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग इस पोर्टल का लाभ उठा रहे हैं।

नामांतरण (म्यूटेशन) के लिए किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी?

नामांतरण का मतलब है कि जब जमीन का मालिक बदलता है तो राजस्व रिकॉर्ड में उस परिवर्तन को दर्ज करना। यह दो प्रकार का हो सकता है – उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण।

उत्तराधिकार नामांतरण

यदि किसी भूमि मालिक की मृत्यु हो जाती है तो उसके वारिसों के नाम पर जमीन दर्ज की जाती है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज़ हैं:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र – भूमि धारक के निधन का आधिकारिक प्रमाण।
  • वंशावली प्रमाण पत्र – यह प्रमाणित करता है कि कौन-कौन व्यक्ति उत्तराधिकारी हैं।
  • सभी उत्तराधिकारियों की सहमति – कई मामलों में उत्तराधिकारियों के बीच विवाद होता है। यदि सबकी सहमति है तो प्रक्रिया सरल हो जाती है।
  • पहचान पत्र – सभी उत्तराधिकारियों का आधार या वोटर आईडी।

बंटवारा नामांतरण

अगर परिवार में आपसी सहमति से या न्यायालय के आदेश से जमीन का बंटवारा हुआ है तो रिकॉर्ड में उसका नामांतरण कराया जा सकता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज़ हैं:

  • बंटवारा समझौता पत्र – परिवार के बीच लिखित सहमति।
  • न्यायालय का आदेश – विवादित मामलों में कोर्ट का आदेश।
  • सभी पक्षकारों की पहचान पत्र – आधार/वोटर आईडी।
  • जमाबंदी पर्चा और ताज़ा रसीद – स्वामित्व प्रमाण।

इन दस्तावेज़ों को जमा करने के बाद अंचल कार्यालय जांच करता है और फिर रिकॉर्ड अपडेट किया जाता है।

आवेदन प्रक्रिया और किसानों के लिए सुविधाएं

राजस्व महाअभियान 2025 में आवेदन करने के लिए दो तरीके दिए गए हैं – ऑनलाइन पोर्टल और ऑफलाइन कैंप

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

1.<a href=”https://parimarjan.bihar.gov.in” target=”_blank”>परिमार्जन पोर्टल</a> पर जाएं।

2.अपनी श्रेणी चुनें – जमाबंदी सुधार या नामांतरण।

3.आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।

4.सबमिट करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या मिलेगी, जिससे स्टेटस ट्रैक किया जा सकता है।

ऑफलाइन आवेदन (कैंप के जरिए)

गांव-गांव में राजस्व महाअभियान कैंप लगाए जा रहे हैं।

  • रैयत कैंप से फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
  • आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न कर अंचल कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
  • जांच पूरी होने के बाद सुधार या नामांतरण दर्ज कर दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने रैयतों की सुविधा के लिए टोल-फ्री नंबर 18003456215 शुरू किया है। इस पर 24×7 कॉल करके मार्गदर्शन लिया जा सकता है।

राजस्व महाअभियान 2025 बिहार सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है। लंबे समय से चली आ रही जमाबंदी त्रुटियों, नामांतरण की देरी और भूमि विवादों को खत्म करने में यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा।

बंदरा अंचलाधिकारी ने साफ कहा है कि यदि रैयत अपने सभी दस्तावेज़ सही तरीके से प्रस्तुत करें तो प्रक्रिया में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। सरकार ने डिजिटल सुविधा और हेल्पलाइन के जरिए पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कोशिश की है।

इससे न केवल रैयतों को न्याय मिलेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सटीक डिजिटल भूमि अभिलेख सुरक्षित होंगे। किसानों और आम जनता को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए ताकि राज्य में भूमि सुधार की दिशा में यह पहल पूरी तरह सफल हो सके।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025: स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

Kannya Utthan yojna 2025

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025:बिहार सरकार लगातार बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए नई योजनाएँ चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (Mukhyamantri Kanya Utthan Yojana 2025)। यह योजना खासकर स्नातक (Graduate) पास छात्राओं के लिए है, जिसमें सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि (Incentive) प्रदान करती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कन्या उत्थान योजना के तहत स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, क्या है पात्रता (Eligibility), आवश्यक दस्तावेज़ (Documents), लाभ (Benefits) और आवेदन की प्रक्रिया (Application Process)।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025 क्या है?

