भोजपुर में बड़ा हादसा टला: पप्पू यादव जहां खड़े थे, वही मकान गंगा में समा गया | जानिए पूरी कहानी

jawaniya village flood 2025

भोजपुर में बड़ा हादसा टला: 25 जुलाई 2025 को बिहार के भोजपुर ज़िले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण करने पहुँचे थे। इसी दौरान, जहां वे खड़े थे, वहीं का ज़मीन धंस गई और एक मकान गंगा नदी में समा गया। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह घटना एक बड़े हादसे का संकेत थी।

गंगा नदी का प्रकोप और भोजपुर की स्थिति

बिहार में हर साल बाढ़ एक विकराल समस्या बनती जा रही है। इस बार गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है और भोजपुर ज़िला इसका मुख्य शिकार बना है। जवेनिया गांव में नदी की कटाव रफ्तार इतनी तेज़ है कि पूरे गाँव का अस्तित्व ही संकट में पड़ गया है। अब तक दर्जनों मकान नदी में समा चुके हैं और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं।

पप्पू यादव मौके पर क्यों पहुँचे थे?

पप्पू यादव अपने सामाजिक कार्यों और जनता से सीधे जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं। उन्हें जानकारी मिली थी कि भोजपुर के जवेनिया गांव में बाढ़ और कटाव से लोग परेशान हैं। उन्होंने बिना किसी सरकारी अमले के वहां पहुंचने का फैसला किया ताकि लोगों की समस्याएं खुद सुन सकें और उनकी मदद कर सकें।घटना के दौरान पप्पू यादव एक मकान के सामने खड़े थे, जो नदी किनारे था। मीडिया और ग्रामीणों की मौजूदगी में अचानक ज़मीन में कंपन हुआ और वह मकान गंगा में समा गया। उसी मकान के पास सांसद पप्पू यादव भी खड़े थे, लेकिन ग्रामीणों ने समय रहते उन्हें पीछे खींच लिया और वे बाल-बाल बच गए।उन्होंने खुद कहा कि “यह भगवान का चमत्कार है और ग्रामीणों की सतर्कता की वजह से मैं आज ज़िंदा हूं।”

वीडियो वायरल: लोगों में रोष और चिंता

इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पप्पू यादव खुद ने X (पूर्व ट्विटर) पर इसका वीडियो साझा किया और सरकार पर सवाल उठाए, पटना से महज़ 100 किलोमीटर दूर ये गांव पूरी तरह डूब गया है और सरकार को खबर तक नहीं। ये विकास नहीं विनाश है।” यह वीडियो वायरल होते ही लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी और प्रशासन की नाकामी पर बहस शुरू हो गई।

सरकार पर सीधा हमला

पप्पू यादव ने घटना के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि:

  • बिहार सरकार ने बाढ़ राहत के नाम पर केवल दिखावा किया है।
  • CAG की रिपोर्ट में 70 हज़ार करोड़ के घोटाले उजागर हुए, लेकिन पीड़ितों को मदद नहीं मिली।
  • बालू माफियाओं को संरक्षण देने से गंगा किनारे के गांव तबाह हो रहे हैं।
  • बाढ़ पीड़ितों का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।

जवेनिया गांव के कई लोगों ने बताया कि प्रशासन ने अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया है। बाढ़ हर साल आती है, लेकिन हर बार सरकार केवल नाव भेजकर खानापूर्ति करती है। इस बार तो लोगों के घर और ज़मीन ही बह गए, लेकिन कोई मंत्री या अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचा।

एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा:

“पप्पू यादव पहले नेता हैं जो खुद हमारे गांव आए, वरना बाकी लोग तो हेलिकॉप्टर से ऊपर से हाल देखकर चले जाते हैं।”पप्पू यादव की मौजूदगी में हुई इस घटना ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। घटना के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। ना कोई राहत कैंप लगाया गया और ना ही कटाव रोकने के लिए कोई तात्कालिक कार्रवाई हुई। यह स्थिति दिखाती है कि आपदा प्रबंधन व्यवस्था कितनी कमजोर है और आम जनता को कितनी उपेक्षा झेलनी पड़ रही है।

CAG रिपोर्ट और भ्रष्टाचार का मुद्दा

पप्पू यादव ने जिस CAG रिपोर्ट का हवाला दिया, उसमें बिहार में राहत और पुनर्वास योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार का उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया कि:

  • राहत राशि में अनियमितताएं पाई गईं।
  • आपदा प्रभावितों तक पूरी सहायता नहीं पहुंची।
  • भ्रष्टाचार के चलते कागजों में ही योजनाएं पूरी हो गईं।

इस रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों ने पहले ही सरकार पर सवाल उठाए थे, अब पप्पू यादव ने उसी मुद्दे को फिर उछाल दिया है।पप्पू यादव की यह घटना न सिर्फ एक व्यक्ति के बाल-बाल बचने की कहानी है, बल्कि पूरे तंत्र की असफलता की तस्वीर भी है। यदि समय रहते सरकार चेत जाए और आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाए, तो शायद आगे चलकर ऐसे हादसों को टाला जा सकता है।

मंच पर रो पड़ा बुजुर्ग, नीतीश कुमार से लगाई न्याय की गुहार – वायरल वीडियो से भावुक हुए लोग

मंच पर रो पड़ा बुजुर्ग, नीतीश कुमार से लगाई न्याय की गुहार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति का दिल छू लिया। मंच पर एक बुजुर्ग व्यक्ति पहुंचा और अचानक फूट-फूट कर रोने लगा, उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

बुजुर्ग का दर्द देखकर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कुछ पल के लिए भावुक हो गए। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

वीडियो में क्या दिखा?

