बिहार बंद 9 जुलाई 2025: वोटर लिस्ट रिवीजन पर रोक के विरोध में महागठबंधन का प्रदर्शन, राहुल और तेजस्वी रहेंगे शामिल

तेजस्वी यादव और राहुल गांधी बिहार बंद 9 जुलाई 2025 की तैयारी पर चर्चा करते हुए

बिहार में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। इस बार मुद्दा है – वोटर लिस्ट रिवीजन पर लगी रोक। महागठबंधन ने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है और 9 जुलाई 2025 को बिहार बंद का आह्वान किया है। इस बंद में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव खुद सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

क्या है मामला?

हाल ही में बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। आयोग का कहना है कि कुछ तकनीकी और संवैधानिक कारणों से फिलहाल पुनरीक्षण प्रक्रिया पर कार्य नहीं किया जाएगा।लेकिन महागठबंधन का आरोप है कि यह लोकतंत्र की हत्या है और सत्ता पक्ष जानबूझकर वोटर अपडेट नहीं होने देना चाहता ताकि कुछ खास वर्गों को मताधिकार से वंचित किया जा सके।

बिहार बंद का ऐलान क्यों?

महागठबंधन का दावा है कि यह फैसला दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के वोटरों को बाहर करने की साजिश है। इसी के विरोध में 9 जुलाई को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया गया है।

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प्रमुख मांगें:

  1. वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया को तुरंत बहाल किया जाए
  2. निर्वाचन आयोग इस पर स्पष्टीकरण दे
  3. लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सरकार हस्तक्षेप न करे

कौन-कौन होंगे शामिल?

इस बंद को कांग्रेस, राजद, वाम दल, HAM, CPI(ML) और अन्य विपक्षी पार्टियों का समर्थन प्राप्त है। खुद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव आयकर गोलंबर से लेकर निर्वाचन कार्यालय तक मार्च करेंगे।प्रदर्शन का रूट प्लान आयकर गोलंबर, पटना समय: सुबह 11 बजे मार्ग: आयकर गोलंबर → डाकबंगला चौक → फ्रेजर रोड → निर्वाचन कार्यालय

वोटर लिस्ट रिवीजन क्यों है जरूरी?

वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं:

  • नए वोटरों का नाम जोड़ना
  • मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना
  • नाम, पता या लिंग में सुधार करना
  • पहचान पत्र में अपडेट

अगर यह प्रक्रिया समय पर नहीं होती, तो लोकसभा चुनाव 2026 से पहले बड़ी संख्या में मतदाता वंचित रह सकते हैं।

राजनीतिक मायने

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिहार बंद के जरिए महागठबंधन एक बड़ा राजनीतिक संदेश देना चाहता है। जहां एक ओर भाजपा और जदयू गठबंधन की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे जनता से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा बना रहा है।तेजस्वी यादव ने कहा, “यह बंद जनता का बंद है, हमारा नहीं। जब नागरिकों के अधिकारों पर कुठाराघात होता है, तो चुप नहीं रहा जा सकता।”

राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, “लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम हर संघर्ष को तैयार हैं। बिहार की जनता के साथ हूं।”

FAQ

Q1. बिहार बंद 9 जुलाई को क्यों बुलाया गया है?

उत्तर: वोटर लिस्ट रिवीजन पर रोक लगाने के विरोध में महागठबंधन ने बिहार बंद का आह्वान किया है।

Q2. क्या बिहार बंद में राहुल गांधी शामिल होंगे?

उत्तर: हां, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों इस प्रदर्शन में भाग लेंगे।

Q3. क्या स्कूल और दफ्तर बंद रहेंगे?

उत्तर: प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है, लेकिन कोई आधिकारिक छुट्टी की घोषणा नहीं हुई है।

Q4. क्या बंद के दौरान इंटरनेट बंद रहेगा?

उत्तर: अभी तक सरकार ने इंटरनेट बंद करने की घोषणा नहीं की है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।

धान की रोपाई के 10 दिन बाद डालें ये ज़रूरी खाद, फसल होगी हरी-भरी और पैदावार होगी दोगुनी!

धान की फसल में खाद डालता किसान

धान की खेती में हर चरण का अपना महत्व होता है, खासकर रोपाई के बाद का समय। यदि किसान इस समय सही तकनीक और खाद का उपयोग करें, तो उनकी फसल न केवल सुरक्षित रहेगी, बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा। आज हम जानेंगे कि रोपाई के 10 दिन बाद कौन सी खाद डालनी चाहिए, क्यों जरूरी है और किस मात्रा में डालें ताकि खेतों की ताकत कई गुना बढ़ जाए।

धान की पहली सिंचाई के साथ डालें ये खाद – जानिए क्या है इसका महत्व

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, रोपाई के 10 दिन बाद जब किसान पहली सिंचाई करते हैं, उसी समय एक खास किस्म की खाद डालनी चाहिए। ये खाद है – NPK या DAP

क्या होता है NPK या DAP खाद?

DAP का मतलब है डाय-अमोनियम फॉस्फेट, जिसमें लगभग 23% फॉस्फोरस और 9% नाइट्रोजन पाया जाता है।

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NPK खाद में तीनों ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं:

N – नाइट्रोजन (पत्तियों की वृद्धि के लिए),

P – फॉस्फोरस (जड़ों की मजबूती के लिए),

K – पोटाश (फलों और दानों की गुणवत्ता के लिए)।

DAP डालने से होते हैं ये 5 जबरदस्त फायदे

1.कल्लों की संख्या बढ़ती है – ज्यादा कल्ले मतलब ज्यादा बालियां, और ज्यादा बालियां मतलब ज्यादा धान।

2.जड़ें मजबूत होती हैं – जिससे पौधा मौसम की मार से नहीं गिरता।

3.पत्ते और तना हरे-भरे रहते हैं – जिससे प्रकाश संश्लेषण बेहतर होता है।

4.उत्पादन बढ़ता है – किसान को दोगुना लाभ।

5.खरपतवार की मार कम होती है – हरी-भरी फसल से खाली जगह नहीं बचती।

कितनी मात्रा में डालें खाद?

