IOCL Recruitment 2025: इंडियन ऑयल करेगा ग्रेजुएट इंजीनियर्स की भर्ती, मिलेगी 50 हजार से 1.60 लाख तक सैलरी

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IOCL Recruitment 2025:इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने एक बार फिर युवाओं को सुनहरा अवसर दिया है। हाल ही में जारी IOCL Recruitment 2025 Notification के तहत ग्रेजुएट इंजीनियर पदों पर भर्ती की जाएगी। इस भर्ती में चयनित उम्मीदवारों को शुरुआती वेतन ₹50,000 से ₹1,60,000 प्रतिमाह तक मिलेगा।
जो उम्मीदवार इंजीनियरिंग केमिकल, इलेक्ट्रिकल या इंस्ट्रूमेंटेशन शाखा से स्नातक हैं, वे इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।

IOCL Recruitment 2025 – महत्वपूर्ण जानकारी

संगठन का नामइंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL)
विज्ञापन संख्याIOCL/CO-HR/Rectt/2025/01
पद का नामGraduate Engineer
रिक्तियों की संख्याजल्द घोषित होगी
आवेदन प्रारंभ तिथि1 सितंबर 2025
आवेदन की अंतिम तिथि21 सितंबर 2025
वेतनमान₹50,000 – ₹1,60,000 प्रतिमाह
आधिकारिक वेबसाइटiocl.com

IOCL Engineer Recruitment 2025: पात्रता मानदंड

1.शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification):

  • उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से केमिकल, इलेक्ट्रिकल या इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन (B.E./B.Tech.) होना चाहिए।

2.आयु सीमा (Age Limit):

  • न्यूनतम आयु: 21 वर्ष
  • अधिकतम आयु: 28 वर्ष (आरक्षित श्रेणी को नियमानुसार छूट मिलेगी)।

चयन प्रक्रिया (Selection Process)

IOCL इंजीनियर भर्ती 2025 में उम्मीदवारों का चयन तीन चरणों पर आधारित होगा:

  1. GATE Score 2025 (शॉर्टलिस्टिंग के लिए)
  2. ग्रुप डिस्कशन (GD) / ग्रुप टास्क (GT)
  3. पर्सनल इंटरव्यू (PI)

IOCL Recruitment 2025 आवेदन प्रक्रिया (How to Apply Online for IOCL Engineer Recruitment 2025)

उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट iocl.com पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार होगी:

  1. IOCL की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
  2. “Careers” सेक्शन में भर्ती का लिंक खोलें।
  3. “Graduate Engineer Recruitment 2025” पर क्लिक करें।
  4. रजिस्ट्रेशन करें और लॉगिन करें।
  5. आवश्यक डिटेल्स भरें और डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें।
  6. आवेदन शुल्क (यदि लागू हो) का भुगतान करें।
  7. सबमिट करने के बाद एप्लीकेशन फॉर्म का प्रिंटआउट निकाल लें।

वेतनमान (Salary Package)

चयनित उम्मीदवारों को शुरुआती वेतन ₹50,000 प्रतिमाह मिलेगा और अनुभव व प्रमोशन के आधार पर यह वेतन ₹1,60,000 प्रतिमाह तक जा सकता है। इसके अलावा उम्मीदवारों को HRA, मेडिकल, इंश्योरेंस और अन्य सुविधाएँ भी मिलेंगी।

महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates)

नोटिफिकेशन जारी: 26 अगस्त 2025

आवेदन शुरू: 1 सितंबर 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 21 सितंबर 2025

एडमिट कार्ड और परीक्षा की तिथि: जल्द घोषित होगी

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FAQ

Q.1 IOCL Engineer Recruitment 2025 के लिए आवेदन कब से शुरू होंगे?

आवेदन प्रक्रिया 1 सितंबर 2025 से शुरू होगी।

Q.2 आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?

संभावित अंतिम तिथि 21 सितंबर 2025 है।

Q.3 कितनी वैकेंसी निकली हैं?

वैकेंसी डिटेल जल्द जारी की जाएगी।

Q.4 वेतनमान कितना मिलेगा?

₹50,000 से ₹1,60,000 प्रतिमाह।

Q.5 आवेदन कैसे करें?

उम्मीदवार iocl.com पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

  • नवंबर की ठंड शुरू! जानिए इस बार कितना गिरेगा तापमान, कहाँ-कहाँ पड़ेगी सबसे ज्यादा सर्दी?