बिहार तक चैनल द्वारा शेयर किए गए वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है:

  • बुजुर्ग मंच पर पहुंचते हैं और हाथ जोड़ते हैं।
  • वह नीतीश कुमार से अपनी पीड़ा व्यक्त करने लगते हैं।
  • उनका गला भर आता है और वह रोते हुए बोलते हैं कि “अब कहां जाऊं साहब… कोई सुनता नहीं।”

इस मार्मिक दृश्य ने वहां मौजूद लोगों को भी भावुक कर दिया।

तेजस्वी यादव की ‘भाई-बहन योजना’: क्या बिहार में महिला वोटरों को लुभा पाएंगे?जाने पूरा रिपोर्ट click here

बुजुर्ग की व्यथा – वर्षों से न्याय की तलाश

वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग ने कहा कि वह कई सालों से पेंशन और भूमि विवाद जैसी समस्याओं को लेकर परेशान हैं। उन्होंने लोकल अधिकारियों को कई बार आवेदन दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।उनकी बातों से साफ था कि अब वह सिस्टम से थक चुके हैं और इसलिए आख़िरकार मुख्यमंत्री से सीधे मिलकर अपनी बात रखना ही उन्हें एकमात्र विकल्प लगा।बुजुर्ग की पहचान क्या है?मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुजुर्ग व्यक्ति का नाम रामदयाल यादव हो सकता है, जो गया जिले से आए थे (इस नाम की पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं हुई है)।उन्होंने बताया कि,“मैंने कई बार अंचल कार्यालय और ब्लॉक ऑफिस में अर्जी दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में सोचा मुख्यमंत्री जी ही आखिरी उम्मीद हैं।”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री ने उस बुजुर्ग को शांत करने की कोशिश की और तुरंत मंच पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि“इनकी पूरी बात ध्यान से सुनिए, और तुरंत इनकी समस्या का समाधान करिए।”उन्होंने यह भी कहा कि जो अधिकारी जनता की सुनवाई नहीं करते, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस पूरी घटना ने एक बार फिर बिहार के स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।जब एक बुजुर्ग को अपनी समस्या कहने के लिए मुख्यमंत्री के सामने मंच पर जाकर रोना पड़े, तो यह कहीं न कहीं सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है।

सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया – “दिल दहला देने वाला दृश्य”

वीडियो के वायरल होने के बाद Twitter (X), Facebook और Instagram पर लोग अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं:

  • एक यूजर ने लिखा: “ऐसा दृश्य देखकर आंखें नम हो गईं। बुजुर्ग की लाचारी झलकती है।”
  • दूसरे ने कहा: “अगर अफसरशाही ईमानदार होती तो इन्हें मंच पर रोने की ज़रूरत नहीं पड़ती।”
  • तीसरे यूजर ने लिखा: “नीतीश जी का मानवीय पक्ष देखकर अच्छा लगा।”

इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है और हजारों लोगों ने इसे शेयर किया है।

ऐसे वायरल मुद्दे जनता का विश्वास जीत सकते हैं

नीतीश कुमार की संवेदनशील प्रतिक्रिया इस समय उनके लिए एक पॉजिटिव छवि बनाने में मदद कर सकती है, खासकर तब जब विपक्ष सरकार को “जनविरोधी” बताने की कोशिश करता है।साथ ही यह घटना आम जनता के उस दर्द को सामने लाती है जो आए दिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण बढ़ता जा रहा है।आज की राजनीति जहां तीखे भाषण और आरोप-प्रत्यारोप में उलझी हुई है, वहीं इस तरह के दृश्य नेताओं के मानवीय पक्ष को सामने लाते हैं। यह न सिर्फ जनता से जुड़ाव बढ़ाता है बल्कि प्रशासन को भी चेतावनी देता है कि जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेना जरूरी है।इस घटना ने यह साबित कर दिया कि भारत में अभी भी वह वर्ग मौजूद है जिसे अपनी बात रखने के लिए मंच पर जाकर आंसू बहाने पड़ते हैं।मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता सराहनीय है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है:क्या अब प्रशासन नींद से जागेगा?यदि जवाब हां है, तो यह वीडियो सिर्फ एक वायरल क्लिप नहीं, बल्कि एक बदलाव का प्रतीक बन सकता है।

UPSC EPFO भर्ती 2025: 230 पदों पर वैकेंसी, शॉर्ट नोटिफिकेशन जारी, ऐसे करें आवेदन

UPSC EPFO भर्ती 2025

UPSC EPFO भर्ती 2025:संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने वर्ष 2025 के लिए एक बड़ी भर्ती अधिसूचना जारी की है। यह भर्ती EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के अंतर्गत Enforcement Officer/Accounts Officer (EO/AO) और Assistant Provident Fund Commissioner (APFC) जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए की जा रही है। इस भर्ती में कुल 230 पद शामिल हैं और यह उम्मीदवारों के लिए सरकारी क्षेत्र में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर हो सकता है।

UPSC EPFO भर्ती 2025 – मुख्य बिंदु

  • भर्ती बोर्ड: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  • कुल पद: 230
  • पदों का नाम:
  • Enforcement Officer / Accounts Officer (EO/AO) – 156 पद
  • Assistant Provident Fund Commissioner (APFC) – 74 पद
  • आवेदन प्रारंभ: जल्द ही (डेट विस्तृत अधिसूचना में दी जाएगी)
  • आधिकारिक वेबसाइट: https://upsconline.nic.in

किस पद के लिए कितनी वैकेंसी?

संघ लोक सेवा आयोग ने दो पदों पर वैकेंसी जारी की है:

1. Enforcement Officer / Accounts Officer (EO/AO)

यह पद EPFO के अंतर्गत होता है जिसमें श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित करवाना और खातों की निगरानी जैसे कार्य शामिल हैं। इस पद के लिए कुल 156 वैकेंसी घोषित की गई है।

2. Assistant Provident Fund Commissioner (APFC)

APFC पद प्रशासनिक और लेखा संबंधी कार्यों का निरीक्षण करता है। यह एक उच्च स्तरीय पद है और इसमें कुल 74 वैकेंसी निकाली गई हैं।

UPSC EPFO भर्ती 2025 आवेदन की तिथि और प्रक्रिया

संघ लोक सेवा आयोग ने अभी केवल शॉर्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। विस्तृत अधिसूचना में आवेदन की शुरुआत और अंतिम तिथि का उल्लेख होगा।

UPSC EPFO भर्ती 2025 कैसे करें आवेदन?

