AI टीचर अब आपके बच्चों को पढ़ाएंगे 2025 में – जानिए कब और कैसे?

भारत में शिक्षा के क्षेत्र में अब एक बड़ा बदलाव आने वाला है। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे अब स्कूलों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रवेश हो रहा है। 2025 से भारत सरकार और कुछ राज्य सरकारें AI टीचर्स को स्कूलों में शामिल करने की योजना पर तेजी से काम कर रही हैं। ये AI टीचर न सिर्फ बच्चों को पढ़ाएंगे, बल्कि हर छात्र के प्रदर्शन को ट्रैक भी करेंगे और उसकी समझ के अनुसार पढ़ाई करवाएंगे।

AI टीचर क्या होता है?

AI टीचर एक ऐसा सॉफ्टवेयर आधारित डिजिटल शिक्षक होता है जो छात्रों के सवालों का जवाब दे सकता है, उन्हें समझा सकता है और यहां तक कि टेस्ट भी ले सकता है। ये टीचर मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग तकनीक पर आधारित होते हैं। इनका उद्देश्य इंसानी शिक्षक की जगह लेना नहीं है, बल्कि उनकी सहायता करना है। टीचर्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये हर छात्र के सीखने की गति और समझ के अनुसार कंटेंट को एडजस्ट कर सकते हैं।

Note: ISRO Young Scientist Program

किन स्कूलों में शुरुआत हो रही है?

AI आधारित शिक्षा को सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दिल्ली, गुजरात और केरल जैसे राज्यों में शुरू किया गया है। इन राज्यों में कुछ सरकारी और निजी स्कूलों को चुना गया है, जहां 2025-26 से इस योजना को लागू किया जा रहा है। धीरे-धीरे इसका विस्तार पूरे भारत के स्कूलों में किया जाएगा।

क्या शिक्षकों की नौकरी को खतरा है?

बहुत से लोगों को डर है कि AI के आने से शिक्षकों की नौकरी पर असर पड़ेगा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा नहीं होगा। टीचर केवल एक सहायक के रूप में काम करेगा। नैतिक शिक्षा, प्रेरणा देना, बच्चों की भावनात्मक समझ और व्यवहार सुधारना जैसे कार्य सिर्फ इंसानी शिक्षक ही कर सकते हैं। ऐसे में इंसानी टीचर्स की भूमिका आगे भी महत्वपूर्ण बनी रहेगी।

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छात्रों और अभिभावकों को क्या फायदा होगा?

AI टीचर की सबसे बड़ी खासियत पर्सनलाइज्ड लर्निंग है। इसका मतलब यह कि यह हर छात्र की क्षमता और गति के अनुसार पढ़ाई करवाएगा। इसके अलावा, अभिभावकों के लिए भी इसमें कई सुविधाएं होंगी। एक मोबाइल ऐप के ज़रिए वे अपने बच्चों के होमवर्क, टेस्ट स्कोर और पढ़ाई के स्तर की जानकारी रियल-टाइम में देख पाएंगे। इससे पढ़ाई में पारदर्शिता भी बढ़ेगी और बच्चों की प्रगति में तेजी आएगी।

खर्च और आवेदन प्रक्रिया

AI टीचर को लागू करने के लिए स्कूलों को सरकार से अनुमति लेनी होगी और उनके लिए डिजिटल लैब, स्मार्ट क्लासरूम और हाई-स्पीड इंटरनेट की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए राज्य शिक्षा विभाग द्वारा अलग-अलग पोर्टल पर आवेदन लिया जाएगा। निजी स्कूलों के लिए अलग गाइडलाइन जल्द जारी की जाएगी।

निष्कर्ष

AI टीचर भारत के शिक्षा तंत्र में एक नई क्रांति ला सकते हैं। इससे न सिर्फ पढ़ाई और बेहतर होगी, बल्कि शिक्षक और छात्र दोनों के लिए पढ़ाई की प्रक्रिया आसान और प्रभावी बन जाएगी। अगर सरकार और स्कूल मिलकर इस दिशा में काम करें, तो आने वाले समय में भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है।

FAQ

Q. क्या AI टीचर इंसानी शिक्षकों की जगह ले लेंगे?

नहीं, AI टीचर केवल सहायक होंगे। इंसानी शिक्षक की भूमिका अब भी सबसे अहम रहेगी।

Q. क्या AI टीचर सरकारी स्कूलों में भी लाए जाएंगे?

हां, कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में भी AI टीचर लाए जा रहे हैं।

Q. छात्र AI टीचर से कैसे पढ़ाई करेंगे?

AI टीचर के ज़रिए छात्रों को स्क्रीन पर वर्चुअली पढ़ाया जाएगा और उनके सवालों के जवाब दिए जाएंगे।

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