    भारत में नवंबर का महीना मौसम परिवर्तन का प्रतीक होता है। अक्टूबर के अंत तक मानसून की विदाई हो जाती है और धीरे-धीरे उत्तरी दिशा से ठंडी हवाएं देश के मैदानी इलाकों में प्रवेश करने लगती हैं। यही कारण है कि नवंबर के पहले सप्ताह से ही उत्तर भारत में सुबह और शाम ठंड का असर महसूस होने लगता है।
    औसतन इस महीने में दिन का अधिकतम तापमान 28°C से 32°C तक और न्यूनतम तापमान 14°C से 20°C के बीच दर्ज किया जाता है।
    हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे पहाड़ी राज्यों में नवंबर तक बर्फबारी की शुरुआत हो जाती है, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में गुलाबी ठंड महसूस की जाती है।

    उत्तर भारत में बढ़ी ठंड, दिल्ली-एनसीआर में गिरा तापमान

    नवंबर के मध्य तक दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तापमान में 4 से 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की जाती है। सुबह और देर रात को कोहरा छाने लगता है।
    इस बार भी मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, नवंबर 2025 में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12°C से 14°C के बीच और अधिकतम तापमान 26°C के आसपास रहने की संभावना है।
    दिल्ली और नोएडा के कई हिस्सों में सुबह के समय हल्की धुंध और ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो चुकी हैं, जो आने वाले दिनों में सर्दी के बढ़ने का संकेत हैं।

    यह भी पढ़े:-5 से 10 नवंबर तक पूरे भारत का मौसम बदलेगा! जानिए कहाँ पड़ेगी ठंड और कहाँ बरसेगी बारिश

    पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी की आहट

    हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों — जैसे कि लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू-मनाली में नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से हल्की बर्फबारी शुरू हो जाती है।
    उधर, जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर तापमान शून्य के नीचे पहुंचने लगता है।
    मौसम विभाग के अनुसार, इस साल पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) की सक्रियता सामान्य से थोड़ी अधिक रहने की उम्मीद है, जिसके चलते उत्तर भारत में ठंडी हवाएं पहले की तुलना में तेज़ी से असर दिखा सकती हैं।
    यही कारण है कि नवंबर के तीसरे सप्ताह तक शिमला और मनाली में न्यूनतम तापमान 3°C से 5°C तक गिरने की संभावना है।

    मध्य और दक्षिण भारत में कैसी रहेगी ठंड?

    दक्षिण भारत में नवंबर में ठंड का असर सीमित रहता है। चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि जैसे शहरों में तापमान 20°C से 30°C के बीच रहता है।
    हालांकि, मध्य भारत यानी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में रात का तापमान धीरे-धीरे 15°C से नीचे जाने लगता है।
    नागपुर, इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में नवंबर के आखिरी सप्ताह तक हल्की ठंड महसूस होने लगती है।
    उधर, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सुबह की ठंडी हवाएं और कोहरा लोगों को गर्म कपड़े पहनने पर मजबूर कर देता है।

    पूर्वी भारत और बिहार में ठंड का असर

    पूर्वी भारत के राज्य — बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में नवंबर की शुरुआत में तापमान थोड़ा-थोड़ा गिरना शुरू होता है।बिहार के गया, पटना और भागलपुर में दिन का तापमान 28°C और रात का तापमान 16°C तक पहुंच जाता है।
    मौसम विभाग के अनुसार, इस साल नवंबर के दूसरे सप्ताह से बिहार में उत्तरी हवाएं चलने लगेंगी, जिससे तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट आएगी।
    सुबह-शाम हल्की ठंड और कोहरे का असर धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।

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    नवंबर में स्वास्थ्य का ध्यान रखें

    मौसम में अचानक बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम, गला दर्द और फ्लू जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।
    इसलिए इस समय गर्म पानी पिएं, रात में ठंडी हवा से बचें और बच्चों या बुजुर्गों को ठंड से बचाव के लिए स्वेटर या हल्का ऊनी कपड़ा पहनाएं।इसके अलावा, धूप में कुछ समय बिताना और नियमित व्यायाम करना भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखता है।

    मौसम विभाग का अनुमान क्या कहता है?

    भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, नवंबर 2025 में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से थोड़ा कम तापमान दर्ज किया जा सकता है।
    उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान औसतन 2°C से 3°C तक नीचे जा सकता है, जबकि दक्षिण भारत में हल्की ठंड बनी रहेगी।सर्द हवाएं नवंबर के अंतिम सप्ताह से पूरे देश में फैलने लगेंगी, और दिसंबर की शुरुआत तक सर्दियों का मुख्य दौर शुरू हो जाएगा।

  • Top 5 Mustard Varieties 2025:“2025 में ये 5 सरसों की किस्में किसानों की किस्मत बदल देंगी – जानें कौन सी है नंबर 1!”

    Top 5 Mustard Varieties 2025:भारत में रबी सीजन की प्रमुख नकदी फसलों में सरसों (Mustard) का नाम सबसे ऊपर आता है। यह न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने वाली फसल है बल्कि देश में खाद्य तेल उत्पादन की रीढ़ भी है। हर साल भारत में लाखों हेक्टेयर में सरसों की बुवाई की जाती है, और किसान ऐसी किस्में चुनना चाहते हैं जो ज्यादा उपज, अधिक तेल प्रतिशत और रोग प्रतिरोधी क्षमता रखती हों।