1.UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://upsconline.nic.in

2.“Online Recruitment Application” सेक्शन पर क्लिक करें

3.EPFO भर्ती के लिए संबंधित लिंक पर जाएं

4.आवेदन फॉर्म भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें

5.आवेदन शुल्क जमा करें

6.आवेदन फॉर्म सबमिट करें और उसकी कॉपी सेव करके रखें

शैक्षणिक योग्यता और पात्रता

EO/AO और APFC पदों के लिए संभावित पात्रता:
  • शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
  • आयु सीमा:EO/AO के लिए: अधिकतम 30 वर्ष
  • APFC के लिए: अधिकतम 35 वर्ष
  • आरक्षित वर्गों (SC/ST/OBC/PwD) को आयु सीमा में नियमानुसार छूट दी जाएगी।

आवेदन शुल्क

  • सामान्य / OBC / EWS वर्ग: ₹25/- (संभावित)
  • SC / ST / महिला / दिव्यांग: ₹0 (कोई शुल्क नहीं)
    शुल्क का भुगतान डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग से किया जा सकता है।

UPSC EPFO भर्ती 2025 चयन प्रक्रिया – दो चरणों में होगा चयन

1. Recruitment Test (RT):

यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित ऑब्जेक्टिव टाइप होगी जिसमें निम्नलिखित विषयों से प्रश्न पूछे जाएंगे:

  • भारतीय संविधान
  • श्रम कानून
  • सामाजिक सुरक्षा
  • करेंट अफेयर्स
  • सामान्य अध्ययन
  • सामान्य गणित और रीजनिंग
  • EPFO से संबंधित बेसिक नॉलेज

2. Interview (साक्षात्कार):

RT में सफल उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। अंतिम चयन RT और इंटरव्यू के वेटेज (75:25) के आधार पर किया जाएगा।

सिलेबस और परीक्षा पैटर्न

  • परीक्षा माध्यम: अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों
  • प्रश्नों की संख्या: 100
  • प्रश्नों का प्रकार: ऑब्जेक्टिव (MCQ)
  • समय: 2 घंटे
  • नकारात्मक अंकन: हर गलत उत्तर पर 1/3 अंक कटेंगे

आधिकारिक वेबसाइट और अधिसूचना

उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक पर जाकर विस्तृत अधिसूचना और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:

UPSC EPFO भर्ती 2025 उन उम्मीदवारों के लिए एक शानदार मौका है जो सरकारी क्षेत्र में स्थायी और प्रतिष्ठित नौकरी चाहते हैं। इस भर्ती में EO/AO और APFC जैसे पदों पर सीधी नियुक्ति होगी, जिसके लिए अभी से तैयारी शुरू करना ज़रूरी है। आयोग ने शॉर्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, और विस्तृत अधिसूचना जल्द ही जारी होगी।

FAQ

Q1. UPSC EPFO 2025 भर्ती में कुल कितने पद हैं?

कुल 230 पद – EO/AO (156) और APFC (74)

Q2. आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?

विस्तृत अधिसूचना में बताई जाएगी, फिलहाल जल्द शुरू होने की संभावना है।

Q3. क्या इसमें इंटरव्यू होता है?

हां, RT के बाद इंटरव्यू होता है।

Q4. आवेदन कैसे करें?

UPSC की वेबसाइट https://upsconline.nic.in से ऑनलाइन आवेदन करें।

SSC MTS / Havaldar Recruitment 2025: जानिए आवेदन प्रक्रिया, योग्यता, आयु सीमा और चयन प्रक्रिया

SSC MTS / Havaldar Recruitment 2025

SSC MTS / Havaldar Recruitment 2025: SSC द्वारा मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) और हवलदार (CBIC & CBN) पदों पर भर्ती के लिए 2025 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस भर्ती अभियान के माध्यम से देशभर में योग्य युवाओं को सरकारी नौकरी का अवसर मिलने वाला है। इस लेख में हम आपको SSC MTS / Havaldar भर्ती 2025 से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कर रहे हैं।

SSC MTS / Havaldar भर्ती 2025: मुख्य विशेषताएं

विवरणजानकारी
विभाग का नामकर्मचारी चयन आयोग (SSC)
पदों का नाममल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) एवं हवलदार
कुल पद1075 (केवल हवलदार के लिए)
योग्यता10वीं पास
आवेदन प्रारंभ26 जून 2025
आवेदन की अंतिम तिथि24 जुलाई 2025
परीक्षा तिथि20 सितंबर से 24 अक्टूबर 2025 तक
आधिकारिक वेबसाइटhttps://ssc.gov.in

पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)

1. शैक्षणिक योग्यता
  • उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10 (हाई स्कूल) पास होना अनिवार्य है।
  • हवलदार पद के लिए अतिरिक्त शारीरिक मानक भी लागू हैं।
2. आयु सीमा (01 अगस्त 2025 तक)
  • न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
  • अधिकतम आयु: 25 से 27 वर्ष (पद के अनुसार)
  • आरक्षित वर्गों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट प्रदान की जाएगी।

SSC MTS / Havaldar Recruitment 2025 पद के लिए शारीरिक योग्यता

पुरुष उम्मीदवार:
  • दौड़: 1600 मीटर 15 मिनट में
  • ऊंचाई: 157.5 सेमी
  • छाती: 81 सेमी (फुल एक्सपेंशन के साथ 5 सेमी का विस्तार)
महिला उम्मीदवार:
  • दौड़: 1 किमी 20 मिनट में
  • ऊंचाई: 152 सेमी

आवेदन शुल्क(Application Fee)

श्रेणीशुल्क
सामान्य / ओबीसी / EWS₹100/-
SC / ST / महिला₹0/- (मुफ्त)
PH उम्मीदवार₹0/- (मुफ्त)

भुगतान माध्यम: डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट आदि

महत्वपूर्ण तिथियां( Important Date)

  • ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 26 जून 2025
  • अंतिम तिथि: 24 जुलाई 2025
  • शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि: 25 जुलाई 2025
  • संशोधन तिथि: 29 – 31 जुलाई 2025
  • परीक्षा तिथि: 20 सितंबर – 24 अक्टूबर 2025
  • एडमिट कार्ड: परीक्षा से पहले
  • परिणाम: जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज(Document)

UGC NET Result 2025 Declared: सब्जेक्ट-वाइज कटऑफ और पूरी जानकारी यहां देखें CLICK HERE

  • पासपोर्ट साइज फोटो (सफेद/हल्के बैकग्राउंड में)
  • हस्ताक्षर (ब्लैक/ब्लू पेन से)
  • कक्षा 10वीं की मार्कशीट / प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (आरक्षित वर्ग के लिए)
  • आधार कार्ड / मतदाता ID / सरकारी पहचान पत्र
  • आय प्रमाण पत्र (EWS के लिए)
  • निवासी प्रमाण पत्र (राजस्थान राज्य के लिए लागू)
  • विशेष श्रेणियों (PH/Ex-Servicemen) के प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

चयन प्रक्रिया(Selection Process)

SSC MTS और हवलदार पद के लिए चयन तीन चरणों में होगा:

1.कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT)

2.वर्णनात्मक परीक्षा (Descriptive Test)

3.शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) / कौशल परीक्षा (Skill Test)

आवेदन प्रक्रिया: कैसे भरें ऑनलाइन फॉर्म?

