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Kisan Call Centre: भारत सरकार का कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) लगातार किसानों को बेहतर जानकारी और सुरक्षा प्रदान करने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। हाल ही में मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया है जिसमें किसानों को चेताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति उन्हें नकली बीज, खाद या कीटनाशक बेचने का प्रयास करे, तो उसकी सूचना तुरंत दें।
कृषि मंत्रालय ने कहा है कि किसानों की सुरक्षा और उनकी फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या कंपनी से खरीदारी करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें। किसानों को किसान कॉल सेंटर (Toll Free Number – 1800-180-1551) पर शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी गई है, जो सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध रहता है।
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नकली बीज और कीटनाशकों से किसानों को कैसे नुकसान होता है
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा खेती पर निर्भर करता है। नकली बीज, खाद और कीटनाशक किसानों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं हैं। ऐसे उत्पाद न केवल फसल को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि किसानों की मेहनत और आर्थिक स्थिति पर भी गहरा असर डालते हैं।
कई बार देखा गया है कि कुछ व्यापारी सस्ते दाम पर फर्जी ब्रांडिंग के साथ बीज या कीटनाशक बेचते हैं। किसान इन्हें असली मानकर खरीद लेते हैं, जिससे उनकी फसल खराब हो जाती है या पैदावार बहुत कम होती है।
इससे किसानों को दोहरा नुकसान होता है —
- फसल की गुणवत्ता गिर जाती है।
- लागत बढ़ जाती है, जिससे लाभ नहीं मिल पाता।
कृषि मंत्रालय का यह कदम किसानों को इस धोखाधड़ी से बचाने की दिशा में अहम साबित होगा।
शिकायत करने का तरीका — किसान कॉल सेंटर का उपयोग करें
मंत्रालय ने साफ कहा है कि यदि किसी किसान को नकली बीज, खाद या कीटनाशक बेचने का प्रयास दिखे, तो तुरंत किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर सूचना दें।
किसान कॉल सेंटर की मुख्य जानकारी:
- टोल-फ्री नंबर: 1800-180-1551
- समय: प्रातः 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक
- भाषा सहायता: हिंदी सहित विभिन्न भाषाओं में सहायता
- सेवा: शिकायत दर्ज करने, कृषि सलाह लेने और फसल सुरक्षा के लिए जानकारी प्रदान करना
कृषि मंत्रालय ने किसानों से आग्रह किया है कि वे बिना झिझक किसान कॉल सेंटर अपनी शिकायत दर्ज करें। आपकी एक शिकायत न केवल आपकी बल्कि अन्य किसानों की भी रक्षा कर सकती है।
सरकार के प्रयास — किसानों की सुरक्षा सर्वोपरि
भारत सरकार लगातार किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। नकली उत्पादों की बिक्री को रोकने के लिए राज्य सरकारों और जिला कृषि विभागों के साथ समन्वय किया जा रहा है।
सरकार ने सीड क्वालिटी कंट्रोल (Seed Quality Control) और फर्टिलाइजर क्वालिटी मॉनिटरिंग (FQM) सिस्टम लागू किया है ताकि फर्जी उत्पाद बाजार में आने से पहले ही रोके जा सकें।
इसके अलावा, मंत्रालय ऑनलाइन शिकायत पोर्टल और डिजिटल जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जिसमें किसानों को मोबाइल और सोशल मीडिया के माध्यम से सही जानकारी दी जा रही है।
सरकार का यह कहना है कि —
“किसान की शिकायत ही उसकी फसल की सुरक्षा है।”
किसान क्या करें — जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
कृषि मंत्रालय के इस संदेश का उद्देश्य किसानों को सतर्क और जागरूक बनाना है। किसानों को यह ध्यान रखना चाहिए कि —
- बीज या कीटनाशक खरीदते समय हमेशा प्रमाणित विक्रेता से खरीदें।
- पैकेट पर IS मार्क, लाइसेंस नंबर, और मैन्युफैक्चरिंग डेट जरूर जांचें।
- किसी भी संदिग्ध उत्पाद या व्यापारी की जानकारी अपने नजदीकी कृषि अधिकारी या कॉल सेंटर (1800-180-1551) को दें।
- यदि संभव हो, तो रसीद जरूर लें और भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।
इस तरह की सतर्कता से न केवल किसान अपनी फसल बचा सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी नुकसान से बचा सकते हैं।
निष्कर्ष
कृषि मंत्रालय की यह पहल भारतीय किसानों के लिए बेहद अहम है। फर्जी उत्पादों की पहचान और समय पर रिपोर्टिंग से कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
किसानों से अपील है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कॉल सेंटर से संपर्क करें। सरकार और किसान मिलकर ही खेती को सुरक्षित, लाभदायक और स्थायी बना सकते हैं।