    साल 2025 में कृषि वैज्ञानिकों और ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) द्वारा विकसित कुछ नई और उन्नत सरसों की किस्में चर्चा में हैं, जो खासकर उत्तर भारत और बिहार के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे भारत की Top 5 Mustard Varieties 2025, उनकी विशेषताएं, तेल प्रतिशत, उपज क्षमता और किन राज्यों में ये सबसे ज्यादा उपयुक्त हैं।

    Pusa Bold – भरोसेमंद और उच्च उपज देने वाली किस्म

    पुसा बोल्ड (Pusa Bold) पिछले कई वर्षों से किसानों की पहली पसंद रही है और 2025 में भी इसका दबदबा बना हुआ है। यह किस्म विशेष रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

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    इस किस्म की मुख्य विशेषताएं हैं:

    • औसत उपज 20–25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक।
    • तेल की मात्रा लगभग 38–40%।
    • रोगों के प्रति सहनशील और मध्यम अवधि (135–140 दिन) में तैयार।
    • कम तापमान में भी अच्छी पैदावार।

    पुसा बोल्ड की लोकप्रियता इस बात से झलकती है कि इसे राष्ट्रीय बीज निगम, राज्य कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा सबसे ज्यादा अनुशंसित किस्मों में गिना जाता है।

    किसान भाइयों के लिए यह किस्म उन क्षेत्रों में आदर्श है जहाँ रबी सीजन के दौरान ठंड अधिक पड़ती है और मिट्टी मध्यम दोमट होती है।

    Top 5 Mustard Varieties 2025,Pusa Mustard 25 (PM 25) – देर से बुवाई वाले खेतों के लिए बेहतरीन

    जब खेत में धान की कटाई देर से होती है, तो किसान को रबी फसल की बुवाई में देरी करनी पड़ती है। ऐसे में “Pusa Mustard 25” एक उत्कृष्ट विकल्प है। यह किस्म देर से बोने पर भी बेहतर उपज और तेल प्रतिशत बनाए रखती है।

    मुख्य विशेषताएं:

    • तेल प्रतिशत: 41–42%
    • उपज क्षमता: 20–22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • देर से बुवाई के बाद भी समय पर पकने वाली किस्म (120–130 दिन)।
    • रोगों जैसे व्हाइट रस्ट (White Rust) और अल्टर्नारिया ब्लाइट के प्रति सहनशील।

    यह किस्म विशेष रूप से बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए उपयुक्त है। जो किसान देर से धान की फसल काटते हैं, वे इस किस्म से सरसों की खेती करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

    RH-749 – आधुनिक हाइब्रिड सरसों की पहचान

    भारत में 2025 में सबसे चर्चित हाइब्रिड किस्मों में से एक है RH-749। इसे हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Hisar) ने विकसित किया है और यह आज व्यावसायिक खेती में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।इस किस्म की खासियतें:

    • तेल प्रतिशत: 42–43%, जो अन्य किस्मों से अधिक है।
    • औसत उपज: 25–30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • फसल अवधि: 130–135 दिन।
    • रोग प्रतिरोधक और सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।

    RH-749 उन किसानों के लिए सबसे बेहतर है जिनके पास सिंचाई की सुविधा और उर्वर मिट्टी है। इसकी बुवाई अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में करने पर उत्कृष्ट परिणाम मिलते हैं।यह किस्म खास तौर पर राजस्थान, हरियाणा, बिहार, पंजाब और मध्य प्रदेश में तेजी से फैल रही है और किसानों के लिए अधिक मुनाफे का जरिया बन रही है।

    NRCHB-101 – रोग प्रतिरोधक और स्थिर उत्पादन वाली किस्म

    NRCHB-101 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित एक ऐसी किस्म है जो रोगों के प्रति काफी प्रतिरोधक मानी जाती है। यह खासकर उन इलाकों के लिए सुझाई जाती है जहाँ श्वेत जंग, अल्टर्नारिया ब्लाइट और पत्तियों के धब्बे जैसी समस्याएं आम हैं।

    मुख्य विशेषताएं:

    • तेल प्रतिशत: 41–42%
    • औसत उपज: 22–24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • रोग प्रतिरोधक और तेज ठंड सहन करने योग्य।
    • खेत में नमी और तापमान परिवर्तन को सहन करने की क्षमता।

    NRCHB-101 को खास तौर पर पूर्वी भारत के राज्यों — बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के किसानों के लिए अनुशंसित किया गया है। यह किस्म कम लागत में अच्छी उपज देने के लिए जानी जाती है।

    राजेंद्र सरसों-1 – बिहार की गर्व की किस्म

    बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा विकसित राजेंद्र सरसों-1 राज्य के किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह किस्म बिहार की जलवायु और मिट्टी के अनुसार पूरी तरह अनुकूल है।

    विशेषताएं:

    • औसत उपज: 18–22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
    • तेल प्रतिशत: 39–41%
    • पौधे की ऊँचाई मध्यम, फलियाँ बड़ी और बीज मोटे।
    • रोग प्रतिरोधक और देर से बोने पर भी स्थिर उपज।

    बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान यदि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार खेती करना चाहते हैं तो यह किस्म सर्वोत्तम विकल्प है।

