Aadhaar Card Mobile Number Update 2025: ऑनलाइन मोबाइल नंबर बदलने का आसान तरीका जानिए

Aadhaar Card Mobile Number Update 2025

Aadhaar Card Mobile Number Update 2025: आधार कार्ड आज हर भारतीय नागरिक की सबसे महत्वपूर्ण पहचान बन चुका है। चाहे किसी सरकारी योजना का लाभ लेना हो, बैंक से जुड़ी कोई सेवा हो या फिर डिजिटल लॉगिन—हर जगह OTP वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है।
यदि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है या पुराना हो गया है, तो आपको डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने में मुश्किल होगी। इसलिए मोबाइल नंबर अपडेट करना अत्यंत आवश्यक है।

कौन कर सकता है आधार मोबाइल नंबर अपडेट?

  • जिनका नंबर पहले कभी रजिस्टर नहीं हुआ।
  • जिनका पुराना मोबाइल नंबर अब बंद हो गया है।
  • जिनका नंबर बदल गया है और नया नंबर लिंक कराना चाहते हैं।
  • जो अपनी जानकारी अपडेट रखना चाहते हैं।

Aadhaar Card Mobile Number Update 2025 ऑनलाइन मोबाइल नंबर अपडेट कैसे करें? (Step-by-Step Guide)

UIDAI ने अब मोबाइल नंबर अपडेट की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। आप घर बैठे नीचे दिए गए आसान स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं।

Step 1: UIDAI की वेबसाइट पर जाएं

https://myaadhaar.uidai.gov.in

Step 2: Aadhaar नंबर से लॉगिन करें
  • अपना 12 अंकों का आधार नंबर डालें
  • Captcha भरें
  • OTP से लॉगिन करें (अगर पुराना नंबर अब भी चालू है)
Step 3: ‘Update Aadhaar Online’ विकल्प चुनें
  • लॉगिन के बाद Update सेक्शन में जाएं
  • Mobile Number Update चुनें
Step 4: नया मोबाइल नंबर दर्ज करें
  • जिस मोबाइल नंबर को आप जोड़ना चाहते हैं, उसे डालें
  • Captcha भरें और ‘Send OTP’ पर क्लिक करें
  • OTP डालकर पुष्टि करें
Step 5: ₹50 शुल्क का भुगतान करें
  • मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए ₹50 का चार्ज देना होता है|
  • आप UPI, नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं|

ऑफलाइन मोबाइल नंबर अपडेट कैसे करें?

यदि आपके पास पुराना नंबर नहीं है या ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं करना चाहते, तो आप आधार सेवा केंद्र (ASK) या नजदीकी CSC सेंटर से मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।

साथ ले जाएं:
  • ओरिजिनल आधार कार्ड
  • नया मोबाइल नंबर
  • ₹50 शुल्क
  • ऑफलाइन प्रोसेस में आधार केंद्र के ऑपरेटर आपके बायोमेट्रिक्स की पुष्टि करके मोबाइल नंबर जोड़ते हैं।

मोबाइल नंबर अपडेट में लगने वाला समय

UIDAI के अनुसार, मोबाइल नंबर अपडेट होने में आमतौर पर 48 से 72 घंटे का समय लगता है। हालांकि कुछ मामलों में यह प्रक्रिया 5-7 कार्यदिवस तक भी जा सकती है।

जरूरी दस्तावेज

मोबाइल नंबर अपडेट के लिए आपको कोई भी दस्तावेज अपलोड या दिखाने की आवश्यकता नहीं होती।
सिर्फ आधार नंबर और नया मोबाइल नंबर पर्याप्त होता है।

मोबाइल नंबर अपडेट के बाद क्या करें?

  • mAadhaar ऐप में रजिस्ट्रेशन करें
  • सरकारी योजनाओं जैसे PM Kisan, Ration कार्ड आदि से OTP वेरिफिकेशन आसानी से कर सकेंगे
  • Digilocker, PAN Linking और EPFO सेवाओं का लाभ मिल सकेगा

मोबाइल नंबर अपडेट करने के फायदे

फायदेविवरण
OTP आधारित वेरिफिकेशनबैंकिंग, पेंशन, सरकारी सेवाओं में सहूलियत
मोबाइल पर सरकारी अलर्टस्कीम, सब्सिडी, अपडेट की जानकारी
डिजिटल इंडिया सेवाओं का लाभmAadhaar, UMANG, Digilocker, आदि
आसानी से PAN, EPFO लिंकिंगतेज़ और आसान प्रक्रिया

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए कोई डॉक्युमेंट चाहिए?

उत्तर: नहीं, सिर्फ आधार नंबर और नया मोबाइल नंबर ही चाहिए।

Q2. अपडेट में कितना समय लगता है?

उत्तर: आमतौर पर 48-72 घंटे; कुछ मामलों में 5 से 7 दिन।

Q3. क्या OTP पुराने नंबर पर ही आता है?

उत्तर: अगर पुराना नंबर चालू है, तभी OTP आएगा। नया नंबर जोड़ने के लिए ऑफलाइन ऑप्शन बेहतर है।

Q5. क्या eKYC के लिए आधार से मोबाइल लिंक ज़रूरी है?

उत्तर: हां, बिना लिंक मोबाइल नंबर के OTP आधारित eKYC संभव नहीं।

PM Kisan 20वीं किस्त 2025: एक गलती से नहीं आएंगे 2000 रुपये, सरकार ने जारी की चेतावनी

PM Kisan 20वीं किस्त 2025

PM Kisan 20वीं किस्त 2025: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसके अंतर्गत देश के छोटे और सीमांत किसानों को सालाना ₹6000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह रकम तीन बराबर किस्तों में दी जाती है – यानी हर 4 महीने में ₹2000 सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।

इस बार क्या है नया अपडेट?

सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस बार 20वीं किस्त सिर्फ उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिन्होंने समय पर e-KYC पूरी की हो। यदि आपने अब तक यह काम नहीं किया है, तो आपके खाते में ₹2000 आने से रह जाएंगे।

Farmer ID Kaise Banaye 2025: किसान पंजीकरण की नई प्रक्रिया, मोबाइल से बनाएं Farmer ID CLICK HERE.

इस बार क्यों है खतरा?

अगर आप सोचते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी पैसा अपने आप आ जाएगा, तो सावधान हो जाइए। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब बिना ई-केवाईसी (e-KYC) के कोई भी किस्त जारी नहीं होगी। यानी यदि आपने समय रहते e-KYC नहीं करवाई, तो आपकी ₹2000 की 20वीं किस्त अटक सकती है।

कब आ सकती है 20वीं किस्त?