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप बिसेन बताते हैं कि धान की रोपाई के दस दिन बाद जब किसान पहली बार खेतों में पानी लगाते हैं, तब उन्हें प्रति एकड़ एक बोरी NPK खाद का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इससे फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व समय पर मिलते हैं, जिससे न केवल उत्पादन बेहतर होता है, बल्कि पौधे बीमारियों से भी सुरक्षित रहते हैं। ध्यान रखें कि यह खाद बहुत अधिक मात्रा में न डालें, नहीं तो यह फसल को नुकसान भी पहुंचा सकती है। एक बोरी प्रति एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होती है।कई किसानों ने जब इस तकनीक को अपनाया, तो उनके खेतों में धान की फसल इतनी घनी और हरी-भरी हो गई कि गांव के लोग पूछने लगे कि उन्होंने कौन सा टॉप सीक्रेट अपनाया है। इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बेहद सस्ती है और इसका असर जल्दी दिखता है। किसान जो पहले सिर्फ गोबर या यूरिया खाद का इस्तेमाल करते थे, उन्हें अब NPK खाद के लाभ साफ नजर आ रहे हैं। पौधों की जड़ें गहरी और मजबूत हो जाती हैं, जिससे वे आंधी-पानी में भी टिके रहते हैं।

ICAR कृषि पोर्टल – खाद की जानकारी click here

अगर आप भी धान की खेती कर रहे हैं और अब तक आपने यह तरीका नहीं अपनाया है, तो इस बार जरूर अपनाएं। 10 दिन बाद सिंचाई के समय एक बोरी खाद डालकर देखिए, आपकी फसल में ऐसा बदलाव आएगा कि गांव वाले खुद पूछेंगे – “भैया, कौन सी खाद डाले थे?” पैदावार बढ़ाने का यह आसान और कारगर तरीका अब हर किसान का सीक्रेट बनता जा रहा है।

FAQs

Q1. धान में DAP खाद कब डालें?

रोपाई के 10 दिन बाद, पहली सिंचाई के समय डालना उचित होता है।

Q2. एक एकड़ में कितनी खाद डालनी चाहिए?

सिर्फ एक बोरी DAP या NPK खाद पर्याप्त है।

Q3. DAP से क्या फायदा होता है?

पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं, कल्ले बढ़ते हैं और उत्पादन अधिक होता है।

बिहार वोटर लिस्ट 2025: 2003 की सूची में नाम है, तो दस्तावेज की जरूरत नहीं, जानिए चुनाव आयोग के नए नियम

2003 वोटर सूची में नाम होने पर दस्तावेज की आवश्यकता नहीं संबंधी सूचना"

बिहार में आगामी चुनावों को लेकर मतदाता सूची 2025 का विशेष पुनरीक्षण अभियान तेज़ी से चल रहा है। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) ने नए निर्देश जारी किए हैं, कि जिनके अनुसार यदि किसी मतदाता का नाम वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो उसे कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी।

यह नियम लखीसराय जिले से शुरू हुए पुनरीक्षण अभियान के दौरान सामने आया है, जिसे अब पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। यह कदम मतदाता सूची को पारदर्शी और अद्यतन करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

2003 की वोटर लिस्ट वालों को बड़ी राहत

चुनाव आयोग ने साफ किया है, कि 1 जनवरी 2003 की वोटर लिस्ट में जिनका नाम दर्ज है, वे लोग इस विशेष पुनरीक्षण अभियान में बिना कोई दस्तावेज दिए ही अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं।यह फैसला उन मतदाताओं को सुविधा देने के लिए लिया गया है, जो पहले से ही वोटर हैं और उनके दस्तावेज पहले ही सत्यापित हो चुके हैं।

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क्या है मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान 2025?

भारत निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार, बिहार के सभी जिलों में 25 जून 2025 से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य है:

  • नए योग्य मतदाताओं का नाम जोड़ना
  • मृत या दोहराए गए नाम हटाना
  • पुराने मतदाताओं की जानकारी को अपडेट करना

लखीसराय जिले के जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्रा ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने का आदेश दिया है।

नाम न होने पर कौन-से दस्तावेज मान्य होंगे?

यदि किसी व्यक्ति का नाम 2003 की सूची में दर्ज नहीं है, तो उन्हें निम्नलिखित परिस्थितियों में दस्तावेज देने होंगे:

1.अगर माता-पिता का नाम सूची में है:

केवल माता या पिता का नाम देना पर्याप्त होगा

यह नाम एक प्रकार के प्रमाण के तौर पर मान्य होगा

2.अगर माता-पिता का नाम भी नहीं है:

  • ऐसे में आयोग द्वारा मान्य 11 दस्तावेजों में से कोई एक देना अनिवार्य होगा:
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • पासपोर्ट
  • राशन कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • 10वीं की मार्कशीट
  • बिजली बिल
  • पानी/गैस कनेक्शन बिल
  • सरकारी कर्मचारी पहचान पत्र

बीएलओ कर रहे घर-घर जाकर दस्तावेज़ सत्यापन

लखीसराय के एसडीओ प्रभाकर कुमार के अनुसार, जिले के सभी बीएलओ को गणना प्रपत्र उपलब्ध करा दिए गए हैं और वे घर-घर जाकर इनका वितरण कर रहे हैं।

अब तक जिले में 51,000 से अधिक प्रपत्रों को आयोग के पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। यह प्रक्रिया ईसीआई के पोर्टल के माध्यम से संचालित हो रही है।

वोटर लिस्ट 2003 कैसे चेक करें?

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है या नहीं, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:

ऑनलाइन माध्यम से:

1.भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाएं

2.”मतदाता सूची” सेक्शन चुनें

3.राज्य – बिहार, जिला – अपना जिला, विधानसभा क्षेत्र और भाग संख्या भरें

4.PDF फॉर्मेट में सूची डाउनलोड करें

5.अपने नाम की जांच करें

ऑफलाइन माध्यम से:

  • अपने बीएलओ (BLO) से संपर्क करें
  • उन्हें अपनी जानकारी दें
  • वे आपको सूची की हार्ड कॉपी से नाम जांचने में मदद करेंगे

आपकी जिम्मेदारी क्या है?

