मंच पर रो पड़ा बुजुर्ग, नीतीश कुमार से लगाई न्याय की गुहार – वायरल वीडियो से भावुक हुए लोग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति का दिल छू लिया। मंच पर एक बुजुर्ग व्यक्ति पहुंचा और अचानक फूट-फूट कर रोने लगा, उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

बुजुर्ग का दर्द देखकर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कुछ पल के लिए भावुक हो गए। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

वीडियो में क्या दिखा?

बिहार तक चैनल द्वारा शेयर किए गए वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है:

  • बुजुर्ग मंच पर पहुंचते हैं और हाथ जोड़ते हैं।
  • वह नीतीश कुमार से अपनी पीड़ा व्यक्त करने लगते हैं।
  • उनका गला भर आता है और वह रोते हुए बोलते हैं कि “अब कहां जाऊं साहब… कोई सुनता नहीं।”

इस मार्मिक दृश्य ने वहां मौजूद लोगों को भी भावुक कर दिया।

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बुजुर्ग की व्यथा – वर्षों से न्याय की तलाश

वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग ने कहा कि वह कई सालों से पेंशन और भूमि विवाद जैसी समस्याओं को लेकर परेशान हैं। उन्होंने लोकल अधिकारियों को कई बार आवेदन दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।उनकी बातों से साफ था कि अब वह सिस्टम से थक चुके हैं और इसलिए आख़िरकार मुख्यमंत्री से सीधे मिलकर अपनी बात रखना ही उन्हें एकमात्र विकल्प लगा।बुजुर्ग की पहचान क्या है?मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुजुर्ग व्यक्ति का नाम रामदयाल यादव हो सकता है, जो गया जिले से आए थे (इस नाम की पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं हुई है)।उन्होंने बताया कि,“मैंने कई बार अंचल कार्यालय और ब्लॉक ऑफिस में अर्जी दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में सोचा मुख्यमंत्री जी ही आखिरी उम्मीद हैं।”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री ने उस बुजुर्ग को शांत करने की कोशिश की और तुरंत मंच पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि“इनकी पूरी बात ध्यान से सुनिए, और तुरंत इनकी समस्या का समाधान करिए।”उन्होंने यह भी कहा कि जो अधिकारी जनता की सुनवाई नहीं करते, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस पूरी घटना ने एक बार फिर बिहार के स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।जब एक बुजुर्ग को अपनी समस्या कहने के लिए मुख्यमंत्री के सामने मंच पर जाकर रोना पड़े, तो यह कहीं न कहीं सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है।

सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया – “दिल दहला देने वाला दृश्य”

वीडियो के वायरल होने के बाद Twitter (X), Facebook और Instagram पर लोग अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं:

  • एक यूजर ने लिखा: “ऐसा दृश्य देखकर आंखें नम हो गईं। बुजुर्ग की लाचारी झलकती है।”
  • दूसरे ने कहा: “अगर अफसरशाही ईमानदार होती तो इन्हें मंच पर रोने की ज़रूरत नहीं पड़ती।”
  • तीसरे यूजर ने लिखा: “नीतीश जी का मानवीय पक्ष देखकर अच्छा लगा।”

इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है और हजारों लोगों ने इसे शेयर किया है।

ऐसे वायरल मुद्दे जनता का विश्वास जीत सकते हैं

नीतीश कुमार की संवेदनशील प्रतिक्रिया इस समय उनके लिए एक पॉजिटिव छवि बनाने में मदद कर सकती है, खासकर तब जब विपक्ष सरकार को “जनविरोधी” बताने की कोशिश करता है।साथ ही यह घटना आम जनता के उस दर्द को सामने लाती है जो आए दिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण बढ़ता जा रहा है।आज की राजनीति जहां तीखे भाषण और आरोप-प्रत्यारोप में उलझी हुई है, वहीं इस तरह के दृश्य नेताओं के मानवीय पक्ष को सामने लाते हैं। यह न सिर्फ जनता से जुड़ाव बढ़ाता है बल्कि प्रशासन को भी चेतावनी देता है कि जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेना जरूरी है।इस घटना ने यह साबित कर दिया कि भारत में अभी भी वह वर्ग मौजूद है जिसे अपनी बात रखने के लिए मंच पर जाकर आंसू बहाने पड़ते हैं।मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता सराहनीय है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है:क्या अब प्रशासन नींद से जागेगा?यदि जवाब हां है, तो यह वीडियो सिर्फ एक वायरल क्लिप नहीं, बल्कि एक बदलाव का प्रतीक बन सकता है।

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