Bihar STET 2025 CBT Exam: बिहार बोर्ड ने परीक्षा संचालन के लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की, 14 अक्टूबर से शुरू होगी परीक्षा

Bihar STET 2025 CBT Exam

Bihar STET 2025 CBT Exam:बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) 2025 के आयोजन को लेकर बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। इस बार परीक्षा को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और आधुनिक तकनीक से संपन्न कराने के लिए समिति ने नौ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है। यह परीक्षा 14 अक्टूबर से 16 नवंबर 2025 तक Computer Based Test (CBT) मोड में आयोजित की जाएगी।

बिहार बोर्ड ने इस बार परीक्षा के संचालन की निगरानी के लिए पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, सहरसा और भोजपुर जिलों को शामिल किया है। परीक्षा के दौरान प्रशासनिक और तकनीकी सहयोग सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।

परीक्षा तिथि, स्थान और आयोजन प्रणाली की पूरी जानकारी

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से जारी कार्यालय आदेश (संख्या 39/2025) में स्पष्ट किया गया है कि माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 14 अक्टूबर 2025 से 16 नवंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा Computer Based Test (CBT) मोड में होगी, जिससे पेपर लीक जैसी घटनाओं की संभावना समाप्त हो जाएगी और मूल्यांकन प्रक्रिया भी तेज़ी से पूरी की जा सकेगी।

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इस बार परीक्षा केंद्रों को बिहार के प्रमुख जिलों में विभाजित किया गया है —

  • पटना
  • गया
  • मुजफ्फरपुर
  • दरभंगा
  • भागलपुर
  • पूर्णिया
  • सहरसा
  • भोजपुर

यह सभी केंद्र पूरी तरह ऑनलाइन व्यवस्था से लैस होंगे। अभ्यर्थियों के प्रवेश, बायोमेट्रिक उपस्थिति और लाइव सर्विलांस के तहत परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी।

BSEB अध्यक्ष ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि STET परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से कराया जाए ताकि योग्य उम्मीदवारों को उचित अवसर मिले।”

Bihar STET 2025 CBT Exam,प्रतिनियुक्त अधिकारियों की सूची और जिम्मेदारियां

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी आदेश में नौ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है जो परीक्षा संचालन से संबंधित सभी प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करेंगे। इन अधिकारियों को परीक्षा की पूरी अवधि तक संबंधित जिलों में तैनात रहना होगा और परीक्षा से जुड़ी किसी भी समस्या या रिपोर्ट को तुरंत केंद्रीय कार्यालय को भेजना होगा।

नीचे दी गई तालिका में अधिकारियों की विस्तृत जानकारी दी गई है:

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क्रम सं.अधिकारी का नामपदनामजिलासंपर्क संख्या
1श्री विश्वजीत कुमारनिरीक्षकपटना9534551324
2श्री राजीव सिंहपदस्थगया9470447576
3श्री शरण कुमारएएफओ/टीओएसओमुजफ्फरपुर6201443081
4मोo तौकीर आलमपदस्थदरभंगा7909085279
5श्री राजेश कुमार-1सहायक (संवित)भागलपुर8210510130
7श्री देवराज गोलेरियापदस्थपूर्णिया7903751287
8श्री आनंद कुमारपदस्थसहरसा9921002582
9श्री उपेन्द्र नाथ ठाकुरपदस्थभोजपुर7004178705

Bihar STET 2025 CBT Examइन अधिकारियों को 10 अक्टूबर 2025 तक केंद्रीय प्रशासनिक शाखा (विविध) से संपर्क कर आगे की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है।साथ ही, जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और शिक्षा निदेशक के सहयोग से परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा, निगरानी और प्रशासनिक नियंत्रण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

BSEB ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रतिनियुक्त कर्मियों को कार्य पूर्ण होने के बाद 15 दिनों के भीतर यात्रा व्यय का प्रतिवेदन जमा करना होगा।

STET 2025 CBT परीक्षा की विशेषताएँ और उम्मीदवारों के लिए जरूरी निर्देश

इस वर्ष बिहार बोर्ड की STET परीक्षा को पूरी तरह डिजिटलीकृत किया गया है। इससे न केवल प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बनी रहेगी बल्कि मूल्यांकन भी तेज़ी से होगा। परीक्षा में उम्मीदवारों को ऑनलाइन पेपर देना होगा, जहाँ सभी प्रश्नों को कंप्यूटर पर ही हल किया जाएगा।

CBT प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ:

  • परीक्षा केंद्रों पर रीयल-टाइम मॉनिटरिंग।
  • बायोमेट्रिक उपस्थिति और कैमरा सर्विलांस।
  • प्रश्नों का रैंडमाइजेशन ताकि किसी भी तरह की नकल की संभावना न रहे।
  • उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड के साथ वैध फोटो पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा।
  • परीक्षा हॉल में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की अनुमति नहीं होगी।

BSEB की ओर से अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे परीक्षा से संबंधित अपडेट, एडमिट कार्ड डाउनलोड लिंक और सेंटर विवरण के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाएँ — https://biharboardonline.bihar.gov.in

STET परीक्षा का उद्देश्य और बिहार सरकार की पहल

माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) का मुख्य उद्देश्य बिहार के सरकारी स्कूलों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों की योग्यता का परीक्षण करना है।पिछले कुछ वर्षों में, बिहार बोर्ड ने परीक्षा प्रक्रिया को लगातार डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। CBT मॉडल का यह दूसरा चरण है, जिसमें तकनीकी खामियों को दूर करते हुए आधुनिक सॉफ्टवेयर आधारित मॉनिटरिंग की जाएगी।

यह परीक्षा बिहार के लाखों अभ्यर्थियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो राज्य में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार, इस बार परीक्षा परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, जिससे राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी हो सके।

BSEB का संदेश: पारदर्शिता और समयबद्धता को प्राथमिकता

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कहा है कि परीक्षा संचालन से जुड़ी सभी प्रक्रियाएँ समयबद्ध और पारदर्शी होंगी। समिति ने प्रशासन, पुलिस और शिक्षा अधिकारियों के सहयोग से अभ्यर्थियों के लिए एक सुरक्षित और निष्पक्ष माहौल तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

संयुक्त सचिव (स्थापना) द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि प्रतिनियुक्त अधिकारी अपने कार्यकाल के दौरान पूर्ण जिम्मेदारी से परीक्षा संचालन की निगरानी करेंगे और हर स्थिति में परीक्षा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराएँगे।