यदि आप एक पात्र मतदाता हैं, तो आपकी जिम्मेदारी है कि आप:

चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें

अपने नाम की पुष्टि करें

अगर कोई त्रुटि है, तो उसे BLO के माध्यम से सुधारें

यदि पहली बार नाम जुड़वा रहे हैं, तो दस्तावेज़ तैयार रखें

महत्वपूर्ण तिथि और जानकारी

विषयविवरण
अभियान शुरू होने की तिथि25 जून 2025
राज्यबिहार
ज़िलालखीसराय (सभी ज़िले में लागू)
लिस्ट जांच लिंकeci.gov.in
जरूरी दस्तावेज2003 की सूची में नाम / अन्य निर्धारित दस्तावेज

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या 2003 से पहले की सूची मान्य नहीं है?

नहीं, फिलहाल 2003 की सूची को ही मानक माना जा रहा है।

Q2. अगर किसी के पास दस्तावेज नहीं है तो क्या वह वोट नहीं डाल सकता?

उसे अपने माता-पिता के नाम से पहचान सिद्ध करनी होगी, नहीं तो वैकल्पिक दस्तावेज देने होंगे।

Q3. BLO से संपर्क कैसे करें?

BLO आपके मतदान केंद्र के अनुसार नियुक्त होते हैं, उनके संपर्क नंबर वोटर हेल्पलाइन से प्राप्त कर सकते हैं।

UPI International 2025: दुबई, सिंगापुर के बाद अब अगला देश कौन? जानिए भारत की डिजिटल क्रांति का अगला कदम

भारतीय युवक UPI इंटरनेशनल पेमेंट सेवा के साथ, बैकग्राउंड में वर्ल्ड मैप और UAE, सिंगापुर, फ्रांस के लोकेशन मार्क

भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) न केवल देश के भीतर डिजिटल भुगतान को आसान बना रही है, बल्कि अब इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दे रही है। दुबई और सिंगापुर जैसे प्रमुख देशों में इसकी शुरुआत के बाद अब सबकी नजर इस पर है कि अगला देश कौन होगा जहां UPI International की पहुंच होगी।

With the rise of UPI International, global transactions have become smoother for Indian travelers.

UPI: कैसे बनी डिजिटल क्रांति का चेहरा?

UPI International is reshaping the way people engage in digital payments worldwide.

2016 में लॉन्च हुई UPI ने भारत में कैशलेस लेनदेन की धारणा को पूरी तरह से बदल दिया। अब गांव से लेकर मेट्रो शहरों तक, लोग QR कोड स्कैन करके चाय, सब्ज़ी से लेकर मॉल की शॉपिंग तक UPI से भुगतान कर रहे हैं।NPCI (National Payments Corporation of India) द्वारा विकसित इस तकनीक ने भारत को डिजिटल लेन-देन में एक वैश्विक रोल मॉडल बना दिया है।

अब तक किन देशों में शुरू हुआ है UPI?

The Future of UPI International Expansion

Thus, UPI International’s impact is not just limited to India but is felt across borders.

1. सिंगापुर

This is a significant step for UPI International as it gains traction globally.

भारत और सिंगापुर ने 2023 में PayNow-UPI लिंक के माध्यम से एक बड़ी शुरुआत की। अब भारतीय नागरिक सिंगापुर में भी UPI के माध्यम से सीधे भुगतान कर सकते हैं।

Many are eager to see how UPI International will expand into more countries.

2. संयुक्त अरब अमीरात (UAE – दुबई, अबूधाबी)

दुबई और अबूधाबी में भी UPI आधारित भुगतान सिस्टम को अपनाया गया है। कई भारतीय पर्यटक और प्रवासी अब UPI से सीधा भुगतान कर पा रहे हैं।

3. भूटान और नेपाल

भारत के पड़ोसी देशों भूटान और नेपाल में भी UPI आधारित भुगतान सेवा को स्वीकार किया गया है। भूटान पहला देश बना जिसने UPI को पूरी तरह अपनाया।

अगला देश कौन हो सकता है?

1. फ्रांस (France)

2023 में भारत और फ्रांस के बीच हुए करार के अनुसार, Eiffel Tower जैसे प्रमुख स्थानों पर UPI आधारित भुगतान को लागू करने की योजना पर काम हो चुका है। फ्रांस पर्यटन स्थलों पर भारतीयों के लिए UPI पेमेंट सुविधा शुरू कर सकता है।

Expanding UPI International could open new avenues for international commerce.

2. अमेरिका (USA)

ये दोनों देश भारतीय प्रवासियों के लिए प्रमुख गंतव्य हैं। यहां UPI का विस्तार भारतीय छात्रों और व्यवसायियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है।

3. ऑस्ट्रेलिया और कनाडा

UPI International offers a promising future for digital payments in foreign lands.

ये दोनों देश भारतीय प्रवासियों के लिए प्रमुख गंतव्य हैं। यहां UPI का विस्तार भारतीय छात्रों और व्यवसायियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है।

4. मॉरिशस, श्रीलंका और मालदीव

The reach of UPI International is expected to cover over 50 countries soon.

Partnerships with neighboring countries indicate a strong future for UPI International.

इन देशों में पर्यटन के दौरान UPI से भुगतान की सुविधा मिल सकती है, जिससे भारतीय पर्यटकों को करेंसी एक्सचेंज की जरूरत नहीं पड़ेगी।

The innovation behind UPI International continues to inspire new developments in digital payments.

Ultimately, UPI International aims to facilitate seamless transactions worldwide.

As UPI International grows, it sets a benchmark for digital payment systems globally.

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UPI International is poised to change the landscape of payment solutions across the globe.

UPI इंटरनेशनल का क्या होगा फायदा?

भारतीय पर्यटकों के लिए राहत अब विदेश यात्रा के दौरान विदेशी करेंसी ले जाने की चिंता नहीं।ग्लोबल व्यापार में आसान भुगतान भारतीय व्यापारी अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों से सीधे UPI के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।भारतीय तकनीक की वैश्विक पहचान UPI एक भारतीय नवाचार है और इसका वैश्विक विस्तार भारत के टेक्नोलॉजी डिप्लोमेसी को मजबूत करता है।क्या विदेशी नागरिक भी UPI इस्तेमाल कर सकेंगे?NPCI की नई योजना के अनुसार, अब विदेशी नागरिक जो भारत यात्रा पर आते हैं, वे भी UPI प्रीपेड वॉलेट के जरिए भुगतान कर सकते हैं। इससे भारतीय बाजार में विदेशी ग्राहकों के अनुभव को और बेहतर किया जा सकेगा।

भविष्य में क्या होगा?