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत राज्य की बेटियों को शिक्षा पूरी करने के बाद आर्थिक सहायता दी जाती है।

Bihar Gradution scholarship 2025: मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना 2025 से छात्राओं को ₹50,000 की स्कॉलरशिप, ऑनलाइन आवेदन शुरू click here

  • स्नातक (Graduate) पास होने पर ₹50,000 की राशि प्रदान की जाती है।
  • यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते (DBT – Direct Benefit Transfer) में भेजी जाती है।
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करना और शिक्षा में समानता लाना है।

योजना के लाभ (Benefits)

1.आर्थिक सहायता: स्नातक पास करने पर छात्राओं को ₹50,000 की सहायता।

2.शिक्षा में प्रोत्साहन: बेटियाँ उच्च शिक्षा की ओर आकर्षित होंगी।

3.महिला सशक्तिकरण: समाज में बेटियों की स्थिति को मजबूत करना।

4.डायरेक्ट बेनिफिट: राशि सीधे छात्रा के बैंक खाते में जाएगी।

पात्रता (Eligibility Criteria)

आवेदक केवल बिहार राज्य की स्थायी निवासी होनी चाहिए।

लाभार्थी स्नातक (Graduate) पास छात्रा हो।

मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त हो।

आवेदिका का बैंक खाता आधार और मोबाइल से लिंक होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)

1.आधार कार्ड

2.स्नातक की मार्कशीट व प्रमाणपत्र

3.निवासी प्रमाण पत्र (Residence Certificate)

4.पासपोर्ट साइज फोटो

5.बैंक पासबुक (Account Number, IFSC Code)

5.मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025: स्नातक पास ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें –

Step 1: आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ

  • सबसे पहले आप बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट medhasoft.bih.nic.in पर जाएँ।

Step 2: योजना का चयन करें

  • यहाँ आपको “मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (Graduate Incentive)” का विकल्प मिलेगा।
  • उस पर क्लिक करें।

Step 3: रजिस्ट्रेशन करें

  • अब आपको New Registration पर क्लिक करना होगा।
  • अपना नाम, विश्वविद्यालय, कॉलेज का नाम, रोल नंबर, मोबाइल नंबर और आधार नंबर भरें।

Step 4: डॉक्यूमेंट अपलोड करें

  • सभी आवश्यक दस्तावेज़ (Marksheet, Aadhaar, Bank Passbook) स्कैन करके अपलोड करें।

Step 5: फाइनल सबमिट करें

  • सभी जानकारी सही भरने के बाद Final Submit करें।
  • आवेदन सबमिट करने के बाद आपको एक Acknowledgement Slip मिलेगा।

आवेदन की स्थिति (Application Status) कैसे देखें?

  • वेबसाइट पर जाकर “Application Status” पर क्लिक करें।
  • आवेदन संख्या (Application ID) या रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर आप अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates)

  • आवेदन शुरू होने की तिथि – 24/08/2025
  • आवेदन की अंतिम तिथि – जल्द घोषित होगी

(जैसे ही बिहार सरकार ऑफिशियल डेट जारी करेगी, हम यहां अपडेट करेंगे।)

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025 बिहार की बेटियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना से न केवल बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी, बल्कि समाज में बेटियों की स्थिति भी मजबूत होगी। अगर आपने भी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है, तो जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन करें और इस योजना का लाभ उठाएँ।

FAQ (Frequently Asked Questions)

Q1. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 2025 में कितनी राशि मिलती है?