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, 19 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के करोड़ों किसानों को 20वीं किस्त जारी कर सकते हैं। सरकार की तैयारी पूरी हो चुकी है और डेटाबेस में e-KYC का डेटा अपडेट किया जा रहा है।

क्यों जरूरी है e-KYC?

e-KYC यानी आधार आधारित पहचान सत्यापन एक जरूरी प्रक्रिया बन चुकी है। बिना इसके, किसान के खाते में किस्त की राशि नहीं आएगी। इससे सरकार यह सुनिश्चित करती है कि लाभ सिर्फ असली और योग्य किसानों को ही मिले।

घर बैठे कैसे करें e-KYC?

1.pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाएं

2.e-KYC विकल्प पर क्लिक करें

3.अपना आधार नंबर डालें

4.रजिस्टर्ड मोबाइल पर आया OTP डालें

5.सफल वेरीफिकेशन के बाद KYC पूरी हो जाएगी

ऑफलाइन तरीका – CSC सेंटर से:

  • नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं
  • आधार कार्ड और मोबाइल साथ लें
  • फिंगरप्रिंट स्कैन द्वारा e-KYC करवा लें

अगर KYC नहीं करवाई तो क्या होगा?

  • ₹2000 की अगली किस्त नहीं मिलेगी
  • आपका नाम लाभार्थी सूची से हट सकता है
  • भविष्य में मिलने वाली सहायता भी अटक सकती है

PM Kisan 20वीं किस्त 2025अपना नाम लिस्ट में ऐसे चेक करें:

1.वेबसाइट: pmkisan.gov.in

2.“Beneficiary Status” सेक्शन खोलें

3.अपना मोबाइल नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालें

4.स्टेटस देखें – अगर “Payment Pending for e-KYC” लिखा है, तो तुरंत KYC करें

निष्कर्ष:

20वीं किस्त पाने के लिए सिर्फ 5 मिनट का काम है – e-KYC। अगर आपने यह जरूरी कदम नहीं उठाया, तो आपकी मेहनत की कमाई ₹2000 अटक सकती है। इसलिए आज ही यह काम पूरा करें और अगली किस्त का इंतजार न करें।

FAQs

PM Kisan की 20वीं किस्त 2025 कब आएगी?

उत्तर: पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त 19 जुलाई 2025 को जारी होने की संभावना है। पात्र किसानों को ₹2000 की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।

अगर e-KYC नहीं की तो क्या होगा?

उत्तर: अगर आपने समय पर e-KYC नहीं करवाई है, तो आपकी किस्त रोकी जा सकती है। बिना आधार सत्यापन के अगली किस्त नहीं दी जाएगी।

क्या ऑफलाइन भी e-KYC करवा सकते हैं?

उत्तर: हां, आप अपने नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) जाकर e-KYC करवा सकते हैं। वहां आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट की मदद से प्रक्रिया पूरी की जाती है।

PM Kisan योजना में साल भर में कितनी किस्तें मिलती हैं?

उत्तर: पीएम किसान योजना के तहत साल में तीन किस्तें मिलती हैं – प्रत्येक ₹2000 की। यानी कुल ₹6000 सालाना।

PM Kisan योजना का पैसा नहीं आया तो क्या करें?

उत्तर: सबसे पहले pmkisan.gov.in पर जाकर Beneficiary Status चेक करें। अगर e-KYC लंबित है तो तुरंत पूरा करें या कृषि विभाग से संपर्क करें।

बिहार में पहली बार शुरू हुई ‘फसल हेल्पलाइन’: किसान अब सीधा एक्सपर्ट से पूछ सकेंगे सवाल

फसल हेल्पलाइन बिहार 2025

बिहार सरकार ने 2025 में एक बड़ी पहल करते हुए राज्य में पहली बार “फसल हेल्पलाइन” शुरू की है। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य राज्य के किसानों को खेती से जुड़े सवालों का वैज्ञानिक और विशेषज्ञ समाधान देना है, जिससे उनकी फसल की पैदावार और गुणवत्ता बेहतर हो सके।

यह सेवा पूरी तरह से निशुल्क है और किसानों को कृषि विभाग के अनुभवी वैज्ञानिकों से फोन पर सीधे सलाह लेने की सुविधा मिलेगी।

हेल्पलाइन की शुरुआत कब और किसने की?

‘फसल हेल्पलाइन’ की शुरुआत 17 जुलाई 2025 को कृषि मंत्री सुधाकर सिंह द्वारा पटना स्थित कृषि भवन से की गई। इस सेवा को कृषि विभाग और राज्य कृषि विश्वविद्यालय, पूसा की साझेदारी में लाया गया है।

हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-1551

सेवा का समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे (सोमवार से शनिवार)

इस नंबर पर किसान कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं, और विशेषज्ञ उन्हें तुरंत समाधान देंगे।

किस प्रकार की समस्याएं हल होंगी?

इस हेल्पलाइन के जरिए किसान निम्नलिखित विषयों पर सलाह ले सकते हैं:

  • फसल रोग व कीट नियंत्रण
  • उर्वरक और दवा का सही इस्तेमाल
  • सिंचाई तकनीक
  • बीज चयन व फसल चक्र
  • प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा उपाय
  • मृदा परीक्षण और सुधार
  • जैविक खेती से जुड़ी जानकारी

कैसे मिलेगा फायदा?

1.सीधी विशेषज्ञ सलाह: अब किसानों को एजेंट या मध्यस्थ के पास जाने की जरूरत नहीं है।

2.समय की बचत: तुरंत फोन पर समस्या का समाधान मिलेगा।

3.फसल उत्पादन में सुधार: वैज्ञानिक सलाह से फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ेगी।

4.कम लागत, अधिक मुनाफा: कम दवा और उर्वरक में बेहतर रिजल्ट मिलेगा।

सरकार की योजना और विस्तार

बिहार सरकार का लक्ष्य है कि अगले 6 महीनों में हर जिले में कम से कम 10,000 किसान इस सेवा का लाभ लें। इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, और कृषि सहायकों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे किसानों को कॉल करने के लिए प्रेरित कर सकें।आने वाले समय में इसका मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जिससे चैट व वीडियो कॉल से भी किसान संपर्क कर सकेंगे।

किसानों के अनुभव क्या कह रहे हैं?

मोतिहारी के किसान रंजीत कुमार कहते हैं,“पहले हम दुकानदार या दूसरे किसानों से पूछते थे, पर अब विशेषज्ञ खुद फोन पर बताते हैं कि कौन सी दवा डालनी है। ये बहुत फायदेमंद है।”

दरभंगा की महिला किसान सुनीता देवी कहती हैं,
“पहली बार सरकार ने हमसे सीधा संवाद किया है, अब हमें अपनी समस्या बताने में डर नहीं लगता।”

यह सेवा क्यों है जरूरी?