1.2025 तक 50+ देशों में UPI के विस्तार का लक्ष्य रखा गया है।

2.भारत-आसियान डिजिटल पेमेंट नेटवर्क की योजना पर काम चल रहा है।

3.रुपे कार्ड और UPI QR इंटरऑपरेबिलिटी को ग्लोबल लेवल पर बढ़ावा दिया जा रहा है।

निष्कर्ष

भारत की UPI तकनीक अब केवल एक राष्ट्रीय डिजिटल भुगतान समाधान नहीं रही, बल्कि यह ग्लोबल ब्रांड बनती जा रही है। दुबई और सिंगापुर के बाद, फ्रांस, अमेरिका, कनाडा जैसे देश UPI इंटरनेशनल के अगले संभावित पड़ाव हैं। यह सिर्फ पेमेंट का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल डिप्लोमेसी का प्रतीक है।

FAQs

Q. UPI इंटरनेशनल क्या है?

UPI इंटरनेशनल भारत की डिजिटल पेमेंट सेवा है जिसे अब अन्य देशों में भी लागू किया जा रहा है।

Q. किन देशों में UPI की शुरुआत हो चुकी है?

अब तक सिंगापुर, दुबई, भूटान और नेपाल में UPI सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं।

Q. क्या विदेशी नागरिक भारत में UPI का उपयोग कर सकते हैं?

हां, अब विदेशी पर्यटक भारत में UPI प्रीपेड वॉलेट के जरिए पेमेंट कर सकते हैं।

Q. अगला देश कौन हो सकता है?

फ्रांस, अमेरिका, कनाडा, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया प्रमुख संभावित देश हैं।

तेजस्वी यादव के करीबी पारस होंगे महागठबंधन में शामिल? बिहार की सियासत में हलचल तेज

पशुपति पारस राजद में शामिल होंगे, तेजस्वी यादव के साथ संभावित गठबंधन

पटना: बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव के करीबी और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र पारस जल्द ही महागठबंधन (RJD गठबंधन) में शामिल हो सकते हैं। इस खबर ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। पारस अभी तक लोजपा (पारस गुट) के नेता रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से वे सियासी रूप से निष्क्रिय नजर आ रहे थे। अब उनके महागठबंधन में आने की अटकलें तेज हो गई हैं।

पारस और तेजस्वी के बीच बढ़ती नजदीकियां

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रामचंद्र पारस और तेजस्वी यादव के बीच पिछले कुछ हफ्तों में गुप्त बैठकों का दौर चला है। यह भी कहा जा रहा है कि पारस महागठबंधन में एक मजबूत भूमिका की मांग कर रहे हैं, जिसमें उन्हें दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का प्रमुख चेहरा बनाया जा सकता है।

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तेजस्वी यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं कि 2025 विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को जातीय और सामाजिक रूप से और मजबूत किया जाए। ऐसे में पारस जैसे अनुभवी नेता की एंट्री से उन्हें बड़ा फायदा हो सकता है।

कौन हैं रामचंद्र पारस?

रामचंद्र पारस, लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के प्रमुख नेता हैं और वे दिवंगत रामविलास पासवान के भाई हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। लेकिन चिराग पासवान और पारस गुट के बीच हुई सियासी जंग के बाद लोजपा दो भागों में बंट गई थी। उसके बाद से पारस की राजनीतिक पकड़ धीरे-धीरे कमजोर होती गई।

अब अगर वे महागठबंधन में शामिल होते हैं, तो यह उनकी राजनीतिक पुनरावृत्ति (political comeback) मानी जाएगी।

क्या यह बीजेपी के लिए झटका है?

बिलकुल। पारस फिलहाल एनडीए के सहयोगी माने जाते हैं। अगर वे महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं, तो यह बीजेपी और चिराग पासवान दोनों के लिए सियासी झटका हो सकता है। खासकर पासवान वोट बैंक पर असर पड़ेगा, क्योंकि रामविलास पासवान का नाम अब भी दलित समुदाय में सम्मान से लिया जाता है।

महागठबंधन की रणनीति साफ है – अति पिछड़ा, दलित और मुस्लिम वर्ग को एकसाथ लाकर सामाजिक समीकरण बनाना। पारस की एंट्री इस रणनीति को और मजबूती दे सकती है।

आरजेडी को क्या फायदा मिलेगा?

1.दलित वोट बैंक में सेंध:

पारस की एंट्री से महागठबंधन को खासतौर से दलित मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा।

2.लोकसभा और विधानसभा दोनों में असर:

पारस लोकसभा सांसद रह चुके हैं। अगर वे महागठबंधन के टिकट पर फिर से मैदान में उतरते हैं, तो इसका असर राज्य की सीटों पर भी पड़ेगा।

3.सामाजिक समीकरण का संतुलन:

आरजेडी पर अक्सर यादव-मुस्लिम पार्टी का ठप्पा लगता रहा है। पारस जैसे नेता के आने से पार्टी अपनी छवि बदलने की कोशिश कर सकती है।

पारस की क्या शर्तें हैं?

सूत्रों के अनुसार, रामचंद्र पारस कुछ प्रमुख शर्तों के साथ महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • उन्हें राज्यसभा या विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाए।
  • उनकी पार्टी को महागठबंधन में एक मान्यता प्राप्त दल का दर्जा मिले।
  • दलित कल्याण जैसे मुद्दों पर उन्हें प्रमुख भूमिका मिले।

तेजस्वी यादव इन शर्तों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं क्योंकि 2025 में मुकाबला सीधा बीजेपी से होगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

बीजेपी और चिराग पासवान गुट की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरूनी हलकों में बेचैनी जरूर है। माना जा रहा है कि बीजेपी पारस को मनाने की कोशिश कर सकती है ताकि दलित वोटों का बिखराव न हो।

जनता की राय क्या कहती है?

