War 2 Advance Booking Collection: हृतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की फिल्म रिलीज से पहले ही मचा रही धमाल

War 2 Advance Booking Collection रिलीज से पहले 20 करोड़ पार - Hrithik Roshan और Jr NTR का पोस्टर

War 2 Advance Booking Collection:बॉलीवुड के एक्शन-थ्रिलर प्रेमियों के लिए साल 2025 का सबसे बड़ा तोहफा आ रहा है – War 2। सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म में हृतिक रोशन और साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर पहली बार साथ नजर आ रहे हैं। रिलीज से पहले ही War 2 Advance Booking Collection रिकॉर्ड तोड़ रहा है, और ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि यह फिल्म ओपनिंग डे पर नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।

War 2 की रिलीज डेट और स्टार कास्ट

  • रिलीज डेट: 14 अगस्त 2025
  • निर्देशक: सिद्धार्थ आनंद
  • निर्माता: आदित्य चोपड़ा (YRF)
  • स्टार कास्ट:
    • हृतिक रोशन
    • जूनियर एनटीआर
    • कियारा आडवाणी
    • आशुतोष राणा
    • अनिल कपूर (कैमियो)

यह फिल्म YRF Spy Universe की अगली कड़ी है, जिसमें पहले “War” (2019), “Pathaan” और “Tiger 3” जैसी हिट फिल्में शामिल रही हैं।

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War 2 Advance Booking Collection: अब तक का रिकॉर्ड

फिल्म रिलीज से एक दिन पहले ही एडवांस बुकिंग कलेक्शन ₹20 करोड़ के पार पहुंच गया है।

  • मल्टीप्लेक्स चेन (PVR, INOX, Cinepolis): ₹14.2 करोड़
  • सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर: ₹5.8 करोड़
  • कुल बुक किए गए टिकट: 9 लाख+

ट्रेड पंडितों का अनुमान है कि यह आंकड़ा रिलीज से पहले ₹25 करोड़ तक जा सकता है, जो “Pathaan” के रिकॉर्ड के करीब होगा।

फिल्म की कहानी (बिना स्पॉइलर)

War 2 की कहानी पिछली फिल्म की घटनाओं के आगे बढ़ती है। इस बार मिशन और भी खतरनाक है और दुश्मन बेहद चालाक। जूनियर एनटीआर का किरदार एक रहस्यमयी एजेंट का है, जिसकी एंट्री कहानी में बड़ा ट्विस्ट लाती है। फिल्म में एक्शन सीक्वेंस इंटरनेशनल लेवल पर शूट किए गए हैं, जिसमें यूरोप, मध्य-पूर्व और एशिया के लोकेशन शामिल हैं।

क्यों ट्रेंड कर रही है War 2?

1.हृतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की पहली जोड़ी

2.YRF Spy Universe की अगली कड़ी

3.हाई-ऑक्टेन एक्शन और VFX

4.रिलीज डेट 15 अगस्त वीकेंड के आसपास

5.सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंडिंग — #War2, #HrithikVsNTR

ओपनिंग डे बॉक्स ऑफिस अनुमान

  • ट्रेड एनालिस्ट्स का अनुमान: ₹60–₹65 करोड़ (Day 1)
  • अगर वर्ड ऑफ माउथ पॉजिटिव रहा: पहले वीकेंड में ₹200 करोड़ का आंकड़ा संभव।
  • ओवरसीज़ मार्केट: एडवांस बुकिंग से ₹8–₹10 करोड़ की उम्मीद।

सोशल मीडिया रिएक्शन

ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर War 2 के ट्रेलर और गानों को मिलाकर 250M+ व्यूज़ मिल चुके हैं। फैंस का कहना है कि यह फिल्म “Indian Avengers-Level Action” देगी।War 2 न सिर्फ एक फिल्म है बल्कि एक सिनेमैटिक इवेंट है। War 2 Advance Booking Collection से साफ है कि दर्शकों में इसका क्रेज चरम पर है। अगर कहानी और एक्शन दर्शकों को पसंद आया, तो यह फिल्म बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़ देगी।

बिहार सरकार का बड़ा ऐलान: इंटर पास अविवाहित छात्राओं को ₹25,000, 9वीं के छात्रों को साइकिल योजना का लाभ

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PATNA: बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के लाखों छात्रों और छात्राओं को नई सौगात दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इंटर पास अविवाहित छात्राओं को ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वहीं, 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत साइकिल दी जाएगी।मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार चाहती है कि कोई भी छात्र या छात्रा आर्थिक कमी के कारण पढ़ाई बीच में न छोड़े। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह योजना काफी प्रभावी साबित होगी, क्योंकि वहां लड़कियों की शिक्षा को लेकर अक्सर आर्थिक और सामाजिक बाधाएं आती हैं।

इंटर पास अविवाहित छात्राओं को ₹25,000

सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य लड़कियों की उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना और उनकी आर्थिक मदद करना है। पहले यह राशि 10वीं पास छात्राओं को दी जाती थी, लेकिन अब इसे इंटर पास अविवाहित छात्राओं के लिए लागू किया गया है।

  • राशि सीधे छात्राओं के बैंक खाते में DBT के जरिए भेजी जाएगी।
  • इसके लिए छात्राओं को बिहार बोर्ड से इंटर पास होना जरूरी है।
  • आवेदन के समय अविवाहित होने का प्रमाण पत्र भी देना होगा।

9वीं कक्षा के छात्रों को साइकिल योजना का लाभ

सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले लड़कों और लड़कियों दोनों को मुख्यमंत्री साइकिल योजना का लाभ मिलेगा।