स्नातक पास छात्राओं को ₹50,000 की राशि दी जाती है।

Q2. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लिए आवेदन कहाँ से करें?

आवेदन बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट medhasoft.bih.nic.in पर ऑनलाइन किया जाता है।

Q3. क्या यह योजना केवल स्नातक छात्राओं के लिए है?

हाँ, यह योजना केवल स्नातक (Graduate) पास छात्राओं के लिए है।

Q4. पैसे किसके खाते में आते हैं?

राशि सीधे छात्रा के व्यक्तिगत बैंक खाते में DBT के माध्यम से आती है।

Q5. आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?

आवेदन की अंतिम तिथि सरकार द्वारा जल्द जारी की जाएगी।

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो 2025: गंगा पर सवारी का नया सफर, किराया, रूट और लॉन्च की पूरी डिटेल

Patna Metro Launch 2025: 15 अगस्त को नहीं, अब 23 अगस्त से दौड़ेगी मेट्रो | रूट, किराया, समय

बिहार की राजधानी पटना और पास के हाजीपुर के बीच रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। मौजूदा समय में पुल और सड़क मार्गों पर बढ़ते ट्रैफिक जाम ने आम लोगों को काफी परेशान कर रखा है। इसी समस्या का समाधान देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है – पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट। यह योजना केरल के कोच्चि वॉटर मेट्रो की तर्ज पर विकसित की जा रही है और आने वाले वर्षों में यह गंगा नदी पर तेज, सस्ता और पर्यावरण-हितैषी परिवहन का जरिया बनेगी।

वॉटर मेट्रो की खासियतें और रूट डिटेल

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो को गंगा नदी पर चलाने की योजना है। इसमें इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड तकनीक से चलने वाले आधुनिक बोट्स का इस्तेमाल होगा।

  • रूट नेटवर्क:
    • पहलेजा घाट ↔ दीघा घाट – लगभग 10.62 किमी
    • दीघा घाट ↔ NIT घाट – लगभग 6.63 किमी
    • NIT घाट ↔ हरिहरनाथ घाट – लगभग 8.32 किमी
    • NIT घाट ↔ कंगन घाट – लगभग 7 किमी
    • कंगन घाट ↔ बिदुपुर घाट – लगभग 10.7 किमी
      कुल मिलाकर लगभग 50 किमी का वॉटर मेट्रो नेटवर्क बनेगा, जो पटना को वैशाली और छपरा जैसे इलाकों से जोड़ेगा।
  • यात्रियों की क्षमता: एक नाव में लगभग 100 यात्री (50 बैठने वाले और 50 खड़े होकर) यात्रा कर पाएंगे।
  • किराया: शुरुआती प्रस्ताव के मुताबिक किराया केवल ₹20 से ₹40 के बीच होगा, जो दिल्ली या अन्य मेट्रो से काफी सस्ता होगा।
  • सुविधाएँ: डिजिटल टिकटिंग, एयर-कंडीशन केबिन, CCTV कैमरे और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।

परियोजना की प्रगति और लॉन्च टाइमलाइन

बिहार सरकार और केंद्रीय पोर्ट्स, शिपिंग एवं वॉटरवेज मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को मिलकर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।

  • सर्वेक्षण और DPR:
    Kochi Metro Rail Ltd (KMRL) की टीम ने पटना, हाजीपुर, सोनपुर और दीघा के घाटों का सर्वे पूरा किया है। इसमें नदी की गहराई, धारा और मौसम के प्रभाव का हाइड्रोग्राफिक अध्ययन शामिल है।
  • DPR (Detailed Project Report):
    उम्मीद है कि दिसंबर 2025 तक DPR तैयार हो जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य की शुरुआत होगी।
  • लॉन्च टाइमलाइन:
    अगर सबकुछ योजनानुसार रहा तो यह प्रोजेक्ट साल 2026 तक आम जनता के लिए शुरू हो सकता है।
  • फंडिंग:
    इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त निवेश से तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसमें PPP (Public Private Partnership) मॉडल का भी इस्तेमाल होगा।

