PM Kisan 20वीं किस्त 2025: एक गलती से नहीं आएंगे 2000 रुपये, सरकार ने जारी की चेतावनी

PM Kisan 20वीं किस्त 2025

PM Kisan 20वीं किस्त 2025: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसके अंतर्गत देश के छोटे और सीमांत किसानों को सालाना ₹6000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह रकम तीन बराबर किस्तों में दी जाती है – यानी हर 4 महीने में ₹2000 सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।

इस बार क्या है नया अपडेट?

सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस बार 20वीं किस्त सिर्फ उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिन्होंने समय पर e-KYC पूरी की हो। यदि आपने अब तक यह काम नहीं किया है, तो आपके खाते में ₹2000 आने से रह जाएंगे।

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इस बार क्यों है खतरा?

अगर आप सोचते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी पैसा अपने आप आ जाएगा, तो सावधान हो जाइए। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब बिना ई-केवाईसी (e-KYC) के कोई भी किस्त जारी नहीं होगी। यानी यदि आपने समय रहते e-KYC नहीं करवाई, तो आपकी ₹2000 की 20वीं किस्त अटक सकती है।

कब आ सकती है 20वीं किस्त?

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, 19 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के करोड़ों किसानों को 20वीं किस्त जारी कर सकते हैं। सरकार की तैयारी पूरी हो चुकी है और डेटाबेस में e-KYC का डेटा अपडेट किया जा रहा है।

क्यों जरूरी है e-KYC?

e-KYC यानी आधार आधारित पहचान सत्यापन एक जरूरी प्रक्रिया बन चुकी है। बिना इसके, किसान के खाते में किस्त की राशि नहीं आएगी। इससे सरकार यह सुनिश्चित करती है कि लाभ सिर्फ असली और योग्य किसानों को ही मिले।

घर बैठे कैसे करें e-KYC?

1.pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाएं

2.e-KYC विकल्प पर क्लिक करें

3.अपना आधार नंबर डालें

4.रजिस्टर्ड मोबाइल पर आया OTP डालें

5.सफल वेरीफिकेशन के बाद KYC पूरी हो जाएगी

ऑफलाइन तरीका – CSC सेंटर से:

  • नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं
  • आधार कार्ड और मोबाइल साथ लें
  • फिंगरप्रिंट स्कैन द्वारा e-KYC करवा लें

अगर KYC नहीं करवाई तो क्या होगा?

  • ₹2000 की अगली किस्त नहीं मिलेगी
  • आपका नाम लाभार्थी सूची से हट सकता है
  • भविष्य में मिलने वाली सहायता भी अटक सकती है

PM Kisan 20वीं किस्त 2025अपना नाम लिस्ट में ऐसे चेक करें:

1.वेबसाइट: pmkisan.gov.in

2.“Beneficiary Status” सेक्शन खोलें

3.अपना मोबाइल नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालें

4.स्टेटस देखें – अगर “Payment Pending for e-KYC” लिखा है, तो तुरंत KYC करें

निष्कर्ष:

20वीं किस्त पाने के लिए सिर्फ 5 मिनट का काम है – e-KYC। अगर आपने यह जरूरी कदम नहीं उठाया, तो आपकी मेहनत की कमाई ₹2000 अटक सकती है। इसलिए आज ही यह काम पूरा करें और अगली किस्त का इंतजार न करें।

FAQs

PM Kisan की 20वीं किस्त 2025 कब आएगी?

उत्तर: पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त 19 जुलाई 2025 को जारी होने की संभावना है। पात्र किसानों को ₹2000 की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।

अगर e-KYC नहीं की तो क्या होगा?

उत्तर: अगर आपने समय पर e-KYC नहीं करवाई है, तो आपकी किस्त रोकी जा सकती है। बिना आधार सत्यापन के अगली किस्त नहीं दी जाएगी।

क्या ऑफलाइन भी e-KYC करवा सकते हैं?

उत्तर: हां, आप अपने नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) जाकर e-KYC करवा सकते हैं। वहां आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट की मदद से प्रक्रिया पूरी की जाती है।

PM Kisan योजना में साल भर में कितनी किस्तें मिलती हैं?

उत्तर: पीएम किसान योजना के तहत साल में तीन किस्तें मिलती हैं – प्रत्येक ₹2000 की। यानी कुल ₹6000 सालाना।

PM Kisan योजना का पैसा नहीं आया तो क्या करें?