  • लड़कों को ₹3,500 की राशि और लड़कियों को ₹3,500 की राशि साइकिल खरीदने के लिए दी जाएगी।
  • यह राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होगी।
  • इससे छात्र-छात्राओं को स्कूल आने-जाने में सुविधा होगी और पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी।

आवेदन प्रक्रिया और पात्रता

इंटर पास छात्राओं को
  • बिहार बोर्ड से इंटरमीडिएट परीक्षा पास होनी चाहिए।
  • अविवाहित होना जरूरी है।
  • आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मार्कशीट और अविवाहित प्रमाण पत्र की जरूरत होगी।
9वीं कक्षा के छात्र
  • बिहार के सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ाई होनी चाहिए।
  • आधार कार्ड, बैंक पासबुक और स्कूल का प्रमाण पत्र आवश्यक है।

आवेदन प्रक्रिया – स्टेप बाय स्टेप

इंटर पास अविवाहित छात्राओं के लिए

1.ऑनलाइन पंजीकरण – शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

2.दस्तावेज अपलोड करें – आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मार्कशीट, अविवाहित प्रमाण पत्र।

3.फॉर्म सबमिट करें – सभी विवरण भरने के बाद आवेदन जमा करें।

4.सत्यापन – जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा दस्तावेज की जांच की जाएगी।

5.राशि ट्रांसफर – सत्यापन के बाद ₹25,000 आपके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।

9वीं कक्षा के छात्रों के लिए साइकिल योजना

1.स्कूल के माध्यम से सूची तैयार – छात्र का नाम और बैंक डिटेल स्कूल द्वारा दर्ज किया जाएगा।

2.शिक्षा विभाग को भेजना – स्कूल यह सूची शिक्षा विभाग को भेजेगा।

3.राशि ट्रांसफर – विभाग ₹3,500 की राशि सीधे छात्र के खाते में ट्रांसफर करेगा।

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बिहार सरकार की यह पहल राज्य के लाखों छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी। इंटर पास अविवाहित छात्राओं को ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि और 9वीं के छात्रों को साइकिल योजना का लाभ मिलने से न केवल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में भी सकारात्मक सोच का विकास होगा।
यह योजना साबित करेगी कि सही नीतियों और दूरदर्शिता के साथ सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों के भविष्य को उज्जवल बना सकती है।

“एलियन: अर्थ” के निर्माता नोआ हॉले ने बताया क्यों पेश किए नए जीव और यह AI, टेस्ला व थॉमस एडिसन से कैसे जुड़ा

एलियन

FX की आने वाली साइ-फाई सीरीज़ “एलियन: अर्थ” (Alien: Earth) का मकसद वही डर और सदमा फिर से पैदा करना है, जिसने रिडले स्कॉट की 1979 की फिल्म Alien को एक क्लासिक बना दिया था। लेकिन सात फ़िल्में और दो क्रॉसओवर पहले ही इस फ्रेंचाइज़ी के एलियन जीवों के बारे में बहुत कुछ उजागर कर चुके हैं। यही कारण है कि शो के निर्माता नोआ हॉले के सामने नई चुनौतियाँ थीं—और उन्होंने इनसे निपटने के लिए नए और साहसिक विचारों को जन्म दिया।FX Network – Alien: Earth Announcement

नए जीवों की अनिवार्यता और उद्देश्य

नोआ हॉले ने माना कि ज़ोमॉर्फ़ (Xenomorph) अब दर्शकों के लिए उतना रहस्यमय नहीं रहा।

  • 1979 में पहली बार स्क्रीन पर आया यह जीव अपने अजीब जीवन-चक्र और डरावने हमलों के लिए मशहूर था।
  • अब दर्शक जानते हैं कि अंडा खुलेगा, फेसहगर निकलेगा और फिर ज़ोमॉर्फ़ का जन्म होगा—यानी “सरप्राइज़” खत्म हो चुका है।

इसीलिए हॉले ने सोचा कि नए जीवों का परिचय ज़रूरी है। उन्होंने सिर्फ विजुअल हॉरर पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि मनोवैज्ञानिक डर पैदा करने वाले डिज़ाइन तैयार करवाए।

  • टेंटैकल्ड आईबॉल” (Tentacled Eyeball) जैसे जीव को इस तरह बनाया गया कि उसे देखकर घिन और भय दोनों महसूस हों।
  • हॉले ने साफ कहा—यह शो “वेंडिंग मशीन ऑफ एलियन लाइफ” नहीं होगा, यानी अंधाधुंध जीवों की भरमार नहीं होगी। हर जीव का कहानी से सीधा संबंध होगा।

कहानी में AI और सिंथेटिक इंसानों का महत्व

“एलियन: अर्थ” में सिर्फ जीवों का आतंक नहीं, बल्कि तकनीकी खतरे भी कहानी का हिस्सा हैं।

  • सीरीज़ में Wendy नामक एक हाइब्रिड दिखाया गया है, जिसमें एक बच्ची की चेतना को सिंथेटिक (रोबोट) शरीर में ट्रांसफर किया गया है।
  • यह किरदार इंसान की मासूमियत और अमरता की महत्वाकांक्षा, दोनों को दर्शाता है।
  • हॉले ने कहा—मानवता दो तरह के खतरों के बीच है—एक आदिम, परजीवी अतीत (ज़ोमॉर्फ़) और दूसरा AI प्रधान भविष्य

यह विचार उस आधुनिक धारणा को भी छूता है जिसमें इंसान ट्रांसह्यूमनिज्म के ज़रिए अपनी चेतना को मशीन में डालकर अमर होना चाहता है।