वॉटर मेट्रो का महत्व और बिहार पर असर

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो केवल एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि बिहार के शहरी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।

Patna Metro Launch 2025: 15 अगस्त को नहीं, अब 23 अगस्त से दौड़ेगी मेट्रो | रूट, किराया, समय click here

  1. ट्रैफिक जाम से राहत:
    गांधी सेतु और अन्य पुलों पर रोजाना भारी जाम लगता है। वॉटर मेट्रो शुरू होने के बाद यात्रा का समय कम होगा और सड़क पर दबाव घटेगा।
  2. पर्यावरण-हितैषी परिवहन:
    इलेक्ट्रिक बोट्स प्रदूषण नहीं फैलाएंगी। इससे गंगा की स्वच्छता और वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक असर होगा।
  3. पर्यटन को बढ़ावा:
    गंगा नदी पर आधुनिक वॉटर मेट्रो चलने से पटना का पर्यटन आकर्षण और बढ़ेगा। स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को यह नया अनुभव मिलेगा।
  4. आर्थिक विकास:
    इस परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। घाटों और टर्मिनलों के विकास से आस-पास के इलाकों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा।
  5. किफायती यात्रा:
    केवल ₹20 से ₹40 के किराए में लोग आरामदायक और तेज सफर कर पाएंगे, जिससे यह गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए भी सुलभ होगा।

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो बिहार के लिए एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट साबित हो सकता है। यह न केवल गंगा नदी पर आधुनिक परिवहन का नया विकल्प देगा बल्कि ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और समय की बर्बादी जैसी समस्याओं का भी समाधान बनेगा। सरकार की योजना है कि 2026 तक यह सेवा आम जनता के लिए शुरू कर दी जाए। अगर यह योजना समय पर पूरी हो जाती है, तो यह बिहार की शहरी छवि बदलने वाला प्रोजेक्ट होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।

खेसारी लाल यादव का चौंकाने वाला बयान: सेमीकंडक्टर बाहर, बिहार को मिली सिर्फ ट्रेन!

"खेसारी लाल यादव का बड़ा बयान – सेमीकंडक्टर बाहर, ट्रेन बिहार के लिए"

भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव सिर्फ फिल्मों और गानों तक सीमित नहीं हैं। वे समय-समय पर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखते हैं। हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट कर बिहार की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। खेसारी ने रोजगार, पलायन और बिहार की उपेक्षा पर सीधा सवाल उठाया। उनका कहना है कि बिहार से लाखों लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख करने को मजबूर हैं, जबकि यहां बड़े उद्योग और रोजगार के अवसर नहीं लाए जा रहे।

खेसारी लाल यादव ने क्या कहा?

खेसारी लाल यादव ने अपने ट्वीट में लिखा:फिर बोलेगा लोग की खेसरिया बहुत बोल रहा हैं। ढोल पीटने से पहले ये सोच लेते की बिहार से कितने लोगों को दूसरे राज्यों में काम करने जाना पड़ता हैं। पूछियेगा अपने रिश्तेदार से की कन्फर्म टिकट भी मिला या नहीं इतना के बाद? सेमीकंडक्टर प्लांट दूसरे राज्य में लागता, जबकि अमृत भारत ट्रेन बिहार के लिए। ठीक हैं।”उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और बिहार की विकास यात्रा पर फिर से बहस छिड़ गई।

पलायन और रोजगार की समस्या

बिहार में रोजगार की कमी कोई नई बात नहीं है। हर साल लाखों युवक और कामगार दिल्ली, मुंबई, पंजाब, गुजरात और साउथ भारत के राज्यों में काम की तलाश में जाते हैं। खेसारी ने इसी समस्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब बिहार से इतनी बड़ी संख्या में लोग बाहर जाते हैं, तो नेताओं को इसका समाधान खोजना चाहिए।रेलवे टिकट की कठिनाई का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग कन्फर्म टिकट तक नहीं पा पाते, जो इस पलायन की भयावह स्थिति को दर्शाता है।