    बिहार में सरसों की खेती के लिए सुझाव

    • बुवाई का समय: अक्टूबर के पहले पखवाड़े में बुवाई सबसे उपयुक्त रहती है।
    • मिट्टी: हल्की-मध्यम दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सरसों के लिए श्रेष्ठ।
    • बीज मात्रा: 4–5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पर्याप्त है।
    • खाद: 80–100 किग्रा नाइट्रोजन, 40 किग्रा फॉस्फोरस और 20 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर देना चाहिए।
    • रोग नियंत्रण: व्हाइट रस्ट व अल्टर्नारिया ब्लाइट से बचाव के लिए फफूंदनाशी (Mancozeb या Metalaxyl) का छिड़काव।
    • कटाई: जब 80% फलियाँ पीली हो जाएँ, तो फसल काट लें ताकि दाने झड़ें नहीं।

    निष्कर्ष

    साल 2025 सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए नई उम्मीदें और अवसर लेकर आया है। वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इन नई किस्मों ने खेती को न केवल लाभदायक बल्कि कम जोखिम वाला भी बना दिया है।यदि किसान अपने क्षेत्र की मिट्टी, जलवायु और बुवाई समय के अनुसार सही किस्म का चयन करते हैं — तो वे प्रति हेक्टेयर 25–30 क्विंटल तक की उपज और उच्च तेल प्रतिशत हासिल कर सकते हैं।

    सरकार और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जा रहे रबी फसल मिशन” और “ऑयलसीड्स डेवलपमेंट प्रोग्राम” से किसानों को बीज, प्रशिक्षण और सब्सिडी की सुविधा भी दी जा रही है।इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि सरसों की सही किस्म का चुनाव, किसान की आमदनी को कई गुना बढ़ा सकता है।”

  • आधार कार्ड में नया मोबाइल नंबर कैसे लिंक करें? जानिए पूरी प्रक्रिया, जरूरी बातें और फायदे

    By: Akshwani News 24 Digital Desk | Updated: November 6, 2025

    आधार कार्ड आज के समय में हर भारतीय नागरिक के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की डिजिटल पहचान का प्रतीक है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी किया गया यह कार्ड 12 अंकों की यूनिक संख्या प्रदान करता है, जो हर नागरिक के लिए अलग होती है। इस एक नंबर से व्यक्ति की पहचान, पता, बैंकिंग, टैक्स और सरकारी सेवाओं से जुड़ी तमाम प्रक्रियाएं एक साथ जुड़ जाती हैं।
    आधार कार्ड की वजह से सरकार ने कई योजनाओं को पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुँचाया है। अब सब्सिडी, पेंशन, किसान योजना या राशन वितरण — हर जगह आधार की जरूरत पड़ती है। लेकिन इन सभी सेवाओं को सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपका मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से लिंक हो।

    कई बार ऐसा होता है कि लोगों का पुराना मोबाइल नंबर बंद हो जाता है या सिम खो जाती है। ऐसे में OTP वेरिफिकेशन से जुड़ी सेवाएं बाधित हो जाती हैं। अगर आपका नंबर आधार से लिंक नहीं है, तो आपको बैंक खाते, सरकारी पोर्टल्स या UIDAI की ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
    लेकिन चिंता की कोई बात नहीं! अब UIDAI की मदद से आप आसानी से अपने नए मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कर सकते हैं। आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया विस्तार से

    आधार कार्ड की जरूरत और मोबाइल नंबर लिंक होने का महत्व

    आधार कार्ड सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि यह भारत सरकार की सबसे बड़ी पहचान प्रणाली है। इसमें आपके नाम, पता, जन्मतिथि और बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन की जानकारी होती है। इसकी मदद से सरकार सुनिश्चित करती है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे।

    मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने का मुख्य कारण यह है कि UIDAI और अन्य सरकारी संस्थाएं अब OTP आधारित प्रमाणीकरण (Authentication) का इस्तेमाल करती हैं।
    जब आप किसी बैंक सेवा, सरकारी योजना, या टैक्स पोर्टल का उपयोग करते हैं, तो आपकी पहचान मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP से कन्फर्म होती है। अगर आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है, तो आप इन सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

    यहां तक कि अगर आप अपना आधार डाउनलोड करना चाहते हैं, ई-आधार निकालना चाहते हैं, या किसी सरकारी सब्सिडी की स्थिति देखना चाहते हैं — तो OTP आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ही आएगा। इसलिए यह जरूरी है कि आपका मोबाइल नंबर हमेशा सक्रिय और आधार से लिंक्ड रहे।

    लोगों की सबसे आम समस्या यह होती है कि उनका पुराना नंबर बंद हो गया है या बदल गया है। ऐसे में UIDAI ने एक आसान प्रक्रिया दी है जिससे कोई भी व्यक्ति नया मोबाइल नंबर अपने आधार कार्ड से जोड़ सकता है।

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    आधार कार्ड से नया मोबाइल नंबर लिंक करने की प्रक्रिया (Step-by-Step Guide)