1.SSC की आधिकारिक वेबसाइट https://ssc.gov.in पर जाएं।

2.होमपेज पर “MTS / Havaldar Recruitment 2025” लिंक पर क्लिक करें।

3.रजिस्ट्रेशन करें और लॉगिन करके आवेदन फॉर्म भरें।

4.सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

5.आवेदन शुल्क का भुगतान करें (यदि लागू हो)।

6.आवेदन पत्र सबमिट करें और भविष्य के लिए प्रिंट आउट लें।

कुछ महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQs)

Q1. SSC MTS / हवलदार भर्ती 2025 के लिए आवेदन कब से शुरू हुआ?

आवेदन 26 जून 2025 से शुरू हो चुका है।

Q2. आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?

24 जुलाई 2025 आवेदन की अंतिम तिथि है।

Q3. आवेदन शुल्क कितना है?

सामान्य/EWS/OBC के लिए ₹100 और SC/ST/महिला/PH के लिए निःशुल्क है।

Q4. योग्यता क्या है?

उम्मीदवार को कक्षा 10वीं पास होना चाहिए।

Q5. SSC की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?

https://ssc.gov.in

UGC NET Result 2025 Declared: सब्जेक्ट-वाइज कटऑफ और पूरी जानकारी यहां देखें

UGC NET Result 2025

UGC NET Result 2025:नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आखिरकार UGC NET जून 2025 के रिजल्ट को आधिकारिक पोर्टल पर 21 जुलाई 2025 को घोषित कर दिया है। यह परीक्षा जून महीने में आयोजित की गई थी और लाखों छात्रों को इस परिणाम का बेसब्री से इंतजार था।UGC NET Result देखने के लिए उम्मीदवार नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:

1.आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in पर जाएं

2.होमपेज पर “UGC NET June 2025 Result” लिंक पर क्लिक करें

3.अपना एप्लिकेशन नंबर, डेट ऑफ बर्थ, और कैप्चा कोड डालें

4.स्क्रीन पर रिजल्ट दिखाई देगा – उसे डाउनलोड करके PDF सेव कर लें

UGC NET 2025: महत्वपूर्ण आँकड़े

विवरणआँकड़े
कुल रजिस्टर्ड उम्मीदवार9.8 लाख
परीक्षा में सम्मिलित7.52 लाख
JRF के लिए योग्य5,269
असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए योग्य54,885
PhD पात्रता के लिए1,28,179

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रतियोगिता काफी तीव्र थी और चयन प्रतिशत सीमित था।कटऑफ लिस्ट सभी विषयों के लिए ugcnet.nta.ac.in पर उपलब्ध है। यहां से PDF डाउनलोड करके सभी विषयों की श्रेणी-वार कटऑफ देखी जा सकती है।

UGC NET 2025 Subject Wise JRF Cutoff

विषयGeneralOBCSCSTEWS
इतिहास (History)180172164160170
पत्रकारिता (Journalism)204190180182190
मनोविज्ञान (Psychology)248238228220240
हिंदी196184178172182
राजनीति विज्ञान210198190185200

नोट: यह कटऑफ लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट से ली गई है और अलग-अलग श्रेणियों के अनुसार भिन्न हो सकती है।)

UGC NET Qualifying Marks 2025

श्रेणीन्यूनतम उत्तीर्ण अंक
जनरल (Unreserved)40%
OBC/SC/ST/EWS35%

UGC NET Certificate और Validity

भारतीय सेना अग्निवीर परिणाम 2025: आधिकारिक वेबसाइट पर परिणाम कब और कैसे चेक करें – स्टेप बाय स्टेप गाइड click here

  • JRF प्रमाणपत्र की वैधता 3 साल की होती है
  • असिस्टेंट प्रोफेसर पात्रता लाइफटाइम वैलिड होती है
  • उम्मीदवार अपना E-Certificate और JRF Award Letter ugcnet.nta.ac.in से डाउनलोड कर सकते हैं

UGC NET JRF और Assistant Professor में फर्क क्या है|

मापदंडJRFAssistant Professor
स्कॉलरशिपहाँनहीं
पीएचडी के लिए अनिवार्यतानहींनहीं
वैधता3 वर्षआजीवन
सैलरीफेलोशिप बेस्डकॉलेज स्केल बेस्ड

UGC NET Result 2025आगे की प्रक्रिया क्या है?

  1. योग्य उम्मीदवार विश्वविद्यालयों में PhD/रिसर्च या असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदन कर सकते हैं
  2. संबंधित कॉलेज या यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर आवेदन प्रक्रिया देखें
  3. JRF के लिए विश्वविद्यालय में रिसर्च फैलोशिप आवेदन करें
  4. NTA से डाउनलोड किया गया E-Certificate जरूरी दस्तावेज है

FAQ

Q1. UGC NET जून 2025 का रिजल्ट कब जारी हुआ?

Ans: 21 जुलाई 2025 को रिजल्ट जारी किया गया।

Q2. JRF और Assistant Professor में क्या फर्क है?

Ans: JRF के तहत रिसर्च के लिए फेलोशिप मिलती है जबकि Assistant Professor के तहत शिक्षण के लिए पात्रता मिलती है।

Q3. कटऑफ लिस्ट कहां मिलेगी?

Ans: आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in से PDF डाउनलोड की जा सकती है।

Q4. क्या PhD के लिए NET जरूरी है?

Ans: नई UGC गाइडलाइंस के अनुसार, PhD आवश्यक नहीं है यदि कैंडिडेट NET पास है।

तेजस्वी यादव की ‘भाई-बहन योजना’: क्या बिहार में महिला वोटरों को लुभा पाएंगे?जाने पूरा रिपोर्ट

भाई-बहन योजना 2025

बिहार की राजनीति में एक बार फिर नई हलचल मच गई है। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और RJD नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक नई योजना का ऐलान किया है – “भाई-बहन योजना”। इस स्कीम को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि क्या ये 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटरों को लुभाने की रणनीति है? आइए विस्तार से जानते हैं इस योजना की पूरी जानकारी, इसके फायदे और राजनीतिक प्रभाव।

क्या है ‘भाई-बहन योजना’?