Bihar STET 2025 CBT Examमुख्य तथ्य संक्षेप में

  • परीक्षा का नाम: Bihar STET 2025
  • परीक्षा मोड: Computer Based Test (CBT)
  • परीक्षा तिथि: 14 अक्टूबर से 16 नवंबर 2025 तक
  • आयोजनकर्ता: Bihar School Examination Board (BSEB)
  • प्रतिनियुक्त अधिकारी: 9
  • आदेश जारी: 09 अक्टूबर 2025
  • स्थान: पटना, बिहार

बिहार महिला सशक्तिकरण योजना 2025 में ₹10,000 लौटाना होगा या नहीं? जानिए पूरी सच्चाई

बिहार महिला सशक्तिकरण योजना 2025

बिहार महिला सशक्तिकरण योजना 2025:बिहार सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना 2025 लॉन्च की है। इस योजना का उद्देश्य है महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करना और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना। योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को प्रारंभिक सहायता राशि ₹10,000 प्रदान की जाती है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस राशि को वापस लौटाना होगा या यह पूरी तरह से मदद के तौर पर दी गई है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि इस योजना के तहत ₹10,000 लौटाना होगा या नहीं और इसके पीछे की पूरी प्रक्रिया।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान और योजना की घोषणा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 सितंबर 2025 को इस योजना का औपचारिक शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि यह राशि महिलाओं के स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए दी जा रही है। उनका कहना था,

“महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इस योजना के माध्यम से महिलाएं अपने छोटे व्यवसाय शुरू कर सकती हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सकती हैं। इस योजना में दी जाने वाली राशि एक सहायता राशि (grant) है और इसे लौटाने की कोई आवश्यकता नहीं है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि योजना की पहली किस्त ₹10,000 की है, जो महिलाओं को उनके व्यवसाय के आरंभिक खर्चों के लिए दी जाएगी। बाद में छह महीने की समीक्षा के आधार पर अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जा सकती है, जो उनकी प्रगति पर निर्भर करेगी।

इस घोषणा से स्पष्ट होता है कि यह राशि वापस लौटाने योग्य ऋण नहीं, बल्कि सरकारी अनुदान है।

₹10,000 राशि के लाभ और वापसी की स्थिति

योजना के तहत ₹10,000 राशि का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने में मदद करना है। इसका प्रयोग महिला अपने व्यवसाय की शुरुआती लागत, कच्चा माल खरीदने, या जरूरी उपकरण खरीदने में कर सकती हैं।

राशि वापसी की स्थिति

  • आधिकारिक स्रोतों के अनुसार यह राशि grant है, यानी यह आर्थिक सहायता के रूप में दी जा रही है।
  • योजना में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि यह राशि लौटानी होगी।
  • मीडिया रिपोर्ट और सरकारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, यह राशि केवल महिला के व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए है।
  • भविष्य में यदि महिला को अतिरिक्त सहायता मिलती है (जैसे ₹2,00,000 तक), तो यह भी उसी शर्त पर दी जाएगी कि यह वापस लौटाने योग्य नहीं है।

इसका मतलब साफ है — योजना में दी गई ₹10,000 राशि को महिला को वापस लौटाने की जरूरत नहीं है। यह पूरी तरह से सहायता राशि है।

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बिहार महिला सशक्तिकरण योजना 2025,योजना से जुड़ी सावधानियाँ और आवेदन प्रक्रिया

हालांकि राशि लौटानी नहीं है, लेकिन महिलाओं को योजना का लाभ लेने से पहले कुछ सावधानियाँ जरूर बरतनी चाहिए:

  1. अधिकारिक आवेदन:
    आवेदन केवल बिहार सरकार की आधिकारिक पोर्टल या नजदीकी ग्रामीण विकास कार्यालय में किया जा सकता है।
  2. दस्तावेज़:
    लाभार्थी महिला को अपना आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और पहचान पत्र जमा करना होगा।
  3. व्यवसाय योजना:
    आवेदन के समय महिला से पूछा जाता है कि वह राशि का किस प्रकार उपयोग करेगी। यह व्यवसाय योजना जांच के लिए आवश्यक है।
  4. समीक्षा:
    पहली किस्त मिलने के छह महीने बाद सरकार द्वारा समीक्षा की जाती है। यह केवल प्रगति के मूल्यांकन के लिए है, राशि लौटाने के लिए नहीं।
  5. अन्य सहायता:
    यदि महिला योजना के तहत अच्छी प्रगति दिखाती है, तो उसे अतिरिक्त राशि दी जा सकती है, जिससे उसका व्यवसाय और मजबूत होगा।

इन सभी सावधानियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ सही तरीके से महिलाओं तक पहुँचे।

निष्कर्ष

बिहार महिला सशक्तिकरण योजना 2025 महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के तहत दी जाने वाली ₹10,000 की राशि वापस लौटाने योग्य नहीं है। यह एक सहायता राशि (grant) है, जो महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने में मदद करती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्पष्ट बयान और आधिकारिक सरकारी निर्देशों के अनुसार, लाभार्थी महिलाओं को इस राशि को वापस लौटाने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह योजना महिलाओं को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है।योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को केवल आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी है और निर्धारित दस्तावेज़ जमा करने हैं। सही तरीके से योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं को भविष्य में और अधिक सहायता भी मिल सकती है।

इस प्रकार, बिहार सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया कदम महिलाओं के लिए सरल और लाभकारी रहे।

बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26: किसानों को 80% तक अनुदान,Online apply कैसे करे जाने प्रक्रिया

बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26

बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26:बिहार सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और खेती को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26 की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों पर 40% से 80% तक का अनुदान (सब्सिडी) दिया जाएगा।

योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को ऐसी मशीनें उपलब्ध कराना है, जिनसे खेतों में मेहनत और समय दोनों की बचत हो सके। लेकिन इसके साथ ही आवेदन प्रक्रिया और सीमित बजट को लेकर किसानों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है।

योजना की प्रमुख विशेषताएँ

  1. सब्सिडी का प्रावधान – किसानों को 70 से अधिक कृषि उपकरणों पर अनुदान मिलेगा।
  2. DBT की पारदर्शिता – अनुदान की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
  3. आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता – पावर टिलर, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, पंपसेट, थ्रेशर जैसी मशीनों पर छूट।
  4. ऑनलाइन पंजीकरण – फार्म मेकेनाइजेशन पोर्टल और DBT पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य।
  5. कृषि में आधुनिक तकनीक का उपयोग – खेती को आसान और उत्पादक बनाने की दिशा में बड़ा कदम।

बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26 पर किन-किन उपकरणों पर मिलेगा अनुदान

बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26 में योजना में लगभग 70 कृषि उपकरण शामिल किए गए हैं, जिन पर किसानों को 40% से 80% तक की छूट मिलेगी। इनमें शामिल हैं –

  • ट्रैक्टर और पावर टिलर
  • राइस ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई मशीन)
  • हार्वेस्टर और थ्रेशर
  • पंपसेट और सिंचाई उपकरण
  • मल्चर, रोटावेटर और कल्टीवेटर
  • फसल कटाई और भंडारण उपकरण
  • स्प्रेयर और ड्रोन आधारित तकनीक

उदाहरण के लिए, यदि किसी उपकरण की कीमत 50,000 रुपये है और उस पर 60% अनुदान है, तो किसान को केवल 20,000 रुपये खर्च करने होंगे।

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बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26 आवेदन की प्रक्रिया(How to Apply Krishi Yantrikaran Yojna 2025-26)

1.अपने ब्राउज़र में farmech.bihar.gov.in (Farm Mechanisation / OFMAS) खोलें — यहीं से आवेदन शुरू होता है।

2.होमपेज पर “Farmer Application” या “Farmer Application → सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आवेदन करें” जैसे विकल्प खोजें। इस मेन्यू में: Application Entry, Update Application, Finalize Application, Print Acknowledgement, Check Status जैसे ऑप्शन होंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनाव कार्य में उपयोग होने वाले वाहनों का भाड़ा तय, जानिए पूरी लिस्ट@akshwaninews24.com click here

3) Application Entry (नया आवेदन भरें)
  • Application Entry पर क्लिक करें।
  • फॉर्म में निम्न जानकारी भरें: नाम, पिता/पत्नीक का नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, बैंक डिटेल्स (खाता नंबर, IFSC), ज़िला/ब्लॉक/ग्राम, खेत की जानकारी, और कितना implement चाहिए — ड्रॉप-डाउन से उपकरण चुनें।

4) उपकरण (Implement) और डीलर चुनें

  • पोर्टल पर उपलब्ध सूची (catalogue) में से वह मशीन/उपकरण चुनें जिस पर आप सब्सिडी चाहते हैं।
  • अधिकतर मामलों में अधिकृत डीलर का चुनाव करना पड़ता है — डीलर चुनें और यदि डीलर कोटेशन मांगा गया है तो अपलोड कर दें।

5) दस्तावेज़ अपलोड करें

  • स्कैन किए हुए (JPEG/PDF) दस्तावेज़ अपलोड करें: Aadhaar, बैंक पासबुक का पेज़ जिसमें नाम/खाता दिखे (या cancelled cheque), भूमि-प्रमाण आदि।
  • फोटोग्राफ और हस्ताक्षर (यदि मांगा जाए) अपलोड करें।

6.फॉर्म भरने के बाद Save/Preview करें। गलती न हो तो Finalize (अंतिम सबमिट) करें।सबमिट होने पर Acknowledgement / Application Number बन जाएगा — इसे प्रिंट या स्क्रीनशॉट कर लें। यह नंबर आगे ट्रैक करने में काम आएगा।

बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26में क्या- क्या लगेगा Documents

  1. Aadhaar कार्ड (बायो-मेट्रिक/ओटीपी से जुड़े मोबाइल नंबर से)।
  2. बैंक पासबुक / खाता नंबर + IFSC (खाता Aadhaar से लिंक होना चाहिए)।
  3. भूमि/खेत का प्रमाण (किसी जिले का रिकॉर्ड, खसरा/नकल/पट्टा इत्यादि)।
  4. पुनः सत्यापन के लिए विक्रेता/डीलर से आशय पत्र या कोटेशन (यदि मांगा जाए)।
  5. मोबाइल नंबर और ई-मेल (OTP/समाचार के लिए)।

नोट: सबसे पहले DBT (Direct Benefit Transfer) पोर्टल पर

बिहार कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26 किसान अपने आवेदन की स्थिति पोर्टल पर जाकर Check Status विकल्प के जरिए देख सकते हैं। इसमें आवेदन नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर यह पता लगाया जा सकता है कि आवेदन स्वीकृत हुआ है या प्रक्रिया में है।

इस पूरी प्रक्रिया में यह ध्यान रखना जरूरी है कि किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो सब्सिडी राशि अटक सकती है। साथ ही, आवेदन के समय वही मोबाइल नंबर इस्तेमाल करें जो आधार से जुड़ा है, क्योंकि सभी OTP और सूचना उसी पर आएगी।

यदि किसी किसान को आवेदन प्रक्रिया में दिक्कत आती है तो वे अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय या सहायक निदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) से मदद ले सकते हैं। अक्सर ब्लॉक या जिला स्तर पर अधिकारी और तकनीकी सहायकों की टीम किसानों की ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया में मदद करती है।

किसानों की राय

योजना को लेकर किसानों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई किसान इसे खेती में क्रांतिकारी कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि अब कम मेहनत और कम लागत में खेती हो पाएगी। दूसरी ओर, कुछ किसान यह भी शिकायत कर रहे हैं कि आवेदन प्रक्रिया बहुत जटिल है और गाँवों में इंटरनेट की सुविधा न होने से आवेदन करना कठिन हो जाता है।

कुछ किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि डीलर या दलाल उनसे अतिरिक्त पैसे वसूलते हैं। वहीं, पिछली योजनाओं की तरह अनुदान राशि मिलने में देरी की संभावना भी जताई जा रही है।

किसानों के लिए लाभ

इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसान अब महंगे उपकरण कम कीमत पर खरीद सकते हैं। इससे खेती में कई फायदे होंगे।

  • कम लागत में खेती – मशीनों से खेती करने पर मजदूरी खर्च घटेगा।
  • उत्पादन में वृद्धि – आधुनिक उपकरणों से समय पर जुताई, बुवाई और कटाई संभव होगी।
  • गुणवत्ता में सुधार – वैज्ञानिक पद्धतियों से उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ेगी।
  • समय की बचत – मशीनें कम समय में ज्यादा काम करती हैं।
  • मजदूरों पर निर्भरता कम – आजकल मजदूरों की कमी रहती है, ऐसे में मशीनों से यह समस्या दूर होगी।

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग के निर्देश पर परिवहन विभाग ने उन वाहनों का किराया तय कर दिया है, जिनका इस्तेमाल चुनावी कार्यों में किया जाएगा। इसमें बस, मिनी बस, जीप, वैन, बोलेरो, स्कॉर्पियो से लेकर स्कूल बस तक शामिल हैं।

परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह के आदेश के बाद यह किराया सूची जारी की गई है। इसके तहत वाहन मालिकों को उनकी गाड़ियों का दैनिक भाड़ा मिलेगा और ईंधन का खर्च अलग से दिया जाएगा।