    UIDAI ने मोबाइल नंबर अपडेट की प्रक्रिया को पूरी तरह सरल और सुरक्षित बनाया है। इसमें किसी ऑनलाइन प्रक्रिया की अनुमति नहीं है, क्योंकि मोबाइल नंबर अपडेट बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ ही होता है।
    आइए जानते हैं कि आपको क्या करना होगा:

    पहला चरण: नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाएं

    सबसे पहले आपको अपने नजदीकी Aadhaar Seva Kendra या नामांकन केंद्र (Enrollment Centre) पर जाना होगा।
    आप UIDAI की वेबसाइट (https://uidai.gov.in) पर जाकर अपने निकटतम सेवा केंद्र की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

    दूसरा चरण: आधार अपडेट फॉर्म भरें

    सेवा केंद्र पहुंचने के बाद वहां पर आपको एक Aadhaar Update Form दिया जाएगा। इस फॉर्म में अपना नाम, आधार नंबर और नया मोबाइल नंबर सही-सही भरें। ध्यान रखें कि कोई भी गलत जानकारी न भरें, वरना आपका अनुरोध रिजेक्ट हो सकता है।

    तीसरा चरण: “Mobile Number Update” विकल्प चुनें

    फॉर्म में आपको यह स्पष्ट करना होगा कि आप केवल मोबाइल नंबर अपडेट कराना चाहते हैं। अगर आप चाहें तो उसी फॉर्म से पता, ईमेल या अन्य विवरण भी अपडेट कर सकते हैं, लेकिन हर सेवा की अलग-अलग फीस हो सकती है।

    चौथा चरण: बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन

    मोबाइल नंबर अपडेट करते समय आपकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक स्कैनिंग (फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन) की जाती है। यह प्रक्रिया सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत जरूरी है ताकि कोई और व्यक्ति आपकी पहचान से छेड़छाड़ न कर सके।

    पांचवा चरण: फीस का भुगतान करें

    UIDAI के नियमों के अनुसार मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए ₹50 (लगभग) का शुल्क लिया जाता है।
    यह शुल्क केंद्र पर नकद जमा करना होता है। यह फीस हर बार समान रहती है, चाहे आप सिर्फ मोबाइल नंबर अपडेट कर रहे हों या अन्य डिटेल्स।

    छठा चरण: रसीद और URN नंबर प्राप्त करें

    प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एक रसीद दी जाएगी जिसमें Update Request Number (URN) लिखा होगा।
    इस URN की मदद से आप UIDAI की वेबसाइट पर जाकर अपने अपडेट की स्थिति (Status) ट्रैक कर सकते हैं। आमतौर पर 5 से 10 दिनों में आपका नया मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से लिंक हो जाता है।

    आधार अपडेट की स्थिति कैसे जांचें और कब दिखेगा नया नंबर?

    मोबाइल नंबर अपडेट करने के बाद बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि उन्हें कैसे पता चलेगा कि नया नंबर लिंक हो गया है या नहीं।
    UIDAI ने इसके लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा दी है।

    आप https://myaadhaar.uidai.gov.in वेबसाइट पर जाकर “Check Aadhaar Update Status” सेक्शन में जाएं।
    यहां आपको URN नंबर डालना होगा जो आपकी रसीद पर लिखा होगा।
    अगर आपका अपडेट सफल हो गया है, तो वेबसाइट पर “Update Completed Successfully” का संदेश दिखाई देगा।

    इसके बाद आप अपने नए मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त करके यह भी कन्फर्म कर सकते हैं कि अपडेट पूरा हो गया है।
    यदि किसी कारणवश आपका अनुरोध अस्वीकृत हो जाता है, तो आप दोबारा सेवा केंद्र जाकर नया अनुरोध जमा कर सकते हैं।

    महत्वपूर्ण जानकारी:
    UIDAI की तरफ से कोई भी एजेंसी या वेबसाइट घर बैठे मोबाइल नंबर अपडेट की सुविधा नहीं देती। अगर कोई वेबसाइट या व्यक्ति ऐसा दावा करता है, तो यह धोखाधड़ी हो सकती है।
    मोबाइल नंबर अपडेट केवल आधार सेवा केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ ही संभव है।

    आधार से मोबाइल नंबर लिंक होने के फायदे और सावधानियां

    फायदे:

    1. सरकारी योजनाओं का लाभ:
      आधार लिंक मोबाइल नंबर के जरिए आप पीएम किसान योजना, LPG सब्सिडी, पेंशन योजना जैसी सेवाओं का लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकते हैं।
    2. सुरक्षा और वेरिफिकेशन:
      हर OTP आधारित प्रमाणीकरण (जैसे बैंक ट्रांजैक्शन, eKYC, और PAN लिंकिंग) के लिए यह जरूरी है।
    3. ऑनलाइन सुविधाओं की पहुंच:
      UIDAI की e-Aadhaar डाउनलोड, पता बदलने या ईमेल अपडेट जैसी सभी सेवाएं OTP से सत्यापित होती हैं।
    4. डिजिटल पहचान की विश्वसनीयता:
      जब मोबाइल नंबर सही होता है, तो यह आपके डिजिटल सिग्नेचर की तरह काम करता है, जिससे कोई भी अनधिकृत व्यक्ति आपकी पहचान का दुरुपयोग नहीं कर सकता।