उत्तर: सबसे पहले pmkisan.gov.in पर जाकर Beneficiary Status चेक करें। अगर e-KYC लंबित है तो तुरंत पूरा करें या कृषि विभाग से संपर्क करें।

बिहार में पहली बार शुरू हुई ‘फसल हेल्पलाइन’: किसान अब सीधा एक्सपर्ट से पूछ सकेंगे सवाल

फसल हेल्पलाइन बिहार 2025

बिहार सरकार ने 2025 में एक बड़ी पहल करते हुए राज्य में पहली बार “फसल हेल्पलाइन” शुरू की है। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य राज्य के किसानों को खेती से जुड़े सवालों का वैज्ञानिक और विशेषज्ञ समाधान देना है, जिससे उनकी फसल की पैदावार और गुणवत्ता बेहतर हो सके।

यह सेवा पूरी तरह से निशुल्क है और किसानों को कृषि विभाग के अनुभवी वैज्ञानिकों से फोन पर सीधे सलाह लेने की सुविधा मिलेगी।

हेल्पलाइन की शुरुआत कब और किसने की?

‘फसल हेल्पलाइन’ की शुरुआत 17 जुलाई 2025 को कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा पटना स्थित कृषि भवन से की गई। इस सेवा को कृषि विभाग और राज्य कृषि विश्वविद्यालय, पूसा की साझेदारी में लाया गया है।

हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-1551

सेवा का समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे (सोमवार से शनिवार)

इस नंबर पर किसान कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं, और विशेषज्ञ उन्हें तुरंत समाधान देंगे।

किस प्रकार की समस्याएं हल होंगी?

इस हेल्पलाइन के जरिए किसान निम्नलिखित विषयों पर सलाह ले सकते हैं:

  • फसल रोग व कीट नियंत्रण
  • उर्वरक और दवा का सही इस्तेमाल
  • सिंचाई तकनीक
  • बीज चयन व फसल चक्र
  • प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा उपाय
  • मृदा परीक्षण और सुधार
  • जैविक खेती से जुड़ी जानकारी

कैसे मिलेगा फायदा?

1.सीधी विशेषज्ञ सलाह: अब किसानों को एजेंट या मध्यस्थ के पास जाने की जरूरत नहीं है।

2.समय की बचत: तुरंत फोन पर समस्या का समाधान मिलेगा।

3.फसल उत्पादन में सुधार: वैज्ञानिक सलाह से फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ेगी।

4.कम लागत, अधिक मुनाफा: कम दवा और उर्वरक में बेहतर रिजल्ट मिलेगा।

सरकार की योजना और विस्तार

बिहार सरकार का लक्ष्य है कि अगले 6 महीनों में हर जिले में कम से कम 10,000 किसान इस सेवा का लाभ लें। इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, और कृषि सहायकों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे किसानों को कॉल करने के लिए प्रेरित कर सकें।आने वाले समय में इसका मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जिससे चैट व वीडियो कॉल से भी किसान संपर्क कर सकेंगे।

किसानों के अनुभव क्या कह रहे हैं?

मोतिहारी के किसान रंजीत कुमार कहते हैं,“पहले हम दुकानदार या दूसरे किसानों से पूछते थे, पर अब विशेषज्ञ खुद फोन पर बताते हैं कि कौन सी दवा डालनी है। ये बहुत फायदेमंद है।”

दरभंगा की महिला किसान सुनीता देवी कहती हैं,
“पहली बार सरकार ने हमसे सीधा संवाद किया है, अब हमें अपनी समस्या बताने में डर नहीं लगता।”

यह सेवा क्यों है जरूरी?

बिहार में लगभग 70% आबादी खेती पर निर्भर है। मगर आज भी जानकारी के अभाव में किसान फसल रोग, उर्वरक के गलत इस्तेमाल और खराब बीज के कारण नुकसान उठाते हैं। ऐसे में ये हेल्पलाइन किसानों के लिए डिजिटल क्रांति की तरह है।

फसल हेल्पलाइन और अन्य सेवाओं से तुलना

सुविधाफसल हेल्पलाइनकिसान कॉल सेंटर (KCC)निजी एग्री-ऐप्स
विशेषज्ञ से सीधा संपर्क
क्षेत्रीय भाषा में सहायता
मुफ्त सेवा
राज्य सरकार की निगरानी

भविष्य की योजनाएं

  • हेल्पलाइन का समय बढ़ाने की योजना
  • WhatsApp सपोर्ट सेवा शुरू करना
  • प्रत्येक जिले में फील्ड विजिट टीम बनाना
  • टोल-फ्री वीडियो कॉलिंग सुविधा शुरू करना

निष्कर्ष

बिहार सरकार की ‘फसल हेल्पलाइन’ योजना किसानों के लिए बड़ा बदलाव लेकर आई है। यह पहल उन्हें न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनाएगी। आने वाले समय में यदि इसका सही तरीके से प्रचार और विस्तार हुआ, तो यह योजना पूरे भारत के लिए मॉडल बन सकती है।

FAQs

Q.1: क्या यह सेवा सभी किसानों के लिए है?