बिहार में लगभग 70% आबादी खेती पर निर्भर है। मगर आज भी जानकारी के अभाव में किसान फसल रोग, उर्वरक के गलत इस्तेमाल और खराब बीज के कारण नुकसान उठाते हैं। ऐसे में ये हेल्पलाइन किसानों के लिए डिजिटल क्रांति की तरह है।

फसल हेल्पलाइन और अन्य सेवाओं से तुलना

सुविधाफसल हेल्पलाइनकिसान कॉल सेंटर (KCC)निजी एग्री-ऐप्स
विशेषज्ञ से सीधा संपर्क
क्षेत्रीय भाषा में सहायता
मुफ्त सेवा
राज्य सरकार की निगरानी

भविष्य की योजनाएं

  • हेल्पलाइन का समय बढ़ाने की योजना
  • WhatsApp सपोर्ट सेवा शुरू करना
  • प्रत्येक जिले में फील्ड विजिट टीम बनाना
  • टोल-फ्री वीडियो कॉलिंग सुविधा शुरू करना

निष्कर्ष

बिहार सरकार की ‘फसल हेल्पलाइन’ योजना किसानों के लिए बड़ा बदलाव लेकर आई है। यह पहल उन्हें न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनाएगी। आने वाले समय में यदि इसका सही तरीके से प्रचार और विस्तार हुआ, तो यह योजना पूरे भारत के लिए मॉडल बन सकती है।

FAQs

Q.1: क्या यह सेवा सभी किसानों के लिए है?

हाँ, बिहार राज्य का कोई भी किसान इस सेवा का लाभ ले सकता है।

Q.2: क्या इस सेवा का कोई चार्ज है?

नहीं, यह सेवा पूरी तरह निशुल्क है।

Q.3: क्या WhatsApp पर भी सहायता मिल सकती है?

फिलहाल नहीं, लेकिन राज्य सरकार भविष्य में यह सुविधा जोड़ सकती है।

Q.4: क्या महिला किसान भी कॉल कर सकती हैं?

हाँ, महिला किसानों के लिए भी यह सेवा पूरी तरह से उपलब्ध है।

मानसून में वायरल बुखार से कैसे बचें? डॉक्टरों ने बताए ये 7 घरेलू उपाय

मानसून में वायरल बुखार से कैसे बचें?

वायरल बुखार:मानसून का मौसम जहां हरियाली और ठंडक लेकर आता है, वहीं इसके साथ कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मौसम में सबसे आम बीमारी है वायरल बुखार, जो तेजी से फैलता है और सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हल्का बुखार, गले में खराश, सिरदर्द और बदन दर्द इसके सामान्य लक्षण होते हैं। यदि समय पर सावधानी न बरती जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है।

1. तुलसी का काढ़ा – इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है

तुलसी भारतीय घरों में आमतौर पर पाई जाती है और इसकी पत्तियों में प्राकृतिक औषधीय गुण होते हैं।
यह वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता रखती है।

उपयोग कैसे करें:
  • 5 तुलसी की पत्तियां लें
  • 1 छोटा टुकड़ा अदरक और चुटकीभर काली मिर्च डालें
  • 1 कप पानी में 5 मिनट तक उबालें
  • छानकर गुनगुना पीएं

2. हल्दी वाला दूध – वायरल से तुरंत राहत पाने का उपाय

हल्दी को प्राकृतिक एंटीबायोटिक कहा जाता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है और बुखार के बैक्टीरिया से लड़ता है।

सेवन विधि:
  • 1 गिलास गर्म दूध लें
  • उसमें आधा चम्मच हल्दी मिलाएं
  • रात को सोने से पहले सेवन करें

3.भाप लेना – गले और नाक की सफाई के लिए जरूरी

भाप लेना सर्दी, जुकाम और गले की खराश में बेहद कारगर होता है। मानसून के दौरान नमी के कारण गले में बैक्टीरिया जम सकते हैं।

भाप लेने की विधि:
  • गर्म पानी में विक्स या अजवाइन मिलाएं
  • तौलिया से सिर ढंककर 5–7 मिनट तक भाप लें
  • दिन में 1 बार जरूर करें

4.नींबू और शहद – इम्युनिटी के लिए विटामिन C का स्रोत

नींबू में मौजूद विटामिन C और शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो वायरल बुखार से लड़ने में मदद करते हैं।

कैसे बनाएं:
  • 1 गिलास गुनगुना पानी लें
  • उसमें आधा नींबू और 1 चम्मच शहद मिलाएं
  • सुबह खाली पेट सेवन करें

5.अधिक पानी पिएं – शरीर को डिटॉक्स करें

मानसून में शरीर में पानी की कमी हो जाती है क्योंकि पसीना कम आता है और प्यास भी कम लगती है।

क्या करें:
  • दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी पिएं
  • नारियल पानी, नींबू पानी और छाछ जैसे हेल्दी ड्रिंक्स लें

6. इन चीज़ों से बचें – पेट की बीमारियों को न बुलाएं

मानसून में खुले में मिलने वाले खाद्य पदार्थ जल्दी खराब हो जाते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं।

PM Kisan Tractor Yojana 2025: किसानों को 50% सब्सिडी पर मिलेगा ट्रैक्टर, ऐसे करें आवेदन click here

किन चीजों से बचें:
  • सड़क किनारे मिलने वाला चाट, समोसा, पकौड़ी
  • बासी भोजन या खुला कटा फल
  • गंदा पानी या अधपका खाना

7. नीम की पत्तियां – संक्रमण से लड़ने का रामबाण उपाय

नीम एक प्राचीन औषधि है जिसका प्रयोग आयुर्वेद में वर्षों से होता आ रहा है। यह शरीर को अंदर से साफ करता है और वायरस को खत्म करता है।

उपयोग कैसे करें:
  • 4–5 नीम की पत्तियां सुबह खाली पेट चबाएं
  • या नीम की पत्तियों को उबालकर उसका पानी पिएं

डॉक्टर की सलाह कब लें?