टेस्ला–एडिसन मुकाबले से प्रेरणा

नोआ हॉले ने तकनीकी होड़ की तुलना 19वीं सदी के “करंट वॉर” से की—जब निकोल टेस्ला, थॉमस एडिसन और जॉर्ज वेस्टिंगहाउस बिजली के नियंत्रण के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।

सीरीज़ में दिखाए गए कॉर्पोरेट टकराव इस बात की झलक देते हैं कि किस तरह भविष्य का तकनीकी रास्ता तय होगा—और कौन इसे नियंत्रित करेगा।तब की तरह आज भी बड़ी टेक कंपनियाँ AI, हाइब्रिड और साइबॉर्ग तकनीकों में बाज़ी मारने की कोशिश कर रही हैं।हॉले ने कहा— “आज के AI युद्ध में दांव सिर्फ मुनाफा नहीं, बल्कि मानवता के भविष्य पर है।”

    पाँच कॉर्पोरेट्स और भविष्य पर कब्जे की होड़

    “एलियन: अर्थ” की कहानी में पाँच बड़े कॉर्पोरेट्स—Prodigy, Weyland-Yutani, Lynch, Dynamic, Threshold—दुनिया पर अपना नियंत्रण जमाने के लिए लड़ रहे हैं।

    • कोई हाइब्रिड इंसान विकसित कर रहा है,
    • कोई एलियन जीवों को हथियार बना रहा है,
    • तो कोई AI नेटवर्क पर पूरी पकड़ चाहता है।

    इनकी आपसी टकराहट कहानी में तनाव और राजनीतिक साज़िश का माहौल बनाती है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है—क्या भविष्य कॉर्पोरेट हाथों में होना चाहिए?

    “Eat the Rich” सीन और सामाजिक संदेश

    सीरीज़ में एक बेहद चर्चा में रहने वाला दृश्य है, यह दृश्य सामाजिक असमानता और “अमीरों के लिए सुरक्षित दुनिया” की धारणा को तोड़ता है। एक आलीशान पार्टी में अमीर वर्ग मस्ती कर रहा होता है, तभी ज़ोमॉर्फ़ हमला कर देता है। यह सिर्फ हॉरर सीन नहीं बल्कि एक प्रतीक है—यह दिखाता है कि तकनीक और दौलत के किले भी असुरक्षित हैं।

    नए जीवों का डिज़ाइन और मनोवैज्ञानिक असर

    नोआ हॉले और उनकी डिज़ाइन टीम ने Weta Workshop के साथ मिलकर नए जीवों को तैयार किया।

    • रंग और बनावट: जीवों को अजीब और डरावने रंग-रूप दिए गए।
    • गतिविधि और मूवमेंट: उनकी हरकतें ऐसी बनाई गईं कि दर्शक असहज महसूस करें।
    • हॉले का मानना है कि सच्चा हॉरर वही है जो स्क्रीन से उतरकर आपके दिमाग में रह जाए।

    “एलियन: अर्थ” का मूल संदेश

    यह सीरीज़ सिर्फ डराने के लिए नहीं है, बल्कि यह तकनीक, कॉर्पोरेट नियंत्रण और मानवता के भविष्य पर एक गहरी टिप्पणी भी है।

    • नए जीव हमें यह याद दिलाते हैं कि अज्ञात हमेशा भयावह होता है।
    • AI और हाइब्रिड इंसान नैतिकता और अस्तित्व के सवाल उठाते हैं।
    • टेस्ला–एडिसन जैसी तकनीकी प्रतिस्पर्धा दिखाती है कि प्रगति और शक्ति की दौड़ सदियों से चली आ रही है—बस खेल का मैदान बदल गया है।

    “एलियन: अर्थ” उन दर्शकों के लिए है जो सिर्फ़ डर नहीं बल्कि विचारों की गहराई भी चाहते हैं। नोआ हॉले ने नए जीवों और जटिल कथानक के जरिए फ्रेंचाइज़ी में नई जान डाल दी है। यह शो पुराने फैंस के लिए एक नॉस्टेल्जिक सफ़र होगा और नए दर्शकों के लिए एक रोमांचक, सोचने पर मजबूर करने वाला अनुभव।

    नीतीश कुमार फ्री बिजली और सोलर पैनल योजना 2025: 125 यूनिट मुफ्त बिजली के बाद घर-घर मुफ्त सोलर पैनल

    नीतीश कुमार फ्री बिजली और सोलर पैनल योजना 2025

    नीतीश कुमार की नई पहल बिहार को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। पहले उन्होंने घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना शुरू की, और अब उन्होंने घर-घर मुफ्त सोलर पैनल लगाने का ऐलान किया है।
    यह घोषणा बिजली उपभोक्ताओं से संवाद कार्यक्रम के दौरान की गई, जिसमें सीएम ने साफ किया कि आने वाले समय में बिहार को न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि हर घर को सस्ती और स्वच्छ बिजली उपलब्ध करानी है।

    125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना: लाखों उपभोक्ताओं को सीधी राहत

    1 अगस्त 2025 से लागू हुई इस योजना के तहत बिहार के लगभग 1.67 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है।
    इस योजना के मुख्य बिंदु:

    • लाभार्थी: सभी घरेलू उपभोक्ता
    • सीमा: प्रति माह 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त
    • बजट: लगभग ₹3,797 करोड़
    • उद्देश्य: बिजली बिल का बोझ कम करना और उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत देना

    महिलाओं ने इस योजना की जमकर तारीफ की है। कई ने कहा कि बिजली का बिल शून्य आने से घर के बजट में राहत मिली है और बचा हुआ पैसा अब बच्चों की पढ़ाई व घर के अन्य कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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    घर-घर मुफ्त सोलर पैनल, हरित ऊर्जा की ओर कदम

