पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो 2025: गंगा पर सवारी का नया सफर, किराया, रूट और लॉन्च की पूरी डिटेल

Patna Metro Launch 2025: 15 अगस्त को नहीं, अब 23 अगस्त से दौड़ेगी मेट्रो | रूट, किराया, समय

बिहार की राजधानी पटना और पास के हाजीपुर के बीच रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। मौजूदा समय में पुल और सड़क मार्गों पर बढ़ते ट्रैफिक जाम ने आम लोगों को काफी परेशान कर रखा है। इसी समस्या का समाधान देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है – पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट। यह योजना केरल के कोच्चि वॉटर मेट्रो की तर्ज पर विकसित की जा रही है और आने वाले वर्षों में यह गंगा नदी पर तेज, सस्ता और पर्यावरण-हितैषी परिवहन का जरिया बनेगी।

वॉटर मेट्रो की खासियतें और रूट डिटेल

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो को गंगा नदी पर चलाने की योजना है। इसमें इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड तकनीक से चलने वाले आधुनिक बोट्स का इस्तेमाल होगा।

  • रूट नेटवर्क:
    • पहलेजा घाट ↔ दीघा घाट – लगभग 10.62 किमी
    • दीघा घाट ↔ NIT घाट – लगभग 6.63 किमी
    • NIT घाट ↔ हरिहरनाथ घाट – लगभग 8.32 किमी
    • NIT घाट ↔ कंगन घाट – लगभग 7 किमी
    • कंगन घाट ↔ बिदुपुर घाट – लगभग 10.7 किमी
      कुल मिलाकर लगभग 50 किमी का वॉटर मेट्रो नेटवर्क बनेगा, जो पटना को वैशाली और छपरा जैसे इलाकों से जोड़ेगा।
  • यात्रियों की क्षमता: एक नाव में लगभग 100 यात्री (50 बैठने वाले और 50 खड़े होकर) यात्रा कर पाएंगे।
  • किराया: शुरुआती प्रस्ताव के मुताबिक किराया केवल ₹20 से ₹40 के बीच होगा, जो दिल्ली या अन्य मेट्रो से काफी सस्ता होगा।
  • सुविधाएँ: डिजिटल टिकटिंग, एयर-कंडीशन केबिन, CCTV कैमरे और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।

परियोजना की प्रगति और लॉन्च टाइमलाइन

बिहार सरकार और केंद्रीय पोर्ट्स, शिपिंग एवं वॉटरवेज मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को मिलकर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।

  • सर्वेक्षण और DPR:
    Kochi Metro Rail Ltd (KMRL) की टीम ने पटना, हाजीपुर, सोनपुर और दीघा के घाटों का सर्वे पूरा किया है। इसमें नदी की गहराई, धारा और मौसम के प्रभाव का हाइड्रोग्राफिक अध्ययन शामिल है।
  • DPR (Detailed Project Report):
    उम्मीद है कि दिसंबर 2025 तक DPR तैयार हो जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य की शुरुआत होगी।
  • लॉन्च टाइमलाइन:
    अगर सबकुछ योजनानुसार रहा तो यह प्रोजेक्ट साल 2026 तक आम जनता के लिए शुरू हो सकता है।
  • फंडिंग:
    इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त निवेश से तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसमें PPP (Public Private Partnership) मॉडल का भी इस्तेमाल होगा।

वॉटर मेट्रो का महत्व और बिहार पर असर

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो केवल एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि बिहार के शहरी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।

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  1. ट्रैफिक जाम से राहत:
    गांधी सेतु और अन्य पुलों पर रोजाना भारी जाम लगता है। वॉटर मेट्रो शुरू होने के बाद यात्रा का समय कम होगा और सड़क पर दबाव घटेगा।
  2. पर्यावरण-हितैषी परिवहन:
    इलेक्ट्रिक बोट्स प्रदूषण नहीं फैलाएंगी। इससे गंगा की स्वच्छता और वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक असर होगा।
  3. पर्यटन को बढ़ावा:
    गंगा नदी पर आधुनिक वॉटर मेट्रो चलने से पटना का पर्यटन आकर्षण और बढ़ेगा। स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को यह नया अनुभव मिलेगा।
  4. आर्थिक विकास:
    इस परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। घाटों और टर्मिनलों के विकास से आस-पास के इलाकों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा।
  5. किफायती यात्रा:
    केवल ₹20 से ₹40 के किराए में लोग आरामदायक और तेज सफर कर पाएंगे, जिससे यह गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए भी सुलभ होगा।

पटना-हाजीपुर वॉटर मेट्रो बिहार के लिए एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट साबित हो सकता है। यह न केवल गंगा नदी पर आधुनिक परिवहन का नया विकल्प देगा बल्कि ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और समय की बर्बादी जैसी समस्याओं का भी समाधान बनेगा। सरकार की योजना है कि 2026 तक यह सेवा आम जनता के लिए शुरू कर दी जाए। अगर यह योजना समय पर पूरी हो जाती है, तो यह बिहार की शहरी छवि बदलने वाला प्रोजेक्ट होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।