हाँ, बिहार राज्य का कोई भी किसान इस सेवा का लाभ ले सकता है।

Q.2: क्या इस सेवा का कोई चार्ज है?

नहीं, यह सेवा पूरी तरह निशुल्क है।

Q.3: क्या WhatsApp पर भी सहायता मिल सकती है?

फिलहाल नहीं, लेकिन राज्य सरकार भविष्य में यह सुविधा जोड़ सकती है।

Q.4: क्या महिला किसान भी कॉल कर सकती हैं?

हाँ, महिला किसानों के लिए भी यह सेवा पूरी तरह से उपलब्ध है।

धान की फसल में कीट लगने से बचाएं इस देसी उपाय से, गांवों में बन रहा है ट्रेंड

धान की फसल कीट नियंत्रण देसी उपाय

धान की खेती भारत के करोड़ों किसानों के लिए आजीविका का प्रमुख साधन है। लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच धान की फसल में लगने वाले कीटों से किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। कीटनाशकों पर खर्च बढ़ता है, और पैदावार में भी गिरावट आती है। ऐसे में एक नया देसी नुस्खा इन दिनों गांवों में काफी चर्चा में है, जो कीट नियंत्रण के लिए कारगर साबित हो रहा है।

कीटों का प्रकोप: कब और कैसे होता है हमला?

धान की रोपाई के कुछ दिन बाद ही फसल पर कई प्रकार के कीटों का हमला शुरू हो जाता है। इसमें प्रमुख हैं:

  • तना छेदक (Stem Borer) – पौधों के तनों में छेद कर फसल को कमजोर कर देता है।
  • पत्ती लपेटक (Leaf Folder) – पत्तियों को मोड़कर अंदर बैठ जाता है और उन्हें खा जाता है।
  • भूरा और सफेद पीठ वाला कीट (Brown/Whitebacked Plant Hopper) – रस चूसते हैं और पौधों को सुखा देते हैं।

यदि समय रहते इन पर नियंत्रण न किया जाए तो पूरी फसल चौपट हो सकती है।

कीटनाशकों की समस्या: महंगे भी और हानिकारक भी

अधिकतर किसान कीट नियंत्रण के लिए रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। लेकिन इनसे कई समस्याएं होती हैं:

  • खेत और मिट्टी की उर्वरता घटती है
  • कीड़े धीरे-धीरे प्रतिरोधक हो जाते हैं
  • इंसानों और पशुओं के लिए भी ये हानिकारक होते हैं
  • लागत अधिक होती है और मुनाफा घट जाता है

इसी वजह से किसान अब जैविक और देसी उपायों की ओर लौट रहे हैं।

देसी नुस्खा: नीम, छाछ और लहसुन का घोल

बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांवों में किसानों ने एक देसी फार्मूला अपनाया है, जिसमें सिर्फ तीन चीजें चाहिए:

  • नीम का अर्क (Neem Extract) – 1 लीटर
  • छाछ (Buttermilk) – 1 लीटर
  • लहसुन का पेस्ट (Garlic Paste) – 250 ग्राम

इन तीनों को 10 लीटर पानी में मिलाकर एक ड्रम में भर दें। 24 घंटे तक ढककर रख दें ताकि मिश्रण पूरी तरह तैयार हो जाए। फिर इसे छानकर स्प्रे मशीन से फसल पर छिड़काव करें।

यह नुस्खा कैसे करता है काम?

  • नीम का अर्क में मौजूद एजाडिरैक्टिन (Azadirachtin) कीड़ों की ग्रोथ रोकता है और उनकी प्रजनन क्षमता को नष्ट करता है।
  • छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया कीटों को मारने में सहायक होता है और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
  • लहसुन की गंध कीड़े पसंद नहीं करते और खेत से भाग जाते हैं। साथ ही इसमें सल्फर युक्त यौगिक होते हैं जो कीटों पर असर करते हैं।

यह मिश्रण पूरी तरह जैविक और सुरक्षित है।

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कब और कैसे करें छिड़काव?