    नीतीश सरकार का अगला लक्ष्य सोलर एनर्जी मिशन है। इसके तहत अगले 3 वर्षों में बिहार के हर घर में सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
    मुख्य बातें:

    • गरीब परिवारों के लिए पैनल का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी
    • बाकी उपभोक्ताओं को सब्सिडी और वित्तीय सहायता मिलेगी
    • योजना का लक्ष्य 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है
    • इससे न केवल बिजली उत्पादन बढ़ेगा बल्कि बिहार की निर्भरता कोयला आधारित बिजली पर कम होगी

    यह योजना न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है बल्कि लंबे समय में उपभोक्ताओं के बिजली बिल को भी लगभग समाप्त कर देगी।

    बिहार की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और जनता की प्रतिक्रिया

    इन योजनाओं का सीधा असर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पड़ेगा।

    • ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की समस्या कम होगी
    • किसानों को सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों के लिए आसानी से बिजली उपलब्ध होगी
    • शहरी क्षेत्रों में बिजली का लगातार और स्थिर सप्लाई सुनिश्चित होगी

    जनता में इन योजनाओं को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस फैसले को “बिहार के लिए ऐतिहासिक” बता रहे हैं।

    बिहार चुनाव पर सामाजिक और राजनीतिक क्याअसर पड़ेगा?

    125 यूनिट मुफ्त बिजली और घर-घर सोलर पैनल योजना न केवल ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति ला सकती है, बल्कि यह बिहार की राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बन सकती है।आगामी चुनावों में यह योजना JDU के लिए एक मजबूत चुनावी वादा साबित हो सकती है। पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और जनता—तीनों स्तर पर इस योजना का असर देखने को मिलेगा।

    बिहार जमाबंदी महाअभियान 2025: बिहार में घर-घर जाकर मिलेगी जमाबंदी की कॉपी, 16 अगस्त से शुरू होगा महाअभियान

    बिहार जमाबंदी महाअभियान 2025

    बिहार जमाबंदी महाअभियान 2025:बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि राज्य में अब लोगों को उनकी जमीन की जमाबंदी की कॉपी घर-घर जाकर उपलब्ध कराई जाएगी। इस विशेष अभियान की शुरुआत 16 अगस्त 2025 से होगी और यह 15 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान के तहत राजस्व कर्मी गांव-गांव, मोहल्लों और कस्बों में जाकर लोगों को उनके जमीन से जुड़े दस्तावेज देंगे।

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    अभियान का उद्देश्य: हर नागरिक तक पहुंचाना जमीन के कागजात

    इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य के सभी भूमि मालिकों को उनकी जमीन की अद्यतन जमाबंदी कॉपी उपलब्ध हो सके
    अक्सर देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जमीन के कागजात प्राप्त करने के लिए अंचल कार्यालय या प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगाते हैं। इससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है। इस अभियान से:

    • लोग अपने घर बैठे ही जमीन का दस्तावेज पा सकेंगे।
    • विवादों और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
    • जमीन से जुड़े रेकॉर्ड डिजिटली और ऑफलाइन दोनों तरह से सटीक रहेंगे।

    बिहार जमाबंदी महाअभियान 2025 क़े अभियान की अवधि और कार्यप्रणाली

    राजस्व विभाग के अनुसार यह अभियान 16 अगस्त 2025 से 15 सितंबर 2025 तक पूरे राज्य में चलेगा।
    DCLR Situ Sharma ने बताया कि इस अवधि में विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो गांव-गांव जाकर लोगों की पहचान सत्यापित करेंगी और उन्हें जमाबंदी की कॉपी देंगी
    अभियान में शामिल होंगे:

    • राजस्व कर्मचारी और अधिकारी
    • पंचायत स्तर के कर्मी
    • स्थानीय जनप्रतिनिधि
    • कंप्यूटर ऑपरेटर (डिजिटल रेकॉर्ड के लिए)

    प्रत्येक पंचायत में अलग-अलग टीम बनाई गई है, जिससे अभियान तेज़ी और पारदर्शिता से चले।

    जनता को होने वाले फायदे

    यह महाअभियान आम जनता के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होगा:

    1. समय की बचत – अब कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं।
    2. कागजात सुरक्षित – लोगों को आधिकारिक मुहर लगी हुई कॉपी मिलेगी।
    3. विवादों में कमी – जमीन के मालिकाना हक़ को लेकर झगड़े घटेंगे।
    4. पारदर्शिता – सभी रेकॉर्ड अपडेट होकर लोगों के हाथ में होंगे।

    इससे खासकर किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
    क्योंकि उनकी जमीन से जुड़े अधिकतर विवाद कागजात की कमी के कारण होते हैं।

    बिहार जमाबंदी महाअभियान 2025 से डिजिटल रिकॉर्ड और भविष्य की योजना

    राजस्व विभाग का लक्ष्य है कि 2026 तक बिहार में 100% जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल और अद्यतन हो जाए।
    अभियान के दौरान:

    • ऑनलाइन पोर्टल पर डेटा अपडेट होगा।
    • लोगों के मोबाइल नंबर और आधार से जमीन की डिटेल लिंक होगी।
    • भविष्य में SMS और ईमेल के माध्यम से दस्तावेज भेजने की योजना है।

    इस तरह, ऑफलाइन कॉपी के साथ-साथ डिजिटल कॉपी भी उपलब्ध रहेगी, जिससे किसी भी स्थिति में दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे।बिहार में शुरू होने वाला यह महाअभियान भूमि प्रबंधन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न सिर्फ लोगों को उनके दस्तावेज समय पर उपलब्ध कराएगा, बल्कि राज्य के भूमि रिकॉर्ड को पारदर्शी और सटीक बनाएगा।अगर यह योजना सफल होती है, तो यह पूरे देश के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित हो सकती है।