    निष्कर्ष

    आधार कार्ड भारत में नागरिकों की पहचान और सरकारी सेवाओं की नींव है। यदि आपका मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा नहीं है या पुराना नंबर बंद हो गया है, तो तुरंत अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाकर इसे अपडेट कराएं।यह प्रक्रिया न केवल आसान है बल्कि आपके लिए भविष्य में कई सरकारी, बैंकिंग और टैक्स सेवाओं का रास्ता खोल देती है।

    UIDAI ने नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा दोनों को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था बनाई है।
    इसलिए देर न करें — आज ही नया मोबाइल नंबर अपने आधार कार्ड से लिंक कराएं और डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं।

  • 5 से 10 नवंबर तक पूरे भारत का मौसम बदलेगा! जानिए कहाँ पड़ेगी ठंड और कहाँ बरसेगी बारिश

    Weather Update:नवंबर का महीना शुरू होते ही देशभर में मौसम का मिज़ाज तेजी से बदलने लगता है। एक तरफ उत्तरी भारत में सुबह-शाम की ठंड बढ़ रही है, तो दूसरी ओर दक्षिण भारत में बारिश का सिलसिला अब भी जारी है। इस बार 5 से 10 नवंबर के बीच मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस हफ्ते भारत के अलग-अलग इलाकों में कैसा रहेगा मौसम — और किन राज्यों में ठंड का असर सबसे ज़्यादा महसूस होगा।

    उत्तर भारत में ठंड की दस्तक — कोहरा और धुंध बढ़ेगी

    दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में इस समय हल्की सर्दी का दौर शुरू हो चुका है। 5 नवंबर से तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आएगी। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 7 से 10 नवंबर के बीच रात का न्यूनतम तापमान 12 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि दिन का अधिकतम तापमान 26 से 29 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा।

    सुबह-सुबह कोहरे और धुंध की परतें अब नजर आने लगी हैं। विशेषकर दिल्ली-एनसीआर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हवा की गुणवत्ता (AQI) भी खराब स्तर पर पहुँच सकती है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों में हल्की ठंडी हवाएं चलने की संभावना है।

    अगर आप सुबह ऑफिस या स्कूल जाते हैं, तो हल्की जैकेट या स्वेटर पहनना बेहतर रहेगा। ड्राइविंग करते समय कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हो सकती है, इसलिए सावधानी जरूरी है।

    मध्य भारत में दिन गर्म, रातें ठंडी — साफ आसमान रहेगा

    मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में इस सप्ताह मौसम शुष्क रहेगा। 5 से 10 नवंबर तक कहीं भी बारिश की संभावना नहीं है। आसमान साफ रहेगा और दिन में हल्की गर्माहट महसूस होगी।दिन का तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि रात में यह घटकर 16 से 18 डिग्री तक पहुँच सकता है। यानी सुबह और शाम के समय हल्की ठंड, जबकि दोपहर में गर्मी का अहसास होगा।नागपुर, भोपाल, इंदौर और रायपुर जैसे शहरों में दिन का मौसम सुहाना रहेगा। हल्की ठंडी हवा चलने से हवा में ताजगी बनी रहेगी।

    दक्षिण भारत में बारिश का दौर — चेन्नई और केरल में भारी बारिश की संभावना

    5 से 10 नवंबर के बीच तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के तटीय इलाकों में बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर और तिरुवनंतपुरम में मॉनसून की आखिरी बारिश देखने को मिलेगी।

    चेन्नई और आसपास के जिलों में 6 से 8 नवंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। वहीं केरल के कुछ हिस्सों में बिजली चमकने और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।दक्षिण भारत के लोग इस समय गर्मी से थोड़ी राहत महसूस करेंगे। बारिश के चलते तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आ सकती है।

    पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में ठंड बढ़ने लगी — बर्फबारी की आहट

    हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में 8 से 10 नवंबर के बीच ऊंचाई वाले इलाकों में पहली हल्की बर्फबारी की संभावना है। खासकर लद्दाख, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और बद्रीनाथ-केदारनाथ क्षेत्रों में तापमान शून्य के करीब पहुँच सकता है।

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    पूर्वोत्तर राज्यों — असम, मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में हल्की बारिश के साथ ठंडी हवाएं चलेंगी। दिन का तापमान 24 से 27 डिग्री और रात का तापमान 15 डिग्री के आसपास रहेगा।यानी 10 नवंबर तक देश के पहाड़ी और पूर्वोत्तर हिस्सों में ठंड की दस्तक पक्की हो जाएगी।

    मौसम का सारांश (5 से 10 नवंबर 2025)