सोशल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्ट्स से संकेत मिल रहे हैं कि जनता इस संभावित गठबंधन को लेकर उत्साहित है। खासकर दलित समुदाय में इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर पारस महागठबंधन में आते हैं, तो बिहार में चिराग पासवान का ग्राफ गिर सकता है, क्योंकि अब उनका एकमात्र दलित चेहरा होना खत्म हो जाएगा।

निष्कर्ष

अगर रामचंद्र पारस महागठबंधन में शामिल होते हैं, तो यह 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक बड़ा सियासी मोड़ साबित हो सकता है। इससे एक तरफ आरजेडी को जातीय समीकरण में बढ़त मिलेगी, वहीं एनडीए को रणनीति बदलनी पड़ेगी।अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या वाकई में पारस आने वाले दिनों में तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करते नजर आएंगे?

FAQ Section

Q1. रामचंद्र पारस किस पार्टी से हैं?

A. वे लोजपा (पारस गुट) से हैं, जो एनडीए का हिस्सा रहा है।

Q2. क्या पारस महागठबंधन में शामिल होंगे?

A. सूत्रों के अनुसार, बातचीत अंतिम चरण में है और वे जल्द ही शामिल हो सकते हैं।

Q3. इससे किसे नुकसान होगा?

A. इससे चिराग पासवान और बीजेपी को नुकसान, जबकि तेजस्वी यादव को फायदा हो सकता है।

Q4. पारस को क्या भूमिका मिल सकती है?

A. उन्हें राज्यसभा, विधानसभा टिकट या दलित समाज की अगुवाई दी जा सकती है।

PM Kisan Tractor Yojana 2025: किसानों को 50% सब्सिडी पर मिलेगा ट्रैक्टर, ऐसे करें आवेदन

"एक भारतीय किसान ट्रैक्टर पर बैठा है, बैकग्राउंड में खेत और टेक्स्ट में लिखा है 'पीएम किसान ट्रैक्टर योजना 2025 – इस तरह आवेदन करें'"

देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये और खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं में से एक है PM Kisan Tractor Yojana 2025, जिसके तहत योग्य किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर 20% से लेकर 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।और इस योजना का उद्देश्य यह है कि छोटे और मध्यम किसान भी ट्रैक्टर जैसे महंगे कृषि यंत्रों को आसानी से खरीद सकें और अपने उत्पादन में सुधार कर सकें।

PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2025 की किस्त कब आएगी?CLICK HERE

इस योजना के तहत किसान को राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों की तरफ से वित्तीय सहायता मिलती है। हालांकि सब्सिडी की दर और नियम राज्य सरकार के अनुसार थोड़े अलग हो सकते हैं, लेकिन मूल उद्देश्य सभी जगह एक ही है — किसानों को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाना।

योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिन किसानों के पास खेती की जमीन तो है लेकिन ट्रैक्टर जैसी सुविधा नहीं है, उन्हें सरकार की मदद से ट्रैक्टर उपलब्ध कराया जाए। इससे न केवल किसानों की मेहनत कम होगी बल्कि उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।और इसके साथ ही, यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक अहम कदम है।

PM Kisan Tractor Yojana 2025 कौन ले सकता है लाभ?

इस योजना का लाभ वही किसान ले सकता है जिसके नाम पर जमीन है और जिसने पहले इस योजना का लाभ नहीं लिया है। आवेदक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही, किसान भारत का नागरिक होना चाहिए और उसका एक सक्रिय बैंक खाता भी होना जरूरी है, जिसमें सब्सिडी ट्रांसफर की जाएगी।

कितना मिलेगा सब्सिडी?

इस योजना में किसानों को 20% से 50% तक की सब्सिडी दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ट्रैक्टर की कीमत ₹5 लाख है और किसान को 50% सब्सिडी मिलती है, तो उसे केवल ₹2.5 लाख ही देने होंगे। यह सब्सिडी सीधी किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है या डीलर के माध्यम से समायोजित की जाती है।

आवेदन प्रक्रिया (ऑनलाइन और ऑफलाइन)

इस योजना के लिए किसान दो तरीकों से आवेदन कर सकते हैं – ऑनलाइन और ऑफलाइन। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान को अपने राज्य की कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर “PM Kisan Tractor Yojana” सेक्शन में जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसमें किसान को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, ज़मीन के कागज़ात, बैंक विवरण और अन्य दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।

वहीं, जिन किसानों को ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई होती है वे अपने नजदीकी CSC (Common Service Center) या ब्लॉक कार्यालय में जाकर भी ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहां पर CSC ऑपरेटर की सहायता से पूरा आवेदन भरा जाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1. क्या सभी किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं?

नहीं, केवल वे किसान जिन्होंने पहले इस योजना का लाभ नहीं लिया है और जिनके नाम पर खेती की ज़मीन है।

Q2. कितनी सब्सिडी मिलती है इस योजना में?

ट्रैक्टर की कीमत पर 20% से 50% तक की सब्सिडी मिल सकती है।

AI टीचर अब आपके बच्चों को पढ़ाएंगे 2025 में – जानिए कब और कैसे?

AI Teacher 2025 के साथ डिजिटल क्लासरूम में पढ़ाई करते छात्र

भारत में शिक्षा के क्षेत्र में अब एक बड़ा बदलाव आने वाला है। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे अब स्कूलों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रवेश हो रहा है। 2025 से भारत सरकार और कुछ राज्य सरकारें AI टीचर्स को स्कूलों में शामिल करने की योजना पर तेजी से काम कर रही हैं। ये AI टीचर न सिर्फ बच्चों को पढ़ाएंगे, बल्कि हर छात्र के प्रदर्शन को ट्रैक भी करेंगे और उसकी समझ के अनुसार पढ़ाई करवाएंगे।

AI टीचर क्या होता है?

AI टीचर एक ऐसा सॉफ्टवेयर आधारित डिजिटल शिक्षक होता है जो छात्रों के सवालों का जवाब दे सकता है, उन्हें समझा सकता है और यहां तक कि टेस्ट भी ले सकता है। ये टीचर मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग तकनीक पर आधारित होते हैं। इनका उद्देश्य इंसानी शिक्षक की जगह लेना नहीं है, बल्कि उनकी सहायता करना है। टीचर्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये हर छात्र के सीखने की गति और समझ के अनुसार कंटेंट को एडजस्ट कर सकते हैं।

Note: ISRO Young Scientist Program

किन स्कूलों में शुरुआत हो रही है?