    Independence Day 2025: भारत की आज़ादी के लिए क्यों चुनी गई थी 15 अगस्त की तारीख? असली वजह जानिए

    भारत की आज़ादी की तारीख का कारण

    Independence Day 2025:भारत इस साल अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। हर साल 15 अगस्त का दिन पूरे देश में देशभक्ति, गर्व और एकता का प्रतीक बनकर आता है। लाल किले से प्रधानमंत्री का भाषण, तिरंगे का लहराना, स्कूल-कॉलेजों में समारोह और देश के लिए शहीद हुए वीरों की याद — ये सभी इस दिन को खास बनाते हैं।
    लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत की आज़ादी के लिए 15 अगस्त की तारीख ही क्यों चुनी गई? यह 14 अगस्त या 16 अगस्त क्यों नहीं हो सकता था? इसके पीछे एक दिलचस्प ऐतिहासिक कारण है, जिसे जानना हर भारतीय के लिए जरूरी है।

    शुरुआत में तय थी दूसरी तारीख, लेकिन बदल गए हालात

    भारत की आज़ादी का मूल समय ब्रिटिश सरकार ने 30 जून 1948 तय किया था। ब्रिटिश हुकूमत की योजना थी कि इस तारीख तक सत्ता का हस्तांतरण कर दिया जाएगा।
    लेकिन 1947 में हालात बहुत खराब हो चुके थे Independence Day देश के विभाजन का ऐलान हो चुका था, सांप्रदायिक दंगे भड़क रहे थे, लाखों लोग विस्थापित हो रहे थे और राजनीतिक तनाव चरम पर था। इन परिस्थितियों में ब्रिटेन के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने महसूस किया कि अगर आज़ादी में देरी हुई तो हिंसा और बढ़ सकती है, जिससे देश में अराजकता फैल जाएगी।

    इसी वजह से माउंटबेटन ने फैसला किया कि भारत को तय समय से पहले स्वतंत्र कर दिया जाए। 4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में Indian Independence Bill पेश किया गया और इसे मंजूरी मिलते ही भारत की आज़ादी की तारीख 15 अगस्त 1947 तय कर दी गई।

    Independence Day 2025 क्यों चुना गया 15 अगस्त का दिन?

    15 अगस्त की तारीख महज संयोग नहीं थी। यह दिन लॉर्ड माउंटबेटन के लिए खास मायने रखता था।
    दरअसल, 15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ था, जब जापान ने मित्र राष्ट्रों के सामने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण किया था। उस समय माउंटबेटन मित्र देशों की सेना में एक महत्वपूर्ण पद पर थे और इस ऐतिहासिक विजय में उनकी भूमिका अहम थी।
    यही कारण था कि उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए भी यही तारीख चुनी, ताकि यह दिन उनके जीवन में दोहरी ऐतिहासिक महत्व के रूप में दर्ज हो जाए — एक, जापान पर विजय और दूसरा, भारत की आज़ादी।

    महात्मा गांधी क्यों नहीं थे दिल्ली में?

    जब 15 अगस्त 1947 को दिल्ली में स्वतंत्रता का भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहा था, उस समय महात्मा गांधी वहां मौजूद नहीं थे।
    वे उस दिन बंगाल में सांप्रदायिक दंगों को शांत कराने में लगे थे। गांधीजी का मानना था कि असली स्वतंत्रता तभी है जब हिंदू-मुस्लिम भाईचारे से रहें। उन्हें विभाजन के साथ मिली आज़ादी पर खुशी नहीं थी, क्योंकि वे मानते थे कि यह भविष्य में और संघर्ष ला सकती है।

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    15 अगस्त का महत्व

    आज, दशकों बाद भी 15 अगस्त केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि हमारे संघर्ष, बलिदान और एकता का प्रतीक है।
    यह दिन हमें याद दिलाता है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सही फैसले और एकजुटता से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
    15 अगस्त का जश्न मनाना सिर्फ अतीत को याद करना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वतंत्रता के महत्व का एहसास कराना है, ताकि वे भी अपने देश के लिए योगदान दे सकें।

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    बिहार में भूमि विवाद

    बिहार में भूमि विवाद की समस्या वर्षों से लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। ज़मीन से जुड़े मामलों में उलझे लोग अक्सर थानों, अंचल कार्यालयों और अदालतों के चक्कर लगाते रहते हैं। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक, ज़मीन को लेकर विवाद आम हो गए हैं। राज्य सरकार ने कई बार इस समस्या को हल करने के लिए कदम उठाए, लेकिन अब तक इसका पूरी तरह से समाधान नहीं हो सका।

    राजस्व विभाग के नियम-कायदे और प्रक्रियाएं कई बार बदली गईं, परंतु व्यवहारिक स्तर पर इनका असर सीमित ही रहा। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग वर्षों तक अपने विवादों का निपटारा होने का इंतजार करते रहे हैं। अब, इस समस्या को तेजी से हल करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत अब प्रत्येक शनिवार को अंचल कार्यालयों में जनता दरबार का आयोजन होगा, जहां सीधे भूमि विवादों की सुनवाई की जाएगी।

    सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल मामलों के त्वरित निपटारे में मदद मिलेगी, बल्कि थानों और अदालतों में लंबित भूमि विवादों का बोझ भी कम होगा। इस फैसले के पीछे मुख्य सचिव के निर्देश और हालिया समीक्षा बैठक की बड़ी भूमिका रही है, जिसमें इस समस्या को गंभीरता से उठाया गया था।

