बिहार राजस्व विभाग का महाअभियान 2025: घर-घर जाकर हल होंगी ज़मीन व रजिस्ट्री से जुड़ी समस्याएं

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बिहार राजस्व विभाग का महाअभियान 2025:बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्यभर में एक बड़े महाअभियान की शुरुआत करने का ऐलान किया है। इस अभियान के तहत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सीधे गांव और शहरों में घर-घर पहुंचकर लोगों की भूमि एवं रजिस्ट्री से जुड़ी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस योजना का उद्देश्य आम जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर से राहत देना और त्वरित न्याय उपलब्ध कराना है।

अभियान की बड़ी घोषणा

राजस्व विभाग ने बताया कि यह महाअभियान अगस्त 2025 के दूसरे सप्ताह से शुरू होगा और लगभग तीन महीने तक चलेगा। इस दौरान राज्य के सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से टीमें भेजी जाएंगी। हर जिले और प्रखंड में अलग-अलग तारीखें तय की जाएंगी ताकि सभी लोगों को अपनी समस्या दर्ज कराने का अवसर मिल सके।बात करे किकिन समस्याओं का होगा समाधान?इस महाअभियान में भूमि और रजिस्ट्री से जुड़ी लगभग सभी प्रमुख समस्याओं का निपटारा किया जाएगा। इसमें ज़मीन मापी और सीमांकन विवाद, दाखिल-खारिज में देरी, खेसरा और खाता नंबर की गलतियां, भूमि स्वामित्व विवाद, नक्शा से जुड़ी गड़बड़ियां और रजिस्ट्री से संबंधित लंबित फाइलें शामिल होंगी। विभाग का कहना है कि जहां संभव होगा, मौके पर ही समाधान किया जाएगा और गंभीर मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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अभियान की कार्यप्रणाली

इस अभियान के लिए विशेष टीमें गठित की जा रही हैं, जिनमें राजस्व कर्मी, अंचल अधिकारी और भूमि सर्वेक्षक शामिल होंगे। ये टीमें गांव-गांव और शहर के मोहल्लों में जाएंगी। लोगों से उनके घर पर ही लिखित और मौखिक दोनों तरह से शिकायत ली जाएगी। मौके पर दस्तावेज जांचने और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।और सरकार का उद्देश्य इस अभियान को पूरी तरह पारदर्शी बनाना है। शिकायत दर्ज होते ही उसे ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा, ताकि आवेदक अपनी समस्या की स्थिति को ट्रैक कर सके। इसके अलावा, अभियान के दौरान एक विशेष हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय रहेगा, जहां लोग फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

बिहार राजस्व विभाग महाअभियान 2025 सरकार का उद्देश्य

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मानना है कि बिहार में भूमि विवाद और दाखिल-खारिज से जुड़ी समस्याएं सबसे आम शिकायतों में से एक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी गंभीर होती है, जहां लोग कई-कई साल तक अपने हक के कागज़ के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं। इस महाअभियान से उम्मीद है कि जनता को समय पर न्याय मिलेगा और भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी।राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि यह योजना जनता के द्वार पर न्याय पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा— “हमारी प्राथमिकता है कि लोगों को अपनी जमीन और रजिस्ट्री से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए दफ्तरों में परेशान न होना पड़े। अब हम सीधे उनके घर जाएंगे और समस्या का निपटारा करेंगे।”

जनता को होने वाले फायदे

इस महाअभियान से आम जनता को कई तरह के फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा। अब उन्हें छुट्टी लेकर सरकारी दफ्तरों में लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बैठे उनकी समस्या दर्ज होगी और जहां संभव होगा, तुरंत समाधान भी मिलेगा। साथ ही, डिजिटल रिकॉर्ड अपडेट होने से भविष्य में कागज़ी विवादों की संभावना कम हो जाएगी।राजस्व विभाग इस महाअभियान के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करेगा। इस पोर्टल पर लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे और समाधान की प्रगति देख सकेंगे। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। और सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया इस योजना को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। पटना जिले के एक किसान ने कहाअगर अधिकारी हमारे गांव आकर हमारी जमीन से जुड़ी समस्या सुलझाएंगे, तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी राहत की बात होगी।” वहीं, शहरी क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि इससे समय की बचत होगी और अनावश्यक भागदौड़ खत्म होगी।बिहार राजस्व विभाग का यह महाअभियान राज्य के करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है। अगर यह योजना सही ढंग से लागू हुई, तो भूमि विवाद और रजिस्ट्री समस्याओं का निपटारा रिकॉर्ड समय में संभव होगा। यह न केवल लोगों की परेशानियां कम करेगा, बल्कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और तेजी भी लाएगा।

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