इस देसी घोल का छिड़काव नीचे दिए गए अंतराल पर करें:

  • पहली बार: रोपाई के 10 दिन बाद
  • दूसरी बार: 20-25 दिन बाद
  • तीसरी बार: यदि जरूरत हो तो 15 दिन बाद फिर से

प्रति एकड़ खेत के लिए लगभग 15 लीटर घोल पर्याप्त होता है। कोशिश करें कि छिड़काव सुबह या शाम के समय करें जब धूप तेज न हो।

किसानों के अनुभव: गांव में मिल रही जबरदस्त प्रतिक्रिया

गया (बिहार) के किसान संतोष सिंह बताते हैं,

“पिछले साल कीटनाशक पर 3,000 रुपये खर्च हुआ था, लेकिन इस बार नीम और लहसुन से बने घोल से काम चल गया। कीट नहीं लगे और खर्च भी बचा।”

वहीं बस्ती (उत्तर प्रदेश) के विजय यादव कहते हैं,

“इस देसी नुस्खे से न सिर्फ फसल बची बल्कि जैविक होने से बाजार में दाम भी अच्छा मिला।”

खर्च और उपलब्धता

इस देसी उपाय में खर्च बहुत कम आता है। लगभग 20-25 रुपये प्रति लीटर घोल तैयार हो जाता है। सामग्री गांव में ही उपलब्ध होती है और इसे कोई भी किसान आसानी से बना सकता है।

सामग्रीमात्रालागत (लगभग)
नीम पत्ता/नीम अर्क1 लीटर₹10-15
छाछ1 लीटर₹5-10
लहसुन250 ग्राम₹20-25
कुल खर्च₹40-50 प्रति स्प्रे

भारत सरकार भी अब परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NPOF) के माध्यम से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह देसी उपाय उन किसानों के लिए वरदान है जो:

लागत घटाकर मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं

कीटनाशकों का विकल्प ढूंढ रहे हैं

जैविक फसल उगाना चाहते हैं

निष्कर्ष

धान की खेती में कीट नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है, लेकिन अगर समय रहते देसी और सुरक्षित उपायों को अपनाया जाए तो फसल को बचाया जा सकता है। नीम, लहसुन और छाछ से बना यह देसी घोल गांवों में तेजी से ट्रेंड बन रहा है और भविष्य की जैविक खेती की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

यदि आप किसान हैं तो इस उपाय को ज़रूर आज़माएं — सस्ता, सुरक्षित और पूरी तरह प्राकृतिक।

FAQ

Q1. धान की फसल में सबसे ज्यादा कौन-कौन से कीट लगते हैं?

धान की फसल में आमतौर पर तना छेदक (Stem Borer), पत्ती लपेटक (Leaf Folder), भूरा और सफेद पीठ वाला कीट (Brown/Whitebacked Plant Hopper) और चूसक कीट लगते हैं।

Q2. नीम, छाछ और लहसुन से बना देसी घोल कैसे बनाएं?

1 लीटर नीम का अर्क, 1 लीटर छाछ और 250 ग्राम लहसुन का पेस्ट 10 लीटर पानी में मिलाएं। इसे 24 घंटे ढककर रखें और फिर छिड़काव करें।

Q3. इस देसी उपाय से कितनी बार छिड़काव करना चाहिए?

इसका छिड़काव रोपाई के 10 दिन बाद, फिर 20 दिन बाद और आवश्यकता पड़ने पर तीसरी बार करें। यह एक जैविक और सुरक्षित तरीका है।

Q4. इस देसी नुस्खे से खर्च कितना आता है?

नीम, लहसुन और छाछ से बना यह मिश्रण 1 एकड़ के लिए ₹40-₹50 में तैयार हो जाता है, जो कीटनाशक से कई गुना सस्ता है।

Q5. क्या यह उपाय जैविक खेती में मान्य है?

हां, यह पूरी तरह जैविक उपाय है और भारत सरकार की जैविक खेती योजनाओं जैसे PKVY और NPOF में भी इसका समर्थन किया गया है।

किसान सोलर पंप योजना 2025: ऐसे उठाएं 90% सब्सिडी का फायदा, जानिए आवेदन प्रक्रिया

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भारत सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है “किसान सोलर पंप योजना 2025”। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप पर 60% से 90% तक की सब्सिडी दी जाती है जिससे वे खेती के लिए मुफ्त और सतत बिजली पा सकें।

योजना का उद्देश्य क्या है?