    भूमि विवादों का पुराना संकट और थानों में सुनवाई की सीमाएं

    भूमि विवाद बिहार में नई समस्या नहीं है। यह एक पुराना संकट है, जिसकी जड़ें गहरी हैं। अक्सर यह विवाद परिवार के अंदर बंटवारे, सीमांकन, या रजिस्ट्री संबंधी गड़बड़ियों के कारण उत्पन्न होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह स्थिति और भी जटिल होती है, जहां न तो रिकॉर्ड ठीक से अपडेट होते हैं और न ही सीमांकन स्पष्ट होता है।

    राज्य सरकार ने पहले एक व्यवस्था बनाई थी, जिसके तहत हर शनिवार को थानों में सीओ और थानाध्यक्ष की मौजूदगी में भूमि विवादों की सुनवाई होनी थी। इस पहल का उद्देश्य था कि थाने स्तर पर ही विवाद का निपटारा हो जाए और लोगों को बार-बार अंचल कार्यालय या कोर्ट के चक्कर न लगाने पड़ें।

    लेकिन समय के साथ यह व्यवस्था प्रभावी साबित नहीं हो पाई। कई मामलों में सुनवाई सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई और विवाद का असली समाधान नहीं हो पाया। परिणामस्वरूप, थानों में हल न होने वाले मामले अंततः कोर्ट पहुंच गए, जिससे वहां का बोझ भी बढ़ गया।

    इसी पृष्ठभूमि में 22 जुलाई को मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इस बैठक में भूमि विवाद मामलों की समीक्षा की गई और उनकी प्रगति का आकलन किया गया। बैठक के बाद मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अंचल कार्यालय स्तर पर सुनवाई को प्राथमिकता दी जाए और इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

    नई व्यवस्था: अंचल कार्यालयों में जनता दरबार और स्थल निरीक्षण

    मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सीतामढ़ी के एसपी अमित रंजन ने पत्र जारी कर इस नई व्यवस्था की घोषणा की। इसके अनुसार, अब प्रत्येक शनिवार को अंचल कार्यालयों में जनता दरबार आयोजित होगा, जिसमें आम नागरिक अपने भूमि विवाद मामलों को प्रस्तुत कर सकेंगे। यह व्यवस्था इस उद्देश्य से बनाई गई है कि विवादों को मौके पर ही सुना और सुलझाया जा सके।

    यदि किसी मामले में स्थल मुआयना की आवश्यकता होगी, तो अंचल कार्यालय के अधिकारी और थाना पुलिस संयुक्त रूप से मौके पर जाकर जांच करेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्णय लेने से पहले पूरे मामले की स्पष्ट और सटीक जानकारी हो। इस तरह के निरीक्षण से झूठे दावे और फर्जी दस्तावेजों के मामलों में भी कमी आने की संभावना है।

    जनता दरबार में हुई सुनवाइयों का ऑफलाइन रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिसमें सभी कागजात, लिए गए निर्णय और कार्रवाई का विवरण दर्ज होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भविष्य में किसी भी जांच के समय सटीक जानकारी उपलब्ध होगी।

    फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर उनकी गहन जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि भूमि विवाद से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

    सुनवाई के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अंचल कार्यालयों में सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी। इससे आम नागरिक बिना डर के अपनी शिकायत रख सकेंगे और सुनवाई निष्पक्ष माहौल में हो सकेगी।

    बिहार सरकार को उम्मीद है कि इस नई पहल से भूमि विवादों का त्वरित और निष्पक्ष समाधान होगा। यदि इसे ईमानदारी और सख्ती से लागू किया गया, तो आने वाले समय में थानों और अदालतों में लंबित मामलों की संख्या घट सकती है। साथ ही, आम लोगों को वर्षों पुरानी परेशानियों से भी राहत मिलेगी। यह कदम प्रशासनिक सुधार और न्याय व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

    बिहार में पेंशनधारियों के लिए खुशखबरी2025: CM नीतीश कुमार ने जारी की ₹1100 की दूसरी किस्त, 1 करोड़ 12 लाख लोगों को लाभ

    बिहार पेंशन योजना 2025

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के पेंशनधारियों के लिए एक और खुशखबरी दी है। मुख्यमंत्री ने रविवार को ₹1100 की दूसरी किस्त जारी कर दी है, जिससे 1 करोड़ 12 लाख से अधिक पेंशनधारियों के खाते में यह राशि सीधा पहुंच गई है। यह भुगतान बिहार पेंशन योजना 2025 के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

    कितना मिला और किन्हें लाभ हुआ

    • किस्त की राशि: ₹1100 प्रति लाभार्थी
    • लाभार्थियों की संख्या: 1 करोड़ 12 लाख
    • सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर: DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से

    राज्य सरकार का कहना है कि पेंशनधारियों के जीवन-यापन को बेहतर बनाने के लिए समय पर किस्त जारी करना उनकी प्राथमिकता है।

    किसके खाते में पहुंची राशि

    इस योजना के तहत तीन प्रमुख श्रेणियों के लोगों को लाभ मिलता है:

    1.दिव्यांगजन पेंशनधारी (Disabled Pension)

    2. बुजुर्ग पेंशनधारी (Old Age Pension)

    3. विधवा महिला पेंशनधारी (Widow Pension)

    नीतीश कुमार का बयान

    CM नीतीश कुमार ने कहा “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के जरूरतमंद नागरिकों को समय पर सहायता मिले और उनके जीवन में खुशियां आएं। पेंशन योजना उसी दिशा में उठाया गया कदम है।”उन्होंने यह भी बताया कि सरकार डिजिटल माध्यम से पेंशन जारी करती है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो।