AI आधारित शिक्षा को सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दिल्ली, गुजरात और केरल जैसे राज्यों में शुरू किया गया है। इन राज्यों में कुछ सरकारी और निजी स्कूलों को चुना गया है, जहां 2025-26 से इस योजना को लागू किया जा रहा है। धीरे-धीरे इसका विस्तार पूरे भारत के स्कूलों में किया जाएगा।

क्या शिक्षकों की नौकरी को खतरा है?

बहुत से लोगों को डर है कि AI के आने से शिक्षकों की नौकरी पर असर पड़ेगा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा नहीं होगा। टीचर केवल एक सहायक के रूप में काम करेगा। नैतिक शिक्षा, प्रेरणा देना, बच्चों की भावनात्मक समझ और व्यवहार सुधारना जैसे कार्य सिर्फ इंसानी शिक्षक ही कर सकते हैं। ऐसे में इंसानी टीचर्स की भूमिका आगे भी महत्वपूर्ण बनी रहेगी।

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छात्रों और अभिभावकों को क्या फायदा होगा?

AI टीचर की सबसे बड़ी खासियत पर्सनलाइज्ड लर्निंग है। इसका मतलब यह कि यह हर छात्र की क्षमता और गति के अनुसार पढ़ाई करवाएगा। इसके अलावा, अभिभावकों के लिए भी इसमें कई सुविधाएं होंगी। एक मोबाइल ऐप के ज़रिए वे अपने बच्चों के होमवर्क, टेस्ट स्कोर और पढ़ाई के स्तर की जानकारी रियल-टाइम में देख पाएंगे। इससे पढ़ाई में पारदर्शिता भी बढ़ेगी और बच्चों की प्रगति में तेजी आएगी।

खर्च और आवेदन प्रक्रिया

AI टीचर को लागू करने के लिए स्कूलों को सरकार से अनुमति लेनी होगी और उनके लिए डिजिटल लैब, स्मार्ट क्लासरूम और हाई-स्पीड इंटरनेट की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए राज्य शिक्षा विभाग द्वारा अलग-अलग पोर्टल पर आवेदन लिया जाएगा। निजी स्कूलों के लिए अलग गाइडलाइन जल्द जारी की जाएगी।

निष्कर्ष

AI टीचर भारत के शिक्षा तंत्र में एक नई क्रांति ला सकते हैं। इससे न सिर्फ पढ़ाई और बेहतर होगी, बल्कि शिक्षक और छात्र दोनों के लिए पढ़ाई की प्रक्रिया आसान और प्रभावी बन जाएगी। अगर सरकार और स्कूल मिलकर इस दिशा में काम करें, तो आने वाले समय में भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है।

FAQ

Q. क्या AI टीचर इंसानी शिक्षकों की जगह ले लेंगे?

नहीं, AI टीचर केवल सहायक होंगे। इंसानी शिक्षक की भूमिका अब भी सबसे अहम रहेगी।

Q. क्या AI टीचर सरकारी स्कूलों में भी लाए जाएंगे?

हां, कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में भी AI टीचर लाए जा रहे हैं।

Q. छात्र AI टीचर से कैसे पढ़ाई करेंगे?

AI टीचर के ज़रिए छात्रों को स्क्रीन पर वर्चुअली पढ़ाया जाएगा और उनके सवालों के जवाब दिए जाएंगे।

Petrol-Diesel Price Today: केंद्र सरकार ने घटाए दाम, जानें नए रेट कितना हुआ पेट्रोल और डीजल सस्ता?

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4 जुलाई 2025 को केंद्र सरकार ने आम जनता को राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती की घोषणा की है। पेट्रोल के दाम ₹4 प्रति लीटर और डीजल के दाम ₹3 प्रति लीटर तक कम कर दिए गए हैं। यह नई दरें देशभर में सुबह 6 बजे से लागू कर दी गई हैं। सरकार के इस फैसले से घरेलू बजट पर सीधा असर पड़ेगा और महंगाई दर में भी गिरावट की उम्मीद है।

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

तेल कंपनियों द्वारा जारी किए गए नए रेट्स के अनुसार दिल्ली में अब पेट्रोल ₹92.20 प्रति लीटर और डीजल ₹82.10 प्रति लीटर मिलेगा। मुंबई में पेट्रोल ₹98.50 और डीजल ₹89.70 हो गया है। इसी तरह कोलकाता में पेट्रोल ₹94.60 और डीजल ₹85.40, चेन्नई में ₹93.80 और ₹86.00, पटना में ₹97.90 और ₹88.20 तथा लखनऊ में ₹91.70 और ₹81.50 हो गया है। हालांकि, यह दरें राज्य सरकारों के टैक्स के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं।Ministry of Petroleum and Natural Gas

सरकार ने इस कटौती के पीछे कई मुख्य कारण बताए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हालिया गिरावट आई है, जिससे भारत जैसे आयात-निर्भर देशों को लाभ हुआ है। साथ ही, देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने और मानसून सीजन में किसानों तथा ट्रांसपोर्ट सेक्टर को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आम जनता के हित में एक राजनीतिक रणनीति भी माना जा रहा है।

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इस कटौती का आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?

सरकार ने इस कटौती के पीछे कई मुख्य कारण बताए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हालिया गिरावट आई है, जिससे भारत जैसे आयात-निर्भर देशों को लाभ हुआ है। साथ ही, देश में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने और मानसून सीजन में किसानों तथा ट्रांसपोर्ट सेक्टर को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आम जनता के हित में एक राजनीतिक रणनीति भी माना जा रहा है।

इस कटौती का असर आम लोगों की जेब पर साफ तौर पर दिखेगा। ट्रांसपोर्ट की लागत घटने से खाद्य वस्तुओं और दैनिक उपयोग की चीजों के दाम कम हो सकते हैं। वहीं, स्कूल-कॉलेज और दफ्तर आने-जाने वाले लोगों के दैनिक खर्चों में भी कमी आएगी। टैक्सी, ऑटो और बस सेवाएं सस्ती हो सकती हैं जिससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा।

जनता और सोशल मीडिया का रिएक्शन

सोशल मीडिया पर भी इस फैसले की तारीफ की जा रही है। ट्विटर पर #FuelPriceCut ट्रेंड कर रहा है और लोग सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं। कुछ लोग इसे चुनावी फायदा मान रहे हैं तो कुछ इसे समय पर लिया गया अच्छा निर्णय बता रहे हैं।

सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकार आने वाले समय में रसोई गैस की कीमतों में भी राहत देने की योजना बना रही है। इसके अलावा बजट 2025 में टैक्स छूट या सब्सिडी जैसी घोषणाएं भी संभव हैं ताकि आम आदमी को और राहत मिल सके।

कैसे जानें अपने शहर का लेटेस्ट रेट?