तेजस्वी यादव द्वारा घोषित ‘भाई-बहन योजना’ के अंतर्गत राज्य की गरीब और मध्यवर्गीय लड़कियों को हर महीने ₹1500 की सहायता राशि दी जाएगी। यह योजना स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं और स्नातक युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लाई जा रही है।

मुख्य बिंदु:
  • योजना की राशि: ₹1500 प्रतिमाह
  • लाभार्थी: 14 से 25 वर्ष की लड़कियां
  • योग्यता: बिहार निवासी, छात्रा या शिक्षित बेरोजगार
  • शुरुआत: 2025 के चुनाव के बाद RJD सरकार बनने पर

भाई-बहन योजना का उद्देश्य क्या है?

  • महिला सशक्तिकरण: लड़कियों की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना
  • शिक्षा में सहयोग: स्कूल-कॉलेज की फीस, किताबें, कोचिंग आदि में मदद
  • बेरोजगारी से राहत: युवतियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना
  • राजनीतिक रणनीति: महिला वोट बैंक को सुदृढ़ करना

RJD की यह योजना लालू प्रसाद यादव के “समाजवादी फार्मूले” की तर्ज पर बनाई गई है। तेजस्वी यादव ने 2020 में बेरोजगारों को 10 लाख नौकरियों का वादा किया था। अब 2025 में महिला वोटरों को फोकस किया जा रहा है।विपक्ष की प्रतिक्रिया BJP और JDU नेताओं ने इस योजना को “चुनावी लॉलीपॉप” बताया है। उनका कहना है कि इससे पहले किए गए वादों पर काम नहीं हुआ, और अब नई स्कीमें सिर्फ वोट बटोरने के लिए लाई जा रही हैं।जनता की रायकई छात्राओं और महिलाओं ने इस योजना का स्वागत किया है।वहीं कुछ वर्गों ने इसे केवल चुनावी चाल बताया है।सोशल मीडिया पर इस योजना को लेकर #BhaiBahanYojana ट्रेंड कर रहा है।

पटना मेट्रो 15 अगस्त 2025 से होगी शुरू – जानिए स्टेशन, रूट, किराया और ट्रायल रन की पूरी जानकारी click here

भाई-बहन योजना 2025 चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि तेजस्वी यादव इस योजना को लेकर सही रणनीति अपनाते हैं और भरोसेमंद रोडमैप देते हैं, तो यह योजना महिला वोटरों को प्रभावित कर सकती है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।तेजस्वी यादव की ‘भाई-बहन योजना’ सिर्फ एक आर्थिक सहायता योजना नहीं है, बल्कि एक बड़ी राजनीतिक चाल भी है। इसका असली असर 2025 के विधानसभा चुनाव में देखा जाएगा। क्या ये योजना बिहार की राजनीति में गेम-चेंजर साबित होगी या फिर एक और अधूरी घोषणा बनकर रह जाएगी — यह तो वक्त ही बताएगा।

Q1. भाई-बहन योजना कब से शुरू होगी?

यह योजना RJD सरकार के सत्ता में आने के बाद लागू की जाएगी, यानी 2025 के विधानसभा चुनाव के बाद।

Q2. इस योजना में कौन-कौन आवेदन कर सकते हैं?

बिहार की निवासी, 14 से 25 वर्ष की छात्राएं और शिक्षित बेरोजगार युवतियां इसके लिए पात्र होंगी।

Q3. क्या यह योजना लड़कों के लिए भी है?

नहीं, यह योजना विशेष रूप से लड़कियों और महिलाओं के लिए है।

भारतीय सेना अग्निवीर परिणाम 2025: आधिकारिक वेबसाइट पर परिणाम कब और कैसे चेक करें – स्टेप बाय स्टेप गाइड

भारतीय सेना अग्निवीर परिणाम 2025

भारतीय सेना अग्निवीर परिणाम 2025: भारतीय सेना द्वारा अग्निवीर भर्ती की प्रक्रिया हर साल आयोजित की जाती है। 2025 में, अग्निवीर CEE (Common Entrance Exam) परीक्षा का आयोजन 30 जून से 10 जुलाई 2025 तक देशभर के विभिन्न केंद्रों पर किया गया था। लाखों युवाओं ने इस परीक्षा में भाग लिया है और अब सभी को बेसब्री से अपने परिणाम का इंतजार है।

परिणाम की तारीख और समय सीमा

  • आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अग्निवीर परीक्षा परिणाम जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में घोषित होने की संभावना है।
  • परिणाम PDF फॉर्मेट में जारी होगा, जिसमें उम्मीदवारों के रोल नंबर दिए जाएंगे।
  • कोई व्यक्तिगत SMS या ईमेल नहीं भेजा जाएगा, इसलिए उम्मीदवारों को वेबसाइट पर नियमित विज़िट करनी चाहिए।

भारतीय सेना के अग्निवीर परीक्षा का रिजल्ट केवल एक ही वेबसाइट पर जारी किया जाता है: joinindianarmy.nic.in इसी वेबसाइट पर PDF फाइल के रूप में Agniveer Result 2025 उपलब्ध होगा। उम्मीदवारों को किसी अन्य वेबसाइट या एजेंट के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।

How to check Agniveer result 2025 step by step

Step 1: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं

अपने ब्राउज़र में joinindianarmy.nic.in टाइप करें और वेबसाइट खोलें।

Step 2: “Agniveer Result 2025” लिंक खोजें

होमपेज पर “Latest Notifications” या “CEE Results” सेक्शन में जाकर अग्निवीर परिणाम का लिंक खोजें।

Step 3: विवरण भरें
  • अपना रोल नंबर
  • और जन्म तिथि (DOB) दर्ज करें।
Step 4: सबमिट करें और PDF डाउनलोड करें
  • सबमिट बटन दबाएं
  • स्क्रीन पर परिणाम आ जाएगा।
  • PDF फाइल डाउनलोड करें और भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।

भारतीय सेना अग्निवीर परिणाम 2025 परिणाम PDF में क्या जानकारी होगी?