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परिवहन विभाग ने वाहनों का किराया सीट और क्षमता के आधार पर तय किया है।

  • 50 से अधिक यात्री क्षमता वाली बसें – 3500 रुपये प्रतिदिन
  • 40 से 49 सीट वाली बसें – 3200 रुपये प्रतिदिन
  • मिनी बस (23 से 39 सीट) – 2500 रुपये प्रतिदिन
  • मैक्स, टेम्पो (14 से 22 सीट) – 2000 रुपये प्रतिदिन
  • जीप, वैन (9 सीट तक) – 1000 रुपये प्रतिदिन
  • मारुति वैन (गैर एसी) – 1100 रुपये प्रतिदिन
  • बोलरो, सूमो (गैर एसी) – 1200 रुपये प्रतिदिन
  • बोलरो, सूमो (एसी) – 1500 रुपये प्रतिदिन
  • एसी स्कॉर्पियो, क्वालिस, टवेरा – 1900 रुपये प्रतिदिन
  • इनोवा, सफारी (एसी) – 2100 रुपये प्रतिदिन
  • विक्रम, मैजिक, मिनीडोर – 700 रुपये प्रतिदिन

चुनावी कार्यों के लिए क्यों जरूरी हैं वाहन?

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चुनाव जैसे बड़े लोकतांत्रिक कार्यक्रम में लाखों कर्मियों, सुरक्षा बलों और अधिकारियों की तैनाती की जाती है। बूथ तक चुनाव सामग्री पहुँचाने से लेकर मतदाताओं की सुरक्षा और कर्मचारियों के आवागमन तक, हर जगह गाड़ियों की जरूरत पड़ती है।बिहार में इस बार अनुमान है कि डेढ़ लाख से अधिक वाहनों की आवश्यकता होगी। इसमें स्थानीय बसें, मिनी बसें, ट्रैक्टर, बोलेरो, टवेरा, स्कॉर्पियो, इनोवा जैसी गाड़ियां और स्कूल बसें शामिल होंगी।

स्कूल बसों का अधिग्रहण – अधिकतम तीन दिन

परिवहन विभाग ने साफ किया है कि स्कूल बसों का अधिग्रहण चुनावी कार्यों के लिए अधिकतम 3 दिनों तक ही होगा। इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।अगर किसी जिले में पर्याप्त वाहन नहीं मिलेंगे तो दूसरे जिलों से वाहन मंगाए जाएंगे।एवं वाहन चालकों के लिए प्रावधान

  • प्रत्येक वाहन चालक और सह-चालक को प्रतिदिन 300 रुपये भत्ता मिलेगा।
  • चुनावी कार्य में लगे वाहन मालिकों और चालकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग से सहमति ले ली गई है।
  • जिन वाहनों का उपयोग चुनावी कामों में होगा, उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी विभाग की ओर से तय निर्देशों के अनुसार होगी।

विभाग की भूमिका, क्यों खास है यह आदेश?

परिवहन विभाग ने यह आदेश सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिला निर्वाचन पदाधिकारियों, वरीय पुलिस अधिकारियों, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण और जिला परिवहन पदाधिकारियों को भेज दिया है। ताकि चुनाव के दौरान वाहन अधिग्रहण और भुगतान प्रक्रिया में किसी तरह की देरी न हो।

1.वाहन मालिकों को पारदर्शिता – अब उन्हें पहले से पता होगा कि किस श्रेणी की गाड़ी का कितना किराया मिलेगा।

2.समय पर भुगतान – वित्त विभाग की मंजूरी से भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी।

3.चालकों को लाभ – दैनिक भत्ता तय होने से उन्हें अतिरिक्त आर्थिक सहयोग मिलेगा।

4.चुनाव की सुचारू तैयारी – वाहनों की कमी न हो और पूरे प्रदेश में मतदान प्रक्रिया सही ढंग से पूरी हो सके।

Conclusion

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परिवहन विभाग की यह पहल बेहद अहम है। लाखों वाहनों की व्यवस्था के बिना चुनाव कराना लगभग असंभव होता। तय भाड़ा और स्पष्ट दिशा-निर्देश न सिर्फ वाहन मालिकों के लिए राहत की खबर है बल्कि चुनाव आयोग और प्रशासन के लिए भी यह व्यवस्था प्रक्रिया को आसान बनाएगी।

Parimarjan Plus:बिहार में अब ऑनलाइन सुधारें जमाबंदी की गलती, परिमार्जन प्लस पोर्टल से आसान होगा आवेदन

परिमार्जन प्लस पोर्टल बिहार

Parimarjan Plus: बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्यवासियों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू की है। अब नागरिक जमाबंदी (Land Records) में हुई त्रुटियों या छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन सुधार सकेंगे। इसके लिए विभाग ने परिमार्जन प्लस (Parimarjan Plus) नामक पोर्टल लॉन्च किया है। इस डिजिटल पहल से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को राहत मिलेगी।

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परिमार्जन प्लस पोर्टल क्या है और क्यों है ज़रूरी?

परिमार्जन प्लस पोर्टल, बिहारभूमि (Bihar Bhumi) पोर्टल का ही एक विशेष सेक्शन है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनकी जमीन संबंधी रिकॉर्ड यानी जमाबंदी, खाता, खेसरा आदि में यदि कोई त्रुटि हो तो उसे ऑनलाइन सही करने का विकल्प देना है।

पहले के समय में लोग छोटी-छोटी गलतियों को ठीक कराने के लिए महीनों तक दफ्तरों के चक्कर काटते थे। मसलन –

  • नाम की स्पेलिंग गलत होना,
  • खाता संख्या या खेसरा संख्या में गड़बड़ी,
  • उत्तराधिकारी का नाम दर्ज न होना,
  • जमीन का गलत विवरण दर्ज हो जाना,

ऐसी परेशानियाँ आम नागरिकों के लिए बड़ी समस्या बन जाती थीं। इस पोर्टल की मदद से अब लोग घर बैठे आवेदन कर सकते हैं और पारदर्शी प्रक्रिया से अपने दस्तावेज़ सही करा सकते हैं।

परिमार्जन प्लस से ऑनलाइन आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया

जमाबंदी में सुधार करने की ऑनलाइन प्रक्रिया बेहद सरल रखी गई है। बिहार के नागरिक कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करके आवेदन कर सकते हैं:

चरण-दर-चरण प्रक्रिया:

  1. सबसे पहले बिहारभूमि की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
  2. वहाँ परिमार्जन प्लस (Parimarjan Plus) के लिंक पर क्लिक करें।
  3. अब अपना जिला, अंचल और खाता संख्या चुनें।
  4. जिसके खाते में त्रुटि सुधार कराना है उसकी जानकारी भरें।
  5. आवेदन पत्र में त्रुटि का कारण और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  6. आवेदन सबमिट करने के बाद एक Acknowledgement Receipt जनरेट होगी।
  7. इस रसीद से आप ऑनलाइन ही आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

इस तरह पूरा प्रोसेस पेपरलेस और पारदर्शी हो गया है।

अन्य माध्यम: RTPS काउंटर और ऑफलाइन आवेदन

हालाँकि सरकार ने डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराई है, फिर भी सभी नागरिकों को ऑनलाइन माध्यम का ज्ञान या सुविधा उपलब्ध नहीं होती। ऐसे लोगों के लिए विभाग ने विकल्प दिए हैं:

  • RTPS काउंटर से आवेदन:
    नागरिक अपने नज़दीकी RTPS काउंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यहाँ विभागीय कर्मचारी फॉर्म भरने में मदद करेंगे और डिजिटल रूप से आपका आवेदन दर्ज करेंगे।
  • ऑफलाइन कार्यालय से आवेदन:
    यदि कोई व्यक्ति न तो पोर्टल और न ही RTPS काउंटर का इस्तेमाल कर सकता है तो वे सीधे राजस्व कार्यालय या अंचल कार्यालय जाकर भी त्रुटि सुधार का आवेदन जमा कर सकते हैं।

इस तरह सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि डिजिटल डिवाइड यानी इंटरनेट न होने से किसी भी नागरिक का हक़ प्रभावित न हो।

बिहार सरकार की मंशा और नागरिकों को होने वाले फायदे

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का कहना है कि इस सुविधा का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, सुशासन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है।

नागरिकों को मिलने वाले फायदे:
  • समय की बचत: दफ्तरों के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं।
  • पारदर्शिता: ऑनलाइन ट्रैकिंग से आवेदन की स्थिति हमेशा पता रहेगी।
  • भ्रष्टाचार पर रोक: दलालों और बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी।
  • आसान प्रक्रिया: हर नागरिक घर बैठे आवेदन कर सकता है।
  • मल्टीपल विकल्प: ऑनलाइन, RTPS काउंटर और ऑफलाइन – तीनों सुविधाएँ उपलब्ध।

बिहार सरकार लगातार का विज़नभूमि सुधार और डिजिटलीकरण पर काम कर रही है। पहले जमाबंदी देखने, खाता-किस्सा जाँचने और भूमि का नक्शा डाउनलोड करने जैसी सुविधाएँ ऑनलाइन दी गई थीं। अब जमाबंदी त्रुटि सुधार जैसी बड़ी सुविधा जोड़ने से ग्रामीण जनता को और अधिक सुविधा मिली है।बिहार सरकार का परिमार्जन प्लस पोर्टल राज्य के नागरिकों के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। इससे किसानों और भूमिधारकों को अपने अधिकारिक दस्तावेज़ में त्रुटि सुधारने के लिए महीनों इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।अब नागरिक चाहे ऑनलाइन माध्यम अपनाएँ, RTPS काउंटर जाएँ या सीधे कार्यालय—हर जगह उन्हें पारदर्शी और तेज़ सेवा मिलेगी।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: बिहार की महिलाओं को मिलेगा,घर बैठे पाए 10,000 से Rs2लाख तक का बेनिफिट

Mahila Rojgar Yojana Bihar 2025

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर देना, उनके हाथों में आर्थिक ताक़त पहुँचाना और ग्रामीण से शहरी स्तर तक महिला उद्यमिता (Women Entrepreneurship) को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 सितंबर 2025 को इस योजना की औपचारिक शुरुआत की। शुरुआती चरण में 75 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।

योजना का उद्देश्य और शुरुआत: महिलाओं को मिलेगा आर्थिक आधार

बिहार जैसे राज्य में, जहाँ बड़ी संख्या में महिलाएँ अभी भी रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता से वंचित हैं, यह योजना क्रांतिकारी साबित हो सकती है।

  • मुख्य उद्देश्य
    • महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना।
    • हर परिवार से कम से कम एक महिला को आर्थिक सहयोग देना।
    • महिला स्वयं सहायता समूह (SHG/जीविका) को मज़बूती देना।
    • ग्रामीण स्तर पर छोटे उद्योग, पशुपालन, हस्तशिल्प और कृषि आधारित व्यवसायों को बढ़ावा देना।
  • लॉन्चिंग और शुरुआत
    • योजना का शुभारंभ 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना में किया।
    • इसी दिन राज्य सरकार ने घोषणा की कि पहली किस्त की राशि ₹10,000 सीधे महिलाओं के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाएगी।
    • शुरुआती चरण में 75 लाख महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा।

यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा देगी बल्कि उन्हें घर के बाहर भी आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास प्रदान करेगी।

लाभ, राशि और किस्तों का पूरा विवरण

महिला रोजगार योजना 2025 को बिहार कैबिनेट ने ₹20,000 करोड़ रुपये के बड़े बजट के साथ मंजूरी दी है। यह राशि विभिन्न चरणों में महिलाओं तक पहुँचेगी।

कितना पैसा मिलेगा?

किस्तराशिशर्तें / प्रक्रिया
पहली किस्त₹10,000आवेदन स्वीकृत होने के तुरंत बाद महिला के बैंक खाते में DBT के माध्यम से
दूसरी किस्त (बड़ी सहायता)₹2,00,000 तकस्वरोजगार गतिविधि की सफलता और 6 माह के मूल्यांकन के बाद

इस प्रकार, कुल लाभार्थी महिला को अधिकतम ₹2,00,000 तक की राशि प्राप्त हो सकती है।

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कब आएगा पैसा?

  • पहली किस्त: 26 सितंबर 2025 से ही वितरण शुरू हो चुका है।
  • दूसरी किस्त: आवेदन करने वाली महिला की स्वरोजगार गतिविधि का मूल्यांकन करने के बाद, लगभग 6 महीने के भीतर जारी की जाएगी।

कितनी महिलाएँ लाभान्वित होंगी?

  • पहले चरण में 75 लाख महिलाएँ।
  • आने वाले समय में यह संख्या बढ़ाकर लगभग 1 करोड़ परिवारों की महिलाओं तक पहुँचाई जाएगी।

राशि कहाँ से आएगी?