यदि आप अपने शहर का ताजा पेट्रोल या डीजल रेट जानना चाहते हैं तो आप इंडियन ऑयल की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा SMS के जरिए भी यह जानकारी ली जा सकती है – इसके लिए अपने मोबाइल से RSP <पिनकोड> टाइप करके 92249 92249 पर भेजें। साथ ही पेटीएम, फोनपे, गूगल पे जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी लेटेस्ट फ्यूल प्राइस चेक किए जा सकते हैं।

कुल मिलाकर, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आई यह कटौती आम आदमी के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है। आने वाले दिनों में यदि कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहीं तो और भी रियायतें मिल सकती हैं। इस समय सरकार का यह फैसला आर्थिक मोर्चे पर एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

निष्कर्ष

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती से देश की अर्थव्यवस्था और आम आदमी दोनों को फायदा होगा। सरकार का यह कदम महंगाई से राहत देने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।

Q1. पेट्रोल और डीजल के दाम कब घटाए गए?

उत्तर: पेट्रोल और डीजल के दाम केंद्र सरकार द्वारा 4 जुलाई 2025 को घटाए गए। पेट्रोल ₹4 और डीजल ₹3 प्रति लीटर सस्ता किया गया है।

Q2. इस कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल और डीजल का क्या रेट है?

उत्तर: नई दरों के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल ₹92.20 प्रति लीटर और डीजल ₹82.10 प्रति लीटर हो गया है।

Q3. क्या यह कीमत स्थायी रूप से कम की गई है?

उत्तर: नहीं, यह कटौती स्थायी नहीं है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं और समय के अनुसार बदल सकती हैं।

Q4. मैं अपने शहर में पेट्रोल और डीजल का रेट कैसे चेक कर सकता हूँ?

उत्तर: आप Indian Oil की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर या SMS के माध्यम से RSP <पिनकोड> लिखकर 92249 92249 पर भेजकर अपने शहर का ताजा रेट जान सकते हैं।

Q5. क्या आने वाले समय में सरकार और राहत दे सकती है?

उत्तर: हां, खबरों के अनुसार सरकार भविष्य में LPG गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती और टैक्स में छूट जैसे फैसले ले सकती है।

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RRB NTPC उत्तर कुंजी 2025 PDF डाउनलोड लिंक और इंडियन रेलवे ट्रेन

रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने RRB NTPC Graduate Level Answer Key 2025 को 1 जुलाई 2025 को आधिकारिक रूप से जारी कर दिया है। जिन उम्मीदवारों ने 5 जून से 24 जून 2025 के बीच आयोजित CBT परीक्षा दी थी, वे अब अपनी उत्तर कुंजी RRB की वेबसाइट या डायरेक्ट लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं। इस उत्तर कुंजी की सहायता से उम्मीदवार संभावित स्कोर का अनुमान लगा सकते हैं और गलत उत्तरों पर आपत्ति (Objection) भी दर्ज कर सकते हैं।

RRB NTPC Answer Key 2025 – महत्वपूर्ण जानकारी

परीक्षा तिथि: 5 जून – 24 जून 2025

उत्तर कुंजी जारी: 1 जुलाई 2025

वैकेंसी: 8113 पद

पोस्ट नाम: Station Master, Typist, Train Manager आदि

विज्ञापन संख्या: CEN 05/2024

आधिकारिक वेबसाइट: rrbcdg.gov.in

RRB NTPC Graduate Level Answer Key 2025 कैसे डाउनलोड करें?

RRB की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

Answer Key 2025” लिंक पर क्लिक करें

अपना Login ID और Password दर्ज करें

Login पर क्लिक करने के बाद उत्तर कुंजी PDF डाउनलोड करें

उत्तर गलत लगे तो Raise Objection करें

RRB NTPC Graduate CBT 1 हॉल टिकट 2025 जारी, रीजन वाइज लिंक से डाउनलोड करें click here

RRB NTPC Graduate Level – कुल पदों का विवरण

पद का नामपद संख्या
Chief Commercial-cum-Ticket Supervisor1736
Station Master (SM)994
Goods Train Manager3144
Junior Accounts Assistant cum Typist1507
Senior Clerk cum Typist732
कुल8113

शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा

शिक्षा योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन

टाइपिंग स्किल: हिंदी/अंग्रेज़ी में कंप्यूटर पर

न्यूनतम आयु: 18 वर्ष

अधिकतम आयु: 36 वर्ष (01 जनवरी 2025 के अनुसार)

आवेदन शुल्क और रिफंड

श्रेणीशुल्करिफंड
General/OBC/EWS₹500₹400
SC/ST/PH/Female₹250₹250

चयन प्रक्रिया(Selection Process)

आवेदन की शुरुआत: 14 सितंबर 2024

टाइपिंग टेस्ट (जहां लागू हो)

डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन

मेडिकल परीक्षा

Q1. RRB NTPC Graduate Level Answer Key 2025 कब जारी हुई?

उत्तर: 1 जुलाई 2025 को।

Q2. Answer Key कैसे डाउनलोड करें?

उत्तर: लॉगिन ID और पासवर्ड की मदद से ऑफिशियल वेबसाइट से।

Q3. Raise Objection की अंतिम तिथि क्या है?

उत्तर: आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द अपडेट होगी।

Q4. क्या Answer Key से स्कोर अनुमान लगाया जा सकता है?

उत्तर: हां, आप अपने उत्तर मिलान करके संभावित स्कोर पता कर सकते हैं।

Bihar Land Survey 2025: यदि भूमि सर्वेक्षण टीम आपके स्थल पर आती है, तो घबराएं नहीं,सबसे पहले ये काम करें.