NEET UG 2025 काउंसलिंग शेड्यूल click here

Agniveer Result 2025 की PDF में निम्नलिखित विवरण होंगे:

  • उम्मीदवारों के रोल नंबर
  • जोन/ARO वार सूची
  • चयन स्थिति (Selected/Not Selected)
  • कभी-कभी कट-ऑफ मार्क्स भी दिए जाते हैं (यदि उपलब्ध हो)

रोल नंबर नहीं मिल रहा तो क्या करें?

अगर PDF में अपना रोल नंबर नहीं मिल रहा है तो

  • सबसे पहले Ctrl+F दबाकर सर्च करें
  • ARO या ज़ोन सही से जांचें
  • फिर भी ना मिले तो अपना फॉर्म और एडमिट कार्ड चेक करें
  • ARO हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें

चयन के बाद अगला चरण: फिजिकल और मेडिकल टेस्ट

फिजिकल फिटनेस टेस्ट (PET) के लिए चयनित उम्मीदवारों को सबसे पहले PET के लिए बुलाया जाएगा। इसमें दौड़, पुशअप, और अन्य फिटनेस एक्टिविटी शामिल होती हैं।और फिजिकल मेजरमेंट टेस्ट (PMT) कद, वजन, छाती आदि की जांच की जाती है,मेडिकल टेस्ट में उम्मीदवारों की आंख, कान, ब्लड प्रेशर आदि की जांच की जाती है। हालांकि डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन में सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जाएगी – जैसे कि:

  • 10वीं की मार्कशीट
  • आधार कार्ड
  • मूल निवास प्रमाण पत्र
  • चरित्र प्रमाण पत्र
  • NCC प्रमाणपत्र (यदि हो)

भारतीय सेना अग्निवीर परिणाम 2025 जरूरी दस्तावेज क्या रखें तैयार?

दस्तावेजआवश्यकता
रोल नंबर/रजिस्ट्रेशन नंबरलॉगिन के लिए
आधार कार्डपहचान के लिए
फोटोमेडिकल और फिजिकल टेस्ट में
मूल प्रमाण पत्रशारीरिक जांच व डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन में

Answer Key और परिणाम में संबंध

क्यों जरूरी है Answer Key?
  • प्रोविजनल Answer Key उम्मीदवारों को अंदाजा देती है कि उनका स्कोर क्या बन सकता है।
  • यदि आप चाहें तो उसमें आपत्ति (Objection) भी दर्ज कर सकते हैं।
Answer Key से कट-ऑफ का अनुमान कैसे लगाएं?
  • सही उत्तर पर +4
  • गलत उत्तर पर -0.5
  • कुल अंकों के अनुसार ज़ोन वाइज कट-ऑफ का अनुमान लगाएं

भारतीय सेना अग्निवीर परिणाम 2025 महत्वपूर्ण तिथि (Important Dates)

इवेंटतारीख
CEE परीक्षा30 जून – 10 जुलाई 2025
उत्तर कुंजीजुलाई मध्य (संभावित)
परिणामजुलाई अंत / अगस्त प्रारंभ
PET & PMTपरिणाम के बाद 15 दिन में

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. अग्निवीर परिणाम 2025 किस फॉर्मेट में आएगा?

Ans. PDF फाइल के रूप में, जिसमें रोल नंबर होंगे।

Q2. क्या कट-ऑफ मार्क्स भी मिलेंगे?

Ans. हो सकता है कुछ ARO अपने हिसाब से कट-ऑफ जोड़ें।

Q3. चयन के बाद क्या करना होगा?

Ans. PET, PMT, मेडिकल और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन।

Q4. क्या रिजल्ट को लेकर कोई फॉर्म भरना होगा?

Ans. नहीं, सिर्फ PDF चेक करनी है और चयन के बाद निर्देशों का पालन करना है।

Aadhaar Card Mobile Number Update 2025: ऑनलाइन मोबाइल नंबर बदलने का आसान तरीका जानिए

Aadhaar Card Mobile Number Update 2025

Aadhaar Card Mobile Number Update 2025: आधार कार्ड आज हर भारतीय नागरिक की सबसे महत्वपूर्ण पहचान बन चुका है। चाहे किसी सरकारी योजना का लाभ लेना हो, बैंक से जुड़ी कोई सेवा हो या फिर डिजिटल लॉगिन—हर जगह OTP वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है।
यदि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है या पुराना हो गया है, तो आपको डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने में मुश्किल होगी। इसलिए मोबाइल नंबर अपडेट करना अत्यंत आवश्यक है।

कौन कर सकता है आधार मोबाइल नंबर अपडेट?

  • जिनका नंबर पहले कभी रजिस्टर नहीं हुआ।
  • जिनका पुराना मोबाइल नंबर अब बंद हो गया है।
  • जिनका नंबर बदल गया है और नया नंबर लिंक कराना चाहते हैं।
  • जो अपनी जानकारी अपडेट रखना चाहते हैं।

Aadhaar Card Mobile Number Update 2025 ऑनलाइन मोबाइल नंबर अपडेट कैसे करें? (Step-by-Step Guide)

UIDAI ने अब मोबाइल नंबर अपडेट की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। आप घर बैठे नीचे दिए गए आसान स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं।

Step 1: UIDAI की वेबसाइट पर जाएं

https://myaadhaar.uidai.gov.in

Step 2: Aadhaar नंबर से लॉगिन करें
  • अपना 12 अंकों का आधार नंबर डालें
  • Captcha भरें
  • OTP से लॉगिन करें (अगर पुराना नंबर अब भी चालू है)
Step 3: ‘Update Aadhaar Online’ विकल्प चुनें
  • लॉगिन के बाद Update सेक्शन में जाएं
  • Mobile Number Update चुनें
Step 4: नया मोबाइल नंबर दर्ज करें
  • जिस मोबाइल नंबर को आप जोड़ना चाहते हैं, उसे डालें
  • Captcha भरें और ‘Send OTP’ पर क्लिक करें
  • OTP डालकर पुष्टि करें
Step 5: ₹50 शुल्क का भुगतान करें
  • मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए ₹50 का चार्ज देना होता है|
  • आप UPI, नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं|

ऑफलाइन मोबाइल नंबर अपडेट कैसे करें?