    क्षेत्रमौसम स्थितितापमान (°C)बारिश की संभावना
    उत्तर भारतठंड और धुंध बढ़ेगी12–29नहीं
    मध्य भारतशुष्क और साफ मौसम16–32नहीं
    दक्षिण भारतमध्यम से भारी बारिश22–30हाँ
    पूर्वोत्तर भारतहल्की ठंड और हल्की बारिश15–27हाँ
    पहाड़ी राज्यठंड और बर्फबारी की शुरुआत0–20हाँ

    कुल मिलाकर देखा जाए तो 5 से 10 नवंबर तक पूरे भारत का मौसम परिवर्तन के दौर में रहेगा।

    • उत्तर भारत और पहाड़ी इलाकों में ठंड तेजी से बढ़ेगी।
    • मध्य भारत में मौसम सुहाना और साफ रहेगा।
    • दक्षिण भारत में बारिश का असर जारी रहेगा।
    • पूर्वोत्तर भारत में हल्की ठंड और बर्फबारी की तैयारी शुरू हो चुकी है।

    अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मौसम का ध्यान जरूर रखें — खासकर उत्तर भारत और दक्षिण भारत के यात्रियों के लिए। ठंडी हवाएं और अचानक तापमान में गिरावट आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए जरूरी सावधानियाँ बरतें।

  • आधार PAN लिंक 2025: आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025, अगर नहीं किया लिंक तो 1 जनवरी से पैन कार्ड होगा इनएक्टिव!

    आधार PAN लिंक 2025:भारत सरकार ने देशभर के टैक्सपेयर्स और आम नागरिकों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने आधार और पैन कार्ड को लिंक करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 तय कर दी है। इसका मतलब यह है कि अब सभी लोगों को इस तारीख तक दोनों दस्तावेज़ों को जोड़ना अनिवार्य होगा। अगर कोई व्यक्ति इस प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा में पूरा नहीं करता है, तो 1 जनवरी 2026 से उसका पैन कार्ड निष्क्रिय (Inactive) कर दिया जाएगा। पैन कार्ड निष्क्रिय होने का सीधा असर आपकी रोजमर्रा की ज़िंदगी और सभी वित्तीय कार्यों पर पड़ेगा, क्योंकि अब लगभग हर आर्थिक लेन-देन में पैन की आवश्यकता होती है।

    सरकार का यह निर्णय टैक्स चोरी, फर्जी पैन कार्ड, पहचान की जालसाजी और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ एक ही व्यक्ति के नाम पर कई पैन कार्ड जारी किए गए, जिससे टैक्स चोरी और अवैध आर्थिक लेन-देन संभव हो रहे थे। आधार और पैन लिंक करने से ऐसी सभी गतिविधियों पर रोक लगाना आसान होगा। इसके अलावा, यह कदम “Digital India” मिशन की दिशा में एक और बड़ा प्रयास है, जिसके तहत नागरिकों की पहचान को डिजिटल रूप से एकीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।

    सरकार का उद्देश्य: पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए बड़ा कदम

    सरकार का मुख्य उद्देश्य टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता लाना और वित्तीय लेन-देन को सुरक्षित बनाना है। आज के समय में पैन कार्ड हर आर्थिक गतिविधि का आधार बन चुका है — चाहे वह बैंक खाता खोलना हो, निवेश करना हो या टैक्स भरना। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल करता है या कई पैन बनवाता है, तो सरकार के लिए उस व्यक्ति की सही पहचान करना मुश्किल हो जाता है। आधार और पैन को लिंक करने से यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

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    इसके साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर टैक्सपेयर की पहचान एक ही नंबर से जुड़ी हो। ऐसा करने से टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग, फर्जी कंपनियों के संचालन और आर्थिक अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। आधार नंबर बायोमेट्रिक आधारित पहचान देता है,

    जबकि पैन कार्ड वित्तीय गतिविधियों से जुड़ा है। इन दोनों के जुड़ने से एक मजबूत डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम तैयार होता है, जिससे किसी भी प्रकार की फर्जीवाड़े की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।सरकार के अनुसार, यह कदम न केवल सुरक्षा के लिहाज से ज़रूरी है बल्कि आम नागरिकों के लिए सुविधा का माध्यम भी बनेगा। भविष्य में किसी भी सरकारी सेवा, टैक्स रिफंड, बैंक वेरिफिकेशन या निवेश संबंधी प्रक्रिया में आधार-पैन लिंकिंग का सीधा फायदा मिलेगा।

    आधार PAN लिंक 2025 लिंक न करने पर होगा बड़ा नुकसान, पैन कार्ड हो जाएगा निष्क्रिय

    अगर कोई व्यक्ति 31 दिसंबर 2025 तक अपने आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं करता है, तो उसका पैन कार्ड 1 जनवरी 2026 से निष्क्रिय कर दिया जाएगा। एक बार पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाने पर व्यक्ति के लिए कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होंगी।