    बिहार पेंशन योजना 2025 की खास बातें

    • DBT के जरिए सीधे बैंक खाते में पैसा
    • हर 6 महीने पर किस्त जारी
    • बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग को प्राथमिकता
    • पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रिया

    पेंशन राशि कैसे चेक करें(How to check pension amount)

    पेंशनधारी अपने बैंक खाते या बिहार सामाजिक कल्याण विभाग की वेबसाइट पर जाकर यह चेक कर सकते हैं कि उनके खाते में किस्त आई है या नहीं।

    चेक करने के स्टेप:

    1. वेबसाइट पर जाएं – https://socialwelfare.bih.nic.in
    2. ‘पेंशन योजना भुगतान स्थिति’ पर क्लिक करें
    3. अपना आधार नंबर या पेंशन ID डालें
    4. ‘सबमिट’ बटन दबाएं और भुगतान स्थिति देखें

    लोगों की प्रतिक्रिया

    पैसा आने की खबर मिलते ही पेंशनधारियों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। ग्रामीण इलाकों में खासकर बैंक और CSP केंद्रों पर भीड़ बढ़ गई।बिहार पेंशन योजना न सिर्फ आर्थिक राहत देती है, बल्कि यह बुजुर्गों और विधवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह राज्य की सामाजिक सुरक्षा का अहम हिस्सा है।सरकार आने वाले महीनों में डिजिटल पेंशन कार्ड लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जिससे लाभार्थी अपने भुगतान और योजना से जुड़ी जानकारी आसानी से मोबाइल ऐप पर देख सकेंगे।बिहार पेंशन योजना 2025 के तहत दूसरी किस्त जारी होने से लाखों लोगों को सीधी आर्थिक राहत मिली है। यह पहल न केवल आर्थिक सहायता है, बल्कि बुजुर्गों और जरूरतमंदों के प्रति राज्य सरकार की संवेदनशीलता का भी प्रतीक है।

    खान सर को लड़कियों ने बांधी राखी: हर साल की तरह इस साल भी टूटा रिकॉर्ड

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    रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी खास बना देता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके लंबे जीवन, खुशहाली और सफलता की कामना करती हैं। इस बार पटना के मशहूर एजुकेटर खान सर ने भी यह त्यौहार बेहद खास अंदाज में मनाया। उनके संस्थान में आई सैकड़ों छात्राओं ने उन्हें राखी बांधकर अपने “भाई” होने का सम्मान दिया। हर साल की तरह इस साल भी यह आयोजन चर्चा में रहा और राखी बांधने का रिकॉर्ड टूट गया।

    खान सर कौन हैं?

    खान सर का असली नाम अक्सर चर्चा का विषय रहा है, लेकिन वे पूरे देश में अपने अनोखे पढ़ाने के तरीके और सरल भाषा में कठिन विषयों को समझाने के लिए मशहूर हैं। पटना से पढ़ाई कराने वाले खान सर का यूट्यूब चैनल और ऑफलाइन कोचिंग लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत है। वे केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि समाजिक मुद्दों पर भी अपने विचार रखते हैं, जिससे युवाओं में उनकी लोकप्रियता बेहद अधिक है।

    रक्षा बंधन का खास आयोजन

    हर साल की तरह इस साल भी रक्षा बंधन के मौके पर खान सर के संस्थान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुबह से ही छात्राओं का आना शुरू हो गया और दिनभर राखी बांधने का सिलसिला चलता रहा। इस आयोजन की खास बात यह रही कि यह केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसमें भाई-बहन के रिश्ते की भावनाएं साफ झलक रही थीं। छात्राओं ने राखी बांधने के साथ खान सर को मिठाई भी खिलाई और उनकी लंबी उम्र की दुआ की।

    रिकॉर्ड तोड़ भीड़

    खान सर के संस्थान में हर साल रक्षा बंधन के दिन सैकड़ों बहनें राखी बांधने आती हैं, लेकिन इस बार संख्या ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। अनुमान है कि इस बार हजार से भी ज्यादा राखियां खान सर की कलाई पर सजाई गईं।
    कई छात्राओं ने बताया कि वे सुबह से ही लाइन में लगी थीं ताकि उन्हें अपने “भाई” खान सर को राखी बांधने का मौका मिल सके।

    छात्राओं की भावनाएं

    इस आयोजन में शामिल छात्राओं ने बताया कि खान सर न केवल उनके शिक्षक हैं बल्कि एक मार्गदर्शक और भाई की तरह हमेशा खड़े रहते हैं। वे कठिन समय में छात्रों का हौसला बढ़ाते हैं और उन्हें सफलता के लिए प्रेरित करते हैं।
    एक छात्रा ने कहा हमारे लिए खान सर सिर्फ टीचर नहीं, बल्कि बड़े भाई जैसे हैं। पढ़ाई में मदद करना, मोटिवेट करना और हमेशा सहयोग करना – यही असली भाई का फर्ज है।”

    सोशल मीडिया पर चर्चा

    जैसे ही इस आयोजन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर आईं, वे वायरल हो गईं। ट्विटर (X), फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लोगों ने इस अनोखे जश्न की जमकर तारीफ की।
    कई लोगों ने इसे गुरु और शिष्य के रिश्ते की मिसाल बताया, वहीं कुछ ने इसे भाई-बहन के रिश्ते का नया रूप कहा। #KhanSir और #RakshaBandhan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।खान सर का यह आयोजन सिर्फ एक त्योहार मनाने भर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक मजबूत संदेश देता है। उन्होंने दिखाया कि भाई-बहन का रिश्ता सिर्फ खून के रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्यार, सम्मान और विश्वास से भी बन सकता है। इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को सिखाते हैं कि आपसी संबंधों में अपनापन और सम्मान कितना जरूरी है।रक्षा बंधन का यह आयोजन साबित करता है कि भावनाएं और रिश्ते किसी सीमा में बंधे नहीं होते। खान सर और उनकी छात्राओं के बीच का यह बंधन एक मिसाल है कि गुरु और शिष्य का रिश्ता भी भाई-बहन की तरह पवित्र और मजबूत हो सकता है।
    हर साल की तरह इस साल भी खान सर की कलाई पर सजी सैकड़ों राखियां इस बात की गवाह हैं कि प्यार और सम्मान से बना रिश्ता किसी भी रिकॉर्ड से बड़ा होता है।