यदि आपके पास पुराना नंबर नहीं है या ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं करना चाहते, तो आप आधार सेवा केंद्र (ASK) या नजदीकी CSC सेंटर से मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।

साथ ले जाएं:
  • ओरिजिनल आधार कार्ड
  • नया मोबाइल नंबर
  • ₹50 शुल्क
  • ऑफलाइन प्रोसेस में आधार केंद्र के ऑपरेटर आपके बायोमेट्रिक्स की पुष्टि करके मोबाइल नंबर जोड़ते हैं।

मोबाइल नंबर अपडेट में लगने वाला समय

UIDAI के अनुसार, मोबाइल नंबर अपडेट होने में आमतौर पर 48 से 72 घंटे का समय लगता है। हालांकि कुछ मामलों में यह प्रक्रिया 5-7 कार्यदिवस तक भी जा सकती है।

जरूरी दस्तावेज

मोबाइल नंबर अपडेट के लिए आपको कोई भी दस्तावेज अपलोड या दिखाने की आवश्यकता नहीं होती।
सिर्फ आधार नंबर और नया मोबाइल नंबर पर्याप्त होता है।

मोबाइल नंबर अपडेट के बाद क्या करें?

  • mAadhaar ऐप में रजिस्ट्रेशन करें
  • सरकारी योजनाओं जैसे PM Kisan, Ration कार्ड आदि से OTP वेरिफिकेशन आसानी से कर सकेंगे
  • Digilocker, PAN Linking और EPFO सेवाओं का लाभ मिल सकेगा

मोबाइल नंबर अपडेट करने के फायदे

फायदेविवरण
OTP आधारित वेरिफिकेशनबैंकिंग, पेंशन, सरकारी सेवाओं में सहूलियत
मोबाइल पर सरकारी अलर्टस्कीम, सब्सिडी, अपडेट की जानकारी
डिजिटल इंडिया सेवाओं का लाभmAadhaar, UMANG, Digilocker, आदि
आसानी से PAN, EPFO लिंकिंगतेज़ और आसान प्रक्रिया

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए कोई डॉक्युमेंट चाहिए?

उत्तर: नहीं, सिर्फ आधार नंबर और नया मोबाइल नंबर ही चाहिए।

Q2. अपडेट में कितना समय लगता है?

उत्तर: आमतौर पर 48-72 घंटे; कुछ मामलों में 5 से 7 दिन।

Q3. क्या OTP पुराने नंबर पर ही आता है?

उत्तर: अगर पुराना नंबर चालू है, तभी OTP आएगा। नया नंबर जोड़ने के लिए ऑफलाइन ऑप्शन बेहतर है।

Q5. क्या eKYC के लिए आधार से मोबाइल लिंक ज़रूरी है?

उत्तर: हां, बिना लिंक मोबाइल नंबर के OTP आधारित eKYC संभव नहीं।

PM Kisan 20वीं किस्त 2025: एक गलती से नहीं आएंगे 2000 रुपये, सरकार ने जारी की चेतावनी

PM Kisan 20वीं किस्त 2025

PM Kisan 20वीं किस्त 2025: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसके अंतर्गत देश के छोटे और सीमांत किसानों को सालाना ₹6000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह रकम तीन बराबर किस्तों में दी जाती है – यानी हर 4 महीने में ₹2000 सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।

इस बार क्या है नया अपडेट?

सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस बार 20वीं किस्त सिर्फ उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिन्होंने समय पर e-KYC पूरी की हो। यदि आपने अब तक यह काम नहीं किया है, तो आपके खाते में ₹2000 आने से रह जाएंगे।

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इस बार क्यों है खतरा?

अगर आप सोचते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी पैसा अपने आप आ जाएगा, तो सावधान हो जाइए। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब बिना ई-केवाईसी (e-KYC) के कोई भी किस्त जारी नहीं होगी। यानी यदि आपने समय रहते e-KYC नहीं करवाई, तो आपकी ₹2000 की 20वीं किस्त अटक सकती है।

कब आ सकती है 20वीं किस्त?

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, 19 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के करोड़ों किसानों को 20वीं किस्त जारी कर सकते हैं। सरकार की तैयारी पूरी हो चुकी है और डेटाबेस में e-KYC का डेटा अपडेट किया जा रहा है।

क्यों जरूरी है e-KYC?

e-KYC यानी आधार आधारित पहचान सत्यापन एक जरूरी प्रक्रिया बन चुकी है। बिना इसके, किसान के खाते में किस्त की राशि नहीं आएगी। इससे सरकार यह सुनिश्चित करती है कि लाभ सिर्फ असली और योग्य किसानों को ही मिले।

घर बैठे कैसे करें e-KYC?

1.pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाएं

2.e-KYC विकल्प पर क्लिक करें

3.अपना आधार नंबर डालें

4.रजिस्टर्ड मोबाइल पर आया OTP डालें

5.सफल वेरीफिकेशन के बाद KYC पूरी हो जाएगी

ऑफलाइन तरीका – CSC सेंटर से:

  • नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं
  • आधार कार्ड और मोबाइल साथ लें
  • फिंगरप्रिंट स्कैन द्वारा e-KYC करवा लें

अगर KYC नहीं करवाई तो क्या होगा?

  • ₹2000 की अगली किस्त नहीं मिलेगी
  • आपका नाम लाभार्थी सूची से हट सकता है
  • भविष्य में मिलने वाली सहायता भी अटक सकती है

PM Kisan 20वीं किस्त 2025अपना नाम लिस्ट में ऐसे चेक करें:

1.वेबसाइट: pmkisan.gov.in

2.“Beneficiary Status” सेक्शन खोलें

3.अपना मोबाइल नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालें

4.स्टेटस देखें – अगर “Payment Pending for e-KYC” लिखा है, तो तुरंत KYC करें

निष्कर्ष:

20वीं किस्त पाने के लिए सिर्फ 5 मिनट का काम है – e-KYC। अगर आपने यह जरूरी कदम नहीं उठाया, तो आपकी मेहनत की कमाई ₹2000 अटक सकती है। इसलिए आज ही यह काम पूरा करें और अगली किस्त का इंतजार न करें।

FAQs

PM Kisan की 20वीं किस्त 2025 कब आएगी?

उत्तर: पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त 19 जुलाई 2025 को जारी होने की संभावना है। पात्र किसानों को ₹2000 की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।

अगर e-KYC नहीं की तो क्या होगा?