हालांकि ऊपर दिए उपाय असरदार हैं, लेकिन अगर नीचे दिए लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

“AIIMS दिल्ली ने भी वायरल बुखार में तुलसी व हल्दी के उपयोग को कारगर बताया है। click here

  • बुखार 3 दिन से अधिक बना रहे
  • बहुत तेज सिरदर्द या शरीर में कंपकंपी
  • सांस लेने में दिक्कत
  • अत्यधिक कमजोरी या थकावट

निष्कर्ष: देसी उपायों से पाएं राहत

मानसून के मौसम में थोड़ा सा ध्यान और देसी नुस्खे अपनाकर हम वायरल बुखार से सुरक्षित रह सकते हैं। ये उपाय हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद हैं और किसी भी तरह के नुकसानदायक प्रभाव नहीं डालते। लेकिन अगर लक्षण गंभीर हों तो घरेलू उपचार से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. मानसून में वायरल बुखार कितने दिन रहता है?

Ans: आमतौर पर 3–5 दिन तक रहता है, लेकिन सही इलाज से जल्दी ठीक हो जाता है।

Q2. क्या ये उपाय बच्चों के लिए भी सुरक्षित हैं?

Ans: हां, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेकर ही दें, खासकर जब बात नीम या हल्दी की मात्रा की हो।

Q3. वायरल और डेंगू में क्या अंतर है?

Ans: वायरल बुखार आम वायरस से होता है जबकि डेंगू मच्छर के काटने से होता है और प्लेटलेट्स को कम करता है।

कांवड़ यात्रा 2025 में हेलिकॉप्टर सेवा: शिवभक्तों के लिए पहली बार हवाई सुविधा शुरू!

Helicopter Kanwar Yatra 2025

कांवड़ यात्रा 2025 में हेलिकॉप्टर सेवा:सावन का महीना शुरू होते ही पूरा उत्तर भारत हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजने लगता है। लेकिन इस बार की कांवड़ यात्रा 2025 में कुछ बेहद खास है — अब भक्त हेलिकॉप्टर से गंगाजल लेकर लौटेंगे! उत्तराखंड और झारखंड सरकार ने कुछ सीमित रूट्स पर हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की है जिससे भक्त 1 दिन में ही जलाभिषेक कर सकें।

हेलिकॉप्टर सेवा कहां से शुरू हुई है?

कांवड़ यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवा दो प्रमुख स्थानों से शुरू की गई है:

  1. हरिद्वार से नीलकंठ महादेव तक (उत्तराखंड)
  2. बासुकीनाथ से बाबाधाम, देवघर (झारखंड)

भक्तगण ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से अपनी सीट कन्फर्म कर सकते हैं और भीड़ से बचते हुए सीधे मंदिर तक पहुंच सकते हैं।बात करे हेलिकॉप्टर सेवा का किराया और बुकिंग में कितना पैसा लगेगा.

कांवड़ यात्रा 2025 में पहली बार जा रहे हैं? जानिए 10 जरूरी टिप्स वरना मुश्किल में पड़ सकते हैं click here

रूटकिराया (एकतरफा)कुल समयबुकिंग वेबसाइट
हरिद्वार → नीलकंठ₹3,49912 मिनटukheliservices.in
देवघर → बासुकीनाथ₹2,99910 मिनटjharkhandtourism.gov.in

बुकिंग के लिए ID Proof (Aadhaar/PAN) जरूरी होगा।

पहली बार पायलट बना एक शिवभक्त – वायरल हुई कहानी

हरिद्वार से उड़ान भरने वाले हेलिकॉप्टर के पायलट अभिषेक त्यागी खुद एक शिवभक्त हैं, जो हर साल कांवड़ यात्रा पैदल करते थे। इस बार उन्होंने अपनी सेवा भगवान भोलेनाथ को अर्पित करते हुए पायलट की सीट संभाली।
उनकी कहानी अब Instagram और Facebook पर वायरल हो रही है।

कांवड़ यात्रा 2025 में हेलिकॉप्टर सेवा में भक्तों की सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्था

  • हर हेलिपैड पर मेडिकल टीम मौजूद
  • हर उड़ान से पहले भक्तों को सुरक्षा निर्देश
  • उड़ान में 6-8 सीटें — बुजुर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता
  • हर उड़ान का CCTV और GPS मॉनिटरिंग

ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें? (स्टेप बाय स्टेप)

1.ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं (उदाहरण: ukheliservices.in)

2.रूट, तारीख और यात्री संख्या चुनें

3.पहचान पत्र अपलोड करें

4.ऑनलाइन भुगतान करें

5.टिकट PDF डाउनलोड करें

नोट: यात्रा से 2 घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य है।

क्या यह सेवा सभी के लिए है?नहीं, हालांकि यह सेवा अभी केवल सीमित यात्रियों के लिए शुरू की गई है और रोजाना 6–7 उड़ानें ही संचालित हो रही हैं।
लेकिन सरकार ने यहसंकेत दिया है कि यदि यह सफल रही, तो अगले वर्ष से पूरे भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में यह सुविधा लागू हो सकती है।

लोगों की प्रतिक्रिया

राजीव चौहान (मेरठ): “अब बड़ों और बीमार लोगों के लिए भी गंगाजल लाना संभव हो पाया है। हेलिकॉप्टर सेवा एक वरदान है।”

पारुल गुप्ता (दिल्ली): “मैंने 3000 रुपये में गंगाजल मंगवाया, 1 दिन में घर पर पहुंच गया। बहुत ही सुविधाजनक।”

हेलिकॉप्टर सेवा की खासियत क्या है?

1.यह सेवा विशेष रूप से हरिद्वार से दिल्ली, मेरठ, देहरादून और ऋषिकेश के लिए चलाई जा रही है।

2.श्रद्धालु गंगाजल को हेलिकॉप्टर के जरिए अपने निर्धारित स्थान पर मंगवा सकते हैं।

3.पहली बार ऐसा देखने को मिला है जब कोई कांवड़िया स्वयं हेलिकॉप्टर का पायलट बना और बाबा भोलेनाथ के नाम पर सेवा कर रहा है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. क्या इस सेवा में गंगाजल खुद भरना होगा?

नहीं, गंगाजल पहले से हेलिपैड पर उपलब्ध रहेगा।

Q2. क्या कैंसिलेशन की सुविधा है?

जी हां, 48 घंटे पहले कैंसिल करने पर 50% रिफंड मिलेगा।

Q3.क्या यह सेवा Wheelchair users के लिए उपलब्ध है?

