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भारत में दीपावली या दिवाली सबसे बड़ा और सबसे भव्य त्योहार माना जाता है। इसे “प्रकाश पर्व” भी कहा जाता है। यह त्योहार अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य पर सत्य की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हर साल दिवाली का इंतजार लोग महीनों पहले से करते हैं। बाज़ारों में रौनक, घरों में सजावट, दीयों की जगमगाहट और पूजा-पाठ इस पर्व को खास बना देते हैं। दिवाली 2025 इस बार 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
इस बार दिवाली से जुड़े सभी पर्व – धनतेरस, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज – अक्टूबर महीने में ही मनाए जाएंगे। यही वजह है कि यह साल भक्तों और परिवारों के लिए बेहद खास रहने वाला है।
दिवाली 2025 की मुख्य तिथियाँ और कैलेंडर
दिवाली 2025 की शुरुआत 18 अक्टूबर से होगी और 22 अक्टूबर को भाई दूज के साथ इसका समापन होगा। इन पाँच दिनों के त्योहार को मिलाकर दीपावली पर्व को सबसे भव्य और लंबा चलने वाला उत्सव कहा जाता है।
- धनतेरस – 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
- नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली – 19 अक्टूबर 2025, रविवार
- दीपावली / लक्ष्मी पूजा – 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
- गोवर्धन पूजा – 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार
- भाई दूज – 22 अक्टूबर 2025, बुधवार
धनतेरस 2025 – खरीदारी और स्वास्थ्य का पर्व
दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन सोना-चांदी, बर्तन या नई चीज़ें खरीदने से घर में समृद्धि आती है। व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन नए खाते खोलने और लक्ष्मी की कृपा पाने का शुभ दिन माना जाता है।
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2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर को पड़ रहा है और बाजारों में इस दिन खरीदारों की भारी भीड़ देखने को मिलेगी। लोग इस दिन स्वास्थ्य और धन की मंगलकामना के साथ पूजा करते हैं।
नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली 2025
धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर प्रजा को मुक्त किया था। इस दिन स्नान, तिल तेल का उबटन और घर की विशेष सफाई का महत्व है।
छोटी दिवाली पर घर के आँगन में दीप जलाना शुभ माना जाता है। 2025 में छोटी दिवाली 19 अक्टूबर को होगी और लोग इस दिन घर में बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए दीपक जलाएँगे।
दिवाली 2025 – लक्ष्मी पूजन और रोशनी का पर्व
मुख्य दिवाली का दिन 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। शाम के समय शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है। घर के हर कोने में दीपक जलाए जाते हैं और रंगोली बनाई जाती है। यह दिन व्यापारी वर्ग के लिए नए खाते खोलने और गृहस्थ लोगों के लिए धन, सुख-समृद्धि की कामना का दिन है।
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 6:50 बजे से रात 8:20 बजे तक रहेगा। लगभग 1 घंटा 30 मिनट के इस शुभ समय में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होगा। रात को आतिशबाजी और परिवार संग मिठाइयाँ बाँटने का भी खास रिवाज है।
गोवर्धन पूजा 2025
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र देव के क्रोध से प्रजा की रक्षा करने की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन घरों में अन्नकूट का आयोजन होता है, यानी कई प्रकार के व्यंजन बनाकर प्रसाद के रूप में अर्पित किए जाते हैं।2025 में गोवर्धन पूजा 21 अक्टूबर को होगी और इस दिन भक्त विशेष रूप से श्रीकृष्ण की पूजा करेंगे।
भाई दूज 2025
दिवाली के पांचवे और अंतिम दिन भाई दूज मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है।2025 में भाई दूज 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व दिवाली उत्सव का समापन करता है और परिवारों के बीच प्यार व एकता को दर्शाता है।
दिवाली 2025 क्यों खास है?
इस साल दिवाली सोमवार को पड़ रही है, जो अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा त्योहार की तिथियाँ लगातार 5 दिनों तक पड़ रही हैं, जिससे पूरे भारत में धूम-धाम से उत्सव मनाया जाएगा।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण लोग “ग्रीन दिवाली” और इको-फ्रेंडली पटाखों की ओर भी बढ़ रहे हैं। इस बार घरों की सजावट में भी स्वदेशी और प्राकृतिक सामान जैसे मिट्टी के दीये, जूट की सजावट और कच्ची सामग्री का इस्तेमाल बढ़ेगा।
दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए?
घर गंदा न छोड़ें दिवाली पर घर की साफ-सफाई बेहद ज़रूरी मानी जाती है। मान्यता है कि माँ लक्ष्मी स्वच्छ घर में ही प्रवेश करती हैं। अगर घर गंदा छोड़ा गया तो देवी लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं। झगड़ा या नकारात्मक बातें न करें दिवाली खुशी और प्रेम का त्योहार है। इस दिन परिवार में झगड़ा करना, कटु वचन बोलना या किसी को अपमानित करना अशुभ माना जाता है।दिवाली पर झाड़ू को लात मारना, फेंकना या उल्टा रखना अशुभ माना जाता है। झाड़ू को लक्ष्मी जी का प्रतीक माना गया है।
इसी तरह पैसों का अपमान भी नहीं करना चाहिए।अंधेरे कोने न छोड़ें कहते हैं कि अंधेरे स्थान पर नकारात्मक ऊर्जा रहती है। दिवाली की रात घर के हर कोने में दीपक या रोशनी जरूर जलाएँ ताकि नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहें। दोपहर में पूजा न करें दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा शाम के समय, प्रदोष काल में ही करनी चाहिए। दोपहर में पूजा करना शुभ नहीं माना जाता।
निष्कर्ष
दिवाली 2025 का पर्व पूरे देश में 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक पाँच दिनों का यह पर्व घर-परिवार में खुशियाँ, भाईचारा और समृद्धि लेकर आता है।
इस दिवाली को खास बनाने के लिए अपने घर को रोशनी से सजाएँ, माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें। इस साल की दिवाली जरूर खास होगी क्योंकि लोग न सिर्फ परंपरा निभाएँगे, बल्कि आधुनिकता और पर्यावरण संतुलन को भी ध्यान में रखेंगे।
FAQ
Q1. दिवाली 2025 कब है?
दिवाली 2025, सोमवार 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
Q2. दिवाली 2025 की तिथियाँ क्या हैं?
18 अक्टूबर (धनतेरस), 19 अक्टूबर (छोटी दिवाली), 20 अक्टूबर (दीपावली/लक्ष्मी पूजा), 21 अक्टूबर (गोवर्धन पूजा), 22 अक्टूबर (भाई दूज)।
Q3. दिवाली पर क्या पूजा करनी चाहिए?
दिवाली की शाम लक्ष्मी-गणेश की विधिवत पूजा करनी चाहिए। दीप जलाना, घर की सफाई और मिठाई बाँटना शुभ माना जाता है।
Q4. दिवाली 2025 का लक्ष्मी पूजा मुहूर्त क्या है?
20 अक्टूबर 2025 को शाम 6:50 बजे से रात 8:20 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।