उत्तर: अगर आपने समय पर e-KYC नहीं करवाई है, तो आपकी किस्त रोकी जा सकती है। बिना आधार सत्यापन के अगली किस्त नहीं दी जाएगी।

क्या ऑफलाइन भी e-KYC करवा सकते हैं?

उत्तर: हां, आप अपने नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) जाकर e-KYC करवा सकते हैं। वहां आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट की मदद से प्रक्रिया पूरी की जाती है।

PM Kisan योजना में साल भर में कितनी किस्तें मिलती हैं?

उत्तर: पीएम किसान योजना के तहत साल में तीन किस्तें मिलती हैं – प्रत्येक ₹2000 की। यानी कुल ₹6000 सालाना।

PM Kisan योजना का पैसा नहीं आया तो क्या करें?

उत्तर: सबसे पहले pmkisan.gov.in पर जाकर Beneficiary Status चेक करें। अगर e-KYC लंबित है तो तुरंत पूरा करें या कृषि विभाग से संपर्क करें।

बिहार में पहली बार शुरू हुई ‘फसल हेल्पलाइन’: किसान अब सीधा एक्सपर्ट से पूछ सकेंगे सवाल

फसल हेल्पलाइन बिहार 2025

बिहार सरकार ने 2025 में एक बड़ी पहल करते हुए राज्य में पहली बार “फसल हेल्पलाइन” शुरू की है। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य राज्य के किसानों को खेती से जुड़े सवालों का वैज्ञानिक और विशेषज्ञ समाधान देना है, जिससे उनकी फसल की पैदावार और गुणवत्ता बेहतर हो सके।

यह सेवा पूरी तरह से निशुल्क है और किसानों को कृषि विभाग के अनुभवी वैज्ञानिकों से फोन पर सीधे सलाह लेने की सुविधा मिलेगी।

हेल्पलाइन की शुरुआत कब और किसने की?

‘फसल हेल्पलाइन’ की शुरुआत 17 जुलाई 2025 को कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा पटना स्थित कृषि भवन से की गई। इस सेवा को कृषि विभाग और राज्य कृषि विश्वविद्यालय, पूसा की साझेदारी में लाया गया है।

हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-1551

सेवा का समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे (सोमवार से शनिवार)

इस नंबर पर किसान कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं, और विशेषज्ञ उन्हें तुरंत समाधान देंगे।

किस प्रकार की समस्याएं हल होंगी?

इस हेल्पलाइन के जरिए किसान निम्नलिखित विषयों पर सलाह ले सकते हैं:

  • फसल रोग व कीट नियंत्रण
  • उर्वरक और दवा का सही इस्तेमाल
  • सिंचाई तकनीक
  • बीज चयन व फसल चक्र
  • प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा उपाय
  • मृदा परीक्षण और सुधार
  • जैविक खेती से जुड़ी जानकारी

कैसे मिलेगा फायदा?

1.सीधी विशेषज्ञ सलाह: अब किसानों को एजेंट या मध्यस्थ के पास जाने की जरूरत नहीं है।

2.समय की बचत: तुरंत फोन पर समस्या का समाधान मिलेगा।

3.फसल उत्पादन में सुधार: वैज्ञानिक सलाह से फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ेगी।

4.कम लागत, अधिक मुनाफा: कम दवा और उर्वरक में बेहतर रिजल्ट मिलेगा।

सरकार की योजना और विस्तार

बिहार सरकार का लक्ष्य है कि अगले 6 महीनों में हर जिले में कम से कम 10,000 किसान इस सेवा का लाभ लें। इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, और कृषि सहायकों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे किसानों को कॉल करने के लिए प्रेरित कर सकें।आने वाले समय में इसका मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जिससे चैट व वीडियो कॉल से भी किसान संपर्क कर सकेंगे।

किसानों के अनुभव क्या कह रहे हैं?

मोतिहारी के किसान रंजीत कुमार कहते हैं,“पहले हम दुकानदार या दूसरे किसानों से पूछते थे, पर अब विशेषज्ञ खुद फोन पर बताते हैं कि कौन सी दवा डालनी है। ये बहुत फायदेमंद है।”

दरभंगा की महिला किसान सुनीता देवी कहती हैं,
“पहली बार सरकार ने हमसे सीधा संवाद किया है, अब हमें अपनी समस्या बताने में डर नहीं लगता।”

यह सेवा क्यों है जरूरी?

बिहार में लगभग 70% आबादी खेती पर निर्भर है। मगर आज भी जानकारी के अभाव में किसान फसल रोग, उर्वरक के गलत इस्तेमाल और खराब बीज के कारण नुकसान उठाते हैं। ऐसे में ये हेल्पलाइन किसानों के लिए डिजिटल क्रांति की तरह है।

फसल हेल्पलाइन और अन्य सेवाओं से तुलना

सुविधाफसल हेल्पलाइनकिसान कॉल सेंटर (KCC)निजी एग्री-ऐप्स
विशेषज्ञ से सीधा संपर्क
क्षेत्रीय भाषा में सहायता
मुफ्त सेवा
राज्य सरकार की निगरानी

भविष्य की योजनाएं

  • हेल्पलाइन का समय बढ़ाने की योजना
  • WhatsApp सपोर्ट सेवा शुरू करना
  • प्रत्येक जिले में फील्ड विजिट टीम बनाना
  • टोल-फ्री वीडियो कॉलिंग सुविधा शुरू करना

निष्कर्ष

बिहार सरकार की ‘फसल हेल्पलाइन’ योजना किसानों के लिए बड़ा बदलाव लेकर आई है। यह पहल उन्हें न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनाएगी। आने वाले समय में यदि इसका सही तरीके से प्रचार और विस्तार हुआ, तो यह योजना पूरे भारत के लिए मॉडल बन सकती है।

FAQs

Q.1: क्या यह सेवा सभी किसानों के लिए है?

हाँ, बिहार राज्य का कोई भी किसान इस सेवा का लाभ ले सकता है।

Q.2: क्या इस सेवा का कोई चार्ज है?

नहीं, यह सेवा पूरी तरह निशुल्क है।

Q.3: क्या WhatsApp पर भी सहायता मिल सकती है?

फिलहाल नहीं, लेकिन राज्य सरकार भविष्य में यह सुविधा जोड़ सकती है।

Q.4: क्या महिला किसान भी कॉल कर सकती हैं?

हाँ, महिला किसानों के लिए भी यह सेवा पूरी तरह से उपलब्ध है।