1.किसानों को डीजल पंप से छुटकारा दिलाना

2.सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना

3.सिंचाई की लागत को कम करना

4.पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना

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किस स्कीम के तहत मिल रहा है सोलर पंप?

PM Kusum Yojana (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan) के तहत यह सोलर पंप सब्सिडी योजना लागू की गई है। इसका संचालन MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) द्वारा किया जा रहा है।

कितनी सब्सिडी मिलती है?

प्रकारसब्सिडी प्रतिशत
केंद्र सरकार30%
राज्य सरकार30-60% (राज्य पर निर्भर)
किसान का अंशदानसिर्फ 10-20%

उदाहरण: बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों को 90% तक सब्सिडी मिल रही है।

कौन उठा सकता है योजना का लाभ?

पात्रता:

1.भारत का नागरिक हो

2.किसान हो (भूमि मालिक)

3.कृषि के लिए सिंचाई में पंप का उपयोग करता हो

4.आधार कार्ड और बैंक खाता हो

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़

1.आधार कार्ड

2.राशन कार्ड

3.किसान पंजीकरण प्रमाण पत्र

4.भूमि दस्तावेज़ (खतियान या जमाबंदी)

5.बैंक पासबुक

6.पासपोर्ट साइज फोटो

7.मोबाइल नंबर

किसान सोलर पंप योजना 2025आवेदन प्रक्रिया: ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन

राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं जैसे – mnre.gov.in या संबंधित राज्य की वेबसाइट“PM Kusum Yojana” के लिंक पर क्लिक करें “Solar Pump Subsidy” वाले विकल्प को चुनें और अपना नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और अन्य जानकारी भरें दस्तावेज़ अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें भविष्य के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर को सेव करें.

किसानों को क्या-क्या लाभ मिलेगा?

1.बिजली बिल में भारी कटौती

2.डीज़ल की बचत

3.सिंचाई के समय में लचीलापन

4.लंबे समय तक टिकाऊ सोलर पंप

5.सरकारी सब्सिडी से भारी राहत

किन राज्यों में मिल रही है सबसे ज्यादा सब्सिडी?

राज्यसब्सिडी प्रतिशत
बिहार90%
उत्तर प्रदेश80-90%
राजस्थान70%
महाराष्ट्र80%
मध्यप्रदेश70%

ध्यान दें,आवेदन करने के बाद विभाग द्वारा वेरिफिकेशन किया जाएगा।और चयनित किसान को विभाग द्वारा पंप इंस्टॉलेशन की सूचना दी जाएगी।हलाकि पंप की क्षमता भूमि के क्षेत्रफल और ज़रूरत पर निर्भर करती है।

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या सभी किसानों को योजना का लाभ मिलेगा?

उत्तर: नहीं, केवल वे किसान जो पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।

Q2. क्या यह योजना हर राज्य में लागू है?

उत्तर: हां, लेकिन सब्सिडी की राशि राज्य के अनुसार अलग होती है।

Q3. आवेदन के बाद कितना समय लगेगा?

उत्तर: आमतौर पर 1 से 3 महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

Q4. सोलर पंप की गारंटी कितने साल की होती है?

उत्तर: सामान्यतः 5 से 7 साल तक की गारंटी होती है।

Farmer ID Kaise Banaye 2025: किसान पंजीकरण की नई प्रक्रिया, मोबाइल से बनाएं Farmer ID

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भारत सरकार ने किसानों के लिए एक यूनिक Farmer ID जारी करने की योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य किसानों का डिजिटल डेटाबेस तैयार करना है, Farmer ID Kaise Banaye 2025 जिससे वे सभी सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकें। 2025 में यह प्रक्रिया और सरल हो गई है – अब किसान मोबाइल से भी Farmer ID बना सकते हैं।

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Farmer ID क्या है?

Farmer ID एक यूनिक पहचान संख्या होती है जो किसी किसान की पहचान, उसकी खेती की ज़मीन, फसल और पात्र योजनाओं से जुड़ी जानकारी को जोड़ती है। यह आधार, भूमि रिकॉर्ड और बैंक अकाउंट से लिंक की जाती है।Farmer ID के फायदे सभी कृषि योजनाओं में सीधा लाभ

पीएम किसान योजना की राशि जल्दी मिलना

सब्सिडी व बीमा का फायदा

बैंक से आसान लोन प्रक्रिया

e-KYC व मोबाइल OTP से डिजिटल सुविधा

Farmer ID बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज़

दस्तावेज़ का नामजरूरी है?
आधार कार्ड✔️ अनिवार्य
भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र✔️ जरूरी
बैंक खाता विवरण✔️ अनिवार्य
मोबाइल नंबर✔️ OTP के लिए
पासपोर्ट साइज फोटो❌ वैकल्पिक

Farmer ID Kaise Banaye 2025 Online Apply Kaise Kare?