फिलहाल नहीं, लेकिन जल्द ही ऐसी सुविधा जोड़ने की योजना है।

सावन सोमवार 2025: 14 जुलाई का पूजन महत्त्व, व्रत विधि और शिव कृपा पाने के चमत्कारी उपाय

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सावन सोमवार 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, 14 जुलाई 2025 को सावन माह का पहला सोमवार पड़ रहा है, जिसे सावन सोमवार के रूप में मनाया जाएगा। यह दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्त्व रखता है।इसलिए मान्यता है कि सावन सोमवार को व्रत रखने और विशेष विधि से पूजा करने से भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस लेख में हम जानेंगे —

  • सावन सोमवार का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्त्व
  • 14 जुलाई का शुभ मुहूर्त
  • पूजा की विधि

सावन सोमवार का धार्मिक महत्व

सावन माह को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यही वह समय है जब माता पार्वती ने कठिन तप कर शिवजी को पति रूप में प्राप्त किया था।

इसी कारण, खासकर कुंवारी कन्याएं इस दिन व्रत रखती हैं और अच्छे वर की प्राप्ति की प्रार्थना करती हैं।
विवाहित महिलाएं पारिवारिक सुख और संतान सुख के लिए उपवास करती हैं। “सावन सोमवार को व्रत रखने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।”

14 जुलाई 2025 का शुभ मुहूर्त

व्रत तिथि: 14 जुलाई 2025, सोमवार

शुभ स्नान और पूजन का समय: सुबह 5:28 AM से 7:55 AM तक

व्रत पारण (उपवास तोड़ने) का समय: शाम 6:45 PM के बाद

राहुकाल: सुबह 7:30 AM से 9:00 AM (इस समय पूजा से बचें)

सावन सोमवार 2025 व्रत और पूजा विधि

सावन सोमवार व्रत की विधि विशेष होती है। इसका पालन सावधानी से करने पर शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है।ndtv news

व्रत विधि:

1.सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें

2.स्नान कर के स्वच्छ सफेद या पीले वस्त्र धारण करें

3.शिव मंदिर जाएं या घर में शिवलिंग की स्थापना करें

4शिवलिंग का अभिषेक करें –
-जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत) से
– उसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराएं

5.शिव को बिल्वपत्र, धतूरा, आक, भांग, चंदन और सफेद फूल अर्पित करें

6.धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाएं

7.“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें – कम से कम 108 बार

8.शिव आरती करें

9.व्रत कथा पढ़ें या सुनें

कांवड़ यात्रा 2025 में पहली बार जा रहे हैं? जानिए 10 जरूरी टिप्स वरना मुश्किल में पड़ सकते हैं click here

सावन सोमवार का फल

लाभविवरण
📿 मन की शांतिमानसिक तनाव और चिंता दूर होती है
🪙 आर्थिक लाभनौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है
💍 विवाह में सफलताअच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है
👶 संतान प्राप्तिनि:संतान दंपतियों को संतान सुख मिलता है
🛡️ रक्षारोग, शत्रु और दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है

सावन सोमवार उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश) में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।

हरिद्वार, वाराणसी, उज्जैन, काशी, और देवघर जैसे स्थानों पर कांवड़ यात्रा के साथ शिवभक्त जल चढ़ाने जाते हैं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. क्या सावन सोमवार व्रत पुरुष रख सकते हैं?

हां, यह व्रत स्त्री-पुरुष सभी रख सकते हैं।

Q2. क्या बिना मंदिर जाए व्रत कर सकते हैं?

हां, आप घर में ही शिवलिंग की स्थापना कर पूजा कर सकते हैं।

Q3. क्या उपवास में फलाहार किया जा सकता है?

हां, फल, दूध, और व्रत का भोजन लिया जा सकता है।

पटना मेट्रो 15 अगस्त 2025 से होगी शुरू – जानिए स्टेशन, रूट, किराया और ट्रायल रन की पूरी जानकारी

15 अगस्त से शुरू होगी पटना मेट्रो!"

पटना मेट्रो: बिहार की राजधानी पटना में ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने और स्मार्ट सिटी की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, पटना मेट्रो का पहला चरण 15 अगस्त 2025 को शुरू होने जा रहा है।
यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा, जब आज़ादी के दिन के साथ-साथ लोगों को आधुनिक परिवहन की सौगात मिलेगी।पटना मेट्रो का पहला कॉरिडोर “ब्लू लाइन” के नाम से जाना जा रहा है, जो कि न्यू ISBT से मलाही पकड़ी तक फैला हुआ है। इस लाइन में शुरू में 6.5 किमी का एलिवेटेड रूट चालू होगा।

प्रारंभ में जो स्टेशन चालू होंगे:

Malahi Pakri (मलाही पकड़ी)

Bhootnath (भूतनाथ रोड)

Zero Mile (ज़ीरो माइल)

Patliputra Bus Terminal (New ISBT)

Khemnichak स्टेशन का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए पहले चरण में चालू नहीं किया जाएगा।

ट्रायल रन की शुरुआत

पटना मेट्रो का ट्रायल रन 15 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। यह ट्रायल रन 1 महीने चलेगा और इसमें तकनीकी परीक्षण, सुरक्षा मानकों की जांच और स्टेशन संचालन की तैयारी शामिल होगी।ट्रैक, सिग्नलिंग, और पावर सप्लाई सिस्टम का परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है।प्रथम मेट्रो कोच पुणे से रवाना कर दिया गया है।

Farmer ID Kaise Banaye 2025: किसान पंजीकरण की नई प्रक्रिया, मोबाइल से बनाएं Farmer ID click here

किराया कितना होगा?

पटना मेट्रो का किराया अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक ये लगभग ₹10 से ₹60 के बीच हो सकता है।

दूरीअनुमानित किराया
0–2 किमी₹10
2–5 किमी₹20
5–10 किमी₹30
10+ किमी₹40–₹60

रूट मैप – ब्लू लाइन

पटना मेट्रो की ब्लू लाइन की कुल लंबाई 14.5 किमी है, लेकिन पहले चरण में 6.5 किमी का ही संचालन शुरू होगा।

ब्लू लाइन का पूरा रूट:

  • New ISBT
  • Zero Mile
  • Bhootnath
  • Khemnichak (शुरुआत में बंद रहेगा)
  • Malahi Pakri
  • आगे का विस्तार: Kankarbagh, Rajendra Nagar, Patna Junction (Phase 2)

पटना मेट्रो निर्माण कार्य को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) की देखरेख में किया जा रहा है। बिजली सप्लाई व ट्रैक बिछाव पूरा एलिवेटेड ट्रैक: 95% कार्य पूरा स्टेशन स्ट्रक्चर: लगभग पूरा सुरक्षा और सिग्नलिंग: टेस्टिंग फेज़ में

FAQ

Q1. पटना मेट्रो कब से शुरू होगी?

15 अगस्त 2025 से आम यात्रियों के लिए सेवा शुरू होगी।

Q2. कितने स्टेशन चालू होंगे?