सेमीकंडक्टर प्लांट और बिहार की उपेक्षा

खेसारी के ट्वीट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह रहा कि उन्होंने सेमीकंडक्टर प्लांट पर सवाल उठाया। भारत सरकार ने हाल ही में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को लेकर बड़े निवेश की घोषणा की है और गुजरात सहित कुछ राज्यों में इसकी यूनिट स्थापित की जा रही है।

लेकिन खेसारी का कहना है कि आखिर क्यों बिहार को ऐसे अवसरों से वंचित रखा जाता है?

  • अगर सेमीकंडक्टर प्लांट बिहार में लगाया जाता तो लाखों युवाओं को रोजगार मिल सकता था।
  • इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती और पलायन की समस्या भी कुछ हद तक सुलझती।
  • साथ ही, बिहार के इंजीनियरिंग और तकनीकी छात्रों को अपने ही राज्य में बेहतर मौके मिल पाते।

उनके मुताबिक, बिहार को सिर्फ ट्रेन जैसी परियोजनाएँ देकर खुश कर दिया जाता है, जबकि उद्योगों और बड़े निवेश की असली ज़रूरत पर ध्यान नहीं दिया जाता।

अमृत भारत ट्रेन और राजनीतिक व्यंग्य

खेसारी ने ट्वीट में लिखा कि “सेमीकंडक्टर प्लांट बाहर, अमृत भारत ट्रेन बिहार के लिए”। इस कथन में उनका सीधा इशारा राजनीति पर था।

  • बिहार को बार-बार रेलवे, ट्रेन और बुनियादी ढाँचे की योजनाओं से जोड़ा जाता है।
  • लेकिन जिस स्तर के निवेश और उद्योग राज्य को चाहिए, वे दूसरे राज्यों में जाते हैं।
  • इसका सीधा असर बिहार की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य पर पड़ता है।

खेसारी ने यह व्यंग्य करते हुए बताया कि बिहार को “सिर्फ ट्रेन” नहीं चाहिए, बल्कि रोजगार, उद्योग और विकास चाहिए।खेसारी लाल यादव का यह ट्वीट सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि बिहार की जमीनी हकीकत की गवाही है।

  • रोजगार की कमी
  • लगातार पलायन
  • उद्योग और निवेश का अभाव

ये समस्याएँ आज भी बिहार के सामने सबसे बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। खेसारी ने अपनी बात कहकर उन लाखों बिहारी युवाओं की आवाज़ को सामने रखा है, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अपने घर से दूर जाते हैं।

Khesari Lal Yadav’s statement questions why Bihar is deprived of opportunities. According to him, Bihar is content with projects like trains but neglects the real need for industries and significant investments. In a tweet, Khesari referenced “Semi-conductor plant out, Amrit Bharat Train for Bihar” as a political satire, highlighting Bihar’s need for more than just trains, emphasizing the necessity for employment, industries, and development. This tweet by Khesari Lal Yadav goes beyond being a mere statement, serving as a testimony to the ground reality of Bihar’s challenges. These issues continue to pose significant hurdles in Bihar’s progress, resonating with the voices of millions of Bihari youths seeking a brighter future.

तेज प्रताप यादव का मनेर में बड़ा बयान: भाई वीरेंद्र पर साधा निशाना, कहा- “बैलवा बेलगाम घूम रहा है, इसे नाथना होगा”

"तेज प्रताप यादव मनेर और बैलवा उपचुनाव 2025 में प्रचार करते हुए"

बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल बढ़ गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने मनेर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र पर तीखा हमला बोला और कार्यकर्ताओं से अपील की कि इस बार चुनाव में उन्हें हराकर दिखाएं।तेज प्रताप यादव के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में चर्चा तेज हो गई है। आइए जानते हैं पूरा मामला