Step-by-Step प्रोसेस (मोबाइल से):

सरकारी पोर्टल पर जाएं:
1. https://farmer.gov.in या राज्य सरकार की कृषि वेबसाइट

2.“Farmer Registration” पर क्लिक करें

3.अपना आधार नंबर दर्ज करें और OTP से वेरिफाई करें

4.भूमि रिकॉर्ड का विवरण भरें (जैसे खतियान, खाता नंबर)

5.बैंक खाता जानकारी और IFSC कोड डालें

6.Submit पर क्लिक करें और Reference ID सेव करें

मोबाइल ऐप से कैसे बनाएं Farmer ID?

1.Kisan Suvidha App या mKisan App को Google Play Store से डाउनलोड करें

2.Farmer ID रजिस्ट्रेशन सेक्शन पर क्लिक करें

3.आधार OTP, जमीन व बैंक की जानकारी भरें

4.सबमिट करते ही Farmer ID जनरेट हो जाएगी

FAQs

Q1. Farmer ID कब से शुरू हुई है?

Ans: 2024 के अंत में इसकी शुरुआत हुई और 2025 में यह सभी राज्यों में अनिवार्य हो गई है।

Q2. क्या मोबाइल से Farmer ID बना सकते हैं?

Ans: हां, आप मोबाइल से सरकारी पोर्टल या mKisan App की मदद से Farmer ID बना सकते हैं।

Q3. क्या बिना भूमि के किसान ID बन सकती है?

Ans: अगर आप बटाईदार या पट्टेदार हैं तो आपके पास खेती का कोई प्रमाण हो तो बना सकते हैं।

धान की रोपाई के 10 दिन बाद डालें ये ज़रूरी खाद, फसल होगी हरी-भरी और पैदावार होगी दोगुनी!

धान की फसल में खाद डालता किसान

धान की खेती में हर चरण का अपना महत्व होता है, खासकर रोपाई के बाद का समय। यदि किसान इस समय सही तकनीक और खाद का उपयोग करें, तो उनकी फसल न केवल सुरक्षित रहेगी, बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा। आज हम जानेंगे कि रोपाई के 10 दिन बाद कौन सी खाद डालनी चाहिए, क्यों जरूरी है और किस मात्रा में डालें ताकि खेतों की ताकत कई गुना बढ़ जाए।

धान की पहली सिंचाई के साथ डालें ये खाद – जानिए क्या है इसका महत्व

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, रोपाई के 10 दिन बाद जब किसान पहली सिंचाई करते हैं, उसी समय एक खास किस्म की खाद डालनी चाहिए। ये खाद है – NPK या DAP

क्या होता है NPK या DAP खाद?

DAP का मतलब है डाय-अमोनियम फॉस्फेट, जिसमें लगभग 23% फॉस्फोरस और 9% नाइट्रोजन पाया जाता है।

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NPK खाद में तीनों ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं:

N – नाइट्रोजन (पत्तियों की वृद्धि के लिए),

P – फॉस्फोरस (जड़ों की मजबूती के लिए),

K – पोटाश (फलों और दानों की गुणवत्ता के लिए)।

DAP डालने से होते हैं ये 5 जबरदस्त फायदे

1.कल्लों की संख्या बढ़ती है – ज्यादा कल्ले मतलब ज्यादा बालियां, और ज्यादा बालियां मतलब ज्यादा धान।

2.जड़ें मजबूत होती हैं – जिससे पौधा मौसम की मार से नहीं गिरता।

3.पत्ते और तना हरे-भरे रहते हैं – जिससे प्रकाश संश्लेषण बेहतर होता है।

4.उत्पादन बढ़ता है – किसान को दोगुना लाभ।

5.खरपतवार की मार कम होती है – हरी-भरी फसल से खाली जगह नहीं बचती।

कितनी मात्रा में डालें खाद?