  • राशि राज्य सरकार की योजना बजट से।
  • DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए सीधा बैंक खाते में भेजी जाएगी।
  • नकद लेनदेन की कोई गुंजाइश नहीं रखी गई है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और भविष्य की चुनौतियाँ

पात्रता (Eligibility)

  1. लाभ केवल बिहार की महिलाओं को मिलेगा।
  2. प्रत्येक परिवार से केवल एक महिला को लाभ मिलेगा।
  3. आयु सीमा: 18 से 60 वर्ष।
  4. आवेदक महिला को किसी स्वयं सहायता समूह (SHG/जीविका समूह) से जुड़ा होना ज़रूरी।
  5. सरकारी नौकरी में कार्यरत परिवार की महिला पात्र नहीं होगी।
  6. लाभार्थी का जनधन/बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया

  1. महिला को योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल (संभावित: बिहार सरकार की आधिकारिक साइट) पर आवेदन करना होगा।
  2. ग्रामीण इलाकों में आवेदन की सुविधा ग्राम पंचायत/ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी।
  3. आवेदन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़:
    • आधार कार्ड
    • बैंक पासबुक
    • राशन कार्ड / परिवार पहचान पत्र
    • पासपोर्ट साइज फोटो
    • जीविका/SHG से जुड़ाव का प्रमाण

“मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025” महिलाओं के लिए बिहार सरकार की सबसे बड़ी सामाजिक-आर्थिक पहल है। इसका उद्देश्य केवल आर्थिक मदद करना नहीं, बल्कि महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता के रास्ते पर ले जाना है।पहले चरण में 75 लाख महिलाएँ लाभान्वित होंगी और ₹10,000 की राशि सीधे खाते में आएगी। आगे चलकर सफल महिलाओं को ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता भी मिलेगी।अगर इस योजना का सही क्रियान्वयन हुआ तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति ला सकती है और बिहार की महिलाएँ न केवल अपने परिवार बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकेंगी।

BRLPS जीविका योजना 2025: 26 सितंबर 2025 से 75 लाख महिलाओं को स्वरोजगार के लिए मिलेंगे10,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी।

Bihar Rural Livelihood Promotion Society

BRLPS जीविका योजना 2025:बिहार में BRLPS जीविका (Bihar Rural Livelihood Promotion Society – Jeevika) ने हाल ही में अपने आधिकारिक Twitter (X) अकाउंट पर एक नया अपडेट साझा किया। इस अपडेट में बताया गया कि महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए और भी सशक्त बनाने के कदम उठाए जा रहे हैं।

जीविका योजना के तहत, महिलाओं को जीविका से संबंधित विभिन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इस योजना के माध्यम से महिलाओं को जीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जाएगी।

यह पहल चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि बिहार लंबे समय से ग्रामीण गरीबी, बेरोजगारी और महिला श्रमिकों की समस्या से जूझता रहा है। जीविका की यह योजना न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति देने की क्षमता रखती है।

BRLPS जीविका क्या है?

  • BRLPS (Bihar Rural Livelihoods Promotion Society) को आमतौर पर “जीविका” नाम से जाना जाता है।
  • यह संस्था विश्व बैंक और बिहार सरकार के संयुक्त सहयोग से चल रही है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य है – ग्राम स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाना और उन्हें वित्तीय एवं सामाजिक रूप से सशक्त करना।
  • जीविका के माध्यम से अब तक लाखों महिलाएँ बैंकिंग सेवाओं से जुड़ चुकी हैं, लघु उद्योग चला रही हैं और अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं।

ताज़ा घोषणा: अब जीविका महिलाओं को स्टार्टअप मॉडल, कृषि आधारित व्यवसाय और डिजिटल वित्तीय सेवाओं से जोड़ने जा रही है।

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नई पहल में क्या मिलेगा?

महिलाओं को छोटे पैमाने पर व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण, प्रशिक्षण और मेंटरशिप दी जाएगी। इसमे कृषि, पशुपालन, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में महिलाओं को अवसर दिए जाएँगे। डिजिटल वित्तीय समावेशन में महिलाओं को बैंक खाता, बीमा और डिजिटल पेमेंट प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ा जाएगा।और माइक्रोफाइनेंस और आसान लोन सुविधाएँ दी जाएँगी। स्थानीय और राष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए सप्लाई चेन और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म की सुविधा दी जाएगी।

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जीविका के तहत महिलाएँ विभिन्न स्वरोजगार विकल्पों को अपनाएंगी।

महिलाओं को जीविका के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए कई पहल की जाएँगी।

यह योजना महिलाओं के लिए जीविका के नए दरवाजे खोलेगी।

बिहार की महिलाओं के लिए क्या बदल जाएगा?

  • आर्थिक स्वतंत्रता: महिलाएँ परिवार पर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं रहेंगी।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: स्वरोजगार और प्रशिक्षण से सामाजिक पहचान बढ़ेगी।
  • ग्रामीण पलायन में कमी: गाँव में ही रोजगार मिलने से पलायन रुकेगा।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार: आय बढ़ने से परिवार बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक खर्च कर पाएगा।

विशेषज्ञ की राय

महिलाओं को यदि वित्तीय स्वतंत्रता मिलती है, तो पूरा समाज आगे बढ़ता है। जीविका की यह पहल बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगी।”डॉ. अर्चना सिंह, ग्रामीण विकास विशेषज्ञ

चुनौतियाँ और समाधान

समस्याविवरणसमाधान
जागरूकता की कमीग्रामीण महिलाओं तक योजना की पूरी जानकारी नहीं पहुँचतीपंचायत स्तर पर अभियान, डिजिटल प्रचार
वित्तीय जोखिमऋण लेकर व्यवसाय असफल होने का डरबीमा और लोन माफी विकल्प
बाज़ार की पहुँचउत्पाद बिकने में कठिनाईई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, सरकारी खरीद केंद्र
तकनीकी कौशल की कमीमहिलाएँ डिजिटल टूल्स इस्तेमाल नहीं कर पातींप्रशिक्षण केंद्र, मोबाइल ऐप सपोर्ट
भ्रष्टाचार और मध्यस्थबीच में दलाल पैसे रोक लेते हैंपारदर्शी डिजिटल ट्रांजेक्शन सिस्टम

इस योजना से जुड़कर महिलाएँ जीविका के नए आयामों की खोज करेंगी।

निष्कर्ष

जीविका का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।

इस पहल के तहत जीविका को प्राथमिकता दी जाएगी।

BRLPS जीविका की यह पहल सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण, आर्थिक स्वतंत्रता और ग्रामीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

जीविका के इस कदम से ग्रामीण क्षेत्र में विकास होगा।

अगर सही तरीके से लागू किया गया, तो यह योजना आने वाले वर्षों में बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी और लाखों महिलाओं के जीवन को बदल देगी।

जीविका योजना से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

जीविका के माध्यम से महिलाएँ विभिन्न रोजगार क्षेत्रों में प्रवेश करेंगी।

जीविका की योजना के माध्यम से महिलाएँ अपने कौशल का विकास करेंगी।

हिंदी दिवस 2025: मातृभाषा का गौरव और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक,अंग्रेज़ी के बढ़ते प्रभाव से मातृभाषा खतरे में?