    बिहार राजस्व विभाग का महाअभियान 2025: घर-घर जाकर हल होंगी ज़मीन व रजिस्ट्री से जुड़ी समस्याएं

    बिहार राजस्व विभाग का महाअभियान 2025

    बिहार राजस्व विभाग का महाअभियान 2025:बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्यभर में एक बड़े महाअभियान की शुरुआत करने का ऐलान किया है। इस अभियान के तहत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सीधे गांव और शहरों में घर-घर पहुंचकर लोगों की भूमि एवं रजिस्ट्री से जुड़ी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस योजना का उद्देश्य आम जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर से राहत देना और त्वरित न्याय उपलब्ध कराना है।

    अभियान की बड़ी घोषणा

    राजस्व विभाग ने बताया कि यह महाअभियान अगस्त 2025 के दूसरे सप्ताह से शुरू होगा और लगभग तीन महीने तक चलेगा। इस दौरान राज्य के सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से टीमें भेजी जाएंगी। हर जिले और प्रखंड में अलग-अलग तारीखें तय की जाएंगी ताकि सभी लोगों को अपनी समस्या दर्ज कराने का अवसर मिल सके।बात करे किकिन समस्याओं का होगा समाधान?इस महाअभियान में भूमि और रजिस्ट्री से जुड़ी लगभग सभी प्रमुख समस्याओं का निपटारा किया जाएगा। इसमें ज़मीन मापी और सीमांकन विवाद, दाखिल-खारिज में देरी, खेसरा और खाता नंबर की गलतियां, भूमि स्वामित्व विवाद, नक्शा से जुड़ी गड़बड़ियां और रजिस्ट्री से संबंधित लंबित फाइलें शामिल होंगी। विभाग का कहना है कि जहां संभव होगा, मौके पर ही समाधान किया जाएगा और गंभीर मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी।

    बिहार में पहली बार शुरू हुई ‘फसल हेल्पलाइन’: किसान अब सीधा एक्सपर्ट से पूछ सकेंगे सवाल click here

    अभियान की कार्यप्रणाली

    इस अभियान के लिए विशेष टीमें गठित की जा रही हैं, जिनमें राजस्व कर्मी, अंचल अधिकारी और भूमि सर्वेक्षक शामिल होंगे। ये टीमें गांव-गांव और शहर के मोहल्लों में जाएंगी। लोगों से उनके घर पर ही लिखित और मौखिक दोनों तरह से शिकायत ली जाएगी। मौके पर दस्तावेज जांचने और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।और सरकार का उद्देश्य इस अभियान को पूरी तरह पारदर्शी बनाना है। शिकायत दर्ज होते ही उसे ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा, ताकि आवेदक अपनी समस्या की स्थिति को ट्रैक कर सके। इसके अलावा, अभियान के दौरान एक विशेष हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय रहेगा, जहां लोग फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

    बिहार राजस्व विभाग महाअभियान 2025 सरकार का उद्देश्य

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मानना है कि बिहार में भूमि विवाद और दाखिल-खारिज से जुड़ी समस्याएं सबसे आम शिकायतों में से एक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी गंभीर होती है, जहां लोग कई-कई साल तक अपने हक के कागज़ के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं। इस महाअभियान से उम्मीद है कि जनता को समय पर न्याय मिलेगा और भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी।राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि यह योजना जनता के द्वार पर न्याय पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा— “हमारी प्राथमिकता है कि लोगों को अपनी जमीन और रजिस्ट्री से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए दफ्तरों में परेशान न होना पड़े। अब हम सीधे उनके घर जाएंगे और समस्या का निपटारा करेंगे।”

    जनता को होने वाले फायदे

    इस महाअभियान से आम जनता को कई तरह के फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा। अब उन्हें छुट्टी लेकर सरकारी दफ्तरों में लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बैठे उनकी समस्या दर्ज होगी और जहां संभव होगा, तुरंत समाधान भी मिलेगा। साथ ही, डिजिटल रिकॉर्ड अपडेट होने से भविष्य में कागज़ी विवादों की संभावना कम हो जाएगी।राजस्व विभाग इस महाअभियान के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करेगा। इस पोर्टल पर लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे और समाधान की प्रगति देख सकेंगे। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। और सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया इस योजना को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। पटना जिले के एक किसान ने कहाअगर अधिकारी हमारे गांव आकर हमारी जमीन से जुड़ी समस्या सुलझाएंगे, तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी राहत की बात होगी।” वहीं, शहरी क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि इससे समय की बचत होगी और अनावश्यक भागदौड़ खत्म होगी।बिहार राजस्व विभाग का यह महाअभियान राज्य के करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है। अगर यह योजना सही ढंग से लागू हुई, तो भूमि विवाद और रजिस्ट्री समस्याओं का निपटारा रिकॉर्ड समय में संभव होगा। यह न केवल लोगों की परेशानियां कम करेगा, बल्कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और तेजी भी लाएगा।