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप बिसेन बताते हैं कि धान की रोपाई के दस दिन बाद जब किसान पहली बार खेतों में पानी लगाते हैं, तब उन्हें प्रति एकड़ एक बोरी NPK खाद का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इससे फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व समय पर मिलते हैं, जिससे न केवल उत्पादन बेहतर होता है, बल्कि पौधे बीमारियों से भी सुरक्षित रहते हैं। ध्यान रखें कि यह खाद बहुत अधिक मात्रा में न डालें, नहीं तो यह फसल को नुकसान भी पहुंचा सकती है। एक बोरी प्रति एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होती है।कई किसानों ने जब इस तकनीक को अपनाया, तो उनके खेतों में धान की फसल इतनी घनी और हरी-भरी हो गई कि गांव के लोग पूछने लगे कि उन्होंने कौन सा टॉप सीक्रेट अपनाया है। इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बेहद सस्ती है और इसका असर जल्दी दिखता है। किसान जो पहले सिर्फ गोबर या यूरिया खाद का इस्तेमाल करते थे, उन्हें अब NPK खाद के लाभ साफ नजर आ रहे हैं। पौधों की जड़ें गहरी और मजबूत हो जाती हैं, जिससे वे आंधी-पानी में भी टिके रहते हैं।

ICAR कृषि पोर्टल – खाद की जानकारी click here

अगर आप भी धान की खेती कर रहे हैं और अब तक आपने यह तरीका नहीं अपनाया है, तो इस बार जरूर अपनाएं। 10 दिन बाद सिंचाई के समय एक बोरी खाद डालकर देखिए, आपकी फसल में ऐसा बदलाव आएगा कि गांव वाले खुद पूछेंगे – “भैया, कौन सी खाद डाले थे?” पैदावार बढ़ाने का यह आसान और कारगर तरीका अब हर किसान का सीक्रेट बनता जा रहा है।

FAQs

Q1. धान में DAP खाद कब डालें?

रोपाई के 10 दिन बाद, पहली सिंचाई के समय डालना उचित होता है।

Q2. एक एकड़ में कितनी खाद डालनी चाहिए?

सिर्फ एक बोरी DAP या NPK खाद पर्याप्त है।

Q3. DAP से क्या फायदा होता है?

पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं, कल्ले बढ़ते हैं और उत्पादन अधिक होता है।

PM Kisan 20वीं किस्त: कल किसानों के खातों में ट्रांसफर हो सकती है पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त, जानें पूरी डिटेल

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक व्यक्ति 2000 रुपये के नोट पकड़े हुए है और पृष्ठभूमि में सरसों का खेत है। इमेज में लिखा है ‘20वीं किस्त कब आयेगी?’”
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक व्यक्ति 2000 रुपये के नोट पकड़े हुए है और पृष्ठभूमि में सरसों का खेत है। इमेज में लिखा है ‘20वीं किस्त कब आयेगी?’”

भारत सरकार की बेहद लोकप्रिय योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) देशभर के करोड़ों किसानों के लिए एक सहारा है। इस योजना का मूल उद्देश्य देश के छोटे और मध्यम किसानों को सीधी आर्थिक मदद देना है, ताकि वे अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा कर सकेें और उनकी आजीविका में सहूलियत हो सके। अब इस कड़ी में एक और अच्छी खबर सामने आई है – सूत्रों के अनुसार, पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जल्द ही किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर होने वाली है।

कब होगी पीएम किसान 20वीं किस्त ट्रांसफर?

मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों से प्राप्त जानकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बिहार दौरे में सीवान जिले में एक जनसभा करेंगे। इसी कार्यक्रम में वह पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त ट्रांसफर कर सकते हैं। यह कार्यक्रम 20 जून को आयोजित होने की संभावना है। इसके साथ ही सीवान में प्रधानमंत्री बिहार की कई विकास योजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन भी करेंगे।

हाल ही में फरवरी में पीएम मोदी ने बिहार के भागलपुर में 19वीं किस्त के तहत करीब 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे, जिसका सीधा लाभ लगभग 9.80 करोड़ किसानों को मिला था। अब तक पीएम किसान योजना के तहत देशभर के किसानों को कुल 3.68 लाख करोड़ रुपये का सीधा लाभ मिल चुका है।

20वीं किस्त में क्या होगा खास?