मनेर में तेज प्रताप यादव का बयान: “बैलवा बेलगाम घूम रहा है”

मनेर में आयोजित एक राजनीतिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे तेज प्रताप यादव ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को जोशीला संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज मनेर में एक “बैलवा बेलगाम” घूम रहा है, जिसे नाथने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र की ओर था।

तेज प्रताप ने कहा कि मनेर की जनता को अब जागरूक होना पड़ेगा और ऐसे नेताओं को सबक सिखाना होगा जो जनता के बीच रहकर जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करते। उन्होंने कहा कि जनता का प्यार और आशीर्वाद असली ताकत है और जनता चाहे तो किसी भी “बेलगाम बैल” को चुनाव में हराकर सबक सिखा सकती है| उनके इस बयान को लेकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोगों ने तालियों और नारों के साथ स्वागत किया।

भाई वीरेंद्र और तेज प्रताप यादव के बीच का राजनीतिक मतभेद

भाई वीरेंद्र, जो कि मनेर विधानसभा से राजद विधायक हैं, कई बार अपनी बेबाकी और बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर पार्टी के अंदर की नीतियों और नेताओं पर सवाल उठाए हैं। यही कारण है कि उनका और तेज प्रताप यादव का राजनीतिक टकराव किसी से छिपा नहीं है।तेज प्रताप यादव और भाई वीरेंद्र के बीच पिछले कई सालों से संबंध ठीक नहीं रहे। भाई वीरेंद्र को लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता है, लेकिन उनका खुलकर बयानबाजी करना और पार्टी लाइन से हटकर बोलना कई बार विवाद का कारण बना है।तेज प्रताप का मनेर में दिया गया यह बयान इसी मतभेद की ओर इशारा करता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए यह बयान उनके “राजनीतिक भविष्य” से जुड़ा हुआ है।

बिहार चुनाव 2025: मनेर सीट पर अब सियासी घमासान तय

तेज प्रताप यादव के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि मनेर विधानसभा सीट 2025 के चुनाव में खास चर्चा में रहने वाली है। अगर तेज प्रताप खुले तौर पर भाई वीरेंद्र के खिलाफ मैदान में उतरते हैं या किसी दूसरे उम्मीदवार को समर्थन देते हैं, तो राजद के अंदरूनी संघर्ष का असर सीधा चुनावी नतीजों पर पड़ेगा।मनेर विधानसभा सीट पर अभी तक राजद का दबदबा रहा है, लेकिन तेज प्रताप यादव के इस बयान के बाद जनता और कार्यकर्ताओं में नई हलचल है। कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि क्या इस बार भाई वीरेंद्र को पार्टी टिकट मिलेगा या फिर तेज प्रताप यादव की नाराजगी के चलते किसी नए चेहरे को उतारा जाएगा।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर राजद ने समय रहते मतभेद को दूर नहीं किया, तो इसका नुकसान 2025 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है। मनेर सीट पर एनडीए भी लगातार सक्रिय है और बीजेपी-जेडीयू इस क्षेत्र में अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी हुई है।

तेज प्रताप यादव का यह बयान केवल एक व्यक्तिगत हमला नहीं बल्कि आने वाले चुनाव की दिशा और दशा तय करने वाला संकेत है। “बैलवा बेलगाम घूम रहा है” जैसी उपमा देकर उन्होंने साफ कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर “बागी सुरों” को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।

मनेर विधानसभा सीट अब बिहार चुनाव 2025 का एक “हॉटस्पॉट” बनने जा रही है। जहां एक तरफ भाई वीरेंद्र अपनी साख बचाने की लड़ाई लड़ेंगे, वहीं दूसरी तरफ तेज प्रताप यादव अपने समर्थकों के साथ राजनीतिक भविष्य का नया रास्ता बनाने की कोशिश करेंगे।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राजद इन मतभेदों को सुलझा पाएगी या फिर यह अंदरूनी लड़ाई विपक्ष के लिए “फायदे का सौदा” साबित होगी।