हिंदी दिवस 2025

हिंदी दिवस 2025: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन न केवल हमारी मातृभाषा के सम्मान का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता को भी दर्शाता है। हिंदी आज सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की पहचान, साहित्यिक धरोहर और अभिव्यक्ति का साधन है।

हिंदी दिवस का इतिहास और महत्व

हिंदी दिवस की शुरुआत 14 सितंबर 1949 को हुई थी, जब संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। इसके बाद 1953 से हर साल यह दिन हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए मनाया जाने लगा।

हिंदी का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यह देश की राजभाषा है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की आत्मा भी है। वर्तमान में हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत के साथ-साथ नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, अमेरिका और यूरोप में भी करोड़ों लोग हिंदी बोलते और समझते हैं।

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हिंदी की वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ

हालांकि हिंदी करोड़ों लोगों की मातृभाषा है, लेकिन डिजिटल और तकनीकी युग में इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

  • अंग्रेज़ी का बढ़ता प्रभाव: शिक्षा, नौकरी और तकनीक में अंग्रेज़ी का वर्चस्व होने से हिंदी को पीछे धकेलने की कोशिश होती है।
  • तकनीकी शब्दावली की कमी: विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हिंदी की शब्दावली अभी भी सीमित है।
  • युवा पीढ़ी में रुझान: कई युवा अंग्रेज़ी को आधुनिकता का प्रतीक मानते हैं और हिंदी को कम महत्व देते हैं।

लेकिन सकारात्मक पहलू यह है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में हिंदी कंटेंट की मांग तेजी से बढ़ी है। YouTube, ब्लॉगिंग और समाचार वेबसाइटों पर हिंदी सबसे ज्यादा पढ़ी और देखी जाने वाली भाषाओं में से एक है।

हिंदी दिवस 2025: भविष्य की संभावनाएँ और संकल्प

हिंदी दिवस 2025 पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हिंदी को आधुनिक और वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाएँगे। इसके लिए—

  • तकनीक में हिंदी का विस्तार: मोबाइल ऐप्स, AI, और सॉफ्टवेयर को हिंदी अनुवाद और उपयोग के लिए सुलभ बनाना।
  • शिक्षा में हिंदी को बढ़ावा: स्कूल-कॉलेज में हिंदी माध्यम की पढ़ाई को और मजबूत करना।
  • साहित्य और सिनेमा का योगदान: हिंदी फिल्मों, गानों और साहित्य को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करना।
  • युवा पीढ़ी को प्रेरित करना: प्रतियोगिताओं, वर्कशॉप और सेमिनार के जरिए युवाओं को हिंदी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।

हिंदी दिवस सिर्फ एक दिन मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि हमारी भाषा ही हमारी पहचान है।

हिंदी दिवस 2025 हमें अपनी मातृभाषा के महत्व और उसकी समृद्ध धरोहर का स्मरण कराता है। हिंदी न केवल संचार का माध्यम है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। अंग्रेज़ी और अन्य भाषाओं के साथ तालमेल बिठाते हुए हमें हिंदी को और भी सशक्त, आधुनिक और वैश्विक बनाना होगा।

अगर हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो हिंदी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी मजबूत पहचान बना सकती है।

Bihar Board Intermediate Exam 2027: अच्छी खबर छात्रों के लिए, गलती से रजिस्ट्रेशन हो सकता है अस्वीकृत

Bihar Board Intermediate Exam 2027

Bihar Board Intermediate Exam 2027:बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2027 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने की सूचना दी है। यह रजिस्ट्रेशन उन्हीं छात्रों के लिए अनिवार्य है जो वर्ष 2025 में 11वीं कक्षा में नामांकित हैं और आगे 2027 में इंटरमीडिएट परीक्षा में बैठने वाले हैं। बोर्ड का कहना है कि आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और छात्रों को इसके लिए अपने स्कूल या कॉलेज से संपर्क बनाए रखना होगा। बोर्ड का यह कदम परीक्षा की पारदर्शिता और व्यवस्थापन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस प्रक्रिया से न केवल छात्रों को सुविधा होगी बल्कि स्कूलों और बोर्ड को भी डेटा प्रबंधन में आसानी होगी।

आवेदन कौन कर सकता है और क्यों ज़रूरी है

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इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2027 में शामिल होने के लिए केवल वे छात्र पात्र होंगे जिन्होंने सत्र 2025-27 में 11वीं कक्षा में नामांकन लिया है। बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी छात्र को परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है, बिना इसके परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। यही कारण है कि स्कूलों को भी निर्देश दिया गया है कि वे सभी छात्रों का नामांकन विवरण समय पर बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करवाएँ। छात्रों के लिए यह पंजीकरण इसलिए भी अहम है

इससे उनका नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम और अन्य शैक्षणिक विवरण स्थायी रूप से बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है। यही विवरण बाद में एडमिट कार्ड, मार्कशीट और सर्टिफिकेट पर छपते हैं। यदि कोई छात्र समय रहते रजिस्ट्रेशन नहीं करता तो भविष्य में एडमिट कार्ड जारी होने में दिक़्क़त हो सकती है और परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है। यही वजह है कि इस प्रक्रिया को गंभीरता से लेना ज़रूरी है।

Bihar Board Intermediate Exam 2027,रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और ज़रूरी दस्तावेज़

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि छात्रों को व्यक्तिगत रूप से रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के बजाय अपने विद्यालय या कॉलेज के माध्यम से यह कार्य करना होगा। प्रत्येक संस्था के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी छात्रों से आवश्यक दस्तावेज़ समय पर एकत्र करें और उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करें। छात्रों को पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी, जन्मतिथि प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट और स्कूल का पहचान पत्र जमा करना होगा। इसके साथ ही, आवेदन शुल्क का भुगतान भी विद्यालय के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा।

जिन छात्रों की जानकारी गलत दर्ज हो जाती है, उनके लिए सुधार का अवसर बाद में दिया जाएगा लेकिन इसके लिए अलग से शुल्क देना होगा। इसलिए सलाह दी जाती है कि छात्र अपने सभी दस्तावेज़ ध्यान से जमा करें और नाम, जन्मतिथि आदि की जाँच कर लें।

इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने का उद्देश्य यह है कि कागज़ी कार्यवाही कम हो और छात्रों को लंबी कतारों से बचाया जा सके। अब केवल कुछ क्लिक में छात्र का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से बोर्ड के डेटाबेस में संग्रहीत रहेगा। डिजिटल इंडिया की पहल को ध्यान में रखते हुए बिहार बोर्ड का यह प्रयास राज्य के लाखों छात्रों के लिए एक बड़ी सुविधा है।

आवेदन की प्रक्रियाएँ और आवश्यक दस्तावेज

प्रत्येक छात्र को आवेदन भरते समय निम्नलिखित प्रक्रियाओं और दस्तावेजों का ध्यान रखना चाहिए:

समय सीमा: आवेदन की अंतिम तिथि, समय सीमा और अन्य संबंधित निर्देश BSEB द्वारा जल्द ही जारी किए जाएंगे।

ऑनलाइन पोर्टल: आवेदन BSEB की आधिकारिक वेबसाइट पर बने पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से होगा।

आवेदन शुल्क: शुल्क की राशि एवं भुगतान विधि की जानकारी समय रहते सार्वजनिक की जाएगी; इलेक्ट्रॉनिक भुगतान (ऑनलाइन बैंकिंग / क्रेडिट-डेबिट कार्ड / UPI आदि) मान्य हो सकती है।

दस्तावेज़: छात्रों को निम्नलिखित दस्तावेज़ों की स्कैन या फोटो प्रतियाँ तैयार रखनी होंगी:

विद्यालय का छात्र परिचय पत्र

पिछले परीक्षा प्रमाण पत्र या परीक्षा परिणाम (यदि लागू हो)

जन्म-तिथि प्रमाण पत्र

पासपोर्ट आकार फोटो

BPSC APO Exam 2025: बड़ी खुशखबरी, अभ्यर्थी किताब लेकर देंगे ओपन बुक परीक्षा

BPSC APO Exam 2025 Open Book परीक्षा, अभ्यर्थी किताब लेकर जा सकेंगे परीक्षा

BPSC APO Exam 2025: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने सहायक प्रखंड पदाधिकारी (APO) की प्रारंभिक परीक्षा 10 सितंबर 2025 को आयोजित करने की घोषणा की है। इस बार परीक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में किताब लेकर जा सकेंगे। यानी परीक्षा अब ओपन बुक एग्जाम (Open Book Exam) पद्धति पर आधारित होगी।

यह पहली बार है जब BPSC ने इस प्रकार की परीक्षा व्यवस्था लागू की है। आयोग का मानना है कि इस बदलाव से छात्रों की रटने की आदत पर रोक लगेगी और वे विषय को समझने पर अधिक ध्यान देंगे। ओपन बुक परीक्षा का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों की विश्लेषणात्मक क्षमता, तार्किक सोच और प्रशासनिक दृष्टिकोण की जांच करना है।

आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, प्रत्येक परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में अधिकतम 3 किताबें लेकर जा सकता है। ये किताबें केवल हार्डकॉपी में मान्य होंगी। किसी भी प्रकार की गाइड, नोट्स, फोटोकॉपी या डिजिटल सामग्री की अनुमति नहीं होगी।

इस व्यवस्था से साफ है कि परीक्षा आसान नहीं होगी, बल्कि और भी कठिन होगी। क्योंकि किताबें साथ होने के बावजूद सही उत्तर वही लिख पाएंगे जो विषय की गहरी समझ रखते हैं।

BPSC APO Exam 2025 एडमिट कार्ड, परीक्षा केंद्र और जरूरी नियम

BPSC ने जानकारी दी है कि परीक्षा का एडमिट कार्ड 6 सितंबर 2025 से आयोग की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in से डाउनलोड किया जा सकेगा। एडमिट कार्ड में उम्मीदवार का नाम, रोल नंबर, परीक्षा की तिथि और जिला की जानकारी दी जाएगी।

इसके अलावा परीक्षा केंद्र और सीट नंबर से जुड़ी विस्तृत जानकारी 11 सितंबर 2025 से उपलब्ध कराई जाएगी। आयोग ने निर्देश दिया है कि उम्मीदवार परीक्षा केंद्र पर सुबह 9:30 बजे तक पहुंच जाएं। निर्धारित समय के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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परीक्षा का समय:
  • सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
  • परीक्षा की अवधि 2 घंटे होगी
परीक्षा में मान्य सामग्री:
  • अधिकतम 3 किताबें (केवल हार्डकॉपी)
  • पारदर्शी पेन और एडमिट कार्ड
प्रतिबंधित सामग्री
  • मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच
  • नोट्स, फोटोकॉपी, गाइड
  • इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस

विशेषज्ञों की राय और उम्मीदवारों के लिए सुझाव

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण तो है, लेकिन यह परीक्षा प्रणाली को ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। किताबें उपलब्ध होने के बावजूद परीक्षा की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि परीक्षार्थी ने विषय की तैयारी कितनी गहराई से की है

विशेषज्ञों का कहना है कि अब सिर्फ याद करने वाले उम्मीदवार सफल नहीं होंगे, बल्कि वे विद्यार्थी सफल होंगे जो विषय की समझ और अनुप्रयोग में मजबूत होंगे।

BPSC APO Exam 2025 उम्मीदवारों के लिए जरूरी सुझाव:
  1. जल्दी से जल्दी अपनी 3 किताबें तय कर लें और उसी के आधार पर रिवीजन करें।
  2. परीक्षा केंद्र पर समय से पहले पहुंचे और सभी जरूरी डॉक्यूमेंट साथ रखें।
  3. एडमिट कार्ड की प्रिंट कॉपी अनिवार्य रूप से साथ ले जाएं।
  4. किताबें सिर्फ सहायक होंगी, असली ताकत आपकी तैयारी और प्रैक्टिस होगी।

BPSC ने यह भी घोषणा की है कि 7वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा 13 सितंबर 2025 को आयोजित की जाएगी। इसमें लाखों उम्मीदवार शामिल होंगे। परीक्षा का आयोजन पारदर्शिता और सख्त सुरक्षा व्यवस्था में होगा।

BPSC APO परीक्षा 2025 छात्रों के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव लेकर आई है। ओपन बुक परीक्षा का यह कदम प्रशासनिक सेवाओं में बेहतर और सक्षम उम्मीदवारों के चयन की दिशा में अहम साबित होगा। परीक्षार्थियों को अब रटने से ज्यादा तार्किक सोच और विश्लेषणात्मक क्षमता पर ध्यान देना होगा।