    सबसे पहले, व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाएगा। इसके अलावा, बैंक अकाउंट खोलना, लोन लेना, क्रेडिट कार्ड बनवाना, म्यूचुअल फंड या शेयर बाज़ार में निवेश करना — ये सब कार्य असंभव हो जाएंगे। अगर कोई व्यक्ति किसी लेन-देन में 50,000 रुपये से अधिक की राशि जमा करता है, तो उसे भी पैन कार्ड देना अनिवार्य होता है। निष्क्रिय पैन कार्ड होने पर यह सब कार्य कानूनी रूप से नहीं किए जा सकेंगे।

    इसके अलावा, जिनका पैन इनएक्टिव हो जाएगा, उन्हें भविष्य में इसे दोबारा सक्रिय (reactivate) करने के लिए ₹1,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। आयकर विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि यह आखिरी मौका है और अब लगातार तारीख बढ़ाने की संभावना बहुत कम है। इसलिए सभी लोगों से अपील की जा रही है कि वे समय रहते यह प्रक्रिया पूरी कर लें।

    आधार PAN लिंक 2025:कैसे करें आधार और पैन को लिंक, आसान तरीका ऑनलाइन

    आधार और पैन को लिंक करना बहुत ही सरल प्रक्रिया है, जिसे आप घर बैठे अपने मोबाइल या लैपटॉप से पूरा कर सकते हैं। इसके लिए किसी एजेंट या साइबर कैफे जाने की जरूरत नहीं है।

    स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया इस प्रकार है:

    1. सबसे पहले आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/ पर जाएँ।
    2. होमपेज पर “Link Aadhaar” का विकल्प मिलेगा, उस पर क्लिक करें।
    3. अब आपको अपना PAN नंबर, आधार नंबर, और नाम भरना होगा।
    4. इसके बाद “Link Aadhaar” बटन पर क्लिक करें।
    5. आपके मोबाइल पर OTP आएगा, जिसे वेरिफाई करने के बाद लिंकिंग प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

    यदि आपका आधार पहले से पैन से जुड़ा हुआ है, तो सिस्टम आपको “Your PAN is already linked with Aadhaar” का संदेश दिखा देगा। इस प्रक्रिया में 2 से 3 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगता।

    कौन हैं जिनको लिंक करने की जरूरत नहीं?

    सभी लोगों को यह प्रक्रिया करनी जरूरी नहीं है। कुछ विशेष श्रेणियों को इससे छूट दी गई है।
    उदाहरण के तौर पर:

    • NRI (Non-Resident Indians)
    • विदेशी नागरिक, जो भारत में टैक्स नहीं भरते
    • 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, जिन्हें कुछ मामलों में छूट मिल सकती है
    • असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर जैसे विशेष राज्यों के निवासी (जहाँ पर आधार अनिवार्य नहीं था)

    लेकिन अगर आपने भारत में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है या आपके नाम से बैंक खाता, निवेश या अन्य वित्तीय गतिविधियाँ हैं, तो आपके लिए यह प्रक्रिया करना जरूरी है।

    सरकार का संदेश: डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम

    भारत सरकार का यह फैसला “डिजिटल इंडिया” मिशन के अनुरूप है, जिसका मकसद है देश को एक डिजिटल और पारदर्शी अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना। जब सभी पहचान और वित्तीय दस्तावेज़ एक ही नेटवर्क से जुड़े होंगे, तो किसी भी प्रकार की फर्जी पहचान, टैक्स चोरी या आर्थिक अपराध का पता लगाना आसान होगा।

    इससे न केवल सरकार को लाभ होगा बल्कि नागरिकों के लिए भी कई प्रक्रियाएँ सरल हो जाएंगी। अब नागरिकों को टैक्स फाइलिंग, रिफंड, बैंकिंग और निवेश से जुड़ी सेवाओं में अलग-अलग दस्तावेज़ देने की जरूरत नहीं होगी। एक ही लिंकिंग से सब कुछ वेरिफाई हो सकेगा।

    सरकार ने इस प्रक्रिया को लेकर जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। टीवी, अखबारों, सोशल मीडिया और सरकारी वेबसाइटों के ज़रिए लोगों से कहा जा रहा है कि वे जल्द से जल्द आधार और पैन कार्ड लिंक करा लें। यह कदम एक तरफ सुरक्षा का प्रतीक है तो दूसरी तरफ डिजिटल पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

    आखिरी तारीख को न भूलें — वरना पड़ेगा पछताना

    अगर आपने अब तक अपने आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं किया है, तो समय रहते यह प्रक्रिया पूरी कर लें। 31 दिसंबर 2025 की तारीख बीतने के बाद आपका पैन कार्ड स्वतः इनएक्टिव हो जाएगा। एक बार पैन निष्क्रिय होने पर आपको दोबारा उसे एक्टिव करवाने के लिए जुर्माना देना होगा और उस अवधि में आप कोई भी बड़ा आर्थिक काम नहीं कर पाएँगे।

    इसलिए ध्यान रखें कि यह कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि आपके वित्तीय जीवन की सुरक्षा से जुड़ा कदम है। आधार और पैन लिंक करके न केवल आप सरकारी नियमों का पालन करेंगे, बल्कि अपने आर्थिक भविष्य को भी सुरक्षित करेंगे।

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