19वीं किस्त तक 9.60 करोड़ किसानों के खातों में पैसा गया है, और इस बार यानी 20वीं किस्त में लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। मई में केंद्र सरकार ने ई-केवाईसी (e-KYC) अभियान चलाया था, जो 31 मई तक जारी रहा। इसके तहत उन किसानों का विवरण अपडेट किया गया है, जो अब तक पोर्टल में दर्ज नहीं थे। करीब 20,000 नए किसानों का नाम जोड़ा गया है, जिससे वे भी 20वीं किस्त का लाभ ले सकेेंगें।

अपना नाम लिस्ट में चेक करने का तरीका

1. पीएम किसान के आधिकारिक पोर्टल

2.‘Beneficiary List’ यानी ‘लाभार्थियों की सूची’ के विकल्प का चुनाव करें।

3.राज्य, जिला, उप-जिला, ब्लॉक और गांव का नाम दर्ज करें।

4.इसके बाद ‘Get Report’ बटन दबाएं।

किन किसानों को नहीं मिलेगा पैसा?

हालांकि अधिकांश किसानों को यह किस्त मिलेगी, लेकिन उन किसानों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है जिनका नाम पीएम किसान पोर्टल में दर्ज नहीं है या जिनका ई-केवाईसी नहीं हुआ है। इसके अलावा, कुछ जिलों में तकनीकी या प्रशासनिक कारणों से यह भुगतान रुक सकता है। यह सलाह दी जाती है कि सभी किसान जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी पूरी करवा लें ताकि अगली किस्तें सुगमता से मिल सके।

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Pm Kisan 20th installment: PM योजना किसान के 20वीं किस्त 2000 रुपये आपको कैसे मिलेगी, ऐसे करें पता

PM किसान 20वीं किस्त कब मिलेगी? – खेत की पृष्ठभूमि में जानकारी
PM किसान 20वीं किस्त कब मिलेगी? – खेत की पृष्ठभूमि में जानकारी

क्या है PM किसान योजना?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को हुई थी। इस योजना के तहत, पात्र किसानों को हर वर्ष ₹6000 की सहायता राशि तीन किस्तों में दी जाती है — यानी हर चार महीने में ₹2000 की किस्त।

अब तक 19 किस्तें जारी हो चुकी हैं और किसान भाइयों को 20वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है। यदि आप जानना चाहते हैं कि PM किसान की 20वीं किस्त कैसे मिलेगी, तो यह लेख आपके लिए है।

PM किसान की 20वीं किस्त कब आएगी?

सरकार की ओर से अब तक आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पिछली किस्तों के ट्रेंड को देखकर अनुमान है कि 20वीं किस्त जुलाई 2025 के अंत तक किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

इससे पहले आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपके आवेदन और डाक्यूमेंट्स अपडेट हैं, ताकि आपकी राशि समय पर मिल सके।

पात्रता की शर्तें – क्या आप इस बार भी योग्य हैं?

20वीं किस्त प्राप्त करने के लिए कुछ आवश्यक पात्रताएं हैं:

  • किसान भारत का नागरिक हो।
  • भूमि स्वामित्व वाला हो (भूमिहीन मजदूर नहीं)।
  • आधार कार्ड से लिंक खाता हो।
  • पहले की किस्तें सही ढंग से प्राप्त की हों।
  • ई-केवाईसी पूर्ण हो।

महत्वपूर्ण: यदि आपने ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो आपको अगली किस्त नहीं मिलेगी।

स्टेटस कैसे चेक करें – आपकी किस्त आई या नहीं?

PM किसान पोर्टल पर जाकर आप अपनी 20वीं किस्त का स्टेटस कुछ आसान स्टेप्स में चेक कर सकते हैं:

स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:

  1. pmkisan.gov.inपर जाएं।
  2. “Farmers Corner” सेक्शन में जाएं।
  3. Beneficiary Status पर क्लिक करें।
  4. आधार नंबर या मोबाइल नंबर या बैंक अकाउंट नंबर डालें।
  5. “Get Data” पर क्लिक करें।

यहां से आप जान सकते हैं कि आपकी किस्त कब ट्रांसफर हुई है, या अभी पेंडिंग है।

विषयजानकारी
योजना का नामप्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
शुरूआत1 दिसंबर 2018
लाभार्थीदेश के छोटे व सीमांत किसान
सहायता राशि₹6000 प्रतिवर्ष (तीन किस्तों में)
ऑफिशियल वेबसाइटhttps://pmkisan.gov.in

20वीं किस्त पाने के लिए आज ही ये करें

👉 अगर आपने अब तक e-KYC नहीं किया है, तो तुरंत कराएं।
👉 भूलेख सत्यापन में कोई त्रुटि हो तो उसे ठीक कराएं।
👉 बैंक अकाउंट में आधार लिंक है या नहीं, यह सुनिश्चित करें।
👉 अपने आवेदन की स्थिति नियमित रूप से चेक करें।

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