
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और धान (चावल) हमारे देश की प्रमुख फसलों में से एक है। धान की अच्छी पैदावार पाने के लिए बिछड़ा (धान की नर्सरी से पौधों को खेत में रोपना) लगाने की विधि बहुत महत्वपूर्ण होती है। यदि यह कार्य सही तरीके से किया जाए, तो उत्पादन में भारी वृद्धि हो सकती है। धान के बिछड़ा लगाने के पांच आसान और असरदार उपायों पर चर्चा करेंगे.
धान की रोपाई का सही समय चुनना सबसे पहला और अहम कदम है।
- धान की रोपाई मानसून के शुरुआती दिनों (जून के अंत से जुलाई के मध्य तक) में की जाती है।
- देर से रोपाई करने पर फसल की बढ़वार कम हो जाती है, जिससे उपज पर असर पड़ता है।
- मौसम की स्थिति और स्थानीय जलवायु को ध्यान में रखते हुए रोपाई का समय निर्धारित करें।
को रोपाई के लिए सही तरीके से तैयार करना आवश्यक है।
- खेत की जुताई 2-3 बार करें और पानी भरकर पडलिंग करें ताकि मिट्टी मुलायम और समतल हो जाए।
- जल निकासी और जल संरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पानी एक जैसा बना रहे।
- खेत को समतल करना बहुत जरूरी है ताकि सभी पौधों को समान मात्रा में पानी और पोषण मिले।
बिछड़ा की गुणवत्ता सीधे उत्पादन को प्रभावित करती है।
- 25 से 30 दिन पुराने, हरे-भरे और 4-5 इंच लंबे पौधों को बिछड़ा के रूप में चुनें।
- बिछड़ा रोपाई से पहले नीम या फफूंदनाशक घोल में डुबोकर उपचारित करें ताकि बीमारियों से बचाव हो।
- प्रति एकड़ लगभग 30 से 40 किलो बीज पर्याप्त होता है,
धान के पौधों के बीच सही दूरी रखना उत्पादन बढ़ाने में सहायक होता है।
- रोपाई के समय पौधों के बीच 8-10 इंच की दूरी रखें और कतार से कतार की दूरी 10-12 इंच होनी चाहिए।
- एक स्थान पर दो बिछड़ा से ज्यादा न लगाएं, इससे पौधों को बढ़ने की पर्याप्त जगह मिलती है।
- कतारबद्ध रोपाई (line transplanting) से सिंचाई, खाद और कीटनाशक देना आसान होता है।
सिर्फ रोपाई करना ही काफी नहीं है, समय पर देखभाल जरूरी है।
- पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करें, फिर सप्ताह में एक बार सिंचाई करें जब तक पौधे मजबूती से जड़ न पकड़ लें।
- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश (NPK) खाद का संतुलित प्रयोग करें।
- जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और नीम की खली का उपयोग फसल को मजबूत बनाता है।
धान के बिछड़ा लगाने की प्रक्रिया में थोड़ा सा ध्यान और वैज्ञानिक तरीके अपनाकर किसान अपनी उपज में शानदार बढ़ोतरी कर सकते हैं। सही समय, खेत की तैयारी, अच्छे बिछड़ा का चयन, दूरी का ध्यान और समय पर सिंचाई व पोषण—ये पांच उपाय किसी भी किसान के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।
यदि आप धान की खेती से अच्छी आमदनी चाहते हैं, तो इन आसान और प्रभावी उपायों को अपनाकर अपनी खेती को और ज्यादा सफल बनाएं।
-
Hey there!
I came across your new site in a Newly Registered Domain database—nice to see you’ve kicked things off with WordPress! I’m Michael from DataHarvestPro, and I couldn’t help but notice the clean, simple theme you’ve got going. It’s a great starting point, and it got me thinking about how you might take it to the next level.
Here’s a little secret we’ve learned: even a basic site can make a big impression with the right insights—like figuring out what your visitors are looking for or giving your site a little extra polish to stand out. At DataHarvestPro, we specialize in helping folks like you do just that, and we only get paid once you’re thrilled with the results.
If you’re curious, I’d love for you to check out https://dataharvestpro.com — just a quick visit—to see if we can help bring your ideas to life.
Congrats again on launching your site! What’s your next big move for it?
Michael McKinnon
Sales & Marketing Team
DataHarvestPro.Com
Email: michael@dataharvestpro.com
Leave a Comment