शुरुआत में 4 स्टेशन: Malahi Pakri, Bhootnath, Zero Mile, New ISBT

Q3. क्या पटना मेट्रो भूमिगत है?

पहला फेज एलिवेटेड है, दूसरे फेज में भूमिगत सेक्शन भी होगा।

Q4. मेट्रो का किराया कितना होगा?

₹10 से ₹60 तक की संभावना है, अंतिम निर्णय जल्द आएगा।

Q5. ट्रायल रन कब शुरू हो रहा है?

15 जुलाई 2025 से ट्रायल रन होगा।

NEET UG 2025 काउंसलिंग शुरू: रजिस्ट्रेशन 21 जुलाई से, सीट अलॉटमेंट 31 जुलाई को – पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें!

NEET-UG-2025-काउंसलिंग-शुरू

NEET UG 2025 परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी खबर है। मेडिकल काउंसलिंग NEET UG 2025 काउंसलिंग शुरू कमेटी (MCC) ने NEET UG 2025 काउंसलिंग शेड्यूल जारी कर दिया है। काउंसलिंग की प्रक्रिया 21 जुलाई 2025 से शुरू होगी और इसमें MBBS, BDS व B.Sc नर्सिंग जैसे कोर्स के लिए प्रवेश मिलेगा।

NEET UG 2025 काउंसलिंग कौन कर सकता है आवेदन?

केवल वही उम्मीदवार NEET UG काउंसलिंग 2025 में हिस्सा ले सकते हैं जिन्होंने NEET UG 2025 परीक्षा में क्वालिफाई किया हो। काउंसलिंग निम्नलिखित श्रेणियों के तहत होती है:

  • 15% ऑल इंडिया कोटा (AIQ)
  • AIIMS, JIPMER, BHU, AMU, ESIC संस्थानों की 100% सीटें
  • केंद्रीय और डीम्ड विश्वविद्यालयों की सीटें
  • AFMC व ESIC IP कोटा

NEET UG 2025 काउंसलिंग शेड्यूल: राउंड 1

क्रियातारीख
सीट मैट्रिक्स का सत्यापन18-19 जुलाई 2025
रजिस्ट्रेशन व भुगतान21 से 28 जुलाई (दोपहर 12 बजे तक)
भुगतान की अंतिम तिथि28 जुलाई (शाम 3 बजे तक)
चॉइस फिलिंग22 से 28 जुलाई (रात 11:55 बजे तक)
चॉइस लॉकिंग28 जुलाई (शाम 4 बजे से रात 11:55 बजे तक)
सीट अलॉटमेंट प्रक्रिया29-30 जुलाई 2025
रिजल्ट घोषणा31 जुलाई 2025
संस्थान में रिपोर्टिंग1 से 6 अगस्त 2025
डाटा सत्यापन7-8 अगस्त 2025

NEET UG 2025 काउंसलिंग शेड्यूल: राउंड 2

क्रियातारीख
सीट मैट्रिक्स का सत्यापन9-11 अगस्त
रजिस्ट्रेशन व भुगतान12 से 18 अगस्त
चॉइस फिलिंग व लॉकिंग13 से 18 अगस्त
सीट अलॉटमेंट19-20 अगस्त
रिजल्ट घोषणा21 अगस्त
रिपोर्टिंग22 से 29 अगस्त
डाटा सत्यापन30 अगस्त से 1 सितंबर

SSC CGL 2025: परीक्षा तिथि, ssc.gov.in पर आवेदन कैसे करें, पंजीकरण प्रक्रिया, आवेदन शुल्क, पूरा कार्यक्रम देखें click here

NEET UG 2025 काउंसलिंग शुरू मॉप-अप राउंड (राउंड 3)

क्रियातारीख
सीट सत्यापन2 सितंबर
रजिस्ट्रेशन व भुगतान3 से 8 सितंबर
चॉइस फिलिंग व लॉकिंग3 से 8 सितंबर
सीट अलॉटमेंट9-10 सितंबर
रिजल्ट11 सितंबर
रिपोर्टिंग12 से 18 सितंबर
डाटा सत्यापन19 से 21 सितंबर

राउंड 4: स्ट्रे वेकेंसी राउंड (AIQ/Deemed)

क्रियातारीख
सीट सत्यापन (OTP लिंक्ड)20 सितंबर
रजिस्ट्रेशन व भुगतान22 से 24 सितंबर
चॉइस फिलिंग व लॉकिंग22 से 25 सितंबर
सीट अलॉटमेंट25-26 सितंबर
रिजल्ट27 सितंबर
रिपोर्टिंग27 सितंबर से 3 अक्टूबर

NEET UG 2025 काउंसलिंग में रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

Step-by-Step प्रक्रिया:
  1. mcc.nic.in पर जाएं
  2. “UG Medical Counselling” सेक्शन पर क्लिक करें
  3. NEET UG रोल नंबर से लॉगिन करें
  4. एप्लिकेशन फॉर्म भरें व प्रोसेसिंग फीस जमा करें
  5. ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें
  6. कॉलेज और कोर्स के विकल्प भरें व लॉक करें
  7. कन्फर्मेशन पेज डाउनलोड करें

जरूरी डॉक्यूमेंट्स:

  • NEET UG 2025 स्कोरकार्ड
  • आधार कार्ड / अन्य फोटो ID
  • जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
  • 10वीं व 12वीं की मार्कशीट
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • डोमिसाइल सर्टिफिकेट (राज्य कोटा हेतु)

भारत में MBBS के लिए टॉप मेडिकल कॉलेज

  • AIIMS, New Delhi
  • JIPMER, Puducherry
  • BHU, Varanasi
  • AMU, Aligarh
  • Maulana Azad Medical College, Delhi

👉 इन कॉलेजों में सीट पाने के लिए सही समय पर चॉइस लॉकिंग करें।

MCC Official Website:-click here

विदेश में मेडिकल की पढ़ाई? विकल्प भी जानिए!

यदि भारत में सीट मिलना कठिन हो, तो रूस, फिलीपींस, जॉर्जिया, उज्बेकिस्तान आदि देश NEET क्वालिफाई स्टूडेंट्स को मेडिकल कोर्सेज़ में एडमिशन देते हैं। लेकिन विदेश से डिग्री लेकर भारत में प्रैक्टिस के लिए FMGE (Foreign Medical Graduate Exam) पास करना अनिवार्य है।

MCC की खास हिदायत:

MCC ने सभी कॉलेजों को निर्देश दिया है कि काउंसलिंग प्रक्रिया को लेकर कोई ढील न बरती जाए। सभी सप्ताहांत और छुट्टियों को वर्किंग डे मानते हुए प्रक्रिया पूरी करें।

FAQs

Q1. NEET UG काउंसलिंग कब से शुरू हो रही है?

