अमित शाह बिहार दौरा 2025: अमित शाह का बिहार दौरा टला,अब 8 अगस्त को सीधे सीतामढ़ी में करेंगे पुनौराधाम मंदिर का शिलान्यास

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अमित शाह बिहार दौरा 2025:बिहार की राजनीति में जब-जब कोई केंद्रीय नेता यात्रा करता है, तो उसके पीछे सिर्फ धार्मिक या सांस्कृतिक नहीं, बल्कि गहरे राजनीतिक संकेत भी छुपे होते हैं। ऐसा ही कुछ इस बार भी हुआ है जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बिहार दौरा अचानक रद्द कर सीधा सीतामढ़ी के पुनौराधाम जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। यह परिवर्तन न केवल कार्यक्रम से जुड़ा है बल्कि इसके पीछे भाजपा की आगामी चुनावी रणनीति को भी देखा जा रहा है।पहले की योजना के अनुसार, 7 अगस्त 2025 को अमित शाह पटना पहुंचने वाले थे, जहां वे भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते, संगठनात्मक बैठक में भाग लेते और रात्रि विश्राम भी करते। इसके बाद 8 अगस्त को उन्हें दरभंगा होते हुए सीतामढ़ी के पुनौराधाम में मां सीता मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लेना था।

अब क्या हुआ बदलाव?

अब नई योजना के अनुसार अमित शाह 7 अगस्त को पटना नहीं आएंगे। वे 8 अगस्त की सुबह दिल्ली से सीधे दरभंगा हवाई अड्डे पर उतरेंगे और वहां से हेलिकॉप्टर के ज़रिए सीधे पुनौराधाम, सीतामढ़ी जाएंगे। यहीं वे मां सीता मंदिर के भव्य निर्माण का शिलान्यास करेंगे।इस बदलाव के पीछे सुरक्षा कारण, राजनीतिक रणनीति, और संपूर्ण ध्यान धार्मिक कार्यक्रम पर केंद्रित रखना प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अमित शाह इस बार किसी राजनीतिक बैठक में शामिल नहीं होंगे ताकि शुद्ध रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक संदेश दिया जा सके।

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पुनौराधाम: धार्मिक भावनाओं का केंद्र

पुनौराधाम, सीतामढ़ी जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसे माता सीता का जन्मस्थल माना जाता है। यहां पहले से ही एक छोटा मंदिर मौजूद है लेकिन अब इसे भव्य रूप देने की तैयारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से हो रही है। मंदिर निर्माण में रामायण सर्किट को भी जोड़ा जाएगा, जिससे यह स्थान अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन स्थल बन सके।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। सूत्रों की मानें तो अमित शाह और नीतीश कुमार की मंच साझा करना एक अहम संदेश है—खासकर तब, जब बिहार में एनडीए की फिर से मजबूती की अटकलें तेज हो चुकी हैं।राजनीतिक संकेत चुनावी तैयारी का हिस्सा?

भले ही कार्यक्रम धार्मिक हो, लेकिन इस यात्रा को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है। बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा अभी से जनभावना को साधने में जुटी है।

  • मां सीता का नाम लेकर भावनात्मक जुड़ाव
  • उत्तर बिहार में भाजपा की पकड़ मजबूत करना
  • सीतामढ़ी और दरभंगा जैसे मिथिला क्षेत्र में प्रचार रणनीति बनाना

यह सभी पहलू अमित शाह के कार्यक्रम से जुड़े माने जा रहे हैं।

अमित शाह बिहार दौरा 2025:भाजपा कार्यकर्ताओं में मिला-जुला असर

पटना के कार्यकर्ताओं में थोड़ा सा असंतोष जरूर है क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि गृहमंत्री उनके साथ संगठनात्मक बैठक करेंगे। लेकिन उन्हें यह भी समझाया गया है कि यात्रा का उद्देश्य धार्मिक है और समय की बाध्यता के चलते यह बदलाव जरूरी था।लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने बिहार में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया था। अब पार्टी का अगला फोकस 2025 विधानसभा चुनाव है। पुनौराधाम जैसे धार्मिक स्थलों पर कार्यक्रमों के जरिए पार्टी संस्कृति और राष्ट्रवाद की भावनाओं को जोड़कर अपना आधार मज़बूत करना चाहती है।

पुनौराधाम मंदिर के निर्माण से क्या होगा फायदा?

1.धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

2.स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

3.बिहार को रामायण सर्किट से जोड़ने का सपना पूरा होगा

4.सीतामढ़ी की ऐतिहासिक पहचान को वैश्विक मान्यता मिल सकती है

अमित शाह की यह यात्रा मीडिया की सुर्खियों में है। जनता का बड़ा वर्ग इसे सकारात्मक दृष्टि से देख रहा है, खासकर मिथिला क्षेत्र में। सोशल मीडिया पर भी #AmitShahInBihar ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग पुनौराधाम को विकसित करने की मांग वर्षों से करते आ रहे हैं।अमित शाह का यह बदला हुआ कार्यक्रम महज़ एक साधारण यात्रा नहीं है, बल्कि इसके पीछे भाजपा की लंबी रणनीति, धार्मिक संदेश, और चुनावी दृष्टिकोण सब कुछ छुपा है। अब देखना यह होगा कि 2025 विधानसभा चुनाव में यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है और पुनौराधाम मंदिर का निर्माण कब तक पूरा होता है।

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