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बिहार सरकार ने भूमि सुधार और डिजिटल रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाने के लिए की शुरुआत की है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से राज्य की हर ज़मीन की डिजिटल मैपिंग, मापी और स्वामित्व का रिकॉर्ड अपडेट किया जा रहा है।

यह प्रक्रिया ज़िला, अनुमंडल और पंचायत स्तर पर चरणबद्ध तरीके से की जा रही है। अगर भूमि सर्वेक्षण टीम आपके गांव या निजी ज़मीन पर आती है, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। यह लेख आपको पूरी गाइड प्रदान करेगा कि अगर सर्वे टीम आपके स्थल पर आती है, तो क्या करें और क्या न करें।”

भूमि सर्वेक्षण 2025 का उद्देश्य क्या है?

1.भूमि स्वामित्व का स्पष्ट रिकॉर्ड तैयार करना

2.भू-स्वामियों की पहचान सुनिश्चित करना

3.नक्शों का डिजिटलीकरण करना

4.भूमिहीन लोगों की स्थिति दर्ज करना

5.भूमि विवादों को कम करना

6.बैंकों से ऋण लेने में आसानी

Bihar Bhumi Portal: ऑनलाइन भूमि दस्तावेज़ ऐसे देखें 2025 में click Here.

यदि भूमि सर्वेक्षण टीम आ जाए तो क्या करना चाहिए?

यदि आपके गांव या क्षेत्र में भूमि सर्वेक्षण टीम आती है और आपकी जमीन की मापी करने लगती है, तो आपको पहले से कुछ जरूरी तैयारियां करनी चाहिए। सबसे पहले, ज़मीन से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे खतियान, रसीद, रजिस्ट्री कागज़, और पहचान पत्र पहले से तैयार रखें। ये कागज़ यह साबित करने में मदद करते हैं कि आप ही उस जमीन के असली स्वामी हैं।
सर्वे टीम के आने पर यह जरूरी है कि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य जमीन पर मौजूद हो। अक्सर टीम सीमांकन (boundary marking) और पुरानी जानकारी को अपडेट करने का काम करती है। यदि जमीन की सीमा स्पष्ट नहीं है, तो आप पहले ही खेत की मेड़ या गढ़ी बनवा लें ताकि सर्वे टीम को कोई भ्रम न हो। अपने पड़ोसी भू-स्वामियों को भी मौके पर बुला लेना फायदेमंद रहता है ताकि सीमा विवाद न उत्पन्न हो।

khata naksa 2025

भूमि सर्वेक्षण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

सर्वे टीम से बात करते समय पूरी जानकारी स्पष्ट और सही ढंग से दें। यदि कोई पुराना विवाद हो या जमीन पैतृक हो और बंटवारा न हुआ हो, तो टीम को ईमानदारी से बताएं। गलत जानकारी देने से भविष्य में आप ही को परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, टीम जो जानकारी दर्ज कर रही है, उसे ध्यान से देखें और गलतियों पर तुरंत आपत्ति जताएं।

कई बार देखा गया है कि सर्वेक्षण के बाद जो रिकॉर्ड बनता है, उसमें कुछ गलतियाँ रह जाती हैं। यदि ऐसा होता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप अंचल कार्यालय में जाकर आपत्ति आवेदन दे सकते हैं या बिहार सरकार के भूमि पोर्टल biharbhumi.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा, RTPS सेवा केंद्र पर जाकर भी सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।भूमि सर्वेक्षण के दौरान सबसे बड़ी गलती जो लोग करते हैं वह यह है कि वे अपनी जमीन पर अनुपस्थित रहते हैं या अपने दस्तावेज़ समय पर प्रस्तुत नहीं करते। यह स्थिति उस समय गंभीर हो सकती है जब आपकी जमीन को किसी और के नाम दर्ज कर लिया जाए। इसलिए यह जरूरी है कि जैसे ही आपके गांव में सर्वे शुरू हो, आप सतर्क हो जाएं और अपने सभी कागज़ तैयार रखें।

अगर आपकी जमीन में पेड़, कुआं, निर्माण या अन्य कोई विशेष संरचना हो तो उसकी भी जानकारी टीम को दें ताकि उसे रिकॉर्ड में दर्शाया जा सके। यह बातें भविष्य में आपकी संपत्ति की वैल्यू तय करने और किसी मुआवज़े के दावे में मदद करेंगी।

ग्रामीणों के लिए विशेष सुझाव

गांव के स्तर पर मुखिया, वार्ड सदस्य और अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर एक छोटी समिति बनाई जा सकती है जो सर्वेक्षण टीम के साथ तालमेल बनाए रखे और आवश्यक सहयोग करे। इससे पूरे गांव में पारदर्शिता बनी रहती है और कोई भी किसान या ज़मींदार अपनी जानकारी देने से वंचित नहीं रहता।

भूमि सर्वेक्षण के बाद क्या करें?

ऑनलाइन पोर्टल्स की मदद से आप सर्वे के बाद अपना खतियान, नक्शा, LPC और अन्य विवरण खुद भी चेक कर सकते हैं। इसके लिएlrcbihar और dlrs.bihar.gov.in जैसे पोर्टल्स काफी उपयोगी हैं। यहां से आप PDF में खतियान डाउनलोड कर सकते हैं या सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।

यह भी ध्यान रखें कि भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया के बाद ड्राफ्ट रिकॉर्ड पंचायत भवन या ग्राम सचिवालय में चस्पा किया जाता है। इस समय आपको जाकर अपने नाम, रकबा, जमीन का प्रकार और अन्य विवरणों की जांच करनी चाहिए। यदि सब कुछ सही हो, तो आप संतुष्ट हो सकते हैं। लेकिन अगर कोई त्रुटि हो, तो उसी समय आपत्ति दर्ज करवाना आवश्यक है क्योंकि एक बार फाइनल रिकॉर्ड तैयार हो जाने के बाद उसमें बदलाव कराना मुश्किल हो सकता है।

सर्वे टीम का उद्देश्य सिर्फ रिकॉर्ड बनाना नहीं बल्कि यह भी देखना है कि जमीन पर कौन वास्तव में काबिज़ है। ऐसे में यदि आप किरायेदार हैं, भूमिहीन हैं, या किसी सरकारी जमीन पर वर्षों से रह रहे हैं, तो भी इस सर्वे के जरिए आपकी स्थिति दर्ज हो सकती है। यह भविष्य की योजनाओं में आपकी पात्रता तय करने में काम आएगा।