उत्तर: 21 जुलाई 2025 से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा।

Q2. क्या काउंसलिंग केवल AIQ के लिए है?

उत्तर: नहीं, यह AIQ के अलावा AIIMS, JIPMER, BHU, AMU जैसी संस्थाओं के लिए भी है।

Q3. कितने राउंड होंगे?

उत्तर: कुल 4 राउंड होंगे — राउंड 1, राउंड 2, मॉप-अप राउंड और स्ट्रे वेकेंसी राउंड।

Q4. MCC की वेबसाइट क्या है?

उत्तर: https://mcc.nic.in

कांवड़ यात्रा 2025 में पहली बार जा रहे हैं? जानिए 10 जरूरी टिप्स वरना मुश्किल में पड़ सकते हैं

कांवड़ यात्रा 2025

कांवड़ यात्रा ना केवल शिवभक्तों के लिए एक पवित्र यात्रा है बल्कि यह एक मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक परीक्षा भी होती है। पहली बार यात्रा पर जा रहे भक्तों को उत्साह के साथ-साथ सावधानी की भी ज़रूरत होती है। लाखों की भीड़, लंबा रास्ता और सीमित संसाधन—इन सबसे निपटने के लिए सही तैयारी बेहद जरूरी है।यहां हम आपको दे रहे हैं 10 सबसे जरूरी टिप्स, जो आपकी कांवड़ यात्रा 2025 को सफल और सुगम बनाएंगे।

कांवड़ यात्रा 2025 सही तैयारी और सामान की लिस्ट बनाएं

यात्रा पर निकलने से पहले एक चेकलिस्ट बनाएं:

  • आरामदायक जूते
  • जलरोधी (waterproof) कांवड़
  • एक टॉर्च, पावर बैंक
  • प्राथमिक दवाएं (ORS, बैंडेज, दर्द की दवा)
  • छोटा बैग या पोटली

टिप: हल्का सामान रखें, जरूरत से ज्यादा चीजें न ले जाएं।

दोपहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी नहीं: जानें नितिन गडकरी के बड़े खुलासे में क्या है खास | Latest News 2025 click here

शरीर को हाइड्रेटेड रखें

लंबी पैदल यात्रा में पानी की कमी से हीट स्ट्रोक या डिहाइड्रेशन हो सकता है।

1.नींबू पानी, छाछ या ग्लूकोज का सेवन करें.

2.हर 30 मिनट में पानी पिएं

3.ORS घोल साथ रखें

अच्छे जूते पहनें

गलत फुटवियर से पैर छिल सकते हैं या सूजन आ सकती है।

1.जोड़ी मोज़े साथ रखें

2.केवल स्पोर्ट्स शूज़ या ट्रैकिंग शूज़ पहनें

3.नया जूता न पहनें, पहले से पहना हुआ हो

यात्रा का रूट और स्टॉपिंग प्वाइंट पहले जान लें

अपने रूट की पूरी जानकारी रखें:

  • कहाँ रुकना है
  • कहाँ लंगर मिलेगा
  • कहाँ मेडिकल सुविधा है

सुझाव:Kanwar App 2025” से रूट मैप और व्यवस्था की जानकारी लें।

मेडिकल और सुरक्षा सुविधा का ध्यान रखें

“आपातकालीन संपर्क” नंबर अपनी जेब में लिखें

हर 5-10 किलोमीटर पर मेडिकल कैंप होते हैं

अगर आपको कोई एलर्जी या बीमारी है तो डॉक्टर की पर्ची साथ रखें

मोबाइल नेटवर्क और पावर बैकअप

1.परिवार वालों को रूट की जानकारी दें

2.कई जगह नेटवर्क कमजोर हो सकता है

3.पावर बैंक साथ रखें

भीड़ में संयम बनाए रखें

-कांवड़ यात्रा में भीड़ बहुत अधिक होती है:

-सेवा समितियों के निर्देशों का पालन करें

-धैर्य रखें

-न धक्का दें, न लें

डीजे, नाच-गाना – संयम से करें

यात्रा भक्ति से जुड़ी है, अतः व्यवहार संयमित रखें:

सभी के साथ सम्मानपूर्वक पेश आएं

डीजे का प्रयोग अनुमति से करें

शराब, मांस या किसी गलत गतिविधि से दूर रहें

आराम करें, ओवरएक्टिव न हों

पहली बार यात्रा में लगातार चलना शरीर पर भारी पड़ सकता है:

रिले प्रणाली (डाक कांवड़) अपनाएं तो बेहतर

हर 8-10 KM पर ब्रेक लें

थकावट लगे तो रुकें

अनुभव को संजोएं, शेयर करें

अगर आप कंटेंट क्रिएटर हैं, तो यह यात्रा आपके लिए एक अवसर है:

  • व्लॉग बनाएं
  • इंस्टाग्राम Reels और YouTube Shorts शूट करें
  • “#KanwarYatra2025” टैग ज़रूर लगाएं

FAQs

Q1. क्या कांवड़ यात्रा के लिए पंजीकरण जरूरी है?

कुछ राज्यों में हां, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा है।

Q2. महिलाएं भी यात्रा में भाग ले सकती हैं?

बिल्कुल, महिला कांवड़ियों के लिए विशेष Pink Toilets और सहायता बूथ होते हैं।

Q3. क्या वाहन से यात्रा करना मान्य है?

हां, लेकिन “डाक कांवड़” केवल पैदल की जाती है।

Q4. सबसे अच्छा रूट कौन सा है?

हरिद्वार से दिल्ली, या सुल्तानगंज से देवघर वाला रूट काफी प्रसिद्ध है।

धान की फसल में कीट लगने से बचाएं इस देसी उपाय से, गांवों में बन रहा है ट्रेंड

धान की फसल कीट नियंत्रण देसी उपाय

धान की खेती भारत के करोड़ों किसानों के लिए आजीविका का प्रमुख साधन है। लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच धान की फसल में लगने वाले कीटों से किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। कीटनाशकों पर खर्च बढ़ता है, और पैदावार में भी गिरावट आती है। ऐसे में एक नया देसी नुस्खा इन दिनों गांवों में काफी चर्चा में है, जो कीट नियंत्रण के लिए कारगर साबित हो रहा है।

कीटों का प्रकोप: कब और कैसे होता है हमला?

धान की रोपाई के कुछ दिन बाद ही फसल पर कई प्रकार के कीटों का हमला शुरू हो जाता है। इसमें प्रमुख हैं:

  • तना छेदक (Stem Borer) – पौधों के तनों में छेद कर फसल को कमजोर कर देता है।
  • पत्ती लपेटक (Leaf Folder) – पत्तियों को मोड़कर अंदर बैठ जाता है और उन्हें खा जाता है।
  • भूरा और सफेद पीठ वाला कीट (Brown/Whitebacked Plant Hopper) – रस चूसते हैं और पौधों को सुखा देते हैं।

यदि समय रहते इन पर नियंत्रण न किया जाए तो पूरी फसल चौपट हो सकती है।

कीटनाशकों की समस्या: महंगे भी और हानिकारक भी

अधिकतर किसान कीट नियंत्रण के लिए रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। लेकिन इनसे कई समस्याएं होती हैं:

  • खेत और मिट्टी की उर्वरता घटती है
  • कीड़े धीरे-धीरे प्रतिरोधक हो जाते हैं
  • इंसानों और पशुओं के लिए भी ये हानिकारक होते हैं
  • लागत अधिक होती है और मुनाफा घट जाता है

इसी वजह से किसान अब जैविक और देसी उपायों की ओर लौट रहे हैं।

देसी नुस्खा: नीम, छाछ और लहसुन का घोल

बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांवों में किसानों ने एक देसी फार्मूला अपनाया है, जिसमें सिर्फ तीन चीजें चाहिए:

  • नीम का अर्क (Neem Extract) – 1 लीटर
  • छाछ (Buttermilk) – 1 लीटर
  • लहसुन का पेस्ट (Garlic Paste) – 250 ग्राम

इन तीनों को 10 लीटर पानी में मिलाकर एक ड्रम में भर दें। 24 घंटे तक ढककर रख दें ताकि मिश्रण पूरी तरह तैयार हो जाए। फिर इसे छानकर स्प्रे मशीन से फसल पर छिड़काव करें।

यह नुस्खा कैसे करता है काम?

  • नीम का अर्क में मौजूद एजाडिरैक्टिन (Azadirachtin) कीड़ों की ग्रोथ रोकता है और उनकी प्रजनन क्षमता को नष्ट करता है।
  • छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया कीटों को मारने में सहायक होता है और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
  • लहसुन की गंध कीड़े पसंद नहीं करते और खेत से भाग जाते हैं। साथ ही इसमें सल्फर युक्त यौगिक होते हैं जो कीटों पर असर करते हैं।

यह मिश्रण पूरी तरह जैविक और सुरक्षित है।

धान की रोपाई के 10 दिन बाद डालें ये ज़रूरी खाद, फसल होगी हरी-भरी और पैदावार होगी दोगुनी! click here

कब और कैसे करें छिड़काव?

इस देसी घोल का छिड़काव नीचे दिए गए अंतराल पर करें:

  • पहली बार: रोपाई के 10 दिन बाद
  • दूसरी बार: 20-25 दिन बाद
  • तीसरी बार: यदि जरूरत हो तो 15 दिन बाद फिर से

प्रति एकड़ खेत के लिए लगभग 15 लीटर घोल पर्याप्त होता है। कोशिश करें कि छिड़काव सुबह या शाम के समय करें जब धूप तेज न हो।

किसानों के अनुभव: गांव में मिल रही जबरदस्त प्रतिक्रिया

गया (बिहार) के किसान संतोष सिंह बताते हैं,

“पिछले साल कीटनाशक पर 3,000 रुपये खर्च हुआ था, लेकिन इस बार नीम और लहसुन से बने घोल से काम चल गया। कीट नहीं लगे और खर्च भी बचा।”

वहीं बस्ती (उत्तर प्रदेश) के विजय यादव कहते हैं,

“इस देसी नुस्खे से न सिर्फ फसल बची बल्कि जैविक होने से बाजार में दाम भी अच्छा मिला।”

खर्च और उपलब्धता

इस देसी उपाय में खर्च बहुत कम आता है। लगभग 20-25 रुपये प्रति लीटर घोल तैयार हो जाता है। सामग्री गांव में ही उपलब्ध होती है और इसे कोई भी किसान आसानी से बना सकता है।

सामग्रीमात्रालागत (लगभग)
नीम पत्ता/नीम अर्क1 लीटर₹10-15
छाछ1 लीटर₹5-10
लहसुन250 ग्राम₹20-25
कुल खर्च₹40-50 प्रति स्प्रे

भारत सरकार भी अब परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NPOF) के माध्यम से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह देसी उपाय उन किसानों के लिए वरदान है जो:

लागत घटाकर मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं

कीटनाशकों का विकल्प ढूंढ रहे हैं

जैविक फसल उगाना चाहते हैं

निष्कर्ष

धान की खेती में कीट नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है, लेकिन अगर समय रहते देसी और सुरक्षित उपायों को अपनाया जाए तो फसल को बचाया जा सकता है। नीम, लहसुन और छाछ से बना यह देसी घोल गांवों में तेजी से ट्रेंड बन रहा है और भविष्य की जैविक खेती की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

यदि आप किसान हैं तो इस उपाय को ज़रूर आज़माएं — सस्ता, सुरक्षित और पूरी तरह प्राकृतिक।

FAQ

Q1. धान की फसल में सबसे ज्यादा कौन-कौन से कीट लगते हैं?

धान की फसल में आमतौर पर तना छेदक (Stem Borer), पत्ती लपेटक (Leaf Folder), भूरा और सफेद पीठ वाला कीट (Brown/Whitebacked Plant Hopper) और चूसक कीट लगते हैं।

Q2. नीम, छाछ और लहसुन से बना देसी घोल कैसे बनाएं?

1 लीटर नीम का अर्क, 1 लीटर छाछ और 250 ग्राम लहसुन का पेस्ट 10 लीटर पानी में मिलाएं। इसे 24 घंटे ढककर रखें और फिर छिड़काव करें।

Q3. इस देसी उपाय से कितनी बार छिड़काव करना चाहिए?

इसका छिड़काव रोपाई के 10 दिन बाद, फिर 20 दिन बाद और आवश्यकता पड़ने पर तीसरी बार करें। यह एक जैविक और सुरक्षित तरीका है।

Q4. इस देसी नुस्खे से खर्च कितना आता है?

नीम, लहसुन और छाछ से बना यह मिश्रण 1 एकड़ के लिए ₹40-₹50 में तैयार हो जाता है, जो कीटनाशक से कई गुना सस्ता है।

Q5. क्या यह उपाय जैविक खेती में मान्य है?

हां, यह पूरी तरह जैविक उपाय है और भारत सरकार की जैविक खेती योजनाओं जैसे PKVY और NPOF में भी इसका समर्थन किया गया है।